SAD की सांसद ऑल पार्टी मीटिंग में हुई शामिल:किसानों और जांच एजेंसियों का मुद्दा उठाया, SYL पर स्टैंड साफ करने को कहा

SAD की सांसद ऑल पार्टी मीटिंग में हुई शामिल:किसानों और जांच एजेंसियों का मुद्दा उठाया, SYL पर स्टैंड साफ करने को कहा

संसद के मानसून सत्र और बजट से पहले पार्लियामेंट हाउस में आज ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई, जिसमें पंजाब से शिरोमणि अकाली दल (SAD) की तरफ से बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल भी शामिल हुई। इस मौके उन्होंने बताया कि मीटिंग में उनकी तरफ से किसानों के मामले से लेकर अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय के मुद्दे को उठाया गया। मीटिंग में उन्होंने पंजाब और हरियाणा में पानी मुद्दे सतलुज यमुना लिंक (SYL) को भी उठाया। साथ ही इस पर स्थिति साफ करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने वायदा किया, फिर भी संघर्ष मीटिंग के बाद हरसिमरत कौर ने बताया कि उन्होंने मीटिंग में कहा कि किसान अब भी संघर्ष कर रहे हैं। चार साल पहले प्रधानमंत्री ने जो वायदा किया था, वह भी तक पूरा नहीं हुआ है। यह बात अच्छी नहीं हैं। ऐसे में किसानों के मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। हरियाणा में जाते ही बदल जाते हैं बयान हरसिमरत कौर ने बताया कि, उन्होंने SYL का मु्द्दा भी मीटिंग में उठाया। पंजाब में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी वाले कहते हैं कि पंजाब का पानी पंजाब में रहेगा। जब हमारे मुख्यमंत्री हरियाणा में जाते हैं, तो उनका स्टैंड बदल जाता है। वहीं, अदालत में उनका कोई स्टैंड नहीं है। इस मुद्दे पर स्टैंड साफ होना चाहिए। साथ ही लोगों को पता लगना चाहिए कि कौन सी पार्टी कहां पर खड़ी है। पंजाब में हुए घोटाले पर कार्रवाई क्यों नहीं इसके अलावा जांच एजेंसियों के मिसयूज व पिक एंड चूज का मुद्दा भी उन्होंने उठाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री शराब घोटाला मामले में जेल में हैं, जबकि पंजाब में भी वैसा ही घोटाला हुआ है। यह मुद्दा उन्होंने पहले संसद में भी उठाया था। उस समय गृह मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन पंजाब के केस में कुछ नहीं हो रहा है। पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अमृतधारी सिख महिलाओं को पेपर देने से रोका गया सांसद ने बताया कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के मुद्दों को भी उठाया। यूपी में कांवड़ रूट की दुकानों के बाहर दुकानदार के नाम को बोर्ड लगाने का मुद्दा उठाया। अमृतधारी सिख महिलाओं को राजस्थान में पेपर नें नहीं बैठने दिया। राजस्थान में गुरुद्वारों खिलाफ बोलने वाले मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं, जबकि मंत्री के खिलाफ बोलने वाले एनएसए लगा दिया है। इसके अलावा नए कानूनों का मुद्दा उनकी तरफ से उठाया गया। यह सारे मुद्दे उन्होंने मीटिंग में रखे हैं। संसद के मानसून सत्र और बजट से पहले पार्लियामेंट हाउस में आज ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई, जिसमें पंजाब से शिरोमणि अकाली दल (SAD) की तरफ से बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल भी शामिल हुई। इस मौके उन्होंने बताया कि मीटिंग में उनकी तरफ से किसानों के मामले से लेकर अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय के मुद्दे को उठाया गया। मीटिंग में उन्होंने पंजाब और हरियाणा में पानी मुद्दे सतलुज यमुना लिंक (SYL) को भी उठाया। साथ ही इस पर स्थिति साफ करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने वायदा किया, फिर भी संघर्ष मीटिंग के बाद हरसिमरत कौर ने बताया कि उन्होंने मीटिंग में कहा कि किसान अब भी संघर्ष कर रहे हैं। चार साल पहले प्रधानमंत्री ने जो वायदा किया था, वह भी तक पूरा नहीं हुआ है। यह बात अच्छी नहीं हैं। ऐसे में किसानों के मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। हरियाणा में जाते ही बदल जाते हैं बयान हरसिमरत कौर ने बताया कि, उन्होंने SYL का मु्द्दा भी मीटिंग में उठाया। पंजाब में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी वाले कहते हैं कि पंजाब का पानी पंजाब में रहेगा। जब हमारे मुख्यमंत्री हरियाणा में जाते हैं, तो उनका स्टैंड बदल जाता है। वहीं, अदालत में उनका कोई स्टैंड नहीं है। इस मुद्दे पर स्टैंड साफ होना चाहिए। साथ ही लोगों को पता लगना चाहिए कि कौन सी पार्टी कहां पर खड़ी है। पंजाब में हुए घोटाले पर कार्रवाई क्यों नहीं इसके अलावा जांच एजेंसियों के मिसयूज व पिक एंड चूज का मुद्दा भी उन्होंने उठाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री शराब घोटाला मामले में जेल में हैं, जबकि पंजाब में भी वैसा ही घोटाला हुआ है। यह मुद्दा उन्होंने पहले संसद में भी उठाया था। उस समय गृह मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन पंजाब के केस में कुछ नहीं हो रहा है। पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अमृतधारी सिख महिलाओं को पेपर देने से रोका गया सांसद ने बताया कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के मुद्दों को भी उठाया। यूपी में कांवड़ रूट की दुकानों के बाहर दुकानदार के नाम को बोर्ड लगाने का मुद्दा उठाया। अमृतधारी सिख महिलाओं को राजस्थान में पेपर नें नहीं बैठने दिया। राजस्थान में गुरुद्वारों खिलाफ बोलने वाले मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं, जबकि मंत्री के खिलाफ बोलने वाले एनएसए लगा दिया है। इसके अलावा नए कानूनों का मुद्दा उनकी तरफ से उठाया गया। यह सारे मुद्दे उन्होंने मीटिंग में रखे हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर