कानपुर के युवक ने साइबर ठग को ही ठग लिया:डिजिटल अरेस्ट करना चाहता था, लेकिन उल्टा दस हजार वसूल लिए, अब रुपए वापस पाने के लिए गिड़गिड़ा रहा

कानपुर के युवक ने साइबर ठग को ही ठग लिया:डिजिटल अरेस्ट करना चाहता था, लेकिन उल्टा दस हजार वसूल लिए, अब रुपए वापस पाने के लिए गिड़गिड़ा रहा

अब तक साइबर ठगों का शिकार हुए सैकड़ों लोगों ने अपने खाते साफ करा लिए। कुछ ने तो खुद ही ज्यादा पैसा कमाने के लालच में साइबर ठगों के बताए खातों में रुपए डाल दिए। मगर कानपुर के एक युवक को जब साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास किया तो उसने उल्टा कहानियां बनाकर साइबर ठग से 10 हजार रुपए की ऐंठ लिए। इतना ही नहीं साइबर ठग को गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर कर दिया कि। ठग ने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उसके पैसे वापस कर दें क्योंकि उसके बच्चों की भी होली है। उसे भी बच्चों के लिए पिचकारी और रंग खरीदना है। साइबर ठग अभी भी युवक के सम्पर्क में हैं। पहले जानते हैं साइबर ठग को ही ठगने वाले भूपेंद्र के बारे में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुके बर्रा निवासी भूपेन्द्र सिंह से दैनिक भास्कर ने बात की। भूपेन्द्र वर्तमान में प्राइवेट जॉब कर रहा है। इससे पहले कुछ समय तक वह मीडिया में भी कार्य कर चुका है इस कारण वो साइबर ठगी की घटनाओं से पहले से वाकिफ है। भूपेन्द्र बताते हैं कि 6 मार्च को उसके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई और मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच का बताया। फोन करने वाले ने कहा कि भूपेन्द्र अश्लील वीडियो देखता है। उसकी 32 वीडियो और 48 फोटो अश्लील वीडियो देखते हुए आई है। जब तक साइबर ठग उसे डिजिटल अरेस्ट कर पाते। भूपेन्द्र ने एक 16 साल के लड़के की तरह उससे बात करना शुरू किया। भूपेन्द्र ने ठग से कहां अंकल प्लीज मम्मी को न बताइएगा। नहीं तो बहुत समस्या हो जाएगी। भूपेन्द्र बताते हैं कि उनकी मां का देहांत कुछ समय पहले हो चुका है मगर ठगों को बातों में उलझाने के लिए मां को जिंदा कर दिया। भूपेन्द्र बताते हैं कि ठगों ने उससे कहा कि केस को हल करने में 16 हजार रुपए का खर्च आएगा क्योंकि मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अब जानिए कैसे साइबर ठग को युवक ने अपना शिकार बनाया, कैसे कैसे कहानी आगे बढ़ाई भूपेन्द्र बताते हैं कि 7 मार्च को उनकी एनिवर्सरी थी इसी दिन उन्होंने निर्णय लिया कि वो इस साइबर ठग को सबक सिखाएंगे। 7 मार्च को फिर से साइबर ठग का फोन आया तो उसने रुपए देने के लिए कहा। भूपेन्द्र के मुताबिक यहां से उसने कहानी बनाना शुरू की। उसने ठग से कहा कि हमने कुछ दिन पहले घर से एक सोने की चेन चुराई थी। जो उसने अपने दोस्त के सुनार पिता को दी थी। चेन चालिस हजार में बिक जाएगी और वो रुपए भूपेंद्र ने साइबर ठग को देने का वादा कर दिया। दोस्त को बनाया सुनार और पहले मंगाए तीन हजार 8 मार्च को भूपेन्द्र ने