सहारनपुर ट्रेड फेयर में सिलेंडर में ब्लास्ट, भीषण आग:30 दुकानें जलकर राख, बकरीद की नमाज पढ़ने गए थे ज्यादातर दुकानदार

सहारनपुर ट्रेड फेयर में सिलेंडर में ब्लास्ट, भीषण आग:30 दुकानें जलकर राख, बकरीद की नमाज पढ़ने गए थे ज्यादातर दुकानदार सहारनपुर में ट्रेड फेयर मेले में शनिवार सुबह सिलेंडर फटने से भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरा मेला लपटों की चपेट में आ गया। 30 से ज्यादा स्टॉल जलकर राख हो गए। घटना थाना सदर बाजार में दिल्ली रोड किनारे की है। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, सुबह करीब 7.30 बजे मेला परिसर में तेज धमाका हुआ और लपटें उठने लगीं। इसके बाद आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोग पहुंचे तो पता चला कि सिलेंडर फटा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के समय ज्यादातर दुकानदार नमाज पढ़ने गए थे। जो लोग अंदर थे वो धमाके की आवाज सुनते ही निकल कर भाग गए। फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर में फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने जुट गई। 3 तस्वीरें देखिए मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रताप सिंह ने कहा- एक बड़ा सिलेंडर फटने से आग लगी है। आग बुझाने में दो गाड़ियां लगीं। ईद की नमाज के दौरान इन गाड़ियों को ड्यूटी पर लगाया गया था। आसपास होने की वजह से 10 से 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। 15 मई से चल रहा ट्रेड फेयर
आग में किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है। लेकिन, व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। स्टॉल्स में रखे लाखों रुपए का सामान जल गया। फायर ब्रिगेड अधिकारियों का कहना है कि पहले गैस लीक हुई। फिर सिलेंडर फटा। इससे आग लगी। ट्रेड फेयर संचालक सेठपाल हैं। यह ट्रेड फेयर 15 मई से चल रहा है। अभी 15 दिन और चलना था। ट्रेड फेयर में 120 स्टॉल लगे थे
इस फेयर में लकड़ी के सामान, प्लास्टिक के खिलौने, शोपीस के स्टॉल के अलावा करीब 120 स्टॉल लगे थे। इनमें से 30 से ज्यादा जल गए। ट्रेड फेयर के एकदम बीच में एक चाय-नाश्ते की दुकान पर सिलेंडर फटा। इससे आग चारों ओर जल्दी फैल गई। दुकानदार बकरीद की नमाज पढ़ने गए थे
ट्रेड फेयर में लगे झूले सुरक्षित हैं। यहां तक आग नहीं फैल पाई। ट्रेड फेयर में दुकान लगाने वाले ज्यादातर मुस्लिम हैं। जो बकरीद की नमाज पढ़ने के लिए सुबह ही निकल गए थे। कुछ लोग ही बचे थे, जो साइड में सो रहे थे। जब आग लगी तो सब सुरक्षित बाहर निकल गए। प्रशासन ने निरीक्षण किया, रिपोर्ट तलब की
फायर ब्रिगेड के अफसरों ने कहा- आग में कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन संपत्ति का बड़ा नुकसान जरूर हुआ है। फिलहाल पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम आग लगने के कारणों की जांच में जुटी है। स्थानीय प्रशासन ने घटना स्थल का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और मेला आयोजकों से रिपोर्ट तलब की है। ———————— ये खबर भी पढ़िए प्रयागराज के करेली में लगी भीषण आग: रसूलपुर कब्रिस्तान के पास झुग्गी-झोपड़ियां जलीं, बुझाने में 7 लोग झुलसे प्रयागराज के करेली इलाके में रसूलपुर कब्रिस्तान के पास खाली पड़ी झुग्गी झोपड़ियों में आग लग गई। शुक्रवार रात करीब 1.30 बजे की घटना है। करेली, खुलदाबाद, कोतवाली, अतरसुईया सहित पांच फायर स्टेशनों से गाड़ियां पहुंचीं। करीब 30 मिनट की मशक्कत के बाद किसी प्रकार आग पर काबू पाया। आग बुझाने और सामान निकालने में 7 लोग झुलस भी गए। अवैध रूप से शहर में रह रहे बंग्लादेशियों की जांच के लिए पुलिस की तरफ से कुछ दिन पहले ही इलाके में सत्यापन अभियान की शुरुआत की गई थी। इसके बाद इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बड़ी संख्या में परिवार अचानक गायब हो गए थे। यहां रहने वाले कूड़ा बिनकर और कबाड़ा खरीदकर अपना गुजर बसर करते थे। इसके बाद से यह खाली थी। पढ़ें पूरी खबर…

यूपी में 70 हजार मस्जिद-ईदगाह में बकरीद की नमाज:चंदौली में नमाजियों की गाड़ी में तोड़फोड़, हंगामा; पुलिस अलर्ट- सड़कों पर कुर्बानी न हो

यूपी में 70 हजार मस्जिद-ईदगाह में बकरीद की नमाज:चंदौली में नमाजियों की गाड़ी में तोड़फोड़, हंगामा; पुलिस अलर्ट- सड़कों पर कुर्बानी न हो यूपी में कड़ी सुरक्षा के बीच आज ईद-उल-अजहा (बकरीद) मनाई जा रही है। मस्जिद और ईदगाह में सुबह से नमाजी पहुंच गए। कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह मरकजी ईदगाह पहुंचे। वहां नमाजियों को बधाई दी। वहीं चंदौली में नमाज पढ़ने आए नमाजियों की कार का शीशा किसी ने तोड़ दिया। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। नाराज नमाजियों ने सड़क पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे-तैसे मामला शांत कराया। संभल में ईदगाह और जामा मस्जिद में भारी संख्या में फोर्स के बीच नमाज पढ़ी गई। यूपी में करीब 30 हजार मस्जिदों और 40 हजार ईदगाहों में ईद की नमाज पढ़ी गई। सीएम योगी, मायावती और अखिलेश यादव ने बकरीद की बधाई दी। बरेली में इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी ने मौलानाओं से अपील की कि बकरीद पर आतंकवाद के खिलाफ तकरीरे करें। 2 तस्वीरें देखिए इससे पहले, सोमवार शाम सीएम योगी ने लॉ एंड ऑर्डर की बैठक की थी। इसमें कहा था बकरीद पर किसी भी प्रतिबंधित पशुओं जैसे गाय-नीलगाय और ऊंट की कुर्बानी नहीं होनी चाहिए।कुर्बानी के लिए जिलों में तय स्थान है। उससे अलग कहीं कुर्बानी हो तो कार्रवाई करें। आस्था का सम्मान होना चाहिए, लेकिन उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसे देखते हुए पूरे प्रदेश में पुलिस अलर्ट मोड पर है। जगह-जगह पुलिस पैदल मार्च कर रही है। ताकि, सड़कों पर कुर्बानी न हो। सीएम ने यह भी आदेश दिया कि अगर कहीं विवाद की स्थिति बनती है तो पुलिस ‘तहरीर’ मिलने का इंतजार कतई न करे। तत्काल कदम उठाए। बकरीद से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…

यूपी में 9 जून से चलेगी लू:5 दिन रहेगी भीषण गर्मी, 5-6 डिग्री तक बढ़ेगा पारा; बांदा रहा सबसे गर्म

