आगरा….पत्नी की हत्या करने को मायके से बुलाकर लाया:हैवान पति ने दरांती से काट दिया गला, जान निकलने तक मारता रहा

आगरा….पत्नी की हत्या करने को मायके से बुलाकर लाया:हैवान पति ने दरांती से काट दिया गला, जान निकलने तक मारता रहा आगरा के कुर्राचित्तरपुर (इरादतनगर) स्थित गांव करोंधना के मजरा बाग खिन्नी में पति हैवान बन गया। उसने पत्नी के गले पर दरांती से वार कर गला काट दिया। फर्श पर गिर जाने पर उसने पेट पर भी वार किए। जब तक पत्नी की जान नहीं निकल गई वो वार करता रहा। बच्चों के लौट आने पर भाग निकला। उधर, मायके पक्ष ने पहुंचकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला। पुलिस के मुताबिक, मायके पक्ष ने आरोप लगाया है कि अवैध संबंध का विरोध करने पर पति ने हत्या की है। डौकी के गांव वाजिदपुर स्थित आसे का पुरा निवासी पुष्पा उर्फ राधा (32) की शादी 14 साल पहले गांव करोंधना स्थित बाग खिन्नी निवासी केशव कुशवाहा के साथ हुई थी। केशव खेतीबाड़ी करता है। उनके दो बेटे सात वर्षीय मोनू और छह वर्षीय दीपू और एक बेटी आठ वर्षीय मोनिका है। परिजन ने बताया कि पति आए दिन झगड़ा करता था। इस पर पुष्पा बच्चों को लेकर मायके चली जाती थी। कुछ महीने से मायके में ही रह रही थी। शनिवार को केशव ससुराल पहुंचा। पत्नी को घर ले जाने की बात कही। इस दौरान विवाद भी हुआ। तब केशव ने पत्नी को अच्छी तरह से रखने का वादा किया। इस पर रविवार को बच्चे और पत्नी उसके साथ घर आ गए। सोमवार की शाम छह बजे पति घर में आया। उसने बच्चों को रुपए दिए। दुकान से टॉफी लाने भेज दिया। इसके बाद पत्नी से झगड़ना शुरू कर दिया। आरोप है कि विरोध पर केशव दरांती ले आया। उसने पुष्पा की गर्दन पर एक के बाद एक कई वार किए। इससे वह गिर गई। उसके गिरने पर भी केशव नहीं माना। उसके पेट पर भी दरांती से कई प्रहार किए। बच्चों के आने पर आरोपी भाग निकला। घटना की जानकारी पर पुलिस पहुंच गई। वहीं, मायका पक्ष के लोग आ गए। उन्होंने हंगामा कर दिया। केशव के परिवार के लोगों के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने किसी तरह लोगों को रोका। तब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। डीसीपी पूर्वी जोन अतुल शर्मा ने बताया कि महिला की घर में हत्या की गई है। आरोपी पति की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी है। हत्या के पीछे पत्नी के पति के अवैध संबंध का विरोध करने का आरोप लगाया है। साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। परिजन की तहरीर के आधार पर केस दर्ज होगा। बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
परिजन का कहना है कि केशव पत्नी को हत्या के इरादे से ही ससुराल से लेकर आया था। घर में उसके भाई हरीओम का परिवार भी दूसरे कमरे में रहता है। केशव का भाई घर में नहीं था। घटना से परिवार में कोहराम मचा है। मां की माैत से बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। पड़ोसी भी डर कर भागे
घटना की जानकारी पर मायके पक्ष के लोग लाठी-डंडे लेकर आए थे। यह देखकर पड़ोसी घरों के लोग भी भाग खड़े हुए। लोगों को लग रहा था कि कहीं उनके साथ मारपीट न कर दें।

आगरा….पत्नी की हत्या करने को मायके से बुलाकर लाया:हैवान पति ने दरांती से काट दिया गला, जान निकलने तक मारता रहा