साइबर ठग को बताया कि उसने साइबर ठग से कहा कि सुनार उसे चेन नहीं दे रहा और बदले में पहले तीन हजार रुपए मांग रहा है क्योंकि भूपेन्द्र एक छात्र है लिहाजा उसके पास पैसे नहीं है। भूपेन्द्र ने उल्टा साइबर ठग से मदद मांगते हुए कहा कि अगर वो तीन हजार दे दे तो चेन छुड़ाकर बेच लेगा और जो पैसा आएगा वो उसके बताए गए खाते में जमा करा देगा। इसपर ठग ने लालच में आकर उसे तीन हजार दे दिए। फिर उसने 500 रुपए चेन रखने के दिनों के ब्याज के हिसाब से मंगवाए। साइबर ठग ने वो भी दे दिए। इस दौरान एक चेन की फोटो भी भूपेन्द्र ने ठग को भेज दी थी। साइबर ठग बना भूपेन्द्र का पिता और एक दूसरा दोस्त बना सुनार भूपेन्द्र के मुताबिक 9 मार्च को जब साइबर ठग का फोन आया तो भूपेन्द्र ने एक दूसरी कहानी बनाई। भूपेन्द्र के मुताबिक उसने ठग से कहा कि चेन उसने लेकर दूसरे सुनार को बेचने के लिए दी तो उसने चेन रख ली और अब यह कहकर वापस नहीं कर रहा कि भूपेन्द्र नाबालिग है। वो भूपेन्द्र के पिता से बात करना चाहता है। उसके बाद चेन के रुपए दे देगा। इसपर उसने साइबर ठग को अपना पिता बनकर सुनार से बात करने के लिए कनविंस कर लिया। इसके बाद उसने अपने एक दूसरे दोस्त को सुनार दर्शाते हुए साइबर ठग से बात कराई और ठग ने भूपेन्द्र का पिता बनकर उसके दोस्त से बात की और उसके कहने पर 4480 रुपए मंगा लिए। गोल्ड लोन की कहानी में फंसा ठग और दे दिए 10 मार्च को फिर से साइबर ठग का फोन भूपेन्द्र के पास पहुंचा। इस बार उसने चेन पर गोल्ड लोन लेने की कहानी रची। जिसके लिए बाकयदा भूपेन्द्र गोल्ड लोन वाली कम्पनी में गया और वहां पर अपने दोस्त से ठग की बात कराई। इसपर दोस्त ने ठग को जानकारी दी कि वो चेन रखकर 1.10 लाख रुपए का लोन दिलवा देगा। इसपर भूपेन्द्र ने फार्म भरने और सबमिट करने के लिए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर तीन हजार और मंगा लिए। भूपेन्द्र के मुताबिक इस तरह से वो लगभग दस हजार रुपए की रकम ले चुका है और वो इसे किसी भी गरीब व्यक्ति को देने के लिए तैयार है। अब जानिए अपने रुपए वापस पाने के लिए कैसे गिड़गिड़या साइबर ठग इस पूरी घटना के दौरान भूपेन्द्र और साइबर ठग का 7.27 मिनट का एक ऑडियो भी सामने आया है। जिसमें साइबर ठग साफ तौर पर परेशान समझ आ रहा है। ठग- हैलो भूपेन्द्र-हैलो ठग- हां बेटा क्या टाइम बेटाइम कर रहे हो तुम भूपेन्द्र- सर टाइम बेटाइम नहीं कर रहे हैं। हम इसलिए फोन नहीं उठा रहे थे सर कि आप डांटेंगे। पैसे की व्यवस्था नहीं हो पाई है। साढ़े पांच बजे बोले था अभी तक व्यवस्था हो नहीं पाई है ठग- मान लो बेटा हम लोगों को भी डांट मिल रही है। हम लोगों की नौकरी चली जाएगी। बेवकूफ समझ रहे हो आप लोग भूपेन्द्र- नहीं सर बेवकूफ नहीं समझ रहे हैं ठग- मान लो हम आपको बेटा कह रहे हैं। आप तो सर के ऊपर चढ़े जा रहे हो भूपेन्द्र- नहीं सर हम आप ही की व्यवस्था में लगे थे सर। व्यवस्था नहीं हो पा रही है ठग- व्यवस्था नहीं हो पा रही है तो अभी मार्केट बंद हो जाएगा तो पैसे की व्यवस्था कैसे