यूपी में 9 जून से चलेगी लू:5 दिन रहेगी भीषण गर्मी, 5-6 डिग्री तक बढ़ेगा पारा; बांदा रहा सबसे गर्म मौसम विभाग ने यूपी के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहने का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि आज से रूखी और गर्म पछुआ हवाओं के जोर से अगले चार दिन के दौरान तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के आसार हैं। वहीं, प्रदेश के दक्षिणी हिस्से, विंध्य क्षेत्र, प्रयागराज और बुंदेलखंड में 9 और 10 जून को लू चलने का भी पूर्वानुमान है। 11 जून के बाद हवा का रुख पूर्वा होगी। पूर्वांचल से शुरू होकर दोबारा बूंदाबांदी का दौर देखने को मिलेगा। 20 जून तक पहुंच सकता मानसून
बीएचयू के डॉ. ज्ञान प्रकाश ने बताया-मानसूनी बादल यूपी में 20 जून तक पहुंच सकते हैं। लेकिन, यह भी मौसम के वर्तमान परिदृश्य को देखकर कहना थोड़ा कठिन होगा, क्योंकि अभी भी पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव है। गर्मी कम होने की वजह से बंगाल की खाड़ी में अब तक लो प्रेशर डेवलप नहीं हुआ है। माहौल तो बन रहा है, लेकिन गर्मी कम होने और मॉइस्चर के बार-बार रिलीज हो जाने की वजह से बारिश समय से हो जाए यह कह पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। बारिश से फायदा या नुकसान? धान को फायदा, सब्जियों को नुकसान
कृषि विशेषज्ञ डॉ. राजीव श्रीवास्तव बताते हैं, बारिश से धान की फसल को फायदा है। धान नर्सरी के लिए किसान खेत तैयार कर रहे हैं। मोटे अनाजों की बोआई के लिए भी बारिश फायदेमंद है। इस समय मक्का, सामा और काकून आदि की बोआई के लिए एकदम सही समय है, क्योंकि इसके लिए नमी की जरूरत होती है। कृषि विशेषज्ञ ने बताया, इस बारिश से आम की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। जहां आम की मिठास कम होने की आशंका है, वहीं फल में कीड़े लगने की आशंका बन जाती है। हरी सब्जियों के लिए भी यह बारिश ठीक नहीं है। लौकी, करेला, भिंडी, तोरई जैसी सब्जियां खराब हो जाती हैं। पाकिस्तान से यूपी की तरफ बढ़ रहा साइक्लोन
BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया- मध्य पाकिस्तान में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है। इसके पीछे एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव है। यह तेजी से राजस्थान से होते हुए यूपी की तरफ बढ़ रहा है। इस कारण पश्चिमी यूपी में तेज चक्रवाती हवा के साथ बारिश के आसार हैं। इसके आगे बढ़ने पर मंगलवार को पूर्वांचल में भी तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है। इसके बाद पांच जून से पश्चिमी विक्षोभ के कारण पारा एक बार फिर जोर पकड़ेगा।

वाराणसी में फिर एक वीडियो ने बढ़ाया तेंदुए का डर:अब सारनाथ क्षेत्र के लोगों में भय; वन अधिकारी बोले- सिर्फ अफवाह, 24 घंटे टीम है अलर्ट

वाराणसी में फिर एक वीडियो ने बढ़ाया तेंदुए का डर:अब सारनाथ क्षेत्र के लोगों में भय; वन अधिकारी बोले- सिर्फ अफवाह, 24 घंटे टीम है अलर्ट वाराणसी में तेंदुआ की दहशत अभी बरकरार है। चिरईगांव के आसपास क्षेत्रों में अभी भी तेंदुए दिखने से लोग डरे हुए हैं। सुबह और शाम को लोग खेतों की ओर ग्रुप बनाकर जा रहे हैं, जबकि रात में पशुओं की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में अब इस गांव से 3 किमी दूर सारनाथ के अनमोल नगर और श्रीनगर कॉलोनी (नवापुरा) में तेंदुआ दिखने की अफवाह फैल गई। CCTV में तेंदुआ जैसा जानवर भी दिखा। वन विभाग ने दावा किया- ये लैपर्ड कैट है। मगर लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं, उनका कहना है कि ये तेंदुआ ही है। विभाग और पुलिस की टीम फिर से एक्टिव हो गई हैं। लैपर्ड कैट नजर आने के बाद वन विभाग और पुलिस ने राहत की सांस ली। पुलिस और वनविभाग की टीम मौके पर
सारनाथ पुलिस के मुताबिक, अनमोलनगर कॉलोनी में रहने वाले हरिकेश श्रीवास्तव के मकान के पीछे गुरुवार रात लोगों ने तेंदुए जैसा एक जानवर देखा। रात में उसकी आंखें चमक रहीं थी। लोगों ने उसे तेंदुआ समझकर पुलिस को सूचना दी। तेंदुआ दिखने की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस मौके पर पहुंची। आसपास लगे सीसीटीवी को खंगाला तो एक बिल्ली चहलकदमी करती दिखी। लाइट की वजह से उसकी आंखें तेंदुए जैसी चमक रही थी। जिससे लोगों को तेंदुए का भ्रम हो गया। जंसा के बेरुका गांव में भी बिल्ली ही दिखी थी। वन विभाग और पुलिस ने बुधवार को इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो इसकी पुष्टि हुई। इस पर अधिकारी और ग्रामीण राहत महसूस कर रहे हैं। जिसके बाद पूरे गांव में तेंदुआ आने की अफवाह फैल गई थी। सिर्फ अफवाह,24 घंटे टीम अलर्ट है प्रभागीय वनाधिकारी स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुए के चले जाने की संभावनाओं के बाद भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है। सर्विलांस टीम और स्पेशल टीम लगातार 24 घंटे सक्रिय है। क्षेत्र में ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। पूरे साजो-सामान व उपकरणों के साथ विभागीय टीम क्षेत्र में बनी हुई है। टीम पूरी सतर्कता से तैनात है। उन्होंने बताया कि एक नया सीसीटीवी फुटेज आया है संज्ञान में उसे देखा गया है जिससे पुष्ट हुआ है कि वह तेंदुआ नहीं बल्कि फिशिंग कैट है। अब समझिए कैसे बढ़ा काशी में तेंदुआ का डर… चौबेपुर की नई नवापुरा बस्ती में 23 मई की सुबह अमित मौर्य अपने खेत पर फूल तोड़ने पहुंचे थे। उन्होंने झाड़ियों में तेंदुए को छिपा देखा। शोर मचाकर गांववालों को बुला लिया। करीब 25 लोग लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए। अभी कोई कुछ कर पाता, इससे पहले अमित ने तेंदुए को डंडे से छेड़ दिया। इसके बाद तेंदुए ने अमित पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो तेंदुआ भागकर पास के एक बगीचे में छिप गया। हमले में घायल अमित को बस्ती के लोगों ने बाइक पर बैठाकर अस्पताल पहुंचा दिया। पुलिस-प्रशासन को तेंदुए के बारे में बताया। अमित के हाथ में गहरी चोट आई थी। सिर, पेट और पीठ पर भी तेंदुए के पंजे के निशान हैं। इसके 2 घंटे के बाद ग्राम पंचायत गौरा कला के कामाख्या नजर कॉलोनी में भी तेंदुए को भागते हुए देखा गया। वहां दो युवक तेंदुए को मारने के लिए बाग में घुस गए। तेंदुए ने दोनों युवकों अनिल और जयदेव को घायल कर दिया। इसके बाद वाराणसी वन विभाग ने 5 जिलों की टीमें बुला लीं। लखनऊ से भी टीम काशी आ गई। प्रशासन की टीम ड्रोन कैमरे से तेंदुए पर नजर रखने की कोशिश करती रही, लेकिन लोकेशन आज तक ट्रेस नहीं हो सकी।

पत्नी को फंसाने के लिए दिल्ली CM को दी धमकी:मोबाइल ससुराल में फेंका, वकील गाजियाबाद से गिरफ्तार, बोला-नशे में फोन कर दिया

