मिल्कीपुर जीत से भाजपा ने नाक बचाई, संदेश-अयोध्या छीन ली:योगी मजबूत होंगे, सपा को तरकस में नए तीर लाने होंगे…रिजल्ट का एनालिसिस

मिल्कीपुर जीत से भाजपा ने नाक बचाई, संदेश-अयोध्या छीन ली:योगी मजबूत होंगे, सपा को तरकस में नए तीर लाने होंगे…रिजल्ट का एनालिसिस ‘अयोध्या के मिल्कीपुर में भी भाजपा को शानदार जीत मिली है। हर वर्ग ने भारी संख्या में भाजपा के लिए मतदान किया। आज देश तुष्टिकरण नहीं, भाजपा के संतुष्टिकरण की पॉलिसी को चुन रहा है।’ मोदी का यह दिल्ली में दिया गया विजयी भाषण है। मोदी ने मिल्कीपुर की जीत का जिक्र करके देश को संदेश देने की कोशिश की है कि हम अयोध्या फिर जीत गए…। अंदाजा लगा सकते हैं, मिल्कीपुर की जीत भाजपा के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। भाजपा ने 8 महीने में सपा से यह सीट छीन ली, बड़े अंतर से। समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर विधायक अवधेश प्रसाद को सांसद का टिकट दिया और वह जीत गए। तभी से सीट खाली थी। सपा ने अवधेश के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया तो भाजपा ने नए और साफ-सुथरे चेहरे पर दांव लगाया। लोकसभा चुनाव में 7,733 वोटों से पीछे रहने वाली भाजपा ने 61 हजार से ज्यादा के मार्जिन से जीत हासिल की। भाजपा और योगी देश में संदेश देना चाहते थे कि हम अयोध्या में कमजोर नहीं हुए। यह रणनीति कामयाब रही। इस जीत के मायने, हार-जीत के कारण और उत्तर प्रदेश की सियासत में इस जीत का क्या असर होने वाला है, इसे 11 सवालों के जवाब में समझिए… 1- मिल्कीपुर की जीत भाजपा के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
1967 में अस्तित्व में आई मिल्कीपुर सीट पर 17 बार चुनाव हुए। इससे पहले भाजपा केवल 2 बार ही जीती। मिल्कीपुर सीट अयोध्या (फैजाबाद) संसदीय क्षेत्र में आती है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के 3 महीने बाद हुए हुए लोकसभा चुनाव में अयोध्या हारने पर भाजपा की देश-दुनिया में बदनामी हुई। इसलिए भी मिल्कीपुर को जीतना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा वापस पाने की लड़ाई थी। 2- तो क्या भाजपा ने मिल्कीपुर जीतकर अयोध्या हार का बदला लिया?
बिलकुल। भाजपा यही जता भी रही है। अयोध्या लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं। लोकसभा चुनाव में अयोध्या को छोड़कर बाकी 4 पर भाजपा हारी थी। मिल्कीपुर में 7,733 वोटों से भाजपा हारी थी। अब 61 हजार 636 वोटों के बड़े अंतर से सपा प्रत्याशी को हराकर भाजपा यही बता रही है कि अयोध्या हम नहीं हारे हैं। भाजपा यह नरेटिव भी बनाएगी कि संविधान और आरक्षण का मुद्दा जहां से उठा, वहीं खत्म हो गया। 3- सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से क्या भाजपा यह चुनाव जीत पाई?
उपचुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप कोई नई बात नहीं है। पहले की सरकारों में भी यह होता रहा है और अब भी हो रहा है। कुछ हजार का अंतर तो ठीक है लेकिन 61 हजार का मार्जिन अकेले सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से हासिल करना थोड़ा मुश्किल है। बूथ प्रबंधन से लेकर भाजपा की टाइट चुनावी रणनीति इस जीत में अहम वजह रही है। पार्टी ने हर जाति के वोटर को साधने के लिए उस जाति के प्रभावी लीडर को जिम्मेदारी सौंपी। यादवों को साधने के लिए विधायक रामचंद्र यादव, ब्राह्मणों को साधने लिए खब्बू तिवारी और ठाकुरों को साधने के लिए लल्लू सिंह और सपा के बागी अभय सिंह को लगाया। 4- इस जीत का अभी और आगे क्या कोई भारी असर पड़ने वाला है?
1 सीट से नंबर में कोई अंतर नहीं आएगा। फर्क दिखेगा लीडरशिप के कामकाज में, उनके कॉन्फिडेंस में। विधानसभा के अंदर योगी और उनकी सरकार ज्यादा हमलावर होगी। लोकसभा चुनाव में 29 सांसद गंवाने के बाद उत्तर प्रदेश की भाजपा लीडरशिप में निराशा थी, 2027 के चुनाव के नतीजों को लेकर सवाल उठाए जाने लगे थे। पार्टी में अंतर्कलह भी सामने आई। 9 सीटों के उपचुनाव और अब मिल्कीपुर के नतीजों के बाद तय हो गया कि सीएम योगी आगे और ताकतवर होंगे। 5- कैंडिडेट चयन का हार-जीत में कितना असर रहा?