कराओगे तुम भूपेन्द्र- हम व्यवस्था में ही लगे है सर जैसे हो जाए हम पैसे दे दे ठग- इस तरह से पैसे की व्यवस्था होगी दो, दो घंटे का टाइम टूटा जा रहा है। दो घंटे से लगे हो 400 रुपए अरेंज नहीं कर पा रहे हो भूपेन्द्र- हम व्यवस्था में लगे हैं सर नहीं हो पा रही है सॉरी सर ठग- किसी से कर्जा उधार लो भाई, मान लो हम लोगों को हटाओ यहां से। तुम्हारे चक्कर में हम फंसे पड़े हुए हैं भूपेन्द्र- इतना परेशान हम सर कभी नहीं हुए। जितना अब हो रहे हैं। चार सौ रुपए व्यवस्था करने में लगे हैं सर ठग- तुम्हारे साथ का जो दोस्त है उसके पास बैलेंस नहीं है क्या भूपेन्द्र- नहीं सर उसके पास बैलेंस नहीं है सर होता तो हमे दे देता ठग- तुम कैसे भी करो भाई करो। तुम्हारे 31 वाले पर कॉल किया था कोई रिसीव ही नहीं कर रहा है भूपेन्द्र- सर वो घर पर फोन रखा है सर ठग- हम यार इतनी व्यवस्था कर दिए हैं तुम्हारे लिए कोई हमारा केस है क्या तुम यार यह समझो भूपेन्द्र- सर सर बस चार सौ रुपए की और व्यवस्था करा दीजिए ठग- फर्जी की बात न करो मेरी बात सुन, फर्जी की बात न करो मेरे पास चार सौ रुपए नहीं है। तुम बिल्कुल तुम्हारे केस के चक्कर में (गंदी गाली) हम सबकी भूपेन्द्र- सर हम करा देते सर मगर व्यवस्था नहीं हो पा रही सर बिल्कुल ठग- तुमने तीन हजार मांगा मैने लगा दिए, फिर मांगा फिर दे दिए। छह सात हजार रुपए तुम्हारे कहने पर लगा चुके हैं हम। मेरे दिमाग में बेवकूफ लिखा था जो तुम्हारे पीछे पैसे लगा रहा हूं भूपेन्द्र- आपने मेरी मदद की है सर ठग- मदद की है तो इस तरह करोगे मेरे साथ। मेरा गला ही काट दो तुम लोग यार बिल्कुल भूपेन्द्र- सर हम कई लोगों से मांग चुके हैं व्यवस्था नहीं हो पा रही सर ठग- तुम्हें पैसा कहीं नहीं मिलेगा, सिर्फ हमारे पास ही मिलेगा। हमारे पास ही नोट छापने की मशीन रखी है। आओ ले जाओ आकर पैसा तुम भूपेन्द्र- नहीं सर ऐसी बात नहीं है सर, आप तो मेरी इतनी हेल्प कर रहे हैं सर ठग- तुम्हारे घर पर तेरी कोई इतनी हेल्प नहीं करेगा जितनी मैने कर दी है भूपेन्द्र- पहले ही ले चुके है घर से पैसा नहीं तो वहीं से लेते सर ठग- तुम कैसे भी देखों मैं नहीं सुनना चाहता। आज मैं सुनूंगा नहीं किसी की। यह तुम समझ लेना। मेरा फोन रिसीव नहीं करोगे तो तुम्हारे दरवाजे पर आ जाऊंगा। मेरा कोई लेना देना नहीं है। भूपेन्द्र- व्यवस्था कर रहे हैं सर ठग- मेरी बात समझो। तुम्हारी वजह से मैं अपनी पत्नी से नजर नहीं मिला पा रहा हूं। भूपेन्द्र- सर प्लीज एक बार और मेरी व्यवस्था करा दीजिए हम आधे घंटे में सब रिफंड कर देंगे ठग- बेटा हमारे पास एक रुपए नहीं है पहले यह बात ध्यान दे लो। मेरे पास जितना रुपया था तुम्हारे ऊपर लगा दिया है। साढ़े तीन सौ रुपए तुम (गंदी गाली) लोगों से। थू है जीवन पर तुम लोगो के भूपेन्द्र- सर हम बहुत लोगों से पैसा ले चुके थे। सोचा था चेन बिक जाएगी सबका उतार देंगे। इसलिए परेशानी हो गई सर ठग- बेटा तुम कुछ भी करो मेरा पैसा लौटा दो यार मैं तुम्हारा पैसा नहीं मांग रहा हूं। तुम समझ नहीं रहो हो