आगरा….पत्नी की हत्या करने को मायके से बुलाकर लाया:हैवान पति ने दरांती से काट दिया गला, जान निकलने तक मारता रहा आगरा के कुर्राचित्तरपुर (इरादतनगर) स्थित गांव करोंधना के मजरा बाग खिन्नी में पति हैवान बन गया। उसने पत्नी के गले पर दरांती से वार कर गला काट दिया। फर्श पर गिर जाने पर उसने पेट पर भी वार किए। जब तक पत्नी की जान नहीं निकल गई वो वार करता रहा। बच्चों के लौट आने पर भाग निकला। उधर, मायके पक्ष ने पहुंचकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला। पुलिस के मुताबिक, मायके पक्ष ने आरोप लगाया है कि अवैध संबंध का विरोध करने पर पति ने हत्या की है। डौकी के गांव वाजिदपुर स्थित आसे का पुरा निवासी पुष्पा उर्फ राधा (32) की शादी 14 साल पहले गांव करोंधना स्थित बाग खिन्नी निवासी केशव कुशवाहा के साथ हुई थी। केशव खेतीबाड़ी करता है। उनके दो बेटे सात वर्षीय मोनू और छह वर्षीय दीपू और एक बेटी आठ वर्षीय मोनिका है। परिजन ने बताया कि पति आए दिन झगड़ा करता था। इस पर पुष्पा बच्चों को लेकर मायके चली जाती थी। कुछ महीने से मायके में ही रह रही थी। शनिवार को केशव ससुराल पहुंचा। पत्नी को घर ले जाने की बात कही। इस दौरान विवाद भी हुआ। तब केशव ने पत्नी को अच्छी तरह से रखने का वादा किया। इस पर रविवार को बच्चे और पत्नी उसके साथ घर आ गए। सोमवार की शाम छह बजे पति घर में आया। उसने बच्चों को रुपए दिए। दुकान से टॉफी लाने भेज दिया। इसके बाद पत्नी से झगड़ना शुरू कर दिया। आरोप है कि विरोध पर केशव दरांती ले आया। उसने पुष्पा की गर्दन पर एक के बाद एक कई वार किए। इससे वह गिर गई। उसके गिरने पर भी केशव नहीं माना। उसके पेट पर भी दरांती से कई प्रहार किए। बच्चों के आने पर आरोपी भाग निकला। घटना की जानकारी पर पुलिस पहुंच गई। वहीं, मायका पक्ष के लोग आ गए। उन्होंने हंगामा कर दिया। केशव के परिवार के लोगों के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने किसी तरह लोगों को रोका। तब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। डीसीपी पूर्वी जोन अतुल शर्मा ने बताया कि महिला की घर में हत्या की गई है। आरोपी पति की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी है। हत्या के पीछे पत्नी के पति के अवैध संबंध का विरोध करने का आरोप लगाया है। साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। परिजन की तहरीर के आधार पर केस दर्ज होगा। बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
परिजन का कहना है कि केशव पत्नी को हत्या के इरादे से ही ससुराल से लेकर आया था। घर में उसके भाई हरीओम का परिवार भी दूसरे कमरे में रहता है। केशव का भाई घर में नहीं था। घटना से परिवार में कोहराम मचा है। मां की माैत से बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। पड़ोसी भी डर कर भागे
घटना की जानकारी पर मायके पक्ष के लोग लाठी-डंडे लेकर आए थे। यह देखकर पड़ोसी घरों के लोग भी भाग खड़े हुए। लोगों को लग रहा था कि कहीं उनके साथ मारपीट न कर दें।

संत प्रेमानंद महाराज ने शुरू की पदयात्रा:हजारों भक्तों के साथ सोसायटी के लोग रहे मौजूद,रंगोली बनाकर किया स्वागत

संत प्रेमानंद महाराज ने शुरू की पदयात्रा:हजारों भक्तों के साथ सोसायटी के लोग रहे मौजूद,रंगोली बनाकर किया स्वागत ब्रजवासियों के आग्रह और NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा माफी मांगने के बाद एक बार फिर संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा शुरू कर दी है। आज रात दो बजे संत प्रेमानंद महाराज उसी रास्ते से पदयात्रा करते हुए निकले जिससे वह 6 फरवरी से पहले निकलते थे। संत प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा शुरू की तो भक्तों के चेहरे पर खुशी छा गई और उन्होंने रंगोली बनाकर स्वागत किया। 14 दिन से बदले हुए रास्ते से जा रहे थे संत प्रेमानंद महाराज 4 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया तो कुछ लोगों ने कहा कि यह उनकी पदयात्रा का विरोध है। मामला बढ़ा तो संत प्रेमानंद महाराज ने 6 फरवरी से अपनी पदयात्रा स्थगित कर दी। जिसके बाद वह श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से रात 2 बजे की जगह सुबह 4 बजे पदयात्रा न करके गाड़ी से केली कुंज आश्रम जाने लगे। इसके लिए उन्होंने अपना रास्ता भी बदल दिया था। पहले देखिए यात्रा की फोटो भक्त हुए उत्साहित 14 दिन आज रात 2 बजे संत प्रेमानंद महाराज एक बार फिर जैसे ही श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से बाहर पदयात्रा करते हुए निकले तो भक्त उत्साहित हो गए और राधा-रानी की जय जयकार कर उठे। इतना ही नहीं उन्होंने पहले की तरह पूरे रास्ते में रंगोली भी सजाई। भक्तों का कहना था कि महाराज जी तो राधा रानी की सेवा करते हैं ब्रजवासी तो उनके प्राण हैं। फिर लोगों ने क्यों विरोध किया था। किसी ने जलाए दीपक तो किसी ने बनाई रंगोली संत प्रेमानंद महाराज ने एक बार फिर रात्रि कालीन पदयात्रा शुरू की तो भक्तों में उत्साह देखने लायक था। संत प्रेमानंद महाराज जैसे ही श्री कृष्णम सोसाइटी से बाहर निकले भक्तों ने उनके स्वागत में फूलों से रंगोली सजा दी। इतना ही नहीं कई भक्तों ने उनके दोबारा पदयात्रा शुरू करने की खुशी में दीपक जलाए। ऐसा लग रहा था जैसे दीपावली मनाई जा रही हो। पदयात्रा शुरू होने से खुश दिखे दुकानदार संत प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा शुरू की तो दुकानदार भी खुश दिखे। फूल,तस्वीर,चाय,नाश्ता,ढाबा चलाने वाले दुकानदारों का कहना था पदयात्रा स्थगित होने से उनका रोजी रोजगार ठप हो गया था। यात्रा दोबारा शुरू हुई है तो अब उनका रोजगार भी चलने लगेगा। फूल बेचने वाले सूरज ने बताया कि आज कई दिन बाद अच्छी मात्रा में फूल बिके हैं। चाय का ठेला लगाने वाले राज ने बताया कि वह महाराज जी के भक्त हैं। महाराज जी की पदयात्रा पर आने से रोजगार तो चलेगा ही सबसे महत्वपूर्ण उनके दर्शन हो जाएंगे। NRI ग्रीन सोसाइटी के बाहर भी हुआ स्वागत संत प्रेमानंद महाराज पुराने रास्ते से पदयात्रा करते हुए जब NRI ग्रीन सोसाइटी के बाहर पहुंचे तो वहां भी भक्त उनका स्वागत करते नजर आए। यहां सोसाइटी के लोगों ने उनके स्वागत में रंगोली बजाई और राधा नाम का संकीर्तन किया। यह वही सोसाइटी है जिसके निवासियों ने रात्रि कालीन पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया था। ये खबर भी पढ़िए… मां को गीता सुनाते-सुनाते बनीं संन्यासिनी, VIDEO; मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ी; जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि की कहानी मैं 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं। बचपन में मां अपने बगल में मुझे बैठाकर गीता और भागवत पुराण आदि सुनाने को कहती थीं। पढ़ाई के बाद एक इंटरनेशनल कंपनी में मैनेजर बन गई, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया और संन्यास की तरफ बढ़ गई। यह कहना है श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि का। पढ़िए पूरी खबर