इसका बड़ा असर रहा। समाजवादी पार्टी ने परंपरागत परिवार को टिकट दिया। सांसद अवधेश प्रसाद ने अपने बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा। भाजपा ने परिवारवाद का मुद्दा जोरशोर से उठाते हुए बिलकुल नए चेहरे को मैदान में उतारा। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान पहली बार चुनाव लड़े। पेशे से कपड़ा व्यापारी चंद्रभानु की साफ-सुथरी इमेज ने वोटरों को प्रभावित किया। 6- सपा कार्यकर्ताओं पर रेप केस, रिजल्ट पर इसका कोई प्रभाव दिखा?
दलित युवती से रेप में अयोध्या के सपा कार्यकर्ता मुईद खान फिर नवाब सिंह यादव का नाम आया। इन्होंने अपराध किया है या नहीं, यह तो कोर्ट के फैसले से पता चलेगा लेकिन भाजपा यह माहौल बनाने में कामयाब रही कि इनके लोग अपराध में लिप्त हैं। वोटर्स में इसका ज्यादा न सही थोड़ा असर रहा है। बेटियों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा बनी रही। 7- सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद अपने बूथ पर भी हार गए, इसका क्या मतलब हुआ?
इस बूथ पर सामान्य खासकर ब्राह्मण वोटर्स ज्यादा हैं। अवधेश प्रसाद पुराने और जमे जमाए नेता हैं, इसलिए उन्हें इनके वोट मिलते रहे। अजीत प्रसाद की छवि आस-पड़ोस में ठीक नहीं है। उन पर जमीन कब्जाने, आम पब्लिक से विवाद करने जैसे आरोप भी थे। परिवारवाद बड़ा मुद्दा था ही, इसलिए बूथ के वोटर्स ने भी इन्हें हरा दिया। 8- 403 सीट की विधानसभा में एक सीट बढ़ने से क्या फर्क पड़ जाएगा?
आंकड़ों की बात करे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन भाजपा मनौवैज्ञानिक रूप से ताकतवर हो जाएगी। खासकर योगी के तेवर फिर देखने लायक होंगे। 2022 में भाजपा ने 255 सीटें जीती, पिछले उपचुनाव के बाद यह संख्या बढ़कर 257 हो गई, अब यह 258 हो गई। एनडीए के 291 विधायक हैं। बहुमत के लिए 202 सीटें ही चाहिएं। 9- क्या सपा का पीडीए अब असरदार नहीं रहा?
ऐसा नहीं कह सकते। राजनीति में समीकरण बनते-बिगड़ते देर नहीं लगती। अलबत्ता कुंदरकी, मीरापुर के बाद मिल्कीपुर जीतकर भाजपा ने यह जताने की कोशिश जरूर की है कि सपा का पीडीए फार्मूला असरदार नहीं रहा और इसकी काट उन्होंने ढूंढ ली है। 10- इस हार में समाजवादी पार्टी के लिए क्या संदेश दिखता है?
लड़ाई बड़ी हो या छोटी, ताकत पूरी लगानी पड़ेगी। सीएम योगी ने यहां 6 महीने में 6 सभाएं की। हर बूथ की माइक्रो वर्किंग की। भाजपा का जो वोटर नहीं निकलता था, उसे इस बार पोलिंग बूथ तक पहुंचाया। परिवारवाद और पुराने चेहरों की बजाय नए और साफ-सुथरा कैंडिडेट को उतारना होगा। सपा को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। पीडीए के अलावा तरकस में नए तीर-कमान लाने होंगे। और अंत में… 11- चुनाव से ठीक पहले अवधेश प्रसाद के रोने का भी वोटरों पर कोई असर नहीं हुआ?
बिलकुल हुआ…लेकिन नेगेटिव। सांसद जिस ढंग से रोये, वह वोटरों को शायद पसंद नहीं आया। लोग कह रहे थे- सांसद के रोने में फीलिंग नहीं थी। —————————– यह खबर भी पढ़ें अवधेश के आंसू फेल कर भाजपा ने मिल्कीपुर जीता, RSS घर-घर पहुंचा, अजीत प्रसाद की इमेज परिवारवाद तक समेटी, जीत की ग्राउंड जीरो स्ट्रैटजी मिल्कीपुर सीट BJP ने जीत ली। सपा से फैजाबाद सीट पर हुई हार का बदला सिर्फ 8 महीने में ले लिया। दरअसल, 5 फरवरी को हुई रिकॉर्ड वोटिंग ने ही BJP की जीत के संकेत दे दिए थे। चंद्रभानु पासवान मिल्कीपुर सीट से विधायक बन गए हैं। उन्होंने सपा कैंडिडेट अजीत प्रसाद को 61 हजार वोट के बड़े अंतर से हराया। सपा जिस सीट को अपना गढ़ बता रही थी, वहां के लोगों ने कमल को चुनकर सबको चौंका दिया। यहां पढ़ें पूरी खबर