हमारा अधिकारी आता है हमें ही हड़काता है कि तुमने इसे हैंडल ही नहीं किया। भाई मुझे मेरा ही पैसा लौटा दो। मेरे बच्चों की होली है मुझे उनके लिए पिचकारी लेनी है। अभी भी भूपेंद्र के सम्पर्क में है साइबर ठग भूपेन्द्र के मुताबिक साइबर ठग ने उसे बातों में बताया कि वो सचेंडी क्षेत्र का रहने वाला है। उसके अभी भी कॉल आ रहे हैं और वो अपना पैसा मांगने के लिए गिड़गिड़ा रहा है। वो कहता है कि मैने तुम्हें बहुत बड़ी रकम दे दी है और मैं तुम्हारें चक्कर में फंस गया हूं। ————- यह जरूरी खबर भी पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट- अब्दुल ने आतंकियों को भेजे राम मंदिर के VIDEO:ATS को अयोध्या के घर से पैसे मिले, जमात वाले दोस्त ने दिलाया था मोबाइल अयोध्या में राम मंदिर से 36Km दूर ATS ने छापामारी की। गांव मंजनाई की चमनगंज रोड पर अबू बकर के घर में आधी रात को सर्च ऑपरेशन चला। 650 स्क्वायर फिट के मकान के सबसे अंदर के कमरे में ATS टीम को एक बैग मिला। इसमें 40 हजार रुपए रखे थे। 500 रुपए की गड्‌डी थी। एक लकड़ी की नकली AK-47 मिली। टीम के सदस्यों ने अबू से पूछा- क्या ये रुपए आपके हैं? अबू ने कहा- हमारे नहीं हैं, हम लोग तो बहुत गरीब हैं, इतने रुपए कहां से लाएंगे। दरअसल, ये बैग अबू के बेटे अब्दुल रहमान का था। जिसे ATS और IB ने फरीदाबाद (हरियाणा) से पकड़ा था। उसके पास से 2 हैंड ग्रेनेड मिले थे। अब्दुल ने डार्क वेब के जरिए राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के वीडियो पड़ोसी देशों को भेजे हैं। ज्यादा आशंका है कि ये वीडियो पाकिस्तान गए हैं। पूरी खबर पढ़िए अब तक साइबर ठगों का शिकार हुए सैकड़ों लोगों ने अपने खाते साफ करा लिए। कुछ ने तो खुद ही ज्यादा पैसा कमाने के लालच में साइबर ठगों के बताए खातों में रुपए डाल दिए। मगर कानपुर के एक युवक को जब साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास किया तो उसने उल्टा कहानियां बनाकर साइबर ठग से 10 हजार रुपए की ऐंठ लिए। इतना ही नहीं साइबर ठग को गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर कर दिया कि। ठग ने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उसके पैसे वापस कर दें क्योंकि उसके बच्चों की भी होली है। उसे भी बच्चों के लिए पिचकारी और रंग खरीदना है। साइबर ठग अभी भी युवक के सम्पर्क में हैं। पहले जानते हैं साइबर ठग को ही ठगने वाले भूपेंद्र के बारे में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुके बर्रा निवासी भूपेन्द्र सिंह से दैनिक भास्कर ने बात की। भूपेन्द्र वर्तमान में प्राइवेट जॉब कर रहा है। इससे पहले कुछ समय तक वह मीडिया में भी कार्य कर चुका है इस कारण वो साइबर ठगी की घटनाओं से पहले से वाकिफ है। भूपेन्द्र बताते हैं कि 6 मार्च को उसके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई और मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच का बताया। फोन करने वाले ने कहा कि भूपेन्द्र अश्लील वीडियो देखता है। उसकी 32 