संत प्रेमानंद महाराज ने शुरू की पदयात्रा:हजारों भक्तों के साथ सोसायटी के लोग रहे मौजूद,रंगोली बनाकर किया स्वागत

संत प्रेमानंद महाराज ने शुरू की पदयात्रा:हजारों भक्तों के साथ सोसायटी के लोग रहे मौजूद,रंगोली बनाकर किया स्वागत ब्रजवासियों के आग्रह और NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा माफी मांगने के बाद एक बार फिर संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा शुरू कर दी है। आज रात दो बजे संत प्रेमानंद महाराज उसी रास्ते से पदयात्रा करते हुए निकले जिससे वह 6 फरवरी से पहले निकलते थे। संत प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा शुरू की तो भक्तों के चेहरे पर खुशी छा गई और उन्होंने रंगोली बनाकर स्वागत किया। 14 दिन से बदले हुए रास्ते से जा रहे थे संत प्रेमानंद महाराज 4 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया तो कुछ लोगों ने कहा कि यह उनकी पदयात्रा का विरोध है। मामला बढ़ा तो संत प्रेमानंद महाराज ने 6 फरवरी से अपनी पदयात्रा स्थगित कर दी। जिसके बाद वह श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से रात 2 बजे की जगह सुबह 4 बजे पदयात्रा न करके गाड़ी से केली कुंज आश्रम जाने लगे। इसके लिए उन्होंने अपना रास्ता भी बदल दिया था। पहले देखिए यात्रा की फोटो भक्त हुए उत्साहित 14 दिन आज रात 2 बजे संत प्रेमानंद महाराज एक बार फिर जैसे ही श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से बाहर पदयात्रा करते हुए निकले तो भक्त उत्साहित हो गए और राधा-रानी की जय जयकार कर उठे। इतना ही नहीं उन्होंने पहले की तरह पूरे रास्ते में रंगोली भी सजाई। भक्तों का कहना था कि महाराज जी तो राधा रानी की सेवा करते हैं ब्रजवासी तो उनके प्राण हैं। फिर लोगों ने क्यों विरोध किया था। किसी ने जलाए दीपक तो किसी ने बनाई रंगोली संत प्रेमानंद महाराज ने एक बार फिर रात्रि कालीन पदयात्रा शुरू की तो भक्तों में उत्साह देखने लायक था। संत प्रेमानंद महाराज जैसे ही श्री कृष्णम सोसाइटी से बाहर निकले भक्तों ने उनके स्वागत में फूलों से रंगोली सजा दी। इतना ही नहीं कई भक्तों ने उनके दोबारा पदयात्रा शुरू करने की खुशी में दीपक जलाए। ऐसा लग रहा था जैसे दीपावली मनाई जा रही हो। पदयात्रा शुरू होने से खुश दिखे दुकानदार संत प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा शुरू की तो दुकानदार भी खुश दिखे। फूल,तस्वीर,चाय,नाश्ता,ढाबा चलाने वाले दुकानदारों का कहना था पदयात्रा स्थगित होने से उनका रोजी रोजगार ठप हो गया था। यात्रा दोबारा शुरू हुई है तो अब उनका रोजगार भी चलने लगेगा। फूल बेचने वाले सूरज ने बताया कि आज कई दिन बाद अच्छी मात्रा में फूल बिके हैं। चाय का ठेला लगाने वाले राज ने बताया कि वह महाराज जी के भक्त हैं। महाराज जी की पदयात्रा पर आने से रोजगार तो चलेगा ही सबसे महत्वपूर्ण उनके दर्शन हो जाएंगे। NRI ग्रीन सोसाइटी के बाहर भी हुआ स्वागत संत प्रेमानंद महाराज पुराने रास्ते से पदयात्रा करते हुए जब NRI ग्रीन सोसाइटी के बाहर पहुंचे तो वहां भी भक्त उनका स्वागत करते नजर आए। यहां सोसाइटी के लोगों ने उनके स्वागत में रंगोली बजाई और राधा नाम का संकीर्तन किया। यह वही सोसाइटी है जिसके निवासियों ने रात्रि कालीन पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया था। ये खबर भी पढ़िए… मां को गीता सुनाते-सुनाते बनीं संन्यासिनी, VIDEO; मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ी; जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि की कहानी मैं 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं। बचपन में मां अपने बगल में मुझे बैठाकर गीता और भागवत पुराण आदि सुनाने को कहती थीं। पढ़ाई के बाद एक इंटरनेशनल कंपनी में मैनेजर बन गई, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया और संन्यास की तरफ बढ़ गई। यह कहना है श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि का। पढ़िए पूरी खबर

