शिमला के पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव गांधी ने मौजूदा DGP के साथ पूर्व पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के खिलाफ भी मोर्चा खोला है। मीडिया से बातचीत में शनिवार को उन्होंने कहा, पुलिस मुख्यालय के अधिकारी उनसे ग्रज रखते हैं। पूर्व में भी शिमला के एक रेस्टोरेंट में एलपीजी ब्लास्ट को आतंकी घटना बनाने की कोशिश की गई। संजीव गांधी ने कहा, उन्हें बदनाम करने के लिए शिमला के एक होटल में एलपीजी ब्लास्ट मामले में एनएसजी को बुलाकर पुलिस मुख्यालय में फेब्रिकेटेड एविडेंस सोची समझी साजिश के तहत तैयार की गई। अब इससे पर्दा उठ चुका है। उन्होंने इसे लेकर बड़े अधिकारी को पत्र लिखा और इसकी जांच की मांग की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह आरडीएक्स किसने इंट्रोड्यूस लाया। इसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन डेढ़-दो साल से इसकी जांच नहीं हुई। दो साल पहले शिमला के एक होटल में हुआ था धमाका बता दें कि दो साल पहले शिमला के मिडिल बाजार में एक रेस्टोरेंट में जोरदार धमाका हुआ था। इसकी आवाज जाखू तक सुनाई दी थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत और 13 लोग घायल हुए थे। प्रारंभिक जांच में रिपोर्ट में कहा गया कि छोटी सी जगह बंद होने की वजह से गैस इकट्ठी हो गई थी। एनएसजी की रिपोर्ट में मिला था आरडीएक्स एफएसएल लैब जुन्गा की रिपोर्ट में भी आरडीएक्स ब्लास्ट नहीं आया। इस बीच पूर्व डीजीपी संजय कुंडू ने एनएसजी को बुलाकर सैंपल लिए और एक प्राइवेट लैब की रिपोर्ट में आरडीएक्स बताया गया। मगर आज तक यह साबित नहीं हो पाया कि आरडीएक्स कहा से आया। सीआईडी जांच में नहीं मिला आरडीएक्स इसके बाद ब्लास्ट मामले में सीआईडी जांच करवाई। सूत्रों की माने तो सीआईडी जांच में आरडीएक्स नहीं मिला। ऐसे में SP शिमला संजीव गांधी ने सवाल उठाए है कि पहले भी बड़े बड़े अधिकारियों ने उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है। लिहाजा आरडीएक्स मामले में जांच होनी चाहिए। किसके कहने पर झूठी रिपोर्ट तैयार की गई। शिमला के पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव गांधी ने मौजूदा DGP के साथ पूर्व पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के खिलाफ भी मोर्चा खोला है। मीडिया से बातचीत में शनिवार को उन्होंने कहा, पुलिस मुख्यालय के अधिकारी उनसे ग्रज रखते हैं। पूर्व में भी शिमला के एक रेस्टोरेंट में एलपीजी ब्लास्ट को आतंकी घटना बनाने की कोशिश की गई। संजीव गांधी ने कहा, उन्हें बदनाम करने के लिए शिमला के एक होटल में एलपीजी ब्लास्ट मामले में एनएसजी को बुलाकर पुलिस मुख्यालय में फेब्रिकेटेड एविडेंस सोची समझी साजिश के तहत तैयार की गई। अब इससे पर्दा उठ चुका है। उन्होंने इसे लेकर बड़े अधिकारी को पत्र लिखा और इसकी जांच की मांग की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह आरडीएक्स किसने इंट्रोड्यूस लाया। इसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन डेढ़-दो साल से इसकी जांच नहीं हुई। दो साल पहले शिमला के एक होटल में हुआ था धमाका बता दें कि दो साल पहले शिमला के मिडिल बाजार में एक रेस्टोरेंट में जोरदार धमाका हुआ था। इसकी आवाज जाखू तक सुनाई दी थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत और 13 लोग घायल हुए थे। प्रारंभिक जांच में रिपोर्ट में कहा गया कि छोटी सी जगह बंद होने की वजह से गैस इकट्ठी हो गई थी। एनएसजी की रिपोर्ट में मिला था आरडीएक्स एफएसएल लैब जुन्गा की रिपोर्ट में भी आरडीएक्स ब्लास्ट नहीं आया। इस बीच पूर्व डीजीपी संजय कुंडू ने एनएसजी को बुलाकर सैंपल लिए और एक प्राइवेट लैब की रिपोर्ट में आरडीएक्स बताया गया। मगर आज तक यह साबित नहीं हो पाया कि आरडीएक्स कहा से आया। सीआईडी जांच में नहीं मिला आरडीएक्स इसके बाद ब्लास्ट मामले में सीआईडी जांच करवाई। सूत्रों की माने तो सीआईडी जांच में आरडीएक्स नहीं मिला। ऐसे में SP शिमला संजीव गांधी ने सवाल उठाए है कि पहले भी बड़े बड़े अधिकारियों ने उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है। लिहाजा आरडीएक्स मामले में जांच होनी चाहिए। किसके कहने पर झूठी रिपोर्ट तैयार की गई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