वीडियो और 48 फोटो अश्लील वीडियो देखते हुए आई है। जब तक साइबर ठग उसे डिजिटल अरेस्ट कर पाते। भूपेन्द्र ने एक 16 साल के लड़के की तरह उससे बात करना शुरू किया। भूपेन्द्र ने ठग से कहां अंकल प्लीज मम्मी को न बताइएगा। नहीं तो बहुत समस्या हो जाएगी। भूपेन्द्र बताते हैं कि उनकी मां का देहांत कुछ समय पहले हो चुका है मगर ठगों को बातों में उलझाने के लिए मां को जिंदा कर दिया। भूपेन्द्र बताते हैं कि ठगों ने उससे कहा कि केस को हल करने में 16 हजार रुपए का खर्च आएगा क्योंकि मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अब जानिए कैसे साइबर ठग को युवक ने अपना शिकार बनाया, कैसे कैसे कहानी आगे बढ़ाई भूपेन्द्र बताते हैं कि 7 मार्च को उनकी एनिवर्सरी थी इसी दिन उन्होंने निर्णय लिया कि वो इस साइबर ठग को सबक सिखाएंगे। 7 मार्च को फिर से साइबर ठग का फोन आया तो उसने रुपए देने के लिए कहा। भूपेन्द्र के मुताबिक यहां से उसने कहानी बनाना शुरू की। उसने ठग से कहा कि हमने कुछ दिन पहले घर से एक सोने की चेन चुराई थी। जो उसने अपने दोस्त के सुनार पिता को दी थी। चेन चालिस हजार में बिक जाएगी और वो रुपए भूपेंद्र ने साइबर ठग को देने का वादा कर दिया। दोस्त को बनाया सुनार और पहले मंगाए तीन हजार 8 मार्च को भूपेन्द्र ने साइबर ठग को बताया कि उसने साइबर ठग से कहा कि सुनार उसे चेन नहीं दे रहा और बदले में पहले तीन हजार रुपए मांग रहा है क्योंकि भूपेन्द्र एक छात्र है लिहाजा उसके पास पैसे नहीं है। भूपेन्द्र ने उल्टा साइबर ठग से मदद मांगते हुए कहा कि अगर वो तीन हजार दे दे तो चेन छुड़ाकर बेच लेगा और जो पैसा आएगा वो उसके बताए गए खाते में जमा करा देगा। इसपर ठग ने लालच में आकर उसे तीन हजार दे दिए। फिर उसने 500 रुपए चेन रखने के दिनों के ब्याज के हिसाब से मंगवाए। साइबर ठग ने वो भी दे दिए। इस दौरान एक चेन की फोटो भी भूपेन्द्र ने ठग को भेज दी थी। साइबर ठग बना भूपेन्द्र का पिता और एक दूसरा दोस्त बना सुनार भूपेन्द्र के मुताबिक 9 मार्च को जब साइबर ठग का फोन आया तो भूपेन्द्र ने एक दूसरी कहानी बनाई। भूपेन्द्र के मुताबिक उसने ठग से कहा कि चेन उसने लेकर दूसरे सुनार को बेचने के लिए दी तो उसने चेन रख ली और अब यह कहकर वापस नहीं कर रहा कि भूपेन्द्र नाबालिग है। वो भूपेन्द्र के पिता से बात करना चाहता है। उसके बाद चेन के रुपए दे देगा। इसपर उसने साइबर ठग को अपना पिता बनकर सुनार से बात करने के लिए कनविंस कर लिया। इसके बाद उसने अपने एक दूसरे दोस्त को सुनार दर्शाते हुए साइबर ठग से बात कराई और ठग ने भूपेन्द्र का पिता बनकर उसके दोस्त से बात की और उसके कहने पर 4480 रुपए मंगा लिए। गोल्ड लोन की कहानी में फंसा ठग और दे दिए 10 मार्च को फिर से साइबर ठग का फोन भूपेन्द्र के पास पहुंचा। इस बार उसने चेन पर गोल्ड लोन लेने की कहानी रची। जिसके लिए बाकयदा भूपेन्द्र गोल्ड लोन वाली कम्पनी में गया और वहां पर अपने दोस्त से ठग की बात कराई। इसपर दोस्त ने ठग को जानकारी दी कि वो चेन रखकर 1.10 लाख