महाकुंभ- प्रयाग, अयोध्या, काशी श्रद्धालुओं से ओवरलोड:स्थानीय लोग परेशान; समापन में 9 दिन बाकी हैं, लेकिन भीड़ थम नहीं रही

महाकुंभ- प्रयाग, अयोध्या, काशी श्रद्धालुओं से ओवरलोड:स्थानीय लोग परेशान; समापन में 9 दिन बाकी हैं, लेकिन भीड़ थम नहीं रही महाकुंभ में अब तक 54.31 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। समापन में 9 दिन बाकी हैं, लेकिन भीड़ थम नहीं रही। प्रयाग के स्थानीय लोगों का भी सामना पहली बार ऐसी भीड़ से हो रहा है। एयरपोर्ट पर रेलवे स्टेशन जैसे हाल हैं। रविवार को 60 उड़ानों से 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु आए-गए। ट्रेनों में भी भीड़ मौनी अमावस्या जैसी है। रविवार को 179 मेला विशेष ट्रेनें चलानी पड़ीं। प्रयागराज जंक्शन के बाहर 1 लाख लोगों का होल्डिंग एरिया है, जहां से हर मिनट करीब 300 यात्री स्टेशन पहुंच रहे हैं। शहर आने वाले 7 प्रमुख रास्तों पर 10 से 12 किमी जाम है। मौनी अमावस्या के बाद मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित है। फिर भी मेले में वीआईपी पास लगे वाहनों का आना-जाना जारी है। दूसरी ओर, आम श्रद्धालु कम से कम 10 किमी पैदल चलकर मेला पहुंच रहे हैं। आठवीं तक के स्कूल 20 फरवरी तक बंद कर दिए गए। अयोध्या: मंदिर के सभी 5 रास्ते फुल, स्थानीय लोग घरों में बंद भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले रोज बमुश्किल 20 से 25 हजार श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते थे। लेकिन, महाकुम्भ के बाद 5 से 7 लाख पहुंच रहे हैं। अयोध्या ने अपने इतिहास में इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी थी। अभी धर्मनगरी के 6 किमी तक दायरे में हर रास्ता पैक है। मंदिर पहुंचाने वाले सभी पांच रास्ते फुल हैं। टूर गाइड वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ अयोध्या के अध्यक्ष प्रमोद मिश्रा के मुताबिक स्थानीय लोग घरों में कैद हैं, क्योंकि बाहर निकलते ही भीड़ शुरू हो जाती है। पूरा क्षेत्र नो व्हीकल जोन है। इसलिए सब्जी, राशन की गाड़ियां नहीं आ पा रही हैं। व्यापारी लोग ई-रिक्शा से जितना सामान रोज लाते हैं, वही दोगुने दामों में बिक रहा है। टमाटर-आलू दोनों के रेट 40-40 रु. किलो हैं। 150 रु. किराये वाली व्हील चेयर के 2 हजार तक ले रहे हैं। होटल एसोसिएशन महामंत्री अरुण कुमार अग्रवाल के मुताबिक सामान्य दिनों में डोरमेट्री का एक बेड 200 रु. में मिलता है। अभी 1000 तक ले रहे हैं। नॉन एसी कमरे का किराया 4 हजार तक है। काशी: रोज 10 लाख श्रद्धालु, अस्पताल पहुंचना भी मुश्किल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर साल 2021 में बना। इसके बाद बनारस में जितनी भीड़ शिवरात्रि या अन्य पर्वों पर होती रही, उतनी महाकुम्भ के दिनों में रोज हो रही है। हर दिन 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं की मौजूदगी से मंदिर के 5 किमी दायरे में शहर रेंग रहा है। ऐसा पहली बार है, जब लगातार 25 दिन से शहर में यही हालात हैं। रूट डायवर्जन और नो व्हीकल जोन ने स्थानीय रहवासियों की जिंदगी बेहद मुश्किल बना दी है। वे न घर से बाहर निकल पा रहे हैं और न ही व्यापार कर पा रहे हैं। विश्वेश्वर गंज किराना एसो. के सदस्य मनीष केसरी के मुताबिक कोई इमरजेंसी हुई तो इस भीड़ को पार कर अस्पताल पहुंचना भी मुश्किल है। दशाश्वमेध, मैदागिन, विश्वेश्वरगंज, दौलिया नो व्हीकल जोन होने के बावजूद पैक हैं। 31 जनवरी के बाद से मंडी में घुसने में भी दो घंटे लग रहे हैं। नई दिल्ली स्टेशन पर CRPF की तैनाती, 26 फरवरी तक काउंटर प्लेटफॉर्म टिकट बंद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) और दिल्ली पुलिस की तैनाती की गई है। महाकुंभ के बीच बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा रेलवे ने 26 फरवरी तक शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक काउंटर से प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री बंद कर दी है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने भविष्य में पीक सीजन में भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए देश के 60 बड़े स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाने की योजना बनाई है। महाकुंभ के बाद 2027 में नासिक और हरिद्वार में भी अर्धकुंभ लगेंगे। इसके अलावा 2028 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी सिंहस्थ मेले का आयोजन होना है। ——————————————– भगदड़ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली भगदड़- तीन सरकारी बयान, उलझी जांच:पुलिस बोली- दो ट्रेनों के मिलते-जुलते नाम से भ्रम हुआ, रेलवे बोला- एक व्यक्ति के फिसलने से स्थिति बिगड़ी भगदड़ क्यों मची, इस पर आए 3 सरकारी बयानों ने जांच उलझा दी है। दरअसल, दिल्ली पुलिस का कहना है कि प्रयागराज नाम से दो ट्रेन थीं। इनमें से एक स्पेशल के प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने का अनाउंसमेंट हुआ। तब प्लेटफॉर्म 14 पर प्रयागराज (मगध) एक्सप्रेस खड़ी थी। जो यात्री 14 पर जा रहे थे, वो अनाउंसमेंट सुनकर 16 की तरफ भागे। पढ़ें पूरी खबर…

