महाकुंभ में बाहुबली की हेलिकॉप्टर से एंट्री:थप्पड़ के दर्द से नहीं उबरे BJP विधायक; योगी की डांट से लखनऊ के अफसर खुश

महाकुंभ में बाहुबली की हेलिकॉप्टर से एंट्री:थप्पड़ के दर्द से नहीं उबरे BJP विधायक; योगी की डांट से लखनऊ के अफसर खुश यह बात खरी है… इसमें आप देखेंगे यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों में अंदरखाने चल क्या रहा है? ऊपर VIDEO पर क्लिक करें…

काशी में अलग-अलग जगहों पर 4 की मौत:तीन श्रद्धालु बेहोश, प्रशासन ने पहुंचाया अस्पताल; हालत में सुधार पर घर भेजा

काशी में अलग-अलग जगहों पर 4 की मौत:तीन श्रद्धालु बेहोश, प्रशासन ने पहुंचाया अस्पताल; हालत में सुधार पर घर भेजा वाराणसी में चार लोगों की अलग-अलग जगहों पर मौत हो गई। ये मौतें 48 घंटे के अंदर हुई हैं। इनमें एक-दो लोग दर्शन करने आए थे, वहीं अन्य इलाज कराने आए थे। वहीं, मंदिर में दर्शन के लिए लाइन में लगे तीन श्रद्धालु अचानक गश खाकर गिर पड़े। इन सभी को मंदिर प्रबंधन ने अस्पताल पहुंचाया। जहां हालत में सुधार होने के बाद उन्हें उनके घर रवाना कर दिया गया। अब विस्तार से पढ़िए… वाराणसी के चौबेपुर निवासी राजेश पांडेय (45 साल) मंगलवार को दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे थे। इनकी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचाया गया। कर्नाटक के राघवेंद्र (33 साल) और हैदराबाद के रहने वाले महाविशाल (43 साल) की हालत बिगड़ गई। कबीर चौरा अस्पताल में इलाज के बाद सभी की हालत ठीक है। 48 घंटे में इन श्रद्धालुओं की मौत बिहार के छपरा निवासी संजय कुमार (43), पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी मुन्ना अग्रवाल (54) और दिल्ली निवासी शक्ति माथुर (63) वाराणसी पहुंचे थे। इधर, कैंट रेलवे स्टेशन पर बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी विजैन सेन की हालत खराब हो गई। परिजन उन्हें इलाज के लिए BHU हॉस्पिटल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में उनकी मौत हो गई। मौत की वजह क्या है, अभी साफ नहीं है। सभी के परिजनों ने पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार कर दिया। इसके बाद शव लेकर चले गए। मृतकों में एक सिलीगुड़ी के व्यापारी भी थे, जिनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया। गंगा घाट से लेकर विश्वनाथ धाम तक खचाखच भीड़, गंगा आरती स्थगित वाराणसी में महाकुंभ का पलट प्रवाह देखने को मिल रहा है। गंगा घाट से लेकर काशी की गलियां श्रद्धालुओं से खचाखच भरी हुई हैं। काशी के प्रमुख 20 गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ है। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए जा रहे हैं। प्राचीन दशाश्वमेध और शीतला घाट पर गंगा आरती का आयोजन करने वाली समिति ने आरती स्थगित करने का निर्णय लिया है। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के आलाधिकारी मोर्चा संभाले हुए हैं। गोदौलिया क्षेत्र को एकल जोन घोषित कर दिया गया है। शहर में UP 65 के अलावा किसी भी अन्य गाड़ी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। ड्रोन से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। गंगा घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि हम आस्था की यात्रा पर निकले हैं। पहले हमने प्रयागराज महाकुंभ में दर्शन किया, फिर बाबा विश्वनाथ के नगरी पहुंचे हैं। इसके बाद अयोध्या भी दर्शन करने जाना है। ……………….. ये खबर भी पढ़ें- राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन:बाबरी विध्वंस के वक्त रामलला को गोद में लेकर भागे थे, टीचर के बाद पुजारी बने अयोध्या में रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। बुधवार सुबह 7 बजे लखनऊ PGI में उन्होंने आखिरी सांस ली। 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद उनको अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया था। आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जाएगा। उनके आश्रम सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। सत्येंद्र दास 32 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर भागे थे। पढ़ें पूरी खबर

अखिलेश के करीबी इत्र व्यापारी के घर छापा:कन्नौज में दीवार फांदकर घुसी IT टीम, 6 भाइयों पर एक साथ एक्शन

अखिलेश के करीबी इत्र व्यापारी के घर छापा:कन्नौज में दीवार फांदकर घुसी IT टीम, 6 भाइयों पर एक साथ एक्शन कन्नौज में अखिलेश यादव के करीबी इत्र व्यापारी के कई ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग (IT) ने छापा मारा। IT और GST की टीम सुबह-सुबह व्यापारी के घर पहुंची। कारोबारी के परिवार ने गेट नहीं खोला। अफसरों ने दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किया। IT के अधिकारी दस्तावेज और वित्तीय लेन-देन की जांच में जुटे हैं। कारोबारी मनोज दीक्षित सपा के प्रदेश सचिव रह चुके हैं। एक ही कैंपस में है 6 भाइयों का मकान
सरायमीरा-कन्नौज रोड स्थित अशोक नगर में इत्र फर्म चंद्रवली एंड संस पर सुबह करीब 7 बजे आईटी और जीएसटी की टीम पहुंची। एक ही कैंपस में 6 भाइयों सुबोध दीक्षित, अतुल, मनोज, विपिन, राम, श्याम का घर और कारखाना है। इत्र कारोबारी सुबोध और उनके भाइयों के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग को गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इसके बाद टीम ने कार्रवाई की। फिलहाल, अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। राजनीतिक रसूख रखता है परिवार
सुबोध के परिवार का सभी राजनीतिक पार्टियों से अच्छे संबंध हैं। मनोज पूर्व सपा प्रदेश सचिव रह चुके हैं। अखिलेश के करीबी माने जाते हैं। वहीं, एक भाई विपिन समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के करीबी हैं। इसके अलावा, राम दीक्षित के भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक से अच्छे संबंध हैं। सुबोध की पत्नी ने लड़ा था नपा अध्यक्ष चुनाव
सुबोध दीक्षित की पत्नी उमा दीक्षित ने पिछले साल कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। उमा ने भाजपा की ओर से दावेदारी पेश की थी। हालांकि, उन्हें बसपा प्रत्याशी कौसरजहां अंसारी ने हरा दिया था। कोल्ड स्टोरेज और स्कूल भी
सुबोध दीक्षित का पुश्तैनी इत्र का कारोबार है। इसके अलावा, स्कूल और कोल्ड स्टोरेज भी है। सुबोध और अतुल मुख्यत: इत्र का कारोबार संभालते हैं। मनोज राजनीति में सक्रिय हैं। वर्षों से सपा से जुड़े हैं। अन्य भाई दूसरा बिजनेस संभालते हैं। तीन पीढ़ियों से चल रहा इत्र का व्यापार सुबोध के परिवार में तीन पीढ़ियों से इत्र का व्यापार चल रहा है। इनके दादा पंडित चंद्रवली दीक्षित ने कन्नौज में इस कारोबार को शुरू किया था। उनके कारोबार को बेटे वीरेंद्र दीक्षित ने आगे बढ़ाया। चंद्रवली एंड संस के नाम से कन्नौज में उनके इत्र कारोबार ने बड़ी पहचान बनाई। इसके बाद वीरेंद्र दीक्षित के सभी 6 बेटों ने अलग-अलग कारोबार शुरू कर दिए। हालांकि सभी भाइयों का प्रमुख कारोबार इत्र ही है। ———————————– ये खबर भी पढ़ें… संत प्रेमानंद से पुलिस अफसर बोला-एनकाउंटर का पश्चाताप कैसे करूं:हाथ जोड़कर कहा- मन अशांत है महाराज जी! मैं पुलिस में नौकरी करता हूं। थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में तैनात हूं। मैंने अब तक बहुत एनकाउंटर किए। बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मौत का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से बच गया। अब मेरा मन विचलित रहता है, पश्चाताप क्या होगा?’ ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुन्नेश सिंह ने संत प्रेमानंद जी महाराज किया। मुनेश परिवार के साथ 10 फरवरी को मथुरा पहुंचे थे। कहा- मैंने 32 साल इस नौकरी को दिए। मगर अब मन अशांत है। संत प्रेमानंद जी महाराज ने SSI से कहा- थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें। प्रार्थना करें, हमारी सेवाओं में जो चूक हुई है, वो क्षमा हो जाएं। पाप मिले हैं, वो दूर हो जाएं। पढ़ें पूरी खबर…

यूपी की बड़ी खबरें:रायबरेली में गश्त के दौरान बेकाबू हुई कार, चौकी इंचार्ज की मौत; 3 पुलिसकर्मी गंभीर