पत्नी को फंसाने के लिए दिल्ली CM को दी धमकी:मोबाइल ससुराल में फेंका, वकील गाजियाबाद से गिरफ्तार, बोला-नशे में फोन कर दिया दिल्ली की CM रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी देने वाले को दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सदर तहसील में वकील है, रजिस्ट्री करवाने (बैनामा लेखक) का काम करता है। पूछताछ में उसने बताया, पत्नी छोड़कर चली गई है। मैं डिप्रेशन में हूं। मैंने नशे की हालत में धमकी दी थी। मैं पारिवारिक कलह से परेशान हूं। पुलिस को आरोपी के पास वकालत की डिग्री और फर्जी आईडी कार्ड मिले हैं। आरोपी ने पत्नी को फंसाने के लिए धमकी भरा फोन करने के बाद मोबाइल को ससुराल में फेंक दिया था। पुलिस मोबाइल बरामद करने के लिए उसे साथ लेकर गई है। धमकी भरा फोन करने के बाद ससुराल में फेंका मोबाइल
पुलिस के मुताबिक, आरोपी श्लोक मूलरूप से गोरखपुर का रहने वाल है। गाजियाबाद के थाना कोतवाली क्षेत्र के न्यू पंचवटी कॉलोनी में अपनी मां के साथ रहता है। उसका डेढ़ साल से पत्नी से विवाद चल रहा है। पत्नी दिल्ली के नरेला में रहती है। पत्नी के जाने के बाद से वह डिप्रेशन में है। शराब पीने लगा है। आरोपी ने पांच जून को अपनी पत्नी को फोन किया। फिर उसने धमकी भरा फोन पुलिस को किया। फोन करने के बाद उसने मोबाइल को पत्नी के घर के अंदर फेंक दिया और भाग निकला। बताया जा रहा है आरोपी ने पत्नी को फंसाने के उद्देश्य से ऐसा किया होगा। हालांकि पुलिस अन्य एंगलों पर भी जांच कर रही है। फिलहाल आरोपी दिल्ली स्पेशल सेल की हिरासत में है और वह फोन बरामद करने के लिए उसे लेकर गई है। गाजियाबाद पुलिस को आया था फोन, फिर बंद कर लिया मोबाइल
गुरुवार यानी 5 जून की रात करीब 11.00 बजे गाजियाबाद पुलिस के पास एक कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने कहा था कि वह रेखा गुप्ता को जान से मार देगा। धमकी भरा फोन आने के बाद गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस एक्टिव हो गई। पुलिस ने नंबर ट्रेस करने में जुट गई। मगर कुछ देर बाद कॉलर का फोन स्विच ऑफ हो गया। पुलिस ने कॉलर के सिम कार्ड की जांच की, जो गोरखपुर में रजिस्टर्ड पाया गया। इसके बाद पूरी रात और अगले दिन भी पुलिस की टीम ने कार्रवाई की। शनिवार को पुलिस ने आरोपी को उसके घर से पकड़ लिया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि आखिर धमकी के पीछे उसकी क्या मंशा थी? उसने दिल्ली की सीएम को धमकी क्यों दी? आरोपी के खिलाफ गाजियाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। रेखा का परिवार हरियाणा से, दिल्ली में पली-बढ़ीं
रेखा के दादा मनीराम और परिवार के लोग हरियाणा के जुलाना में रहते थे। उनके पिता जयभगवान 1972-73 में बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर बने। उन्हें दिल्ली में ड्यूटी मिली। इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा की स्कूली पढ़ाई दिल्ली में ही हुई। उन्होंने दिल्ली के ही दौलत राम कॉलेज से बीकॉम किया। इसके बाद एलएलबी की पढ़ाई भी की। उन्होंने कुछ समय तक वकालत भी की। …………………….. ये खबर भी पढ़िए- मां-भाई ने गला दबाया, मामा ने गला काटा:मेरठ में धड़ और सिर अलग-अलग नहर में फेंके; सलवार की जेब से मिला बॉयफ्रेंड का नंबर मेरठ में ऑनर किलिंग की खौफनाक वारदात हुई है। यहां प्रेमी से बात करने पर नाराज मां ने नाबालिग बेटे के साथ मिलकर बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए मायके से लड़की के मामा, उसके बेटे और मौसी के बेटे को बुला लिया। मामा और ममेरे-मौसेरे भाई शव को चादर में लपेट कर कार से महरौली के जंगल ले गए। जहां पर मामा ने दरांती (हंसिया) से लड़की की गर्दन काटकर अलग कर दी। सिर और धड़ अलग-अलग प्लास्टिक की बोरी में भरा। पढ़ें पूरी खबर

लखनऊ DM के निरीक्षण का नहीं दिखा असर:चौराहों-तिराहों पर मिला बेतरतीब ट्रैफिक; जाम की समस्या, नहीं सुधरी व्यवस्था

लखनऊ DM के निरीक्षण का नहीं दिखा असर:चौराहों-तिराहों पर मिला बेतरतीब ट्रैफिक; जाम की समस्या, नहीं सुधरी व्यवस्था लखनऊ DM विशाख जी अय्यर ने पिछले पांच महीनों में शहर के प्रमुख चौराहों और ट्रैफिक जंक्शन का निरीक्षण किया। तमाम योजनाओं की समय सीमा और अधिकारियों की जवाबदेही तय हुई। दावा था कि चौराहों पर लगने वाला जाम खत्म किया जाएगा। लेकिन, कुछ खास असर नहीं हुआ। दैनिक भास्कर की टीम ने अवध चौराहा, तिकुनिया तिराहा, नाका, कैसरबाग और पारा फ्लाईओवर एरिया के हालात परखे। पड़ताल में सामने आया कि बेतरतीब पार्किंग और जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। अवध चौराहा: दोपहर और शाम के समय अभी भी भारी ट्रैफिक जाम रहता है। हालांकि, निर्माण कार्य अब रात में भी जारी-पाइलिंग तेज़ हुई। यहां DM के निर्देश के बाद ट्रैफिक मार्शल तैनात हुए थे। मौके पर मौजूद नहीं मिले। स्थानीय दुकानदारों ने बताया- अब कम से कम काम दिख रहा है, पर ट्रैफिक अब भी तकलीफ दे रहा है। तिकुनिया तिराहा: “Go Slow” और “Danger Zone” के साइनबोर्ड लगे, रिफ्लेक्टर भी लगे हैं। पर ट्रैफिक नियंत्रण नहीं हो पा रहा। सुबह 9 से 11 और शाम 5 से 7 बजे तक भारी दबाव। ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी सीमित है। यहां ऑटो चालकों का कहना है कि DM ने आकर सबको फटकार लगाई थी, पर उसके बाद फॉलोअप नहीं दिखा। बाज़ार वाले अब भी फुटपाथ पर सामान लगाते हैं। नाका चौराहा: सब्जीवालों और ठेले वालों मुख्य रोड पर फिर से अतिक्रमण किया। फुटपाथ गायब, लोग सड़क पर चलने को मजबूर। ट्रैफिक रुकता है, फिर बढ़ता है-सड़क पर ही पार्किंग। व्यवसायी बोले- हटाते हैं पर दो दिन में वापस आ जाते हैं। नगर निगम की निगरानी नहीं है। पुलिसकर्मियों ने स्वीकारा कि फोर्स की कमी है, हर घंटे चौराहे पर नहीं रह सकते हैं। कैसरबाग बस स्टेशन: बसों की सड़क पर खड़ी होने की घटनाएं कम हुई हैं। यात्री सूचना पट्ट लगे, लेकिन अपडेट नहीं रहते। परिसर में सफाई की स्थिति बेहतर पर शौचालय अब भी बदहाल। गार्ड तैनात हैं लेकिन फीडबैक व्यवस्था नहीं है। DM के आदेश के बाद बसें अंदर खड़ी होने लगीं, लेकिन पीक टाइम पर बाहर फिर लग जाती हैं।

जिसने मेरे पति की जान ली, उसे जमानत क्यों:लखनऊ में मृतक की पत्नी बोलीं- क्या जान लेना इतना आसान; वकील का जवाब- यह मर्डर नहीं