महाकुंभ जाने वाले ट्रेन के इंजन में श्रद्धालुओं का कब्जा:GRP के सिपाही ने थप्पड़ मारकर उतारे; हरदोई में खड़ी ट्रेन में नहीं घुस पाए यात्री

महाकुंभ जाने वाले ट्रेन के इंजन में श्रद्धालुओं का कब्जा:GRP के सिपाही ने थप्पड़ मारकर उतारे; हरदोई में खड़ी ट्रेन में नहीं घुस पाए यात्री महाकुंभ जाने के लिए श्रद्धालुओं की स्टेशनों पर जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। वाराणसी में यात्रियों को जगह नहीं मिली तो ट्रेन के इंजन में ही लोगों ने कब्जा कर लिया। इसके बाद पहुंचे GRP के सिपाही ने लोगों को थप्पड़ मारकर बाहर निकाले। वहीं हरदोई में प्लेटफॉर्म पर खड़ी हुई ट्रेन के दरवाजे नहीं खुलने से यात्री नहीं चढ़ पाए और ट्रेन रवाना हो गई। अब बात वाराणसी के कैंट स्टेशन की
शनिवार को वाराणसी के कैंट स्टेशन पर प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए यात्रियों की भीड़ थी। रात में करीब 1 बजकर 30 मिनट पर प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर ट्रेन खड़ी थी। जब यात्रियों को ट्रेन में जगह नहीं मिली तो एक-एक करके करीब 20 से अधिक यात्री ट्रेन के इंजन में चढ़ गए। और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। पहले 3 तस्वीरें देखिए… लोको पायलट के कहने पर भी नहीं खोला गेट
जब लोको पायलट पहुंचे तो भी लोगों ने अंदर से दरवाजा नहीं खोला। इस दौरान लोको पायलट कहते रहे कि बाहर निकल जाइए लेकिन श्रद्धालु नहीं माने। इस पूरे घटनाक्रम के बाद लोको पायलट ने GRP को बुला लिया। इसके बाद जब GRP के सिपाही पहुंचे। जब श्रद्धालु नहीं उतरे तो सिपाही ने एक-दो यात्रियों को थप्पड़ मारकर नीचे उतारा। लोको पायलट की नहीं सुन रहे थे श्रद्धालु
कानपुर के एक यात्री ने बताया- वह कानपुर जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर देखा कि ट्रेन के इंजन में लोग चढ़ रहे थे। साथ ही हर-हर महादेव के जयकारे भी लगा रहे थे। मैंने तुरंत GRP को जानकारी दी। हरदोई स्टेशन पर ट्रेन में नहीं चढ़ सके यात्री शनिवार देर रात हरदोई स्टेशन पर भी प्रयागराज जाने वाली ट्रेन आकर खड़ी हुई। लेकिन ट्रेन के दरवाजे अंदर से श्रद्धालुओं ने नहीं खोले। जब दरवाजे नहीं खुले तो बाहर के यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान पत्थर फेंककर उन्होंने ट्रेन के शीशे भी तोड़ दिया। वहीं थोड़ी देर बाद सिग्नल होने पर ट्रेन रवाना हो गई। इस दौरान करीब 2 हजार यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ सके। ………………….. ये खबर भी पढ़ें… अवधेश प्रसाद ने बेटे को जिताया:चुनावी मंच से आंसू बहाए, योगी पर बोले- मुझे कुत्ता बनाया; सियासी मोमेंट VIDEO में मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई। लेकिन, सांसद अवधेश प्रसाद अपने बेटे अजीत प्रसाद की जीत को लेकर ओवर-कॉन्फिडेंट थे। इसी के चलते उन्होंने काउंटिंग के दौरान जब भाजपा प्रत्याशी सपा से 35 हजार वोटों से आगे हुआ, तो खुशी से चिल्लाने लगे कि सपा आगे हो गई है। पढ़िए पूरी खबर

सहारनपुर जेल में बंदी रिहाई का आया फर्जी लेटर:आदेश में लिखा- बंदी को रिहा करो, जेल अधीक्षक ने कराया मुकदमा दर्ज

सहारनपुर जेल में बंदी रिहाई का आया फर्जी लेटर:आदेश में लिखा- बंदी को रिहा करो, जेल अधीक्षक ने कराया मुकदमा दर्ज सहारनपुर जिला कारागार में एक फर्जी लेटर ने हड़कंप मचा दिया। राष्ट्रपति भवन के नाम पर भेजे गए इस पत्र में हत्या के आरोपी बंदी अजय की समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया गया था। जेल प्रशासन ने पत्र को संदिग्ध मानते हुए मामले की जांच शुरू कराई और थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। कुछ दिन पहले सहारनपुर जिला जेल को डाक के माध्यम से एक पत्र मिला। इस पत्र में राष्ट्रपति भवन का हवाला देते हुए लिखा गया था कि थाना सरसावा के झरौली निवासी अजय को समय से पूर्व रिहा कर दिया जाए। अजय को 24 नवंबर 2024 को हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और मामला अभी जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित है। पत्र में यह भी दावा किया गया था कि आदेश “राष्ट्रीय विशेष अदालत, राष्ट्रपति भवन” की ओर से जारी किया गया है। जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने पत्र की वैधता को लेकर संदेह जताया। बंदी अजय का पूरा ब्योरा खंगाला गया, लेकिन ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया, जिससे यह पुष्टि हो सके कि राष्ट्रपति भवन की ओर से आदेश जारी किया गया है। इसके बाद अधीक्षक ने थाना जनकपुरी में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया। प्रथम दृष्टया यह मामला फर्जीवाड़े का प्रतीत हो रहा है। जेल प्रशासन का मानना है कि किसी ने बंदी की रिहाई के लिए यह चाल चली है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि पत्र किसने भेजा और इसका उद्देश्य क्या था। थाना जनकपुरी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने बताया, “पत्र की सत्यता संदिग्ध लग रही है। कोर्ट में भी इस तरह के किसी आदेश की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस अब पत्र की जांच अपने स्तर पर करेगी।”

सहारनपुर में आचार्य प्रमोद कृष्णन का बड़ा बयान:बोले- “जब तक राहुल है कांग्रेस का कुछ नहीं हो सकता, उन्हें कोई हटा भी नहीं सकता”