यूपी की बड़ी खबरें:रायबरेली में गश्त के दौरान बेकाबू हुई कार, चौकी इंचार्ज की मौत; 3 पुलिसकर्मी गंभीर रायबरेली में रात्रि गश्त के दौरान सड़क हादसे में सेमरी चौकी के इंचार्ज की मौत हो गई। 3 अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। खीरों थाना के जगत ढाबा के पास गाड़ी अनियंत्रित होकर एक दुकान में घुस गई। हादसे में चौकी इंचार्ज चमन सिंह सहित 4 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। पढ़िए पूरी खबर 25 हजार के इनामी 2 गैंगस्टर का एनकाउंटर; मुरादाबाद के SSP ने मोस्ट वांटेड की लिस्ट जारी कर थाना प्रभारियों को दिया था अल्टीमेटम मुरादाबाद में SSP की ओर से जारी की गई जिले के 9 मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में से 2 गैंगस्टर एनकाउंटर के बाद पकड़े गए। दोनों के पैर में पुलिस की गोली लगी है। मंगलवार शाम ये लिस्ट जारी करते हुए एसएसपी सतपाल अंतिल ने संबंधित थाना प्रभारियों को इनकी अरेस्टिंग के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी थी। कप्तान ने साफ हिदायत दी थी कि थाना इंचार्ज की कुर्सी पर बने रहना है तो लिस्ट में शामिल गैंगस्टर सलाखों में होने चाहिए। पढ़िए पूरी खबर हत्या करने वाले 3 दोषियों को 10-10 साल की जेल; झांसी में 15 साल पहले युवक के पेट में घोंप दिया था चाकू, 50-50 हजार जुर्माना झांसी में गैर इरादतन हत्या के जुर्म में कोर्ट ने तीन दोषियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों ने 15 साल पहले चाकू घोपकर एक युवक का मर्डर कर दिया था। इस केस में तीनों पर डेढ़ लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें से एक लाख पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर 6-6 माह की जेल अतिरिक्त काटनी होगी। यह फैसला एससीएसटी एक्ट काेर्ट के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार तृतीय ने मंगलवार को सुनाया है। पढ़िए पूरी खबर ज्वेलरी-शॉप लूटने की कोशिश करने वाले बदमाश को मारी गोली; जैतपुरा पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचे बदमाश वाराणसी के जैतपुरा की ज्वेलरी शॉप में लूटपाट के इरादे से घुसने वाले दोनों बदमाश बुधवार की भोर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। लुटेरों की तलाश में जुटी पुलिस टीम से उसकी मुठभेड़ हो गई। चार राउंड फायरिंग के बीच एक आरोपी को गोली लगी तो दूसरे ने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया, वहीं घायल को उपचार के लिए कबीरचौरा अस्पताल भेजा गया। जानकारी के बाद एसीपी चेतगंज गौरव कुमार मौके पर पहुंचे और फोरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्य जुटवाए। पुलिस की कार्रवाई से सराफा कारोबारियों ने राहत की सांस ली। पढ़िए पूरी खबर

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन:लखनऊ PGI में आखिरी सांस ली; ब्रेन हेमरेज के बाद कराया गया था एडमिट

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन:लखनऊ PGI में आखिरी सांस ली; ब्रेन हेमरेज के बाद कराया गया था एडमिट अयोध्या में भगवान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने लखनऊ पीजीआई में बुधवार को आखिरी सांस ली। 3 फरवरी को ब्रेन हैमरेज के बाद उनको अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया। तब से उनका इलाज चल रहा था। सत्येंद्र दास 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर भागे थे। तब से लेकर आज तक राम लला की सेवा कर रहे थे। संत कबीरनगर में जन्मे, अयोध्या में बीता जीवन
सत्येंद्र दास का जन्म संतकबीरनगर जिले में 20 मई, 1945 में हुआ हुआ था। जो अयोध्या से 98.4 किमी की दूरी पर है। वे बचपन से ही भक्ति भाव में रहते थे। उनके पिता अकसर अयोध्या आया करते थे, वह भी अपने पिता के साथ अयोध्या घूमने आया करते थे। यहां उनके पिता अभिरामदास जी के आश्रम में आते थे। सत्येंद्र दास भी अभिराम जी के आश्रम में आने लगे थे। अभिराम दास वही थे, जिन्होंने राम जन्मभूमि में 22-23 दिसंबर 1949 में गर्भगृह में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता जी मूर्तियों के प्रकट होने का दावा किया था। इन्हीं मूर्तियों के आधार पर आगे की लड़ाई लड़ी गई। मूर्तियों के प्रकट होने के दावे और अभिराम दास जी की रामलला के प्रति सेवा देखकर सत्येंद्र दास बहुत प्रभावित हुए। उन्हीं के आश्रम में रहने के लिए उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया था। सत्येंद्र दास ने 1958 में घर छोड़ दिया था। उनके परिवार में दो भाई और एक बहन थीं, लेकिन बहन का निधन हो चुका है। उन्होंने जब अपने पिता को संन्यास लेने का फैसला सुनाया तो उनके पिता ने भी कोई आश्चर्य जाहिर नहीं किया। साथ ही उन्होंने आशीर्वाद दिया और कहा कि मेरा एक बेटा घर संभालेगा और दूसरा रामलला की सेवा करेगा। जानिए कैसे राम मंदिर से जुड़े
1992 में रामलला के पुजारी लालदास थे। उस समय रिसीवर की जिम्मेदारी रिटायर जज पर हुआ करती थी। उस समय जेपी सिंह बतौर रिसीवर नियुक्त हुए थे। फरवरी 1992 में मौत हो गई, तो राम जन्मभूमि की व्यवस्था का जिम्मा जिला प्रशासन को दिया गया। तब पुजारी लालदास को हटाने की बात हुई। उस समय तत्कालीन भाजपा सांसद विनय कटियार विहिप के नेताओं और कई संत जो विहिप नेताओं के संपर्क में थे। उनसे सत्येंद्र दास के घनिष्ठ संबंध थे। इसके बाद 1 मार्च 1992 को सत्येंद्र दास की नियुक्ति हो गई। उन्हें अधिकार मिला था कि वो 4 सहायक पुजारी भी रख सकते हैं। तब उन्होंने 4 सहायक पुजारियों को रखा था। उनमें संतोष तिवारी भी शामिल थे। 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद यहां के पुजारियों की जिम्मेदारियां बढ़ा दी गई। सत्येंद्र दास को ही मुख्य पुजारी रखा गया। खबर लगातार अपडेट की जा रही है…..