जिसने मेरे पति की जान ली, उसे जमानत क्यों:लखनऊ में मृतक की पत्नी बोलीं- क्या जान लेना इतना आसान; वकील का जवाब- यह मर्डर नहीं ‘जिसने मेरे पति की जान ली, उसे जमानत क्यों मिली? क्या जान लेना इतना आसान होता है, वह तो मेरे पति को रौंदकर चली गई, अब मैं कहां जाऊं, क्या करूं?’ सरोज पांडेय रोते-चीखते यह बातें कहती हैं, फिर एकदम शांत हो जाती हैं। 4 दिन पहले उनके पति रविंद्र पांडेय को एक ब्रेजा कार ने कुचल दिया था। इस घटना में 2 अन्य लोग भी घायल हुए, जिनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार किया, लेकिन 48 घंटे बाद ही उन्हें जमानत मिल गई। दैनिक भास्कर की टीम पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंची। घायलों का हाल जाना। हम वकील से भी मिले और यह समझने की कोशिश की कि इस मामले में कानून क्या कहता है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… KGMU में संविदाकर्मी थे रविंद्र पांडेय
45 साल के रविंद्र पांडेय लखनऊ के मदेयगंज इलाके में रहते थे। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) में वह संविदा कर्मचारी के तौर पर डीजी हॉस्टल में गार्ड का काम करते थे। 3 जून की सुबह वह नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करके वापस घर पहुंचे थे। इसके बाद सो गए। उठे तो घर से जुड़े काम के लिए साइकिल निकाली और चले गए। वापस आते वक्त शिया कॉलेज के पास पहुंचे थे, तभी किसी का फोन आ गया। सड़क के किनारे खड़े होकर बात करने लगे। तभी पीछे से एक तेज रफ्तार ब्रेजा कार उन्हें रौंदते हुए सामने लगे पोल से जा टकराई। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। इस हादसे में रविंद्र पांडेय के अलावा 10 साल का दक्ष सोनकर और एक महिला भी बुरी तरह से घायल हो गए। तीनों को हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने रविंद्र को मृत घोषित कर दिया। दक्ष और महिला का इलाज शुरू किया गया। उसे कुछ देर बाद होश तो आया, लेकिन वह अभी लोगों को पहचान नहीं रहा है। हादसे की तीसरी शिकार एक महिला रमापति है, जो बाराबंकी की रहने वाली है। उसे मामूली चोट लगी थी। दूसरी तरफ गाड़ी चला रही तनु गुप्ता को पुलिस ने हिरासत में लिया और अगले दिन उन्हें जमानत मिल गई। आखिर महिला को जमानत क्यों मिली
हम रविंद्र पांडेय के घर पहुंचे। वहां हमारी मुलाकात उनकी पत्नी सरोज पांडेय से हुई। सरोज और रविंद्र की शादी 24 साल पहले साल-2001 में हुई थी। घटना को लेकर बात शुरू हुई। वह कहती हैं- रोज की तरह ही वह (पति) सुबह करीब 7 बजे आए थे। हम और बच्चे हनुमान मंदिर जा रहे थे। हमने उन्हें भी चलने के लिए कहा। इस पर उन्होंने कहा कि तुम लोग चले जाओ, हम नहीं जाएंगे। इसके बाद हम मंदिर चले गए। वापस आए, तो वह कहीं गए हुए थे। हम लोग थके थे, इसलिए सो गए। घर पर फोन आया कि पति का एक्सीडेंट हो गया है। हमको तो कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या करें? हमारी तो उनसे आखिरी वक्त में कोई बात ही नहीं हो पाई थी। रो रही सरोज पांडेय से हमने कहा कि जिसने आपके पति को गाड़ी से टक्कर मारी, उसे जमानत मिल गई। वह नाराजगी में रोते हुए कहती हैं- क्यों जमानत मिली? जिसने मेरे पति की जान ली, उसे जमानत क्यों मिली? वह तो मेरे पति की जान लेकर निकल गई। अब मैं कहां जाऊं? क्या जान लेना इतना आसान होता है? वह तो मेरे पति को रौंद के चली गई, अब मैं कहां जाऊं? घर पर पिता की लाश, बेटा परीक्षा देने गया
रविंद्र का बेटा कृष्णा इस वक्त बीए कर रहा है। कृष्णा कहता है- 3 जून को पापा नाइट शिफ्ट की ड्यूटी करके साढ़े 6 बजे घर आए थे। कुछ देर बाद सो गए। हम लोग मंदिर चले गए। वापस आए, तो वह कहीं गए हुए थे। पीछे से आई कार ने उन्हें रौंद दिया। अगले दिन पापा की लाश घर पर आई। उस दिन कॉलेज में मेरा बीए सेकेंड सेमेस्टर का आखिरी पेपर था। आरोपी महिला को जमानत मिल गई? इस सवाल पर कृष्णा कहते हैं- यह हादसा तो था, लेकिन गाड़ी चला रही महिला की गलती साफ नजर आ रही है। उसे सजा मिलनी चाहिए। 5-6 साल की नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा सजा मिलनी चाहिए। रविंद्र की मां अपने बेटे कृष्णा के लिए नौकरी और आर्थिक मदद की मांग करती हैं। कहती हैं- हमारे घर में जो और बच्चे हैं, वह भी इतने सक्षम नहीं कि मदद कर पाएं। इन छोटे बच्चों के पास अब तो कोई सहारा ही नहीं बचा। हमसे किसी ने कोई संपर्क नहीं किया
रविंद्र के छोटे भाई सुनील पांडेय कहते हैं- जैसे ही हमें एक्सीडेंट की सूचना मिली, हम भागते हुए शिया कॉलेज के पास पहुंचे। वहां देखा तो मेरे भाई की सांस चल रही थी। गाड़ी के अंदर एक महिला थी, दूसरी महिला को शायद पुलिस अपने साथ चौकी पर ले गई थी। भाई को बलरामपुर हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। हम लोगों ने कहा कि फिर से जांच करिए। इस पर उन्होंने फिर से जांच की और कहा कि मौत हो चुकी है। हमने पूछा कि क्या जिसने टक्कर मारी वह या फिर उनकी तरफ से किसी ने आपसे संपर्क किया? सुनील कहते हैं- हमारी किसी से कोई बातचीत नहीं हुई। उधर से भी किसी ने कोई संपर्क नहीं किया। इस घटना में बांसमंडी भानू टोला का 10 साल का दक्ष भी घायल हुआ है। वह भी बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती है। शुरुआत में वह किसी को पहचान नहीं रहा था, लेकिन अब स्थिति नॉर्मल है। जिस जगह यह घटना हुई वहां अगले दिन तक दुकानें बंद रही। अब फिलहाल दुकानें खुल गई हैं। वहां टूटे हुए कूलर और अलमारी अभी भी पड़े हुए हैं। जिन गाड़ियों में टक्कर मारी गई, वह जिनकी थी वो ले गए। आरोपी महिला शादी से लौट रही थी
इस मामले में सआदतगंज की तनु गुप्ता मुख्य आरोपी है। वही ब्रेजा गाड़ी चला रही थी। उसके साथ उसकी मां रजनी गुप्ता बैठी थी। घटना से एक दिन पहले उसके छोटे भाई दीपांशु की सुल्तानपुर रोड स्थिति एक रिसॉर्ट में शादी थी। सभी वहीं रातभर रहे। रजनी ने पुलिस को बताया कि रात में जागने के चलते तनु को झपकी आ गई थी। इसलिए उससे यह हादसा हुआ। तनु के पिता चीकू प्रॉपर्टी डीलर के साथ वकील भी हैं। तनु को 4 तारीख को हिरासत में लिया गया और 5 तारीख को जमानत मिल गई। अब परिवार इस घटना को लेकर मीडिया से बात नहीं कर रहा है। वकील बोले- यहां जानबूझकर नहीं मारा गया
हम इस पूरे मामले को लेकर लखनऊ की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात व्हीकल एक्ट से जुड़े मामलों के जानकार वकील हातिम बेग से हुई। वह कहते हैं- कानून एक्सीडेंट की किसी भी घटना में इंटेंशन देखता है। अगर जानबूझकर एक्सीडेंट नहीं किया गया, तो इसमें बीएनएस की धारा 106 के तहत कार्रवाई आगे बढ़ती है। पहले आईपीसी की धारा 304a लगती थी, उस वक्त 2 साल की सजा थी, अब 5 साल की सजा कर दी गई है। 7 साल के नीचे की सजा होने पर पुलिस अरेस्टिंग नहीं कर सकती। एक ही दिन में जमानत मिलने के सवाल पर वह कहते हैं- संभावना है कि महिला के पास गाड़ी के प्रॉपर कागज हों, ड्राइविंग लाइसेंस हो। अगर ऐसा नहीं होता, तो उसे जमानत नहीं मिलती। अब जो पीड़ित हैं, उनके पास इस मामले में क्लेम का विकल्प है। वो क्लेम करें, अगर गाड़ी का इंश्योरेंस होगा तो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम भरेगी। अगर ऐसा नहीं होगा, तो तनु को भरना होगा। अगर व्यक्ति नौकरी कर रहा है, तो यह देखा जाता है कि आगे उसकी कितने वक्त तक नौकरी बची है? कितनी सैलरी है? उस हिसाब से क्लेम डिसाइड होता है। हातिम कहते हैं- एक्सीडेंट के मामले में सारा खेल इंटेंशन का होता है। यहां न महिला मृतक को जानती है और न मृतक महिला को जानता था। इसलिए यह मर्डर में नहीं आएगा। ————————- ये खबर भी पढ़ें… सेंगोल-संविधान के नाम पर भाजपा को घेर रही सपा, कहा- देश राजा के डंडे से नहीं चलेगा; क्या यह राहुल गांधी से मुद्दा झटकने की तैयारी? समाजवादी पार्टी ने संसद भवन से सेंगोल हटाकर उसकी जगह संविधान की कॉपी रखने की मांग फिर उठाई है। सपा सांसद आरके चौधरी ने इसके खिलाफ बाकायदा अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब सपा ने सेंगोल का विरोध किया है। सपा सांसद आरके चौधरी पहले भी ये मुद्दा उठाते रहे हैं। लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि संसद में स्थापना के 2 साल बाद इसे लेकर अब क्यों विवाद छिड़ा? पढ़ें पूरी खबर

