हरियाणा के हिसार के हांसी में युवक ने आत्महत्या कर ली। उकसा शव घर में पंखे से बंधे फंदे पर लटका मिला। पत्नी से तलाक के बाद वह करीब एक साल से घर पर अकेला ही रहता था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेजा है। परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। हांसी की भाटिया कॉलोनी रिंकू ने बताया कि उसका बेटा केशव राजपूत हांसी में ही हुडा सेक्टर 6 में रहता था। केशव शादीशुदा था। पति-पत्नी में आपस में विवाद चल रहा था। इसके बाद उसका करीब एक साल पहले अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। रिंकू ने बताया कि आज सोमवार सुबह 10 बजे के क़रीब हुडा सेक्टर 6 के निवासियों ने उन्हें सूचना दी की उनका बेटा केशव पंखे से लटका हुआ है। इसके बाद वह अपने अन्य परिजनों के साथ बेटे के घर पहुंचा। उन्होंने देखा कि रिंकू कमरे की छत वाले पंखे से फंदे पर लटका हुआ था। उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद उन्होंने हांसी पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंच गई और केशव के शव को नीचे उतार कर हांसी के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। केशव ड्राइवर का काम करता था। वह फिलहाल घर पर अकेला ही रहता था। पुलिस घटना को लेकर परिजनों के बयान दर्ज कर रही है। हरियाणा के हिसार के हांसी में युवक ने आत्महत्या कर ली। उकसा शव घर में पंखे से बंधे फंदे पर लटका मिला। पत्नी से तलाक के बाद वह करीब एक साल से घर पर अकेला ही रहता था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेजा है। परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। हांसी की भाटिया कॉलोनी रिंकू ने बताया कि उसका बेटा केशव राजपूत हांसी में ही हुडा सेक्टर 6 में रहता था। केशव शादीशुदा था। पति-पत्नी में आपस में विवाद चल रहा था। इसके बाद उसका करीब एक साल पहले अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। रिंकू ने बताया कि आज सोमवार सुबह 10 बजे के क़रीब हुडा सेक्टर 6 के निवासियों ने उन्हें सूचना दी की उनका बेटा केशव पंखे से लटका हुआ है। इसके बाद वह अपने अन्य परिजनों के साथ बेटे के घर पहुंचा। उन्होंने देखा कि रिंकू कमरे की छत वाले पंखे से फंदे पर लटका हुआ था। उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद उन्होंने हांसी पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंच गई और केशव के शव को नीचे उतार कर हांसी के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। केशव ड्राइवर का काम करता था। वह फिलहाल घर पर अकेला ही रहता था। पुलिस घटना को लेकर परिजनों के बयान दर्ज कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल मैदान में:चाचा-भतीजा, दादा-पोता, भाई-बहन आमने-सामने, 7 अलग-अलग सीट से रण में कूदे
हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल मैदान में:चाचा-भतीजा, दादा-पोता, भाई-बहन आमने-सामने, 7 अलग-अलग सीट से रण में कूदे हरियाणा के 3 लालों के 13 लाल विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें ताऊ देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल का परिवार शामिल है। तीनों परिवार का हरियाणा की राजनीति में प्रदेश के गठन से लेकर आज तक दखल रहा है। इन तीनों परिवारों के बिना हरियाणा की राजनीति अधूरी मानी जाती है। यह परिवार समय के साथ अपना वजूद बचाने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। भजनलाल परिवार को छोड़ दिया जाए तो देवीलाल परिवार और बंसीलाल परिवार एक-दूसरे के आगे चुनाव लड़ता आया है। चौधरी देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वहीं चौधरी बंसीलाल और भजनलाल ने बारी-बारी प्रदेश पर राज किया। 2005 के बाद से इन तीनों परिवारों का कोई सदस्य मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाया है। हालांकि भजनलाल परिवार और देवीलाल परिवार के पास डिप्टी सीएम के पद रहे। किंग मेकर की भूमिका में परिवार रहे। मगर सरकार के मुखिया नहीं बन पाए। देवीलाल परिवार आपस में लड़ रहा