ज्वेलरी-शॉप लूटने की कोशिश करने वाले बदमाश को मारी गोली:जैतपुरा पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचे बदमाश, दिनदहाड़े वारदात से उठे थे सवाल

ज्वेलरी-शॉप लूटने की कोशिश करने वाले बदमाश को मारी गोली:जैतपुरा पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचे बदमाश, दिनदहाड़े वारदात से उठे थे सवाल वाराणसी के जैतपुरा की ज्वेलरी शॉप में लूटपाट के इरादे से घुसने वाले दोनों बदमाश बुधवार की भोर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। लुटेरों की तलाश में जुटी पुलिस टीम से उसकी मुठभेड़ हो गई। चार राउंड फायरिंग के बीच एक आरोपी को गोली लगी तो दूसरे ने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया, वहीं घायल को उपचार के लिए कबीरचौरा अस्पताल भेजा गया। जानकारी के बाद एसीपी चेतगंज गौरव कुमार मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्य जुटवाए। पुलिस की कार्रवाई से सराफा कारोबारियों ने राहत की सांस ली। सबसे पहले बताते हैं घटनाक्रम
वाराणसी के जैतपुरा में शुक्रवार दोपहर दो हथियार बंद बदमाश हेलमेट लगाकर हर्ष सोनी की ज्वेलरी शॉप में घुस गए। शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे दुकान में घुसे दोनों हेलमेट लगाए थे। दुकानदार की गर्दन पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इससे वह चोटिल होकर जमीन पर गिर पड़ा। इसी बीच एक बदमाश अपने साथी से बोला- बैग में पूरा सामान भर लो। यह सुनते ही दुकानदार दोनों बदमाशों से भिड़ गया। इस बीच एक बदमाश उस पर लगातार लोहे की रॉड से हमला करता रहा। लेकिन, दुकानदार ने हार नहीं मानी और दोनों बदमाशों को दुकान के बाहर धक्का दे दिया। फिर शोर मचाने लगा। यह देख दोनों बदमाश स्कूटी से भाग गए। ज्वैलर्स की दुकान से करीब 50 मीटर दूर मोड़ पर उनकी स्कूटी खड़ी थी। सीसीटीवी में कैद हो गई पूरी वारदात औसानगंज में रहने वाले हर्ष सोनी ने दो साल पहले ज्वेलरी की दुकान खोली थी। उनके परिवार की दो दुकानें बड़ी बाजार में पहले से हैं। यह पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। वारदात करने से पहले दोनों बदमाशों ने एक घंटे तक दुकान की रेकी की थी। एक घंटे पहले दोनों बदमाश स्कूटी से पहुंचे थे। जैसे ही लोग नमाज करने गए, सन्नाटा होने पर दोनों बदमाश ज्वैलर्स की दुकान में घुस गए। एसीपी गौरव कुमार ने बताया कि हर्ष सोनी की दुकान में लूट का प्रयास करने वाले नाटी इमली निवासी मो. शोएब को पुलिस ने मुठभेड़ में धर दबोचा। बघवा नाला के पास जवाबी कार्रवाई में शोएब को पैर दाएं पैर में गोली लगी है। जबकि उसके दोस्त सूरत के फहीम शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है।

संत प्रेमानंद की शरण में पहुंचे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह:कहा- कई एनकाउंटर किए अब पश्चाताप कैसे करूं, महाराज बोले- प्रभु चरणों में समय दें