यूपी भाजपा क्यों अपने नेताओं को नहीं दे रही सजा:अश्लील वीडियो, रिश्वत लेने वालों पर भी कार्रवाई नहीं; क्या दाग अच्छे लग रहे

यूपी भाजपा क्यों अपने नेताओं को नहीं दे रही सजा:अश्लील वीडियो, रिश्वत लेने वालों पर भी कार्रवाई नहीं; क्या दाग अच्छे लग रहे पहला केस- जनवरी, 2012 में बसपा से भाजपा में आए बाबू सिंह कुशवाहा को कुछ ही घंटों में पार्टी से निकाल दिया गया। कुशवाहा पर कई तरह के आरोप लगे थे। इसके बाद पार्टी ने तुरंत फैसला लिया। दूसरा केस- 2016 में मायावती पर कमेंट करने पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पार्टी से निकाला गया। ये दो केस हैं, जब पार्टी ने इमेज खराब होने से बचने के लिए फैसला लेने में देर नहीं की। यही वजह है, किसी समय भाजपा को अनुशासित पार्टी कहा जाता था। पार्टी के अनुशासन के बूते ही इसे पार्टी विद डिफरेंस तक कहा गया। लेकिन, जैसे-जैसे संगठन और सरकार का दायरा बढ़ता गया, पार्टी के अनुशासन में कमी आती गई। अब आलम यह है कि भ्रष्टाचार और अनैतिकता के गंभीर मामले सामने आने के बाद भी वोट बैंक के डर से पार्टी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही। केस- 1: 40 लाख रुपए रिश्वत का आरोप, कार्रवाई नहीं
मार्च, 2025: फतेहपुर में भाजपा के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल पर पार्टी के ही कार्यकर्ता अजीत कुमार गुप्ता ने पद दिलाने के नाम पर 40 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया। पार्टी ने मामले की जांच के लिए प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई। जांच समिति ने जांच में प्रथम दृष्टया आरोप को सही बताया। समिति ने माना कि मुखलाल पाल ने अजीत कुमार से पैसे का लेन-देन किया। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद भी बीजेपी ने मुखलाल पाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अनुशासनहीनता पर भी मौन रही भाजपा
फतेहपुर के बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद समिति के सदस्यों के खिलाफ बयान दिया। मुखलाल पाल ने मीडिया से बातचीत में फतेहपुर की पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पर भी गंभीर आरोप लगाए। लेकिन, इसके बाद भी भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। केस- 2: अमर किशोर के खिलाफ कार्रवाई नहीं
24 मई, 2025: गोंडा में भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में अमर किशोर बीजेपी कार्यालय के अंदर एक महिला कार्यकर्ता को गले लगते नजर आ रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन में सफाई मांगी। सूत्रों के मुताबिक, कश्यप ने 30 मई को ही अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रदेश कार्यालय में दे दिया। लेकिन, पार्टी की ओर से इस संबंध में अभी तक कार्रवाई नहीं की गई। पार्टी ने न तो कश्यप को क्लीन चिट दी, न ही उन्हें पदमुक्त किया है। केस- 3: नंदकिशोर गुर्जर की बयानबाजी जारी
गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पिछले दिनों योगी सरकार के खिलाफ बयान दिया था। गुर्जर को पार्टी कार्यालय पर तलब कर जवाब मांगा गया था। गुर्जर ने अपना पक्ष प्रदेश नेतृत्व के सामने रखा। प्रदेश नेतृत्व की ओर से गुर्जर को भविष्य में संगठन या सरकार की छवि खराब करने वाला कोई भी काम नहीं करने की हिदायत दी गई। सूत्रों का कहना है कि गाजियाबाद में गुर्जर की बयानबाजी और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन की कार्रवाई जारी है। बलिया के नेता बब्बन सिंह पर हुई कार्रवाई
बलिया में सहकारी चीनी मिल संघ के निदेशक और बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य ठाकुर बब्बन सिंह का एक वीडियो मई में वायरल हुआ था। वह एक डांसर के साथ अश्लील हरकत करते नजर आ रहे थे। मामले में पार्टी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया। बब्बन सिंह ने आरोप लगाया था कि विधायक केतकी सिंह ने उन्हें फंसाया है। नेताओं पर कार्रवाई न होने की वजह क्या? पिछड़े वोट बैंक पर नजर…इसलिए अपनों को बचा रहे
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गोंडा के जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप और फतेहपुर के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल दोनों पिछड़ा वर्ग से हैं। दोनों के खिलाफ कार्रवाई होने से पार्टी को पिछड़े वोट बैंक के नुकसान का डर है। वहीं, पिछड़े वर्ग के कुछ नेता भी दोनों का बचाव कर रहे हैं। लिहाजा, अभी तक कार्रवाई का निर्णय नहीं हो सका है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रामदत्त त्रिपाठी का कहना है कि बीजेपी में अब हर कोई किसी न किसी ग्रुप से जुड़ा हुआ है। ग्रुप के रिंग लीडर अपने गुट के कार्यकर्ताओं को बचाते हैं। अब नेतृत्व वाली बात नहीं रही। बागियों की भी हो जाती है वापसी
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि एक समय ऐसा था जब बीजेपी के नेता बगावत करने से डरते थे। एक बार बगावत करने वालों की पार्टी में वापसी आसान नहीं होती थी। लेकिन, अब तो नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में पार्टी से बगावत करने वालों की भी थोड़े समय बाद वापसी हो जाती है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सिद्धार्थ कलहंस का कहना है- जब तक भाजपा छोटी पार्टी थी, कार्यकर्ताओं की संख्या कम थी, तब तक शुचिता थी। अब पारदर्शिता चली गई। अब बीजेपी में बड़ी संख्या में दूसरे दलों से आए कार्यकर्ता हैं। जिस प्रकार एक छोटे घर को सजाना-संवारना आसान होता है, वहीं बड़ी हवेली को संभालना मुश्किल है। ————————– ये खबर भी पढ़ें… भाजपा नेता के बेटे ने पत्नी के भी वीडियो बनाए, मैनपुरी में बोलीं- सास-ससुर को पता था अफेयर 26 मई, 2025 को मैनपुरी में एक लड़के का अपनी प्रेमिका के साथ अश्लील वीडियो वायरल होता है। वायरल वीडियो की संख्या देखते ही देखते 130 हो गई। ये अलग-अलग दिन और अलग-अलग जगहों पर बनाए गए थे। वीडियो में दिख रहा लड़का कारोबारी है। महिला उसके मोहल्ले की ही रहने वाली तलाकशुदा थी। लड़के की मां बीजेपी से जुड़ी थीं, इसलिए हंगामा शुरू हो गया। लड़के की पत्नी ने मोर्चा खोल दिया और न्याय के लिए पुलिस के पास पहुंच गई। पढ़ें पूरी खबर