सहारनपुर में आचार्य प्रमोद कृष्णन का बड़ा बयान:बोले- “जब तक राहुल है कांग्रेस का कुछ नहीं हो सकता, उन्हें कोई हटा भी नहीं सकता” सहारनपुर में आचार्य प्रमोद कृष्णन ने शनिवार को एक सभा के दौरान भारतीय राजनीति और सनातन धर्म पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “राजनीति में हार-जीत चलती रहती है, लेकिन यह सनातन का युग है। जो सनातन का झंडा लेकर चलेगा, वही सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा। हाल के दिनों में अरविंद केजरीवाल और विपक्षी दलों ने सनातन का अपमान किया है। अखिलेश यादव, राहुल गांधी और वामपंथी विचारधारा के नेता मिलकर सनातन को मिटाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यह पीएम मोदी की जीत है।” आचार्य प्रमोद ने कहा, “यह मोदी का जादू है, जो न केवल लोगों के दिलों बल्कि उनके दिमागों पर भी छा गया है। यह किसी गठबंधन की हार या जीत नहीं है, बल्कि सिर्फ और सिर्फ मोदी की जीत है।” उन्होंने राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, “जब राहुल गांधी के पक्ष में फैसला होता है, तो वे कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र जिंदा है। लेकिन जब उनके खिलाफ फैसला आता है, तो वे लोकतंत्र के मरने की बात करने लगते हैं। यह रोज लोकतंत्र को मारते हैं और रोज जिंदा करते हैं।” आचार्य प्रमोद ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “इंडिया गठबंधन बेमेल था, जो टूटना ही था। इसकी तेरहवीं नीतीश कुमार ने कर दी, श्राद्ध राहुल गांधी ने और तर्पण अरविंद केजरीवाल ने। इस गठबंधन में न कोई दिशा थी, न विचारधारा।” उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल गांधी का विश्वास न भारत में है, न भारत की सभ्यता, संविधान और संस्कृति में। अगर उन्हें लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है, तो संसद से इस्तीफा दे देना चाहिए।” आचार्य प्रमोद कृष्णन के इन बयानों ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने सीधे तौर पर पीएम मोदी की नीतियों और उनकी लोकप्रियता को ‘सनातन की जीत’ करार दिया है।

अवधेश के आंसू फेल कर भाजपा ने मिल्कीपुर जीता:RSS घर-घर पहुंचा, अजित प्रसाद की इमेज परिवारवाद तक समेटी, जीत की ग्राउंड जीरो स्ट्रैटजी