चक गजरिया के दौरे पर निकले अखिलेश:बोले, हमने डिलिवरी ब्वॉय नहीं, व्हाइट कॉलर जॉब दी, भाजपा को काम बनाना नहीं बिगाड़ना आता है

चक गजरिया के दौरे पर निकले अखिलेश:बोले, हमने डिलिवरी ब्वॉय नहीं, व्हाइट कॉलर जॉब दी, भाजपा को काम बनाना नहीं बिगाड़ना आता है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को लखनऊ में सीजी सिटी के दौरे पर निकले। उन्हें अपने समय में शुरू हुए कामों को देखा और वहां लोगों से बात की। अखिलेश यादव पूरे लाव लश्कर के साथ दोपहर बाद सीजी सिटी के लिए निकले थे। उनके साथ शिवपाल यादव समेत समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेता भी थे। अखिलेश यादव सीजी सिटी के अलावा कैंसर इंस्टीट्यूट, प्लासियो मॉल, मिल्क डेयरी और आसपास भी घूमे। पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जो बुनियादी चीजों की सबसे ज्यादा जरूरत है वह सरकार पूरी नहीं कर पा रही है। स्वास्थ्य की जरूरत सबसे अधिक है। सही दवा और इलाज सरकार नहीं करा पा रही है। कैंसर के इलाज के लिए सपा सरकार में जो कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट बना था उसका मकसद नई तकनीक से इलाज करना, गरीबों का फ्री इलाज हो, कैंसर की रोकथाम के लिए लोगों को जागरुक करें। लेकिन समाजवादी सरकार ने जहां काम छोड़ा था, काम वहीं अटका हुआ है। अखिलेश ने कहा कि यहां जो भी प्लांट लगे हैं वह सपा के ही सरकार में बने हैं। स्टेडियम के पास जो माल बना है वह सरकार का माल था, जिसे सरकार ने बेच दिया। भाजपा के लोग कोई चीज बना नहीं सकते, बिगाड़ सकते हैं। महाकुंभ मिस मैनेजमेंट की सबसे बड़ी स्टोरी अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ भाजपा सरकार के मिसमैनेजमेंट की सबसे बड़ी स्टोरी है। 2013 में कोई मिस मैनेजमेंट नहीं हुआ था। हावर्ड युनिवर्सिटी ने उसका अध्ययन किया था। पैसे भी कम खर्च हुए थे। इन्होंने प्रचार ज्यादा किया और खर्च ज्यादा किया उसके बाद भी व्यवस्था नहीं कर सकी। भाजपा के लोग मनमानी करते हैं। भारतीय जनता पार्टी के लोग किसी भी धार्मिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बना देते हैं। कुंभ को ऐसे प्रस्तुत किया जैसे पहले कभी कुंभ ही नहीं हुआ था। अखिलेश यादव ने कहा कि हमने एचसीएल दिया जहां आज भी हजारों लोग काम करते हैं। आसपास की बिल्डिंग में सैकड़ों लोग जॉब करते हैं। हमने डिलेवरी ब्वॉय नहीं बनाया, व्हाइट कालर जाॅब दिया। इकाना स्टेडियम, मॉल, कैंसर इंस्टीट्यूट, डेयरी मिल्क यह सब समाजवादी पार्टी की सरकार की देन है। भाजपा का काम केवल नाम बदलना है। हथकड़ी और बेड़ी में आना देश का सबसे बड़ा अपमान अमेरिका से भारतीय नागरिकों को निकाले जाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि अमेरिका बहुत ताकतवर देश है। केंद्र की सरकार की कमजोरी दिखाई दे रही है। जब देश के प्रधानमंत्री अमेरिका गए उसके बाद भी अमेरिका हमारे नागरिकों को हथकड़ी और बेडि़यां बांधकर भेज रहा है। इससे ज्यादा हमारे देश का अपमान और क्या हो सकता है। जो लोग विकसित भारत का सपना दिखा रहे थे, पांच ट्रिलियन इकॉनॉमी बता रहे थे। नौकरी के लिए लोगों को खेत बेच करके जाना पड़ रहा है। घर परिवार से उधार लेकर जाना पड़ रहा है। क्या यही विश्वगुरु का सपना था कि लोग उधार लेकर के जाएं, पकड़े जाएं तो फौज वहां की बेड़ियों में और हथकड़ियों में आपको वापस भेज दे।

एक साल के बच्चे की हत्या कर महिला का सुसाइड:कानपुर में गला घोंट मारा, फिर लगाई फांसी; पुलिस-फॉरेंसिक जांच में जुटी