मेरे बेटे को तड़पाकर मारा, हत्यारों को फांसी दो:प्रयागराज में मां बोलीं- हत्या का बदला चाहिए; शुभम को चाकू मारे, प्राइवेट पार्ट काटा

मेरे बेटे को तड़पाकर मारा, हत्यारों को फांसी दो:प्रयागराज में मां बोलीं- हत्या का बदला चाहिए; शुभम को चाकू मारे, प्राइवेट पार्ट काटा ‘मेरे बेटे को मारने वाले कसाई बन गए। उसकी कमर से नीचे खून ही खून था…जाने कितने घाव थे। बेटे को तड़पाकर मार डाला। हम तो खून के आंसू रो रहे हैं। जिसने मेरे बेटे की बेरहमी से हत्या की, उसके घर की महिलाएं भी ऐसे ही रोनी चाहिएं।’ यह कहते हुए प्रयागराज में शुभम की मां पुष्पा का चेहरा सख्त हो जाता है। वह गुस्से में कहती हैं- हमें बदला चाहिए, वो सरकार और प्रशासन दिलाए। प्रयागराज में पुष्पा के बेटे शुभम तिवारी (22) को 2 जून को बेरहमी से मार डाला गया था। उसकी कमर से नीचे 6-7 चाकू के घाव मिले थे। प्राइवेट पार्ट काट दिया गया था। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने कहा था- शुभम की बॉडी पर गहरे घाव थे। उसका खून बहता रहा, हैवी ब्लीडिंग से मौत हो गई। गांव के लोगों से बात करके समझ आया कि शुभम को 500 रुपए के लेन-देन में नहीं, लव अफेयर में मारा गया। कत्ल से 4 दिन पहले शुभम पर हमला क्यों किया गया? कत्ल के पीछे क्या लड़की ने साजिश रची? इस कत्ल के पीछे की इनसाइड स्टोरी को समझने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम प्रयागराज से 65Km दूर जौनपुर के बादशाहपुर इलाके के नीभापुर गांव में परिवार से मिली। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले शुभम के परिवार की बात घर में रिश्तेदार मौजूद, हत्या से सब गुस्से में
गांव नीभापुर में रहने वाले शुभम के परिवार में पिता त्रिलोकी नाथ, मां पुष्पा, भाई राहुल और बहन नेहा हैं। बहन की शादी हो चुकी है। लेकिन, शुभम की हत्या के बाद वह भी अपने मायके में आ गई। घर के बाहर परिवार और रिश्तेदारी के लोग बैठे थे, जो गमगीन दिख रहे थे। परिवार निम्न मध्यमवर्गीय है। एक मंजिल के घर की दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं हुआ है। घर के दरवाजे पर ही शुभम की मां पुष्पा बैठी मिलीं। हमने उनसे बातचीत शुरू की। बेटे का नाम सुनते ही वो फफक पड़ीं। मां बोलीं- साजिश करके मेरे बेटे को मार डाला
खुद को संभाल कर पुष्पा ने कहा- मेरे 22 साल के बेटे को गुमराह करके प्रयागराज के सराय ममरेज के बरियाराम बुलाया गया। वहां साजिशन उसको मार डाला। सिर्फ 10 दिन पहले शुभम गुजरात से लौटकर आया था। क्या पता था कि अब वो कभी नहीं आएगा? उसको ये लोग मार डालेंगे। भाई ने कहा- हमारी योगी सरकार से मांग, हत्यारों को फांसी मिले
शुभम के भाई राहुल तिवारी ने गुस्से में कहा- हम योगी सरकार से यही मांग करते हैं कि जान के बदले जान। पुलिस को हत्यारों के खिलाफ मजबूत केस बनाना चाहिए। जब तक वो फांसी पर नहीं लटकेंगे, हम लोगों को चैन नहीं मिलेगा। शुभम के छोटे भाई विवेक कहते हैं- मुझे गांव के लोगों ने ही सबसे पहले बताया था कि मेरे भाई के साथ कुछ गलत हो गया है। मैं बाइक से घटनास्थल पर पहुंचा। मैंने अपने भाई को खून से लथपथ सड़क पर पड़ा देखा। शरीर के नीचे से पूरा खून बह चुका था। चारों ओर भीड़ इकट्‌ठा थी। मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था। बस एक ही बात मन में आ रही थी, अगर हत्यारे सामने होते, तो वहीं खत्म कर देता। जानिए हत्या के पीछे की असली वजह शुभम 2 महीने से एक लड़की से बात करता था, यही रंजिश की वजह
क्राइम स्पॉट सराय ममरेज इलाके का बरियारामपुर रेलवे स्टेशन के पास का इलाका है। यहां शुभम तिवारी की हत्या कर दी गई। शुभम जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर के नीभापुर गांव का रहने वाला था। पुलिस शुरुआत में इस मामले को 500 रुपए के लेन-देन की रंजिश समझ रही थी। लेकिन, उसकी जांच को नया एंगल शुभम की कॉल डिटेल से मिला। शुभम गुजरात के सूरत में एक कंपनी में प्राइवेट जॉब करता था। पुलिस को पता चला कि वह 2 महीने से 1 खास नंबर पर कई-कई घंटे बात कर रहा था। इस नंबर की लोकेशन नीभापुर गांव थी। यह नंबर एक लड़की का था। पुलिस लड़की तक पहुंची। लड़की की कॉल डिटेल में वह गांव के दो और लड़कों से लंबी-लंबी बात कर रही थी। पुलिस ने इन लड़कों बाला सरोज और सत्यम चौधरी काे हिरासत में लिया। सामने आया कि यही लोग कत्ल के असली चेहरे हैं। उन्होंने जो कुछ पुलिस को बताया, वो इस तरह है। बाला सरोज के मुताबिक, 30 मई को शुभम को मिलने बुलाया गया था। उसको कड़ाई से समझाया था कि उस लड़की से बात मत करो। लेकिन, शुभम माना नहीं। तब वहां धक्का-मुक्की हो गई। मारपीट में शुभम दोनों लड़कों पर भारी पड़ा। इसके बाद बाइक से वहां से निकल गया। इसके बाद बाला और सत्यम ने साजिश रची। अर्पित और शिवम नाम के लड़कों की मदद से एक बार फिर शुभम को बुलाया। शिवम को कहा गया था कि तुम शुभम को लेकर आओ, तुम्हें पेट्रोल के 50 रुपए देंगे। जब शिवम उसको लेकर बरियारामपुर पहुंचा, तो वहां बाला और सत्यम पहले से मौजूद थे। उन्होंने शिवम को 50 रुपए देकर कहा कि अब तुम जाओ, तुम्हारा काम हो गया। इसके बाद चारों ने मिलकर शुभम को पीटा और चाकू से कई वार करके मार डाला। अब चश्मदीद गवाह की बात बोले- बचाना चाहा, पुलिस 2 घंटा लेट आई
जो लड़का पवन कत्ल के वक्त वहां मौजूद था, उसने बताया- भैया (शुभम) हत्यारों के आगे गिड़गिड़ा रहे थे कि चाकू से न मारो…हाथ-पैर से मार लो। भैया को कमर के नीचे चाकू से 6 से 7 बार मारा। बहुत खून बहता रहा…भैया जैसे बेजान से हो गए। दो लड़के शुभम के हाथ पकड़े थे, 3 लड़के उसको चाकू मार रहे थे। जब उनके शरीर में हरकत होना बंद हो गई, तब उनका प्राइवेट पार्ट काट दिया। मैं चिल्लाता रहा, मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन वहां कोई सुनने वाला नहीं था। दरअसल, शुभम का एक लड़की से लव अफेयर था। वह टिकरा गांव की रहने वाली थी। उसी लड़की से अंकित और बाला सरोज भी बातचीत करते थे। इस वजह से शुभम और अंकित के बीच झगड़ा भी हुआ था। 30 जून को शुभम ने अंकित को जघई स्टेशन के पास बुलाकर 2 झापड़ मारे थे। इसके बाद ही इन लोगों ने हत्या कर साजिश रच दी। पवन के मुताबिक, मैंने शुभम को बचाने की कोशिश की, हत्यारों के चंगुल से छूट कर गांववालों के पास आया। पुलिस को फोन किया, लेकिन पुलिस 2 घंटे बाद आई। जब तक पुलिस नहीं आई, गांव के किसी आदमी ने शुभम को अस्पताल नहीं पहुंचाया। अस्पताल पहुंचाते, तो उसकी जान बच जाती। हत्या के बाद रोड जाम की, हंगामा हुआ
इस हत्या के बाद गांव में टेंशन का माहौल बन गया। सैकड़ों लोग जमा हो गए। परिजनों ने शव को थाने के सामने की रोड पर रख दिया, हंगामा हुआ। गांववालों ने कहा- पुलिस की लापरवाही से ये हत्या हुई। 4-5 थानों की पुलिस बुलानी पड़ी। हंडिया ACP सुनील कुमार सिंह और DCP गंगानगर कुलदीप सिंह गुनावत ने परिवार से बात करके स्थिति को संभाला। DCP कुलदीप सिंह गुनावत कहते हैं- परिवार के आरोप थे कि शुभम की हत्या पैसों के लेन-देन और पुरानी रंजिश को लेकर की गई है। दो लड़के नामजद किए गए। लेकिन, बाद में इस मामले का लव एंगल सामने आया। पुलिस परिवार के साथ है, जल्द चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। ————————— यह खबर भी पढ़ें : सेना के लड़ाकू हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, सहारनपुर में पायलट ने खाली मैदान में उतारा, मदद के लिए दूसरा विमान पहुंचा सहारनपुर में सेना के अपाचे हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे पायलट ने यमुना नदी किनारे जोधेबांस गांव के बाहर मैदान में लैंडिंग कराई। इस दौरान वहां से गुजर रहे लोग रुक गए। सेना ओर पुलिस के जवानों ने इलाके को घेर लिया।गनीमत रही कि इस घटना में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। हेलिकॉप्टर में सवार दोनों पायलट सुरक्षित हैं। पढ़िए पूरी खबर…