चुनाव में देवीलाल परिवार के 8 सदस्य मैदान में हैं। अकेले डबवाली में 3 सदस्य आमने-सामने हैं। डबवाली में इनेलो से खड़े चाचा आदित्य चौटाला का मुकाबला 2 भतीजों दिग्विजय चौटाला और अमित सिहाग से है। दिग्विजय जजपा और अमित कांग्रेस से चुनावी रण में हैं। इसी तरह रानियां हलके में दादा रणजीत चौटाला के सामने पोता अर्जुन चौटाला मैदान में है। रणजीत चौटाला का भाजपा ने टिकट काट दिया था और अभ वह निर्दलीय लड़ रहे हैं। जबकि अर्जुन चौटाला इनेलो के प्रत्याशी हैं। वहीं अभय चौटाला ऐलनाबाद हलके से चुनाव लड़ रहे हैं। दुष्यंत उचाना और सुनैना चौटाला फतेहाबाद से मैदान में हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी हिसार लोकसभा सीट पर चौटाला परिवार के सदस्यों ने 3 अलग-अलग पार्टियों भाजपा, जजपा और इनेलो से चुनाव लड़ा। तीनों ही चुनाव हार गए थे। इसमें चाचा ससुर रणजीत चौटाला, जेठानी नैना चौटाला और देवरानी सुनैना चौटाला में मुकाबला था। बंसी लाल परिवार: चचेरे भाई-बहन में मुकाबला
भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा में चचेरे भाई-बहन में मुकाबला है। कांग्रेस की तरफ से बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी और बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी भाजपा से मैदान में है। श्रुति चौधरी और उनकी मां किरण चौधरी लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं थीं। किरण चौधरी भाजपा की राज्यसभा सांसद हैं। भजन लाल परिवार के 3 सदस्य चुनाव में
इस चुनाव में भजनलाल परिवार के 3 सदस्य मैदान में है। भजन लाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस में हैं और पंचकूला से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा दुड़ाराम भाजपा में हैं और फतेहाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भव्य बिश्नोई भाजपा की टिकट पर आदमपुर का गढ़ बचाने के लिए मैदान में है। आदमपुर 56 साल से बिश्नोई परिवार का गढ़ रहा है। यहां पहला चुनाव 1967 में चौधरी भजन लाल ने जीता था। तब से लेकर अब तक इस सीट पर भजन लाल परिवार ही लड़ता आया है। पहले भी आपस में लड़ता रहा है परिवार
1. 1998 लोकसभा चुनाव में परिवार आमने-सामने हो चुका है। बंसीलाल और उनके छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह हरियाणा विकास पार्टी चला रहे थे। जबकि बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा उस वक्त भी कांग्रेस में थे। 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान भिवानी लोकसभा सीट से सुरेंद्र सिंह हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे। कांग्रेस ने उनके बड़े भाई रणबीर महेंद्रा को भिवानी सीट से टिकट दे दिया। इस चुनाव में जीत सुरेंद्र को मिली थी। महेंद्रा तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि देवीलाल के पोते अजय चौटाला दूसरे नंबर पर रहे थे। 2. इसी तरह से साल 2000 में रोड़ी विधानसभा सीट से पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के सामने उनके ही छोटे भाई रणजीत सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इसके बाद साल 2009 में डबवाली से अजय चौटाला इनेलो के प्रत्याशी थे तो उनके चचेरे भाई रवि चौटाला ने बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ा था।
हिसार डायमंड चोरी केस में एक और गिरफ्तारी:पहले पूर्व जेल वार्डन पकड़ाया; 39 लाख के जेवर गायब किए, 1.80 लाख कैश बरामद