अवधेश के आंसू फेल कर भाजपा ने मिल्कीपुर जीता:RSS घर-घर पहुंचा, अजित प्रसाद की इमेज परिवारवाद तक समेटी, जीत की ग्राउंड जीरो स्ट्रैटजी मिल्कीपुर सीट BJP ने जीत ली। सपा से फैजाबाद सीट पर हुई हार का बदला सिर्फ 8 महीने में ले लिया। दरअसल, 5 फरवरी को हुई रिकॉर्ड वोटिंग ने ही BJP की जीत के संकेत दे दिए थे। चंद्रभानु पासवान मिल्कीपुर सीट से विधायक बन गए हैं। उन्होंने सपा कैंडिडेट अजीत प्रसाद को 61 हजार वोट के बड़े अंतर से हराया। सपा जिस सीट को अपना गढ़ बता रही थी, वहां के लोगों ने कमल को चुनकर सबको चौंका दिया। 2022 का विधानसभा चुनाव 41.83 फीसदी वोट शेयर के साथ हारने वाली भाजपा ने केवल 2 साल में 60.17 फीसदी वोटों पर कब्जा किया। वहीं, 2022 में सपा से अवधेश प्रसाद 47.99 फीसदी वोट शेयर के साथ जीते थे। इस बार सपा 34.81 फीसदी वोटरों को ही लुभा सकी। BJP ने इतनी मजबूत स्ट्रैटजी बनाई कि अजीत प्रसाद को लोगों ने कभी प्रभावशाली कैंडिडेट माना ही नहीं। RSS के स्वयंसेवक घर-घर पहुंचे। सपा सांसद अवधेश के आंसू फेल साबित कर दिए। उनके बेटे अजीत की इमेज परिवारवाद तक समेट कर रख दी। सबसे पहले 3 चौंकाने वाले फैक्ट… अब BJP की रिकॉर्ड जीत की राह आसान करने वाली 6 स्ट्रैटजी… 1. RSS का मैनेजमेंट, गली-मोहल्लों में 1 हजार बैठकें कीं
चुनाव में सबसे बड़ी मशीनरी के तौर पर RSS (स्वयंसेवक संघ) की भूमिका रही। पर्दे के पीछे स्वयं सेवक घर-घर पहुंचे। BJP को वोट देने के लिए कहा। बताया कि चंद्रभानु अगर विधायक बनते हैं, तो मिल्कीपुर में बदलाव की बयार बहेगी। इस तरह की करीब 1 हजार बैठकें स्वयंसेवकों ने लोगों के साथ कीं। इलेक्शन घोषित होने से पहले से RSS के स्वयंसेवक सक्रिय हो गए थे। जब वोटिंग-डे आया, तब भी लोगों को घर से निकालकर उन्हें बूथ तक लाए। इसका नतीजा हुआ कि रिकॉर्ड 65% वोटिंग हुई। 2. फैजाबाद की हार के बाद ‘अयोध्या बहिष्कार’ को भूलने नहीं दिया
लोकसभा चुनाव- 2024 में फैजाबाद सीट पर BJP की हार हुई, जबकि राम मंदिर बन चुका था। सपा और कांग्रेस के गठबंधन में अवधेश प्रसाद सांसद बने। इसके बाद पूरे यूपी से अचानक अयोध्या बहिष्कार की आवाज गूंजने लगी। लोग अयोध्या जाते तो प्रसाद बाहर से खरीदकर ले जाते। वहां की दुकानों से खरीदारी बंद कर दी। अयोध्या के लोगों को BJP की हार से बेइज्जती जैसा अनुभव होने लगा। BJP के कार्यकर्ता जब लोगों के बीच जाते, तब इसका जिक्र जरूर करते। ताकि लोग ये न भूले कि सपा को चुनने के बाद यूपी के लोगों ने कैसी प्रतिक्रिया दी? इसका फायदा BJP को मिला। 3. चंद्रशेखर के कैंडिडेट को वोट कटुवा साबित किया
मिल्कीपुर सीट पर फाइट सपा और भाजपा की मानी गई। दोनों पार्टियों ने दलित वोटर को देखते हुए पासवान कैंडिडेट उतारे। चंद्रशेखर ने भी दलित वोटर को ध्यान में रखते हुए संतोष कुमार को कैंडिडेट बनाया। बसपा चुनाव मैदान में नहीं थी। ऐसे में BJP ने लोगों के बीच चंद्रशेखर के कैंडिडेट को ‘वोट कटुवा’ साबित किया। कहा, ये वोट भी नहीं काट पाएंगे। यही वजह रही कि पूरे चुनाव में सूरज चौधरी कभी फाइट में नहीं आ सके। 4. सवर्ण वोटर को बूथ तक लाए
लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद सीट पर BJP की हार की बड़ी वजह इसलिए भी हुई, क्योंकि 36% जनरल वोटर में एक बड़ा हिस्सा ऐसा था, जो बूथ तक वोट देने नहीं आया। उसको BJP ने बूथ तक लाने का प्रयास भी नहीं किया। इस बार ऐसा नहीं हुआ। अपनी ही गलती से सीखते हुए BJP ने सवर्णों के बीच अपने नेता एक्टिव रखे। ताकि वह घर से निकलकर बूथ आएं और वोट करें। 5. कैंडिडेट चुनते वक्त पुराने चेहरों से दूरी बनाई
मिल्कीपुर में BJP ने कैंडिडेट चुनते वक्त आंतरिक सर्वे करवाया। पब्लिक फीडबैक लिया। सामने आया कि पुराने चेहरों से लोगों की नाराजगी है। इसके बाद जमीन खरीद में गड़बड़ी, फर्जी मुकदमे कराने और सत्ता का दुरुपयोग के आरोप वाले चेहरों से दूरी बनाई। चंद्रभानु BJP में किसी पद पर नहीं थे, फिर भी उन्हें कैंडिडेट बनाया। BJP की यह स्ट्रैटजी काम कर गई। लोगों को साफ छवि वाला नया चेहरा पसंद आया। 6. पुलिस के एक्शन ने अवधेश के आंसू फेल किए
ठीक मिल्कीपुर चुनाव के वक्त अयोध्या में एक दलित लड़की की निर्मम हत्या हुई। अवधेश प्रसाद से लेकर अखिलेश यादव ने अपनी जनसभा में BJP को घेरा, मंच से ही अखिलेश रोने लगे। ऐसा लगा कि दलित वोटर BJP से छिटक सकता है। ऐसे में पुलिस एक्शन बहुत तेज हुआ। रिकॉर्ड समय में पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा। BJP लोगों में सुरक्षित माहौल का संदेश देने में सफल रही। अब मिल्कीपुर में सपा के हार के 3 कारण… 1. अखिलेश PDA फॉर्मूला से लोगों को नहीं जोड़ सके
मिल्कीपुर चुनाव में अखिलेश ने PDA फॉर्मूला अपनाया। लोकसभा चुनाव में उन्हें फायदा भी हुआ था। लोगों के बीच पिछड़ों की बात करते रहे। लेकिन, मुद्दों से लोगों को जोड़ने के लिए मिल्कीपुर सिर्फ 1 बार पहुंचे। अजीत के नामांकन तक में नहीं पहुंचे। डिंपल यादव ने रोड शो किया, लेकिन पब्लिक और सपा नेता की दूरियां सबको दिखती रहीं। 2. सपा अपने कोर वोटर को संभाल नहीं सकी
मुस्लिम-यादव को सपा अपना कोर वोटर मानती है। रेप के आरोपी मोईद खान का सपा फेवर भी करती रही। लेकिन एक चूक हो गई, अवधेश प्रसाद मुस्लिम कम्युनिटी के बीच कम एक्टिव रहे। इसका नुकसान सपा को उठाना पड़ा। मुस्लिम का पूरा वोट सपा को नहीं मिला। 3. अवधेश की छवि से बाहर नहीं निकल सके अजीत
सपा ने भले ही कैंडिडेट अजीत प्रसाद को बनाया, लेकिन वह अपने पिता अवधेश प्रसाद के प्रभाव से बाहर नहीं निकल सके। लोगों ने यहां तक कहा कि अजीत चुनाव में एक्टिव ही नहीं रहे, जबकि सारी रणनीति अवधेश प्रसाद बनाते रहे। वंशवाद का मुद्दा भी BJP ने खूब भुनाया। जिस डेंट सपा को लगा। ——————————— ये खबरें भी पढ़ें अवधेश प्रसाद ने काउंटिंग के बीच बेटे को जिताया, चुनावी मंच से रोए, योगी पर बोले- मुझे कुत्ता बनाया; सियासी मोमेंट VIDEO में मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई। लेकिन, सांसद अवधेश प्रसाद अपने बेटे अजीत प्रसाद की जीत को लेकर ओवर-कॉन्फिडेंट थे। इसी के चलते उन्होंने काउंटिंग के दौरान जब भाजपा प्रत्याशी सपा से 35 हजार वोटों से आगे हुआ, तो खुशी से चिल्लाने लगे कि सपा आगे हो गई है। देखें वीडियो भाजपा ने हार को सबसे बड़ी जीत में कैसे बदला, विधानसभा चुनाव तक मैसेज देगी; 8 महीने में सपा ने गंवाई अपनी बढ़त लोकसभा चुनाव में अयोध्या (फैजाबाद) सीट जीतने के महज 8 महीने 4 दिन बाद ही सपा को बड़ा झटका लगा है। इस सीट पर अब तक की सबसे बड़ी जीत भाजपा ने दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु ने सपा प्रत्याशी और सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को 61 हजार से अधिक वोटों से हराया। यहां पढ़ें पूरी खबर