मेरठ ऑनर किलिंग- लाश के साथ 13 घंटे रहे मां-भाई:बॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती थी, मना किया तो गाली दी; कातिल मां का कबूलनामा

मेरठ ऑनर किलिंग- लाश के साथ 13 घंटे रहे मां-भाई:बॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती थी, मना किया तो गाली दी; कातिल मां का कबूलनामा मेरठ ऑनर किलिंग मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बेटी की हत्या करने के बाद मां-बेटा लाश के साथ 13 घंटे तक कमरे में बैठे रहे। बुधवार, 4 जून की सुबह 9.30 बजे मां-बेटे ने गला घोंट दिया। रात 11 बजे मामा का बेटा और मौसेरा भाई गौरव कार लेकर आए। बॉडी को चादर में लपेट कर कार से महरौली के जंगल के पास अपने खेत पर पहुंचे। जहां पर मामा ने दरांती (हंसिया) से लड़की की गर्दन काटकर अलग कर दी। सिर और धड़ अलग-अलग प्लास्टिक की बोरी में भरा। मामा ने घर से 13 किमी दूर बहादुरपुर नहर में धड़ और वहां से 10 किमी दूर जानी नहर में सिर फेंक दिया। इस खौफनाक हत्या की पूरी कहानी मां राकेश देवी ने पुलिस कस्टडी में सुनाई। पढ़िए कबूलनामा… मां ने कहा- बेटी जल्दी शादी करवाने के लिए अड़ी, गुस्से में मुझे गाली दी
पुलिस कस्टडी में मां राकेश देवी से 2.30 घंटे पूछताछ हुई। उन्होंने कहा- बुधवार सुबह 9:30 बजे थे। आस्था उर्फ तनिष्का (17) और मेरी नॉर्मल बातचीत चल रही थी। अचानक उसने मुझसे कहा, ‘मैं अमन से ही शादी करूंगी, जल्दी करवा दो।’ उसके मुंह से ये बात सुनकर गुस्सा आ गया, मगर खुद को संभाला। कुछ देर शांत रही। फिर मैंने आस्था को समझाया। कहा, ‘तुम्हारे पापा घर पर नहीं हैं, ये हो नहीं सकता।’ इसके बाद आस्था नाराज हो जाती है, बहस करने लगती है। कुछ देर में वह बड़बड़ करते हुए मुझे ही गाली दे देती है। अंदर कमरे में बैठा मेरा 14 साल का बेटा सब कुछ सुन रहा था। वो बाहर आता है, और मेरी तरफ से आस्था को डांटने लगता है। अब आस्था भड़क जाती है, अपने भाई की पिटाई कर देती है। तब मेरा गुस्सा भड़क उठता है। मैंने और बेटे ने मिलकर आस्था को पीटा, मगर वह बराबर चिल्लाती रहती है कि मैं अमन से ही शादी करूंगी, चाहे कुछ भी कर लो। गुस्से में आकर बेटे ने आस्था के हाथ पकड़े और मैंने गला…। हमने ये नहीं सोचा था कि उसकी सांस रुक जाएगी। हम तो बस डराना चाहते थे। 2 मिनट में उसका शरीर ठंडा पड़ गया, हम रोने लगे, एक-दूसरे से कहने लगे कि अब क्या करेंगे। बेटे ने कहा- अब जेल जाना होगा। हम घबरा गए। मामा ने कहा, रात तक इंतजार करो, फिर कुछ करते हैं
राकेश देवती कहती है, मैंने सबसे पहले छत्तीसगढ़ में तैनात अपने पति रमेश को फोन किया। उन्हें बताया कि मुझसे बहुत बड़ा गुनाह हो गया है। मेरे हाथों से आस्था की हत्या हो गई है। रमेश चौंक जाते हैं, कहते हैं- अरे…ये क्या कर डाला। मैं उनको पूरी कहानी सुनाई। वो कहते हैं- मैं परिवार के लोगों से बात करता हूं कि क्या करना है। तब तक कहीं मत जाना, वहीं लाश के पास रहो। पति से बात होने के बाद मैंने अपने भाई कमल और समर को फोन किया। उन्हें भी पूरी कहानी सुनाई। अब पति रमेश, दोनों भाई ये सोचने लगे कि बेटी तो जा चुकी है, अब मुझे और बेटे को कैसे बचाएं। 4 घंटे बाद करीब 2 बजे कमल और समर ने मुझे फोन किया। कहा- रात 11 बजे तक इंतजार करो, अंधेरा होने का वेट करो। हम कुछ इंतजाम करते हैं। रात के 11 बजे तक मैं और बेटा आस्था की लाश के साथ वहीं रहे। प्लानिंग के तहत रात को 11 बजे कमल का बेटा मंजीत उर्फ मोनू और मेरी मौसी का बेटा गौरव हमारे घर पहुंचे। 10 मिनट तक आपस में बात की कि क्या करना है? कैसे करना है? फिर आस्था की लाश को चादर में बांधकर कार में रखकर वह लोग चले जाते हैं। गंगनहर का बहाव तेज , इसलिए सिर वहां फेंका
इसके आगे की कहानी लड़की के मामला कमल ने पुलिस को सुनाई। कमल के मुताबिक, मंजीत और गौरव दादरी गांव से 13 किलोमीटर दूर महरौली के जंगल में बॉडी लेकर पहुंचे। यहां पर मैं और भाई समर अपने खेत पर पहले से मौजूद थे। खेत में लाश को रखकर मैंने और समर ने दरांती से गर्दन को काटकर अलग कर दिया। हमने धड़ को उसी चादर में बांधकर कार की डिग्गी में रख दिया। वहीं पास में बहने वाली छोटी नहर में ले जाकर फेंक दिया। मैंने सिर को एक प्लास्टिक के बोरे में रख लिया था। उसे गंगनहर में फेंका। क्योंकि वहां बहाव तेज होता है, मुझे मालूम था कि सिर पुलिस को इतनी आसानी से नहीं मिलेगा। परिवार के लोगों ने मिलकर आस्था की लाश को छिपाने की प्लानिंग 2 वजह से बनाई- पहली- उन्होंने अखबारों में पढ़ा था कि सिर कटी लाश की पहचान मुश्किल होती है। पुलिस कुछ समय ऐसे केस को ट्रेस करती है, फिर फाइलें बंद कर दी जाती हैं। दूसरी- अगर बाद में आस्था के गुम होने की तहरीर भी दी जाती है तो सबका शक उसके प्रेमी अमन पर जाएगा। इस तरह से अमन भी अरेस्ट होकर जेल चला जाएगा। 20 रुपए के नोटों के बीच पर्ची से बिगाड़ी प्लानिंग
आस्था की लाश को ठिकाने लगाने के लिए फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। लेकिन आस्था ने जो सलवार पहनी हुई थी, उसमें जेब थी। जेब में 20-20 के तीन नोट थे। उन नोटों के बीच में एक कागज लिपटा हुआ था। इस कागज में आस्था ने अपने प्रेमी अमन के पिता और उसकी बहन का मोबाइल नंबर लिख रखा था। अगर ये नंबर पुलिस को नहीं मिलता तो आस्था की सिर कटी लाश एक पहेली बनकर रह जाती। सिर क्योंकि गंगनहर में फेंका गया है, तो उसका मिल आसान नहीं है। थाने में अमन रोया, कहा- इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए
तकरीबन 9 महीने पहले आस्था और अमन की दोस्ती स्नेपचैट से शुरू हुई थी। आस्था 12वीं की छात्रा थी, जबकि अमन बीए का छात्र है। दोनों गुर्जर बिरादरी से थे। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। शादी की कसमें खा ली। इस लव स्टोरी का अंत इतना भयानक होगा दोनों ने सोचा भी नहीं था। अमन थाने में पुलिस के सामने रोकर कह रहा था कि इन लोगों को इनके किए की सजा मिलनी चाहिए। परतापुर थाने पहुंचे लोग भी पूरी घटना से अवाक थे। दबी जुबान कुछ लोग कह रहे थे कि दोनों गुर्जर बिरादरी से ही थे, ऐसे में शादी कर देते तो आज इतने घर बर्बाद नहीं होते। दो मामा, मां, छोटा भाई और ममेरे व मौसेरे भाई नामजद
SSP विपिन ताडा कहते हैं- इस मामले में आस्था की मां राकेश देवी, उनके 14 साल के नाबालिग बेटे पर हत्या की धारा में केस दर्ज हुआ है। मामा कमल, समर, ममेरे भाई मोनू उर्फ मंजीत और मौसेरे भाई गौरव के खिलाफ साजिश एवं साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज हुआ है। गौरव की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग लोकेशन पर दबिश दी जा रही है। बाकी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया गया है। चारों आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। नाबालिग किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया है। गांव के लोग कहते हैं- बेहद दबंग थी आस्था
12वीं कक्षा में पढ़ने वाली आस्था बेहद दबंग थी। गांव के लोगों ने भले ही कैमरे पर बात नहीं की, मगर उन्होंने बताया कि आस्था ने कई बार घर के लोगो से मारपीट तक की थी। गांव में कोई कुछ बोल देता था तो वह गाली देकर धमका देती थी। किसी से दबती नहीं थी। पड़ोसियों ने बताया- 28 मई को आस्था की मां राकेश देवी घर से बाहर थी। आस्था का प्रेमी अमन उससे मिलने घर पहुंचा। दोनों को आस्था के नौ साल के भाई ने साथ देख लिया। मां के घर आने पर सारी बात बता दी। राकेश देवी और आस्था का खूब झगड़ा हुआ। आस्था से उसका मोबाइल छीन लिया। इसके बाद से ही रोजाना घर में कलह हो रही थी। आस्था अमन के साथ शादी की जिद पर अड़ी हुई थी। वो कुछ नहीं सुनना चाह रही थी। गंग नहर में खोजा रहा सिर
SSP डा. विपिन ताडा ने बताया, कि चार आरोपियों को जेल और एक को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। 1 फरार आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है। आस्था के कटे हुए सिर की गंगनहर में तलाश की जा रही है। प्रेम प्रसंग से नाराज होकर घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस ठोस सबूत के साथ चार्जशीट दाखिल करेगी। पुलिस को लाश कैसे मिली, ये भी जानिए
गुरुवार सुबह करीब 8 बजे परतापुर इलाके के बहादरपुर गांव से होकर बहने वाली छोटी नहर में लोगों ने कपड़े में बंधी लाश देखी। परतापुर पुलिस मौके पर पहुंची। सफेद चादर में एक लड़की की सिर कटी लाश थी। लड़की के कपड़ों की तलाशी ली गई तो सलवार की जेब में 20-20 के नोटों के बीच एक कागज मिला। कागज पर दो नंबर लिखे थे, एक नंबर पर कॉल करके पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। दूसरे नंबर पर फोन उठाने वाला दौराला के नंगली गांव का अमन था। उसने बताया कि वो दादरी गांव की आस्था से प्यार करता है। पुलिस ने उसको लाश का फोटो भेजा तो उसने पहचान कर ली। बताया कि ये लाश आस्था की है। इसके बाद पुलिस आस्था के घर पहुंची तो उसकी मां राकेश देवी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। पुलिस ने राकेश देवी को लाश दिखाकर पूछा कि क्या ये तुम्हारी बेटी की है तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की ताे उन्होंने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने आस्था के मामा कमल और उनके बेटे मंजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। शुक्रवार को पुलिस ने पूरे मामले में आस्था के दूसरे मामा समर को भी नामजद कर लिया। लाश बहादरपुर की छोटी नहर में लाश मिली तो पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई ग्राम प्रधान से कराई। इस मामले में क्योंकि परिवार के लोग ही हत्या में शामिल हैं, इसलिए वादी ग्राम प्रधान को ही बनाया गया है। इस केस में अब पुलिस ही मुख्य गवाह के रूप में रहेगी। पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर जहां पर गर्दन काटी गई, वहां खून से सनी मिट्‌टी, दरांती, जिस कार में लाश ले जाई गई, उसमें लगा खून, इन सभी को सबूत के तौर पर एकत्र किया है। पोस्टमॉर्टम होने के बाद पुलिस ने लाश को आस्था के ताऊ के सुपुर्द कर दिया। देर शाम गांव के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। …… यह भी पढ़ें : मां-भाई ने गला दबाया, मामा ने गला काटा:मेरठ में धड़ और सिर अलग-अलग नहर में फेंके; सलवार की जेब से मिला बॉयफ्रेंड का नंबर मेरठ में ऑनर किलिंग की खौफनाक वारदात हुई है। यहां प्रेमी से बात करने पर नाराज मां ने नाबालिग बेटे के साथ मिलकर बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए मायके से लड़की के मामा, उसके बेटे और मौसी के बेटे को बुला लिया। मामा और ममेरे-मौसेरे भाई शव को चादर में लपेट कर कार से महरौली के जंगल ले गए। जहां पर मामा ने दरांती (हंसिया) से लड़की की गर्दन काटकर अलग कर दी। सिर और धड़ अलग-अलग प्लास्टिक की बोरी में भरा। पढ़िए पूरी खबर…