रुपए का लोन दिलवा देगा। इसपर भूपेन्द्र ने फार्म भरने और सबमिट करने के लिए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर तीन हजार और मंगा लिए। भूपेन्द्र के मुताबिक इस तरह से वो लगभग दस हजार रुपए की रकम ले चुका है और वो इसे किसी भी गरीब व्यक्ति को देने के लिए तैयार है। अब जानिए अपने रुपए वापस पाने के लिए कैसे गिड़गिड़या साइबर ठग इस पूरी घटना के दौरान भूपेन्द्र और साइबर ठग का 7.27 मिनट का एक ऑडियो भी सामने आया है। जिसमें साइबर ठग साफ तौर पर परेशान समझ आ रहा है। ठग- हैलो भूपेन्द्र-हैलो ठग- हां बेटा क्या टाइम बेटाइम कर रहे हो तुम भूपेन्द्र- सर टाइम बेटाइम नहीं कर रहे हैं। हम इसलिए फोन नहीं उठा रहे थे सर कि आप डांटेंगे। पैसे की व्यवस्था नहीं हो पाई है। साढ़े पांच बजे बोले था अभी तक व्यवस्था हो नहीं पाई है ठग- मान लो बेटा हम लोगों को भी डांट मिल रही है। हम लोगों की नौकरी चली जाएगी। बेवकूफ समझ रहे हो आप लोग भूपेन्द्र- नहीं सर बेवकूफ नहीं समझ रहे हैं ठग- मान लो हम आपको बेटा कह रहे हैं। आप तो सर के ऊपर चढ़े जा रहे हो भूपेन्द्र- नहीं सर हम आप ही की व्यवस्था में लगे थे सर। व्यवस्था नहीं हो पा रही है ठग- व्यवस्था नहीं हो पा रही है तो अभी मार्केट बंद हो जाएगा तो पैसे की व्यवस्था कैसे कराओगे तुम भूपेन्द्र- हम व्यवस्था में ही लगे है सर जैसे हो जाए हम पैसे दे दे ठग- इस तरह से पैसे की व्यवस्था होगी दो, दो घंटे का टाइम टूटा जा रहा है। दो घंटे से लगे हो 400 रुपए अरेंज नहीं कर पा रहे हो भूपेन्द्र- हम व्यवस्था में लगे हैं सर नहीं हो पा रही है सॉरी सर ठग- किसी से कर्जा उधार लो भाई, मान लो हम लोगों को हटाओ यहां से। तुम्हारे चक्कर में हम फंसे पड़े हुए हैं भूपेन्द्र- इतना परेशान हम सर कभी नहीं हुए। जितना अब हो रहे हैं। चार सौ रुपए व्यवस्था करने में लगे हैं सर ठग- तुम्हारे साथ का जो दोस्त है उसके पास बैलेंस नहीं है क्या भूपेन्द्र- नहीं सर उसके पास बैलेंस नहीं है सर होता तो हमे दे देता ठग- तुम कैसे भी करो भाई करो। तुम्हारे 31 वाले पर कॉल किया था कोई रिसीव ही नहीं कर रहा है भूपेन्द्र- सर वो घर पर फोन रखा है सर ठग- हम यार इतनी व्यवस्था कर दिए हैं तुम्हारे लिए कोई हमारा केस है क्या तुम यार यह समझो भूपेन्द्र- सर सर बस चार सौ रुपए की और व्यवस्था करा दीजिए ठग- फर्जी की बात न करो मेरी बात सुन, फर्जी की बात न करो मेरे पास चार सौ रुपए नहीं है। तुम बिल्कुल तुम्हारे केस के चक्कर में (गंदी गाली) हम सबकी भूपेन्द्र- सर हम करा देते सर मगर व्यवस्था नहीं हो पा रही सर बिल्कुल ठग- तुमने तीन हजार मांगा मैने लगा दिए, फिर मांगा फिर दे दिए। छह सात हजार रुपए तुम्हारे कहने पर लगा चुके हैं हम। मेरे दिमाग में बेवकूफ लिखा था जो तुम्हारे पीछे पैसे लगा रहा हूं भूपेन्द्र- आपने मेरी मदद की है सर ठग- मदद की है तो इस तरह करोगे मेरे साथ। मेरा गला ही काट दो तुम लोग यार बिल्कुल भूपेन्द्र- सर हम कई लोगों से मांग चुके हैं व्यवस्था नहीं हो पा रही सर ठग- तुम्हें