एक साल के बच्चे की हत्या कर महिला का सुसाइड:कानपुर में गला घोंट मारा, फिर लगाई फांसी; पुलिस-फॉरेंसिक जांच में जुटी कानपुर में महिला ने एक साल की बच्ची की हत्या कर सुसाइड कर लिया। गला घोंट वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के लोगों ने दोनों को देखा, तो को पुलिस को बुलाया। पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर जांच करने पहुंची। जांच में घरेलू कलह से तंग होकर मर्डर और सुसाइड की बात सामने आ रही है। महिला उर्सला हॉस्पिटल कैंपस में काम करती थी। बच्चे का शव जमीन पर पड़ा था
कोतवाली थाना क्षेत्र के उर्सला अस्पताल कैंपस में एक निजी पैथोलॉजी में काम करने वाला सुमित अपनी पत्नी स्नेहा (26) और दादी रानी के साथ रहता था। दादी रानी उर्सल अस्पताल में सफाई कर्मचारी हैं, जबकि सुमित का बड़ा भाई रंजीत उर्सला में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। सुमित के दोनों भाई रंजीत, अमित और मां राजकुमारी के साथ आवास विकास कल्याणपुर में रहती हैं। दादी रानी ने बताया कि रोज की तरह सुमित और मैं दोनों लोग काम पर गए थे। देर शाम घर आए तो बच्चे का शव बेड पर पड़ा हुआ था जबकि बहू स्नेहा का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था। पड़ोसियों की मदद से दोनों को उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में ले गए, जहां पर जांच के बाद डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर कोतवाली थाने की पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर जांच करने पहुंची। कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दंपती के बीच जमकर घरेलू कलह होती थी। मोहल्ले के लोगों और मायके से पहुंचे मृतक स्नेहा के पिता श्याम ने इस बात की तस्दीक की है। प्राथमिक जांच में तो लग रहा कि महिला ने अपने 15 महीने के बेटे सम्राट की गला घोंटकर हत्या करने के बाद खुद सुसाइड किया है। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो सकेगा। जांच के बाद दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मामला साफ हो जाएगा। मायके वाले जो भी तहरीर देंगे उसी आधार पर मामले में रिपोर्ट दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। ———————— ये खबर भी पढ़िए… मां को गीता सुनाते-सुनाते बनीं संन्यासिनी, VIDEO; मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ी; जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि की कहानी मैं 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं। बचपन में मां अपने बगल में मुझे बैठाकर गीता और भागवत पुराण आदि सुनाने को कहती थीं। पढ़ाई के बाद एक इंटरनेशनल कंपनी में मैनेजर बन गई, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया और संन्यास की तरफ बढ़ गई। यह कहना है श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि का। पढ़िए पूरी खबर

गांधी परिवार से मिले सुल्तानपुर के मोची रामचेत:राहुल ने गले लगाया, सोनिया-प्रियंका को चप्पलें गिफ्ट कीं, बोले- भैया ने बिजनेस बढ़ा दिया