संत प्रेमानंद की शरण में पहुंचे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह:कहा- कई एनकाउंटर किए अब पश्चाताप कैसे करूं, महाराज बोले- प्रभु चरणों में समय दें महाराज जी! मैं पुलिस में थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में नियुक्त हूं। मैंने अब तक बहुत एनकाउंटर किए हैं। मुझे इसके लिए कई पुरस्कार मिले हैं। राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। 22 जनवरी को जिस दिन राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा हो रही थी। उस दिन बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मृत्यु का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से मैं बच गया। अब मेरा प्रश्न यह है कि मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं, मन विचलित रहता है, पश्चाताप क्या होगा?’ ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह ने संत प्रेमानंद जी महाराज किया। मुनेश अपने परिवार के साथ 10 फरवरी को मथुरा पहुंचे थे। उन्होंने कहा- मैंने 32 साल इस नौकरी को दिए हैं। मगर अब मन अशांत है। संत प्रेमानंद जी महाराज ने SSI से कहा- थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें। प्रार्थना करें, हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं। पाप मिले हैं, वो दूर हो जाएं। संत प्रेमानंद महाराज ने उन्हें क्या रास्ता बताया? प्रभु को वह कैसे पा सकते हैं? पढ़िए रिपोर्ट…। सबसे पहले पढ़िए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह
मुनेश सिंह आगरा जिले के छाता इलाके के रहने वाले हैं। मुनीश के दो बच्चे हैं। पत्नी बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहती हैं। वह पिछले डेढ़ साल से मेरठ में तैनात हैं। मुनेश सिंह 2016 में दरोगा बने। मेरठ से पहले गाजियाबाद में तैनात थे। 23 जनवरी 2024 को राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा के दिन रात में वह मेरठ में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान बदमाश कार चोरी कर भाग रहे थे। मुठभेड़ में एक गोली मुनेश के सीने से पार हो गई थी। गाजियाबाद के कौशांबी स्थित मैक्स हॉस्पिटल में ICU में 11 दिन इलाज चला। गाजियाबाद में बदमाश राकेश दुजाना का एनकाउंटर करने वाली टीम में भी शामिल थे। इसके लिए उन्हें 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। अब पढ़िए मुनेश सिंह के सवाल और प्रेमानंद महाराज के जवाब मुनेश- महाराज जी, मैंने बहुत एनकाउंटर किए। मुझे बहुत सम्मान भी मिले। राष्ट्रपति से वीरता पदक मिला। पिछले साल 22 जनवरी को बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मुझे गोली लगी थी। प्रभु की कृपा से मैं बच गया। मगर अब मेरा मन अशांत रहता है, प्रायश्चित कैसे करूं, मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं?
प्रेमानंद – मनुष्य जीवन का मूल कर्तव्य भगवत प्राप्ति है। सांसारिक धर्म निर्वाह के चक्कर में मूल कर्तव्य से वंचित हो जाए तो ठीक नहीं है। अगर आपका मन आपका साथ दे तो भगवत प्राप्ति के लिए समय निकालिए। प्रेमानंद- नौकरी में कितना समय दिया?
मुनेश- महाराज जी 32 साल।
प्रेमानंद- बहुत समय दिया। कोई नशा तो नहीं करते?
मुनेश- कोई नशा नहीं करता। कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया संत प्रेमानंद महाराज ने ​कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया। कहा- जब कालयवन के द्वारा भगवान मुचकुंद को कंदरा में ललकार मिली तो भगवान ने उसे अपने पीछे दौड़ाया। भगवान कालयवन को गुफा में ले गए, वहां उसको अपना पीतांबर ओढ़ाया। कहा कि तुम इस जन्म में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। क्योंकि तुमने बहुत से वध किए हैं, शिकार आदि में पशुओं और युद्ध आदि में इंसानों के, इसलिए तुम इस रूप में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। तुम्हें एक जन्म और लेना पड़ेगा और अब तुम ब्रहमऋषि कुल में जन्म लोगे और भक्ति कर मुझे प्राप्त करोगे। अब भगवान के चरणों में समय दो
स्वामी प्रेमानंद जी ने मुनेश सिंह से कहा- अब थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें, ताकि हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं, पाप मिले हैं वो दूर हो जाएं। अगला जन्म भी मिले तो हम देशभक्त बनें, भगवान के भक्त बनें। हम अब इसके नीचे न जाएं, मनुष्य योनि के नीचे न जाएं, अन्य योनियों के नीचे न जाएं। आधा जीवन तो आपने दे ही दिया भारत को अब भगवान को दे दीजिए। अपने समाज में रहकर आप रिटायर भी रहेंगे तो जिसकी प्रवृत्ति अच्छी होती है। वो समाज में भी अपना अच्छा वातावरण फैलाता है। युवाओं के मार्गदर्शक बनो
प्रेमानंद महाराज ने कहा- नए लड़के जो फोर्स में जाने वाले हैं, उनको गाइड करें। उनको तैयार करें, रिटायर होकर भी आप भारत सरकार की सेवा कर सकते हैं। अब जो जीवन बचा है उसे भगवान को दे दो, अब जीवन को अखिल कोटि ब्रह्मांड सरकार के चरणों में लगा दो। मुनेश बोले- बिना आपको सुने नींद नहीं आती मुनेश सिंह ने कहा- मैं रात को भी ड्यूटी से आकर आपको देर रात तक सुनता हूं। चाहे रात में 11-12 बजे कभी भी ड्यूटी से लौटूं। आपकी बातों को जरूर सुनता ही हूं। जब मैं 11 दिन अस्पताल में रहा, तब भी आपको सुनता रहा, बिना आपको सुने नींद नहीं आती। …………….. ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ-माघ पूर्णिमा पर 73 लाख ने डुबकी लगाई:10 किमी तक भीड़, 15 जिलों के DM तैनात; योगी वॉर रूम से कर रहे मॉनिटरिंग महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। प्रयागराज में जबरदस्त भीड़ है। संगम से 10 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 6 बजे तक ही 73 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। श्रद्धालु पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल बरसाए गए। प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर

लखनऊ में साइबर ठग गैंग चुरा रहा मोबाइल:झारखंड के तीन पहाड़ गांव से ऑपरेट हो रहा, साइबर टीम कर रही धरपकड़

लखनऊ में साइबर ठग गैंग चुरा रहा मोबाइल:झारखंड के तीन पहाड़ गांव से ऑपरेट हो रहा, साइबर टीम कर रही धरपकड़ लखनऊ में साइबर ठगों का गैंग फोन चोरी और लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। जिसके बाद मोबाइल से कनेक्ट अकाउंट खाली कर दे रहे हैं। झारखंड के तीन पहाड़ इलाके से यह पूरा गैंग ऑपरेट हो रहा है। लखनऊ में इस गैंग के तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसको लेकर साइबर थाना की टीम इस गैंग की धरपकड़ के लिए लग गई है। साइबर टीम जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों का गिरफ्तार करने का दावा कर रही है। साइबर थाना प्रभारी ब्रजेश यादव ने बताया कि आजकल शहर में मोबाइल चोरी कर साइबर ठगी का नया तरीका सामने आया है। जिसको झारखंड में बैठे साइबर ठग चला रहे हैं। लखनऊ में कर्नल समेत चार लोगों के साथ हुआ फ्राड पिछले दिनों कर्नल संतोष कुमार मिश्रा का साथ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के पास फल खरीदते वक्त मोबाइल चोरी हो गया था। उसके बाद से उनके उस फोन में पड़े नंबर से लिंक खातों और क्रेडिट कार्ड से 7.50 लाख रुपए निकाल लिए गए। जिसकी पीजीआई थाने में उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसी गोमतीनगर विस्तार में व्यापारी राम का आई फोन चोरी हुआ और कई बार में लाखों रुपए निकल गए। इसी तरह की कई शिकायतें थानों, साइबर सेल और साइबर थाने पर आना शुरू हो गई। जिसके बाद साइबर टीम की जांच में खुलासा हुआ कि इसके पीछे झारखंड का एक गिरोह शामिल है। जिसकी तलाश तेज कर दी गई है। इस तरह हुआ गैंग का खुलासा
पुलिस के मुताबिक पीजीआई में दर्ज कर्नल की शिकायत पर मुकदमे साइबर टीम ने जांच शुरू की। जिसके आधार पर तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जिसमें एक नाबालिग था। उनके पास से चोरी के 7 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। पकड़े गए गोविंदा कुमार महतो और सूरज नोनिया के साथ नाबालिग भी झारखंड के साहेबगंज के तीन पहाड़ गांव के रहने वाले थे। उन्होंने बताया कि वह लोग चोरी के मोबाइल का डाटा अपने साथियों को भेजते हैं। जिसके बाद ठगी होती है। कैसे करते थे साइबर फ्रॉड की वारदात
साइबर टीम को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका टारगेट आई फोन और कीमती मोबाइल पर होता है। इसके लिए नाबालिगों को लगाया जाता है। वहीं उनके पीछे गैंग के लोग रहते हैं, ताकि पकड़े जाने पर भीड़ से बच्चा बताकर बचा सकें। इसके बाद चोरी के मोबाइल फोन का लॉक व आई क्लाउड लॉक को तुड़वाकर फोन में पड़े सिमकार्ड से लिंक बैंक अकाउंट का डिजिटल ई-वॉलेट बनाकर अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं। इसके लिए यह क्रेड एप का भी प्रयोग करते हैं। चोरी के मोबाइल को नेपाल और बांग्लादेश देते बेंच
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि साइबर ठगी के बाद चोरी और लूट के मोबाइल फोन को नेपाल और बांग्लादेश भेजकर बेंच देते हैं। जिससे पुलिस इनको ट्रेस नहीं कर पाती। गंगा नदी में नाव पर चलता है गिरोह का ऑफिस
साइबर थाना प्रभारी का कहना है कि यह लोग बहुत शातिर हैं। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए नदी में बैठकर ठगी करते हैं। जिससे पुलिस के पहुंचने से पहले नाव लेकर भाग जाए। जांच में सामने आया है कि झारखंड में तीन पहाड़ गांव गंगा नदी के किनारे है। यहां के डेढ़ सौ घर में से सौ में इसी तरह का काम आजकल हो रहा है। भरतपुर की तरह यहां के भी लोगों का मूल काम चोरी हुआ करता था। यहां के लोगों ने समय के साथ मोबाइल चोरी के साथ साइबर ठगी का काम शुरू कर दिया। यह गैंग यूपी, एमपी, राजस्थान और मुंबई में भी घटनाओं को अंजाम दे रहा है।