पैसा कहीं नहीं मिलेगा, सिर्फ हमारे पास ही मिलेगा। हमारे पास ही नोट छापने की मशीन रखी है। आओ ले जाओ आकर पैसा तुम भूपेन्द्र- नहीं सर ऐसी बात नहीं है सर, आप तो मेरी इतनी हेल्प कर रहे हैं सर ठग- तुम्हारे घर पर तेरी कोई इतनी हेल्प नहीं करेगा जितनी मैने कर दी है भूपेन्द्र- पहले ही ले चुके है घर से पैसा नहीं तो वहीं से लेते सर ठग- तुम कैसे भी देखों मैं नहीं सुनना चाहता। आज मैं सुनूंगा नहीं किसी की। यह तुम समझ लेना। मेरा फोन रिसीव नहीं करोगे तो तुम्हारे दरवाजे पर आ जाऊंगा। मेरा कोई लेना देना नहीं है। भूपेन्द्र- व्यवस्था कर रहे हैं सर ठग- मेरी बात समझो। तुम्हारी वजह से मैं अपनी पत्नी से नजर नहीं मिला पा रहा हूं। भूपेन्द्र- सर प्लीज एक बार और मेरी व्यवस्था करा दीजिए हम आधे घंटे में सब रिफंड कर देंगे ठग- बेटा हमारे पास एक रुपए नहीं है पहले यह बात ध्यान दे लो। मेरे पास जितना रुपया था तुम्हारे ऊपर लगा दिया है। साढ़े तीन सौ रुपए तुम (गंदी गाली) लोगों से। थू है जीवन पर तुम लोगो के भूपेन्द्र- सर हम बहुत लोगों से पैसा ले चुके थे। सोचा था चेन बिक जाएगी सबका उतार देंगे। इसलिए परेशानी हो गई सर ठग- बेटा तुम कुछ भी करो मेरा पैसा लौटा दो यार मैं तुम्हारा पैसा नहीं मांग रहा हूं। तुम समझ नहीं रहो हो हमारा अधिकारी आता है हमें ही हड़काता है कि तुमने इसे हैंडल ही नहीं किया। भाई मुझे मेरा ही पैसा लौटा दो। मेरे बच्चों की होली है मुझे उनके लिए पिचकारी लेनी है। अभी भी भूपेंद्र के सम्पर्क में है साइबर ठग भूपेन्द्र के मुताबिक साइबर ठग ने उसे बातों में बताया कि वो सचेंडी क्षेत्र का रहने वाला है। उसके अभी भी कॉल आ रहे हैं और वो अपना पैसा मांगने के लिए गिड़गिड़ा रहा है। वो कहता है कि मैने तुम्हें बहुत बड़ी रकम दे दी है और मैं तुम्हारें चक्कर में फंस गया हूं। ————- यह जरूरी खबर भी पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट- अब्दुल ने आतंकियों को भेजे राम मंदिर के VIDEO:ATS को अयोध्या के घर से पैसे मिले, जमात वाले दोस्त ने दिलाया था मोबाइल अयोध्या में राम मंदिर से 36Km दूर ATS ने छापामारी की। गांव मंजनाई की चमनगंज रोड पर अबू बकर के घर में आधी रात को सर्च ऑपरेशन चला। 650 स्क्वायर फिट के मकान के सबसे अंदर के कमरे में ATS टीम को एक बैग मिला। इसमें 40 हजार रुपए रखे थे। 500 रुपए की गड्‌डी थी। एक लकड़ी की नकली AK-47 मिली। टीम के सदस्यों ने अबू से पूछा- क्या ये रुपए आपके हैं? अबू ने कहा- हमारे नहीं हैं, हम लोग तो बहुत गरीब हैं, इतने रुपए कहां से लाएंगे। दरअसल, ये बैग अबू के बेटे अब्दुल रहमान का था। जिसे ATS और IB ने फरीदाबाद (हरियाणा) से पकड़ा था। उसके पास से 2 हैंड ग्रेनेड मिले थे। अब्दुल ने डार्क वेब के जरिए राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के वीडियो पड़ोसी देशों को भेजे हैं। ज्यादा आशंका है कि ये वीडियो पाकिस्तान गए हैं। पूरी खबर पढ़िए   उत्तरप्रदेश 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