गांधी परिवार से मिले सुल्तानपुर के मोची रामचेत:राहुल ने गले लगाया, सोनिया-प्रियंका को चप्पलें गिफ्ट कीं, बोले- भैया ने बिजनेस बढ़ा दिया सुल्तानपुर के मोची रामचेत और उनके परिवार ने सोमवार की शाम दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। कांग्रेस ने इस मुलाकात का एक मिनट 28 सेकेंड का वीडियो शेयर किया है। रामचेत को देखते ही राहुल ने उन्हें गले से लगा लिया। सोनिया और प्रियंका गांधी ने भी हाथ जोड़कर अभिवादन किया। रामचेत ने सोनिया के पैर छूए। रामचेत ने अपने पोते का परिचय भी सोनिया गांधी से कराया। रामचेत ने सोनिया और प्रियंका को अपने हाथों से बनाई चप्पलें भी भेंट कीं। राहुल को बताया, उनकी तरफ से दी गई सिलाई मशीन से अब वे ज्यादा चप्पलें बना रहे हैं। अब उनके पास दो दुकानें हो गई हैं। इस पर राहुल गांधी ने खुशी जताई। पहले देखें 3 तस्वीरें… प्रियंका बोलीं- हाथों से सिले जूते सबसे महंगे होते हैं
राहुल गांधी ने मोची समुदाय के हुनर की सराहना की। कहा, जो मोची हैं, वो बहुत हुनरमंद हैं। उनमें बहुत क्षमता और ज्ञान है, लेकिन हम उस ज्ञान की इज्जत नहीं करते। जो हुनर है, उसमें पॉलिश लगानी है। ये काम वो उनके साथ करेंगे। प्रियंका ने कहा, सबसे ज्यादा महंगे जो जूते होते हैं, वो हाथ से बने होते हैं। पढ़िए राहुल और राहुल-प्रियंका की पूरी बातचीत राहुल – काम ठीक चल रहा है आपका, मशीन ठीक है?
रामचेत- हां।
रामचेत सोनिया से – बुआ जी ये हमने अपने हाथ से चप्पल बनाया है। भैया जी ने मशीन दी है।
सोनिया गांधी को अपने हाथ से बनाई चप्पल देते हुए- भैया ने जो मशीन दिया है, उसी से चमड़े की कटिंग करके सिलाई करते हैं। ये चप्पल हम आपके लिए लाए हैं।
राहुल- वहां (गांव में) सब लोग कैसे हैं?
रामचेत- एक मुलाकात में भैया जी ने सोना ही सोना कर दिया। अगर उनका साथ पकड़ लेंगे तो क्या कर देंगे।
राहुल- तो अब दो दुकानें हो गई हैं?
रामचेत – हां। एक दुकान में नया जूता-चप्पल बनाते हैं।
राहुल- प्रियंका के लिए क्या लाए हो? रामचेत ने एक चप्पल भेंट की, जिसे राहुल ने अपने हाथ से प्रियंका गांधी को दिया। राहुल – ये जो मशीन है, उसका कैसे प्रयोग किया जाता है, ये पहले आपको सिखाएंगे। ये पहला कदम। ठीक है।
रामचेत – जी सर।
राहुल – फिर दूसरा कदम, हाई क्वालिटी जूता कैसे बनाया जाता है। डिजाइन कैसे की जाती है। फिर तीसरा कदम, इसको बेचा कैसे जाता है।
राहुल – जो हमारे मोची हैं, बहुत हुनर है, बहुत ज्ञान है, बहुत कैपेबिलिटी है। मगर, हम उस ज्ञान की इज्जत नहीं करते।
प्रियंका गांधी- सबसे ज्यादा महंगे जो जूते होते हैं, वो हाथ से बने हुए ही होते हैं।
राहुल – ये जो आपका हुनर है, उसमें थोड़ी पॉलिश लगाने की जरूरत है। तो ये मैं आपके साथ करूंगा। ठीक है। (इसके बाद राहुल ने रामचेत को गले लगाया और दिल्ली आने के लिए आभार जताया।) राहुल अचानक रामचेत की दुकान पहुंचे थे, बाद में भिजवाई थी सिलाई मशीन राहुल गांधी 26 जुलाई, 2024 को गृह मंत्री अमित शाह के मानहानि के केस की पेशी में सुल्तानपुर आए थे। कोर्ट से लखनऊ वापस लौटने के दौरान वे रामचेत की दुकान में रुके थे। 5 मिनट की इस मुलाकात के दौरान उन्होंने न सिर्फ रामचेत से मोची की कारीगरी की बारीकियां जानीं। बल्कि खुद से जूता भी सिला। इस मुलाकात के दौरान रामचेत ने राहुल को अपनी आर्थिक दिक्कतों की जानकारी देते हुए मदद की गुहार लगाई थी। अगस्त में राहुल ने रामचेत को एक लाख रुपए कीमत की एक जापानी सिलाई मशीन भेंट की। इसके बाद 50 हजार रुपए कीमत के चार कार्टन सामान भी भेजे और खुद रात 11 बजे कॉल करके हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। रामचेत ने बताया, राहुल गांधी के सिले हुए जूते खरीदने के लिए कई बड़े ऑफर्स आए। लोगों ने लाखों रुपए का लालच दिया, पर उन्होंने वह जूता आज तक नहीं बेचा है। ——————— यह खबर भी पढ़िए… यूपी में शहीद के भाई को भी मिल सकेगी नौकरी:गन्ना मूल्य नहीं बढ़ा; 50 लाख किसानों को झटका; योगी कैबिनेट में 10 प्रस्ताव मंजूर यूपी के शहीद सैनिकों के आश्रित भाई भी अब अनुकंपा नौकरी के लिए पात्र होंगे। यह प्रस्ताव सोमवार को योगी कैबिनेट में बाई सर्कुलेशन में पास किया गया। वहीं, योगी सरकार ने लगातार दूसरे साल भी गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (SAP) 370 रुपए प्रति क्विंटल ही रहेगा। इससे प्रदेश के 50 लाख गन्ना किसानों को झटका लगा है। पढ़ें पूरी खबर…

यूपी में शहीद के भाई को भी मिल सकेगी नौकरी:गन्ना मूल्य नहीं बढ़ा; 50 लाख किसानों को झटका; योगी कैबिनेट में 10 प्रस्ताव मंजूर

यूपी में शहीद के भाई को भी मिल सकेगी नौकरी:गन्ना मूल्य नहीं बढ़ा; 50 लाख किसानों को झटका; योगी कैबिनेट में 10 प्रस्ताव मंजूर यूपी की मूल निवासी शहीद सैनिकों के आश्रित भाई भी अनुकंपा नियुक्ति का पात्र होंगे। यह प्रस्ताव योगी कैबिनेट में बाई सर्कुलेशन में पास किया गया। वहीं, योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) में कोई वृद्धि नहीं की है। वर्तमान वित्तीय वर्ष का एसएपी भी 370 रुपए प्रति क्विंटल ही रहेगा। इससे प्रदेश के 50 लाख गन्ना किसानों को झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में गन्ने का एसएपी 2021-22 में 350 रुपए प्रति क्विंटल, 2022-23 में 350 रुपए प्रति क्विंटल, 2023-24 में 370 रुपए प्रति क्विंटल था। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने बताया कि प्रदेश की सभी चीनी मिलों की ओर से खरीदे जाने वाले गन्ने का एसएपी 370 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। एसएपी में कोई वृद्धि नहीं की गई है। योगी कैबिनेट ने सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण सहित दस प्रस्ताव बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी है। सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन से अब यूपी के मूल निवासी शहीद सैनिक के आश्रित भाई को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि यूपी में कई ऐसे मामले हैं जहां पर शहीद सैनिक विवाहित नहीं हैं और उनके छोटे या बड़े भाई शहीद पर ही आश्रित थे। कई मामले ऐसे भी हैं, जहां शहीद सैनिक की पत्नी अनुकंपा नियुक्ति के योग्य नहीं है। वहीं कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां शहीद सैनिक की विधवा पत्नी ने शहीद के छोटे भाई से ही विवाह किया है। इस तरह की स्थिति में छोटे भाई को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिलाने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अभिभाषण पेश करेंगी। राज्य सरकार योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 की उपलब्धियों को विस्तार से बताएंगी। साथ ही महाकुंभ के सफल आयोजन की जानकारी भी सदन में अभिभाषण के जरिए देंगी। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन राज्यपाल के अभिभाषण प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इन प्रस्तावों को मंजूरी मिली शाहजहांपुर सेशन कोर्ट के लिए मिलेगी अतिरिक्त भूमि शाहजहांपुर के जिला न्यायालय के विस्तार के लिए न्यायालय परिसर से सटी पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण भवन की 5430 वर्गमीटर भूमि को न्यायालय को समान मूल्य की भूमि उपलब्ध कराने के बदले निशुल्क हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी पारित किया है। अयोध्या विकास प्राधिकरण को कार्यदायी संस्था बनाया अयोध्या में धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से जन सुविधाओं, पार्किंग और अन्य विकास कार्यों के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण को कार्यदायी संस्था नियुक्त करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया है। खबर अपडेट हो रही है…