डिजिटल मर्डर, सुसाइड से पहले बेटी से की बात:प्रतापगढ़ में बेटा बोला- पापा ने पड़ोसी से पैसे लेकर जालसाजों को दिए

डिजिटल मर्डर, सुसाइड से पहले बेटी से की बात:प्रतापगढ़ में बेटा बोला- पापा ने पड़ोसी से पैसे लेकर जालसाजों को दिए सुसाइड करने से पहले पापा ने दोपहर एक बजे मुझे फोन किया था। परेशान लग रहे थे, मैंने पूछा- क्या हुआ? परेशान क्यों हो, मम्मी परेशान कर रही हैं क्या? उन्होंने कहा- नहीं। फिर मैंने कहा- पापा कहां हो? तो बोले- ड्यूटी पर हूं। इसके बाद हालचाल लेकर फोन रख दिया। 4 घंटे बाद सूचना मिली कि पापा ने सुसाइड कर लिया। यह कहना है प्रतापगढ़ के ज्ञानदास की बेटी का। ज्ञानदास ने साइबर जालसाजों के डर से सुसाइड कर लिया। डिजिटल मर्डर के 4 आरोपियों को पुलिस ने कानपुर से अरेस्ट किया। उनके 4 साथी फरार हैं। आरोपियों ने ज्ञानदास को धमकी दी थी कि तुम ड्रग्स बेचते हो। बचना चाहते हो तो रुपए जल्दी भेज दो। 3 दिन बाद ज्ञानदास का शव खेत में फंदे से लटका मिला। दैनिक भास्कर की टीम ने ज्ञानदास के परिजनों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट। पहले जानिए पूरा मामला… प्रतापगढ़ के सुवांसा गांव निवासी ज्ञानदास सफाई कर्मचारी थे। 26 जनवरी को उन्हें अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने ड्रग्स बेचने के सबूत होने की बात करते हुए मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। पैसे की डिमांड की। यह सिलसिला तीन दिन तक चला। पहले दिन 20 हजार रुपए, दूसरे दिन 45 हजार रुपए और फिर 20 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। इसके बाद भी ज्ञानदास को जेल भेजने की धमकी देने लगे तो वह दहशत में आ गया। उसे लगा कि अब उसकी सच्चाई गांव के सामने आ जाएगी। इसके बाद उसने 30 जनवरी की शाम 4 बजे घर के पीछे एक पेड़ से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। कैसे गैंग तक पहुंची पुलिस SP प्रतापगढ़ डॉ. अनिल कुमार ने बताया ज्ञानदास के भाई ने धमकी भरे कॉल के बारे में बताया। ज्ञानदास की कॉल डिटेल चेक की गई तो सामने आया कि 26 से 28 जनवरी के बीच में उसे 32 इनकमिंग कॉल हुई थी। चूंकि गैंग स्टूडेंट थे, इसलिए जिन नंबरों से धमकाते थे, वह ऑन कर रखे हुए थे। इस तरह से पुलिस इन आरोपियों तक पहुंच गई। फर्जी ID, सिम कार्ड, नंबरों की लिस्ट, बैंक रसीदें मिलीं पुलिस को लड़कों के पास से फर्जी क्राइम ब्रांच के आईकार्ड, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और फोन पे, पेटीएम के QR कोड मिले। अलग–अलग दुकानों के गहनों के बिल, बैंक रसीदें और 16030 रुपए बरामद हुए। अब पढ़िए ज्ञानदास के परिजनों की पूरी बातचीत…. दैनिक भास्कर की टीम गांव सुवांसा पहुंची। पहले गांव वालों से बात हुई। पता चला ज्ञानदास सफाई कर्मचारी पद पर तैनात थे। वह दो भाई हैं। दूसरे भाई प्रेमदास मिर्जापुर में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO ) हैं। ज्ञानदास के 3 बेटी और एक बेटा है। दो बेटी की शादी कर चुके हैं। बेटा आईआईटी करने के बाद बेंगलुरु में इंजीनियर है। बहुत डरे–सहमे थे ज्ञानदास के परिवार वाले टीम ज्ञानदास के घर पहुंची। पहले तो परिजन बात करने के लिए तैयार नहीं हुए। वह बहुत डरे–सहमे थे। हमारे समझाने पर आधे घंटे बाद बमुश्किल तैयार हुए, लेकिन कैमरे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। नाम भी नहीं बताया। कहा, हम बिना कैमरे के ऐसे ही आपसे बात करेंगे। बड़े पापा से कहा– ज्ञानदास आए तो मेरी बात कराना
ज्ञान दास की मंझली बेटी ने बताया– मेरे पापा के मोबाइल पर 1 फरवरी को करीब 11:00 बजे रात में फोन आया। मेरे बड़े पापा प्रेमदास ने फोन उठाया। पूछा– कौन? तो उधर से जवाब मिला की ज्ञान दास कहां है? मेरी बात करोओ। बड़े पापा ने कहा वह बाहर गए हैं। कॉलर बोला– आएंगे तो मेरी बात करा देना। इसके बाद मेरे बड़े पापा को कुछ शक हुआ तो दूसरे दिन पुलिस से शिकायत की। पापा पड़ोसी से रुपए लेकर आए और आरोपियों को भेजे
ज्ञानदास के बेटे मुकेश (25) ने बताया- 26 जनवरी को रात में करीब 10 बजे पहला कॉल आया। इसके बाद पापा 11 बजे पड़ोसी से उधार पैसा मांगने चले गए। पड़ोसी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि ज्ञानदास करीब 11 बजे मेरे घर आए। मुझसे 10 हजार रुपए ऑनलाइन मांगे। पूछा, क्या करोगे तो जवाब मिला की मौसा सीरियस हैं, आईसीयू में भर्ती हैं। वह ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कराने के बाद घर चले गए। 10 हजार रुपए आरोपियों को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। 28 तारीख को मां का गहना भी 20 हजार रुपए में गिरवी रख दिया था। पापा ने 4 लोगों से ऑनलाइन पैसा उधार लिया था। 85 हजार रुपए ट्रांसफर किए। तीन दिन बाद पापा ने सुसाइड कर लिया। पिता बोले– मेरा बेटा कभी गमछा लेकर ड्यूटी नहीं जाता था ज्ञानदास के 70 साल के पिता मोहन दास ने बताया- 30 तारीख को सुबह रोज की तरह घर का पूरा काम करने बाद खाना खाकर बेटा घर से ड्यटी के लिए निकला था। करीब 2:00 बजे मैं ट्यूबवेल पर गया। एक घंटे तक वहां बेटे के ड्यूटी से आने का इंतजार किया। इसके बाद जब पीछे की तरफ गया तो देखा कि ज्ञानदास का शव का पेड़ से लटका था। गमछे का फंदा बनाया था। 30 तारीख को गमझा लेकर कर गया था। यह खबर भी पढ़ें… यूपी में क्राइम ब्रांच अफसर बनकर ‘डिजिटल मर्डर’:झूठे केस की धमकी दी; पत्नी के गहने गिरवी रखवाए, 81 हजार वसूले; युवक ने फांसी लगाई प्रतापगढ़ के एक युवक को साइबर ठगों ने इस कदर ब्लैकमेल किया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यूपी पुलिस ने इस केस को डिजिटल मर्डर करार दिया है। ज्ञानदास प्रयागराज के फूलपुर में पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी थे। जालसाजों ने क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर उनसे 3 दिन में 81 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। उन्हें ड्रग्स बेचने के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहे। पढ़ें पूरी खबर

