INDIA गठबंधन से मिलने लगे मोदी सरकार के मंत्री के सुर, सिर दर्द बन सकती है ये मांग

INDIA गठबंधन से मिलने लगे मोदी सरकार के मंत्री के सुर, सिर दर्द बन सकती है ये मांग

<p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Censes:</strong> जातीय जनगणना को लेकर इन दिनों देश की सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के तमाम दल जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. हालांकि मोदी सरकार ने इसके पक्ष में नहीं है. इस बीच केंद्र सरकार में मंत्री और अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल का जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान आया है. इस मुद्दे पर मोदी की मंत्री के इंडिया गठबंधन से सुर मिलते दिखाई दे रहे हैं. जिसके बाद मोदी सरकार की दिक्कतें और बढ़ सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने दिल्ली में आयोजित पार्टी की बैठक में जातीय जनगणना को लेकर खुलकर अपनी बात रखी और इसे देश के विकास के लिए बेहद जरूरी बताया. अनुप्रिया पटेल ने सवाल उठाते हुए कहा- ‘क्या जाति जनगणना जरुरी नहीं है? हमारे देश की संरचना का आधार विभिन्न जातियां हैं और देश में हज़ारों सालों से हैं. क्या हमें उनकी सहीं संख्या..सही गिनती नहीं मालूम नहीं होनी चाहिए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जातीय जनगणना के समर्थन में आईं अनु्प्रिया पटेल</strong><br />उन्होंने कहा कि दबे-कुचले और वंचित समाज को भी उनका हक, सम्मान और भागीदारी मिलनी चाहिए. और ये सब सिर्फ जातीय जनगणना के आधार पर ही संभव हो पाएगा. उन्होंने कहा- किसी भी दबे-कुचले हाशिए पर पड़े हुए जाति समूह को अगर अधिकार, सम्मान और भागीदारी सुनिश्चित करनी है तो उसकी संख्या अधिकृत आंकड़ा होना ही चाहिए. ये केवल जातीय जनगणना से ही संभव है. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल ने इस दौरान आउटसोर्सिंग की तुलना कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से की. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग को कैंसर की बीमारी से भी गंभीर बताया और कहा कि इसमें आरक्षण के नियमों का पालन नहीं होता है. पहले जहां दबे-कुचले समाज के लोगों को चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती मिल जाती था अब आउटसोर्सिंग की वजह से ये भी बंद हो गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल इससे पहले भी सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर आउटसोर्सिंग में पिछले और एससी एसटी समाज के साथ भेदभाव का आरोप लगा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि इन समाज के लोगों को सो ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ के नाम पर अलग कर दिया जाता है और उनकी जगह किसी और को नौकरी दे दी जाती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-meeting-regarding-law-and-order-2754395″>पुलिस प्रशासन को लेकर BJP विधायकों की शिकायत पर सीएम योगी का एक्शन, दिए सख्त निर्देश</a></strong><br /><br /></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Caste Censes:</strong> जातीय जनगणना को लेकर इन दिनों देश की सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के तमाम दल जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. हालांकि मोदी सरकार ने इसके पक्ष में नहीं है. इस बीच केंद्र सरकार में मंत्री और अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल का जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान आया है. इस मुद्दे पर मोदी की मंत्री के इंडिया गठबंधन से सुर मिलते दिखाई दे रहे हैं. जिसके बाद मोदी सरकार की दिक्कतें और बढ़ सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने दिल्ली में आयोजित पार्टी की बैठक में जातीय जनगणना को लेकर खुलकर अपनी बात रखी और इसे देश के विकास के लिए बेहद जरूरी बताया. अनुप्रिया पटेल ने सवाल उठाते हुए कहा- ‘क्या जाति जनगणना जरुरी नहीं है? हमारे देश की संरचना का आधार विभिन्न जातियां हैं और देश में हज़ारों सालों से हैं. क्या हमें उनकी सहीं संख्या..सही गिनती नहीं मालूम नहीं होनी चाहिए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जातीय जनगणना के समर्थन में आईं अनु्प्रिया पटेल</strong><br />उन्होंने कहा कि दबे-कुचले और वंचित समाज को भी उनका हक, सम्मान और भागीदारी मिलनी चाहिए. और ये सब सिर्फ जातीय जनगणना के आधार पर ही संभव हो पाएगा. उन्होंने कहा- किसी भी दबे-कुचले हाशिए पर पड़े हुए जाति समूह को अगर अधिकार, सम्मान और भागीदारी सुनिश्चित करनी है तो उसकी संख्या अधिकृत आंकड़ा होना ही चाहिए. ये केवल जातीय जनगणना से ही संभव है. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल ने इस दौरान आउटसोर्सिंग की तुलना कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से की. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग को कैंसर की बीमारी से भी गंभीर बताया और कहा कि इसमें आरक्षण के नियमों का पालन नहीं होता है. पहले जहां दबे-कुचले समाज के लोगों को चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती मिल जाती था अब आउटसोर्सिंग की वजह से ये भी बंद हो गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुप्रिया पटेल इससे पहले भी सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर आउटसोर्सिंग में पिछले और एससी एसटी समाज के साथ भेदभाव का आरोप लगा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि इन समाज के लोगों को सो ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ के नाम पर अलग कर दिया जाता है और उनकी जगह किसी और को नौकरी दे दी जाती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-meeting-regarding-law-and-order-2754395″>पुलिस प्रशासन को लेकर BJP विधायकों की शिकायत पर सीएम योगी का एक्शन, दिए सख्त निर्देश</a></strong><br /><br /></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड आखिर कब बंद होंगे मौत के कुएं? खुले बोरवेल बंद कराने में प्रशासन भी नाकाम, कोई ठोस कदम नहीं