झांसी में किडनैप के बाद युवक की हत्या:हाईवे किनारे मिली लाश; 3 दिन पहले घर के सामने से ले गए थे

झांसी में किडनैप के बाद युवक की हत्या:हाईवे किनारे मिली लाश; 3 दिन पहले घर के सामने से ले गए थे झांसी में अपहरण के बाद युवक की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। 3 दिन पहले 4 बदमाश जबरन उसे कार में डालकर ले गए। पुलिस उनकी तलाश करती रही। शनिवार को शहर से 30 किलोमीटर दूर हाईवे किनारे उसकी लाश मिली। एक चरवाहे ने उसकी लाश देखी तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। परिजनों ने मॉर्च्युरी पहुंचकर हंगामा कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने ठीक से कार्रवाई नहीं की। 3 दिन में पुलिस बदमाशों को नहीं ढूंढ पाई। हंगामे की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग के अधिकारी भी वहां पहुंचे। अफसरों के समझाने के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए। मामला रक्सा थाना क्षेत्र के राजापुर गांव का है। अब पढ़िए पूरा मामला… बदमाश घर के बाहर से उठाकर ले गए
नंदकिशोर अहिरवार (40) रक्सा के राजापुर गांव का रहने वाला था। उसके साले हरिनिवास ने बताया कि मेरे जीजा नंदकिशोर राजमिस्त्री थे। इमलिया गांव में काम चल रहा था। 5 फरवरी की शाम 6:30 बजे वह बाइक से घर लौटे और बाइक अंदर रखने लगे। तभी लाल रंग की कार से तीन-चार बदमाश आए। उन्होंने जीजा को जबरदस्ती कार में बैठाया और अपने साथ ले गए थे। पत्नी लक्ष्मी ने नंदकिशोर के बड़े भाई बालकिशन, उसके बेटे अजय और छोटू यादव पर शक जताया। उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया। गमछा से गला घोंटा, मारपीट भी की
साले ने बताया कि 3 दिन से हम लोग पुलिस के साथ जीजा की तलाश में जुटे थे। लेकिन पुलिस न तो बदमाशों को ढूंढ़ पाई और न ही जीजा का पता लगा पाई। उल्टा हम लोगों से ही उल्टे-सीधे सवाल पूछते रहे। आज बबीना टोल से आगे एक व्यक्ति जानवर चरा रहा था। तभी उसे हाईवे किनारे एक व्यक्ति की लाश नजर आई। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। हम लोग सूचना पाकर बबीना सीएचसी पहुंचे तो लाश की पहचान की। जीजा नंदकिशोर के गले में गमछा बंधा था। पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। बदमाशों ने गमछे से गला घोंटकर मारा है। इसके बाद पुलिस शव लेकर मेडिकल कॉलेज की मॉर्च्युरी में पहुंची। यहां पर परिजनों ने कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सगे भाई पर आरोप, जांच में जुटी पुलिस
साले का आरोप है कि नंदकिशोर समेत 5 भाइयों पर करीब 35 बीघा जमीन थी। बड़े भाई बालकिशन ने अपने हिस्से की जमीन बेच थी। अब वो 4 भाइयों के हिस्से में से जमीन मांग रहे थे। जबकि कोई उनको जमीन नहीं देना चाहता था। करीब 6 साल से विवाद चल रहा था। 2 भाई अशोक और दिनेश की पहले ही मौत हो चुकी है। रक्सा थानाध्यक्ष परमेंद्र सिंह ने बताया कि अपहरण के बाद नंदकिशोर की हत्या की गई है। बदमाशों की तलाश की जा रही है। ———————— ये भी पढ़ें: शादी के 12 घंटे बाद दूल्हे की मौत:बरेली में कार ट्रक में घुसी; खबर सुनकर दुल्हन बेहोश होकर गिरी बरेली में शादी के 12 घंटे बाद सड़क हादसे में दूल्हे की मौत हो गई। वह दोस्तों और रिश्तेदार के साथ मिठाई लेने जा रहा था। ढाबे के पास खड़े ट्रक से उनकी कार टकरा गई। कार में बैठे 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही शादी वाले घर में मातम छा गया। दुल्हन बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ी। दूल्हे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसा इज्जतनगर थाना क्षेत्र में हुआ। (पढ़ें पूरी खबर)

सपा के आंसू देख भाजपा ने बुक किए हलवाई:निशाने पर BJP विधायक की तरकारी और तकरार, बाबू ने लगाई अफसर की लंका

सपा के आंसू देख भाजपा ने बुक किए हलवाई:निशाने पर BJP विधायक की तरकारी और तकरार, बाबू ने लगाई अफसर की लंका यह बात खरी है… इसमें आप देखेंगे यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों में अंदरखाने चल क्या रहा है? ऊपर VIDEO पर क्लिक करें…

दुल्हन की विदाई के 12 घंटे बाद दूल्हे की मौत:बरेली में ट्रक में घुसी कार, दुल्हन बेहोश होकर जमीन पर गिरी, मां का रो-रोकर बुरा हाल