लखनऊ वॉर रूम से योगी महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे:सुबह 4 बजे से अफसरों के साथ देख रहे CCTV, पुलिस लगातार कर रही अनाउंस

लखनऊ वॉर रूम से योगी महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे:सुबह 4 बजे से अफसरों के साथ देख रहे CCTV, पुलिस लगातार कर रही अनाउंस महाकुंभ में आज माघ पूर्णिमा का स्नान चल रहा है। योगी ने अफसरों से फोन पर बात की। सुबह 4 बजे से योगी लखनऊ में वार रूम में बैठे महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनके साथ डीजी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और कई सीनियर अफसर हैं। सीएम CCTV देख रहे हैं। अफसरों से हर पल की अपडेट ले रहे। DIG वैभव कृष्ण मेला क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा- माघ पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए यहां पहुंच रहे हैं। हमारी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। सब कुछ नियंत्रण में है। पार्किंग, ट्रैफिक डायवर्जन, सबकुछ सक्रिय है। भक्त नियमों और विनियमों का पालन कर रहे हैं। भीषण जाम के बाद ट्रैफिक प्लान में बदलाव
प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन पार्किंग से शटल बसें चला रहा है। हालांकि, यह बेहद सीमित हैं। 15 जिलों के डीएम तैनात
संगम पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। वहां लोगों को रुकने नहीं दे रहे हैं, ताकि भीड़ न बढ़ पाए। ज्यादातर लोगों को बाकी घाटों पर स्नान के लिए भेजा जा रहा है। भीड़ कंट्रोल के लिए पहली बार मेले में 15 जिलों के डीएम, 20 IAS और 85 PCS अफसर तैनात किए गए हैं। जाम के बाद प्रशासन अलर्ट आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे
महाकुंभ का आज 31वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 46 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। संगम से 10 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। सीएम योगी ने सोमवार को महाकुंभ को लेकर अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान CM ने कई निर्देश दिए। पॉइंट वार पढ़िए- ———————————————– ये भी पढ़ें…. महाकुंभ-माघ पूर्णिमा पर 73 लाख ने डुबकी लगाई:10 किमी तक भीड़, 15 जिलों के DM तैनात; योगी वॉर रूम से कर रहे मॉनिटरिंग महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान पर्व शुरू हो चुका है। प्रयागराज में जबरदस्त भीड़ है। संगम से 10 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 6 बजे तक ही 73 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। पढ़ें पूरी खबर…