IAS अफसर ने कहा-हिंदुस्तान में सभी कन्वर्टेड मुसलमान:मौलाना शहाबुद्दीन ने किया समर्थन; बोले-नियाज खान का बयान सही, इस पर बहस नहीं होनी चाहिए

IAS अफसर ने कहा-हिंदुस्तान में सभी कन्वर्टेड मुसलमान:मौलाना शहाबुद्दीन ने किया समर्थन; बोले-नियाज खान का बयान सही, इस पर बहस नहीं होनी चाहिए मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी नियाज खान के बयान का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी सपोर्ट किया है।उन्होंने सोमवार को एक वीडियो जारी कहा-IAS ने ऐसा क्या गलत बोल दिया जिसको लेकर बहस छिड़ गई है? दरअसल, नियाज खान ने आज सुबह X पर पोस्ट कर लिखा था-हिंदुस्तान में सभी कन्वर्टेड मुसलमान है, जो पहले हिंदू थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं। पहले पढ़िए IAS क्या लिखा हिंदू से लोग मुस्लिम बनाए गए थे
मध्य प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी नियाज खान ने X पर लिखा-‘इस्लाम तो अरब का धर्म है, यहां तो सभी हिंदू थे। हिंदू से लोग मुस्लिम बनाए गए थे। जो मुस्लिम अरब के लोगों को आदर्श मानते हैं, वे पुनर्विचार करें। सर्वप्रथम हिंदुओं को अपना भाई मानें बाद में अरब को। अरब को अपना आका मानना बंद करें।अगर ब्राह्मणों को उचित उच्च स्थानों पर बैठाया जाए तो देश फिर से अपना वैभवशाली इतिहास दोहरा सकेगा।’ बता दें कि नियाज खान ने ब्राह्मणों पर एक किताब भी लिखी है। जो इन दिनो काफी चर्चा में है। अब पढ़िए मौलाना शहाबुद्दीन का बयान मौलाना भी बोले-ज्यादातर कन्वर्टेड मुसलमान
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने वीडियो जारी किया। कहा-नियाज खान के बयान को समझने की जरूरत है। यह सही है कि भारत में ज्यादातर कन्वर्टेड मुस्लिम हैं। क्योंकि, अरब देश से कुछ मुसलमान आए थे। वह जब भारत में आए तो उन्होंने ऊंच नीच का फासला खत्म किया। इससे प्रवाहित होकर हिंदुओं, बुद्धिष्ट और अन्य धर्म के लोगों ने प्रभावितों के मुस्लिम धर्म को स्वीकार किया। उनके वक्तव्य को समझने की जरूरत है ना कि विवादित बयान समझने की जरूरत है। यह कहना गलत होगा कि हर मुस्लिम अरब कंट्री को अपना आका समझता है। ‘अरब में पैगबरे इस्लाम की पैदाइश हुई’
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा-नियाज खान ने जो पोस्ट की है तो उसका मतलब समझने की कोशिश की जाना चाहिए। वो कहना ये चाहते हैं कि ये अरब से आया हुआ मजहब है। बेशक मजहबे इस्लाम जो हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। वो अरब से आया हुआ मजहब है। हिंदुस्तान को लोग कनवर्ट होकर मुसलमान बने
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा-ये अरब से नहीं आए थे। ये सब लोग यहीं के हैं। अरब से आने वालों लोगों की जो तादाद है वो बड़ी मुक्तसर सी तादाद है। ये कैसे मुमकिन हो सकता है कि करोड़ की तादाद में अरब से लोग भारत आ जाएं, तो इस हकीकत को समझना चाहिए। यहां जो मुसलमान हैं वो कन्वर्टेड मुसलमान हैं। उन्होंने मजहब तब्दील किया है और पहले ये हिंदू थे या बुद्धिस्ट थे या गैर मुस्लिम थे। हिंदुस्तान का मुसलमान अरब को आंका नहीं मानता
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा-मगर ये बात कहना कि अरब के लोगों को आका ना माने, तो मैं ये बताना चाहता हूं कि कोई भी मुसलमान अरब के लोगों को आका नहीं मानता। बल्कि हमारे पास में उसूल है। इस्लाम का जो उसूल है कुरान और हदीस। हिंदुस्तान का मुसलमान और पूरी दुनिया का मुसलमान कुरान और हदीस पर अमल करता है। …………………. ये खबर भी पढ़िए… मां को गीता सुनाते-सुनाते बनीं संन्यासिनी, VIDEO; मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ी; जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि की कहानी मैं 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं। बचपन में मां अपने बगल में मुझे बैठाकर गीता और भागवत पुराण आदि सुनाने को कहती थीं। पढ़ाई के बाद एक इंटरनेशनल कंपनी में मैनेजर बन गई, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया और संन्यास की तरफ बढ़ गई। यह कहना है श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि का। पढ़िए पूरी खबर