दुल्हन की विदाई के 12 घंटे बाद दूल्हे की मौत:बरेली में ट्रक में घुसी कार, दुल्हन बेहोश होकर जमीन पर गिरी, मां का रो-रोकर बुरा हाल बरेली में शादी के 12 घंटे बाद सड़क हादसे में दूल्हे की मौत हो गई। दोस्तों और रिश्तेदार के साथ बाजार से मिठाई लेने जा रहा था। ढाबे के पास खड़े ट्रक से उनकी कार टकरा गई। हादसे की सूचना मिलते ही शादी वाले घर में मातम फैल गया। हादसा इज्जतनगर थाना क्षेत्र में हुआ। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दूल्हे की मां बेहोश हो गई। दुल्हन बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ी। गांव में भी मातम का माहौल है। दूल्हा रिश्तेदारों को विदा करने के लिए बाजार से मिठाई लेने जा रहा था। उसकी कार खड़े ट्रक में घुस गई। हादसे में दूल्हे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके साथ कार में बैठे तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को अस्पताल पहुंचाया। मिठाई लेने गया था दूल्हा, घर आया शव बरेली के ठाकुरद्वारा निवासी सतीश की शादी मीरगंज के गांव संग्रामपुर निवासी स्वाति के साथ गुरुवार को हुई थी। शुक्रवार सुबह सतीश दुल्हन को लेकर घर पहुंचा। शादी के बाद परिवार में खुशी का माहौल था। शुक्रवार रात करीब 11 बजे कुछ रिश्तेदारों को विदा करना था। उनके लिए मिठाई लाने के लिए सतीश अपने फुफेरे भाई सचिन (20), बहन के देवर विजनेश (25), दोस्त रोहित (20) और एक अन्य व्यक्ति के साथ कार से शहर जा रहा था।
इज्जतनगर थाना क्षेत्र में एक ढाबे के पास उनकी कार खड़े ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि सतीश की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में बिजनेश, रोहित और एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को आईसीयू में भर्ती कराया गया। दूल्हे की मौत की खबर मिलते ही दुल्हन बेसुध होकर गिर गई। रिश्तेदार और गांव के लोग उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। खबर अपडेट की जा रही है… …………… हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- ट्रैक्टर खरीदकर लौट रहे पिता-पुत्र समेत 3 की मौत:इंजन के नीचे दबे, तड़प-तड़पकर दम तोड़ा; वाराणसी की घटना वाराणसी में शुक्रवार देर रात ट्रैक्टर खरीदने के बाद दर्शन पूजन करके लौट रहे पिता-पुत्र की सड़क हादसे में मौत हो गई। तेज रफ्तार ट्रैक्टर गांव के बाहर मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई। पिता-पुत्र समेत एक भतीजा ट्रैक्टर के इंजन में दब गए। आसपास किसी के नहीं पहुंचने के चलते तीनों ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। किसी राहगीर ने जब घटनास्थल पर एक युवक को तड़पते देखा तो पुलिस को फोन किया। आनन फानन में पुलिस बल ने पहुंचकर तीनों को निकाला लेकिन तब तक सभी की मौत हो गई थी। बड़ागांव थाने की पुलिस ने तीनों के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा, अभी कुछ देर बाद उनका पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर

यूपी की बड़ी खबरें:जौनपुर में वंदे भारत ट्रेन के आगे लेटा शराबी युवक; लोको पायलट ने इमजेंसी ब्रेक लगाकर रोकी गाड़ी

