Gujarat News: गुजरात के इस शहर में 3 सालों में 1866 लोगों ने किया सुसाइड, ये है सबसे बड़ी वजह

Gujarat News: गुजरात के इस शहर में 3 सालों में 1866 लोगों ने किया सुसाइड, ये है सबसे बड़ी वजह

<p style=”text-align: justify;”><strong>Suicide Cases in Surat:</strong> गुजरात के सूरत शहर में पिछले तीन साल में आत्महत्या के 1,866 मामले सामने आए हैं, जिनमें घरेलू विवाद आत्महत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. लंबे समय से बीमारी से पीड़ित होना और वित्तीय संकट भी आत्महत्या के और प्रमुख कारण रहे. गुजरात की हीरा नगरी में आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों से परेशान पुलिस ने संकटग्रस्त लोगों को परामर्श देने के अलावा भावनात्मक समर्थन देने और उन्हें आत्महत्या से रोकने के लिए दो समर्पित हेल्पलाइन शुरू की हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जहां मजदूरों की संख्या ज्यादा, वहां सुसाइड भी ज्यादा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सर्वेक्षण से पता चला कि आत्महत्या के ज्यादातर मामले उन क्षेत्रों में दर्ज किए गए हैं, जहां कारखाना मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है. सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलौत ने बताया, &ldquo;आत्महत्याओं को रोकने को लेकर उपाय सुझाने के लिए दो पुलिस उपायुक्तों के नेतृत्व में करीब तीन महीने पहले गठित एक समिति ने पिछले तीन साल (2022 से 2024) में शहर में दर्ज किए गए 1,866 आत्महत्या मामलों पर रिसर्च किया.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आत्महत्या के पीछे क्या कारण हैं?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया, &ldquo;समिति ने लोगों के इस कदम के लिए प्रेरित करने वाले विभिन्न कारणों को बताया.&rdquo; रिसर्च से पता चला कि 490 लोगों या कुल 26 फीसदी लोगों ने घरेलू विवाद के कारण आत्महत्या की. उन्होंने बताया कि 452 मामले या 24 फीसदी लोगों ने लंबे समय से बीमार रहने के कारण आत्महत्या की, जो दूसरा सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा. रिसर्च के मुताबिक, वित्तीय संकट व कर्ज, प्रेम संबंधों में समस्या, अवसाद, शैक्षणिक या करियर में असफलता और नौकरी छूटने जैसे कारण लोगों को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारी ने बताया, &ldquo;आत्महत्या के मामलों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए पुलिस ने तीन हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं, जो मंगलवार से 24 घंटे चालू रहेंगे. हेल्पलाइन नंबर पर दो पुलिसकर्मी और एक काउंसलर मौजूद रहेंगे.&rdquo; उन्होंने बताया कि कोई भी परेशान व्यक्ति या आत्महत्या को रोकने के लिए 100 (पुलिस सहायता के लिए नियमित नंबर) डायल कर सकता है या इस उद्देश्य के लिए शुरू किए गए दो और हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग कर सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें -</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/gujarat/pahalgam-baisaran-valley-terror-attack-gujarat-youth-killed-2-injured-jammu-kashmir-morari-bapu-katha-ann-2930481″>Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में गुजरात के युवक की मौत, 2 घायल, मोरारी बापू की कथा सुनने पहुंचे थे जम्मू-कश्मीर&nbsp;</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Suicide Cases in Surat:</strong> गुजरात के सूरत शहर में पिछले तीन साल में आत्महत्या के 1,866 मामले सामने आए हैं, जिनमें घरेलू विवाद आत्महत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. लंबे समय से बीमारी से पीड़ित होना और वित्तीय संकट भी आत्महत्या के और प्रमुख कारण रहे. गुजरात की हीरा नगरी में आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों से परेशान पुलिस ने संकटग्रस्त लोगों को परामर्श देने के अलावा भावनात्मक समर्थन देने और उन्हें आत्महत्या से रोकने के लिए दो समर्पित हेल्पलाइन शुरू की हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जहां मजदूरों की संख्या ज्यादा, वहां सुसाइड भी ज्यादा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सर्वेक्षण से पता चला कि आत्महत्या के ज्यादातर मामले उन क्षेत्रों में दर्ज किए गए हैं, जहां कारखाना मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है. सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलौत ने बताया, &ldquo;आत्महत्याओं को रोकने को लेकर उपाय सुझाने के लिए दो पुलिस उपायुक्तों के नेतृत्व में करीब तीन महीने पहले गठित एक समिति ने पिछले तीन साल (2022 से 2024) में शहर में दर्ज किए गए 1,866 आत्महत्या मामलों पर रिसर्च किया.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आत्महत्या के पीछे क्या कारण हैं?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया, &ldquo;समिति ने लोगों के इस कदम के लिए प्रेरित करने वाले विभिन्न कारणों को बताया.&rdquo; रिसर्च से पता चला कि 490 लोगों या कुल 26 फीसदी लोगों ने घरेलू विवाद के कारण आत्महत्या की. उन्होंने बताया कि 452 मामले या 24 फीसदी लोगों ने लंबे समय से बीमार रहने के कारण आत्महत्या की, जो दूसरा सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा. रिसर्च के मुताबिक, वित्तीय संकट व कर्ज, प्रेम संबंधों में समस्या, अवसाद, शैक्षणिक या करियर में असफलता और नौकरी छूटने जैसे कारण लोगों को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारी ने बताया, &ldquo;आत्महत्या के मामलों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए पुलिस ने तीन हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं, जो मंगलवार से 24 घंटे चालू रहेंगे. हेल्पलाइन नंबर पर दो पुलिसकर्मी और एक काउंसलर मौजूद रहेंगे.&rdquo; उन्होंने बताया कि कोई भी परेशान व्यक्ति या आत्महत्या को रोकने के लिए 100 (पुलिस सहायता के लिए नियमित नंबर) डायल कर सकता है या इस उद्देश्य के लिए शुरू किए गए दो और हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग कर सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें -</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/gujarat/pahalgam-baisaran-valley-terror-attack-gujarat-youth-killed-2-injured-jammu-kashmir-morari-bapu-katha-ann-2930481″>Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में गुजरात के युवक की मौत, 2 घायल, मोरारी बापू की कथा सुनने पहुंचे थे जम्मू-कश्मीर&nbsp;</a></strong></p>  गुजरात पहलगाम आतंकी हमला: BJP के विज्ञापन पर भड़के अखिलेश यादव, कहा- समर्थक भी माफ नहीं करेंगे