यूपी की बड़ी खबरें:जौनपुर में वंदे भारत ट्रेन के आगे लेटा शराबी युवक; लोको पायलट ने इमजेंसी ब्रेक लगाकर रोकी गाड़ी जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन के पास बड़ा रेल हादसा टल गया। लखनऊ से पटना जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के सामने शराबी युवक अचानक लेट गया। लोको पायलट की सतर्कता से बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। लोको पायलट ने ट्रैक पर युवक को देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। पढ़ें पूरी खबर झांसी में मालिक ने कर्मचारी के दोनों हाथ कटवाए; खर्च उठाने का वादा किया, अब फोन नहीं उठा रहा झांसी में मालिक ने बिजली कर्मचारी के दोनों हाथ कटवा दिए। 11 हजार वोल्ट का करेंट लगने पर कर्मचारी घायल हो गया था। प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि लंबा इलाज चलेगा लेकिन हाथ बच जाएगा। आरोप है कि पैसा बचाने के लिए मालिक ने प्राइवेट अस्पताल से बिजली कर्मचारी को निकालकर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां परिवार को समझाकर उसके दोनों हाथ कटवा दिए। यहां पढ़ें पूरी खबर बलरामपुर में सिलेंडर फटा, मकान की छत उड़ी, 2KM तक सुनाई दी आवाज; 9 घायल बलरामपुर में एक घर में खाना बनाते समय सिलेंडर में तेज विस्फोट हुआ। किचन में रखे दूसरे सिलेंडर से गैस का रिसाव हो रहा था। उसमें आग लग गई और सिलेंडर फट गया। विस्फोट की आवाज घर से 2 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। घर की छत भी उड़ गई। इस हादसे में 9 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 2 की हालत गंभीर बनी है। धमाके से घर गिर गया। और सारा सामान जलकर राख हो गया। घटना बलरामपुर के भरिया गांव की है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। धमाके की वजह से आसपास के घरों में दरारें आ गईं। पढ़ें पूरी खबर नोएडा पुलिस की 5 बदमाशों से मुठभेड़, चार को लगी गोली, राह चलते लोगों को लूटते थे नोएडा में दो अलग-अलग मुठभेड़ में चार बदमाशों को गोली लगी। एक बदमाश को कांबिंग के बाद गिरफ्तार किया गया। ये सभी बदमाश राह चलते लोगों से लूटपाट करते थे। पुलिस इनका आपराधिक रिकार्ड खंगाल रही है। टीपीनगर चौराहे पर थाना फेस 3 पुलिस चेकिंग कर रही थी। इस दौरान सामने से एक बिना नंबर प्लेट की कार आती दिखाई दी। रूकने का इशारा किया लेकिन नहीं रूका। शक होने पर पुलिस फोर्स द्वारा पीछा किया गया तो कार सवार गोल चक्कर की तरफ जाने लगे। सामने से पुलिस पार्टी को आता देख और अपने आप को घिरता हुआ देख बदमाशों ने पुलिस पार्टी पर फायर कर दिया। पढ़ें पूरी खबर… बाराबंकी में बदमाश का एनकाउंटर, पैर में लगी गोली; 25 हजार का इनाम था बाराबंकी पुलिस ने 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश सुरेन्द्र कुमार को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। 7 फरवरी को स्वाट टीम और फतेहपुर थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक इनामी बदमाश बाइक से कस्बा फतेहपुर से रामनगर की ओर जा रहा है। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया- पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो बदमाश साढ़ेमऊ नहर पटरी की तरफ भागने लगा और पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से बदमाश के पैर में लगी। घायल बदमाश सुरेन्द्र कुमार नांदकुई, थाना फतेहपुर का निवासी है। पढ़िए पूरी खबर गोरखपुर में ओवरलोड ट्रक से यात्रीकर अधिकारी को कुचलने की कोशिश; गगहा थाने में केस दर्ज, एक आरोपी को भेजा जेल गोरखपुर में गगहा से बड़हलगंज मार्ग पर गुरुवार की रात यात्रीकर अधिकारी विजय किशोर आनन्द को कुचलने का प्रयास किया गया। गाड़ी चढ़ाकर सिपाही को मारने की कोशिश की गई। यात्रीकर अधिकारी की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने जान से मारने की को​शिश, सरकारी काम में बाधा डालने, तोड़फोड का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में सोनभद्र निवासी आरिफ पुत्र अलाऊद्दीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पढ़िए पूरी खबर हरदोई में दूल्हे के फूफा को ट्रक ने कुचला:शादी का माहौल मातम में बदला, भाई की ससुराल में बारात में शामिल होने आए थे हरदोई में शादी समारोह में शामिल होने आए दूल्हे के फूफा का ट्रक ने कुचल दिया। हादसे में उनकी मौत हो गई। सढिला थाना टडियावां मजरा बडा ताल निवासी महेंद्र नाथ के पुत्र दीपू तिवारी अपने भाई की ससुराल में बारात में शामिल होने आए थे। शादी का खुशनुमा माहौल अचानक मातम में बदल गया, जब दीपू की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी वीर बहादुर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी। पढ़िए पूरी खबर रिटायर्ड फौजी से भतीजे ने ठगे 3.55 लाख; व्यापार के नाम पर लिए थे पैसे, मांगने पर की मारपीट बुलंदशहर के गुलावठी में एक रिटायर्ड फौजी के साथ उनके ही भतीजे ने धोखाधड़ी की। गांव भटौना निवासी धर्मवीर सिंह से उनके भतीजे ने व्यापार शुरू करने के नाम पर 3 लाख 55 हजार रुपए उधार लिए। लेकिन न तो पैसे वापस किए और न ही कोई व्यापार शुरू किया। मामले में जब गांव की पंचायत बुलाई गई, तो आरोपी भतीजे ने 6 महीने में दोगुनी रकम लौटाने या अपनी जमीन बेचने का वादा किया। लेकिन उसने न तो पैसे लौटाए और न ही जमीन का सौदा किया। जब धर्मवीर सिंह ने बार-बार पैसों की मांग की, तो आरोपी भतीजे ने उनके साथ गाली-गलौच की और मारपीट भी की। पढ़िए पूरी खबर

वाराणसी में ट्रैक्टर पलटने से पिता-पुत्र समेत तीन की मौत:सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदकर दर्शन-पूजन करने गए थे, इंजन में दबे और तड़पकर मर गए

वाराणसी में ट्रैक्टर पलटने से पिता-पुत्र समेत तीन की मौत:सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदकर दर्शन-पूजन करने गए थे, इंजन में दबे और तड़पकर मर गए वाराणसी में शुक्रवार की देर रात ट्रैक्टर खरीदने के बाद दर्शन पूजन करके लौट रहे पिता-पुत्र की सड़क हादसे में मौत हो गई। तेज रफ्तार ट्रैक्टर गांव के बाहर मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई। पिता-पुत्र समेत एक भतीजा ट्रैक्टर के इंजन में दब गए। आसपास किसी के नहीं पहुंचने के चलते तीनों ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। किसी राहगीर ने जब घटनास्थल पर एक युवक को तड़पते देखा तो पुलिस को फोन किया। आनन फानन में पुलिस बल ने पहुंचकर तीनों को निकाला लेकिन तब तक सभी की मौत हो गई थी। बड़ागांव थाने की पुलिस ने तीनों के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा, अभी कुछ देर बाद उनका पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। बड़ागांव थाना क्षेत्र के औसानपुर गांव निवासी रामदुलार राम उर्फ भोनू (62) ने शुक्रवार को मोहनसराय से एक सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदा। ट्रैक्टर को लेकर वह अपने पुत्र मन्नू राम (35) और भतीजे विनोद राम (45) के साथ अदलपुरा स्थित शीतला धाम में दर्शन-पूजन करने गए। ट्रैक्टर रामदुलार उर्फ भोनू चला रहे थे।वापसी में वह हरहुआ चौराहा से पंचक्रोशी मार्ग पर औसानपुर गेट से घर की ओर बढ़े। औसानपुर गेट से लगभग 100 मीटर आगे बढ़ने पर मोड़ आते ही ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया। किसी तरह से ग्रामीणों को हादसे की जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तीनों को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।परिजनों ने बताया कि रामदुलार के तीन पुत्र थे, जिनमें से एक की उनके साथ मौत हो गई। मन्नू राम के चार पुत्र व एक पुत्री और विनोद के दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं। हादसे के बाद दुर्घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई थी। ग्रामीणों का कहना था कि यह क्या अनर्थ हुआ? पूरे परिवार की खुशियां धरी की धरी रह गईं।