हिसार डायमंड चोरी केस में एक और गिरफ्तारी:पहले पूर्व जेल वार्डन पकड़ाया; 39 लाख के जेवर गायब किए, 1.80 लाख कैश बरामद हिसार सीआईए पुलिस ने अर्बन एस्टेट हिसार स्थित एक मकान से लाखों रुपए के जेवर व नकदी चोरी करने के मामले में दूसरे आरोपी प्रेम नगर डबवाली निवासी अशोक को गिरफ्तार किया है। मामले में जांच अधिकारी एएसआई मांगे राम ने बताया कि उपरोक्त आरोपी अशोक ने मामले में पहले से गिरफ्तार आरोपी जसविंदर सिंह से चोरी के आभूषण खरीदे थे। पुलिस ने आरोपी अशोक से 1 लाख 80 हजार रुपए बरामद कर लिए हैं। पूछताछ के बाद आरोपी को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गौरतलब है कि अर्बन एस्टेट थाना में ठेकेदार के तौर पर काम करने वाले अर्बन एस्टेट 2 निवासी मनिंदर अरोड़ा ने अपने घर से नकदी व आभूषण चोरी होने की शिकायत दी थी। जिस पर अर्बन एस्टेट थाना में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई और अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मथुरा-वृंदावन गया था परिवार शिकायतकर्ता मनिंदर अरोड़ा ने रिपोर्ट में बताया था कि 5 दिसंबर की शाम को वह अपने परिवार के साथ बहन से मिलने बहादुरगढ़ गए थे और वहां से मथुरा-वृंदावन गए थे। 8 दिसंबर की शाम को जब वह घर लौटे तो देखा कि अंदर के दरवाजे का ताला टूटा हुआ था। कमरे में रखा सामान बिखरा पड़ा था। अलमारी का ताला टूटा हुआ था और उसमें रखे 8.65 लाख रुपये, 34 तोले सोने के जेवरात, 3 तोले के डायमंड सेट और एक किलो चांदी के जेवरात गायब थे। सीसीटीवी फुटेज, फिंगर प्रिंट और डॉग स्क्वायड की मदद से पुलिस ने आरोपी जसविंदर को 30 दिसंबर को धान्सू रोड से गिरफ्तार कर लिया। वह मूल रूप से डबवाली का रहने वाला है और फिलहाल सेक्टर-13 हिसार में रहता है। आरोपी पर 9 जिलों में चोरी के 17 मामले दर्ज हैं। जसविंदर 2003 में जेल वार्डन के पद पर तैनात था और उसके खिलाफ चोरी के मामले दर्ज होने के कारण उसे 2023 में बर्खास्त कर दिया गया था।
भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस:परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे
भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस:परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे हरियाणा में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में जीत के सारे दांव-पेंच खेल दिए हैं। कांग्रेस से पहले लिस्ट जारी कर भाजपा ने मनोवैज्ञानिक बढ़त पाने की कोशिश की है। वहीं जिस परिवारवाद को लेकर भाजपा लगातार विरोधी दलों को निशाना बनाती रही, उसी से खुद परहेज नहीं किया। जीत पक्की करने के लिए खुलकर नेताओं के बेटी-बेटों और पत्नी को टिकट दी गई। यह भाजपा की विधानसभा में जीत के लिए बड़े नेताओं से भी जोर लगवाने की प्लानिंग का हिस्सा है। यही नहीं दलबदलुओं पर भी दांव खेलते हुए चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में आए 9 नेताओं को टिकट बांट दी। भाजपा ने यहां पार्टी के वोट बैंक के साथ इन नेताओं के जनाधार को भी भुनाने की कोशिश की है। वहीं लिस्ट में भाजपा में राज्य में चलाई 10 साल की सरकार से एंटी इनकंबेंसी का डर भी साफ नजर आया। इसी वजह से 7 विधायकों के टिकट काट दी और 7 की ही टिकटें भी रोक लीं। 2 विधायकों की सीट बदलनी पड़ी। 25 नए चेहरों को उम्मीदवार बना दिया। भाजपा ने सीधा मैसेज दिया है कि जीत के लिए वह कुछ भी करेगी। वहीं पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के केंद्र में जाने के बाद भाजपा ने प्रदेश के दिग्गज नेताओं के कंधों पर सरकार लाने की जिम्मेदारी सौंप दी। इसी वजह से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और कुलदीप बिश्नोई की इच्छा से उनके परिवार और समर्थक नेताओं को टिकट बांटे गए। BJP की पहली लिस्ट की … अहम बातें 1. 2019 में हार चुके 5 नेताओं को फिर से टिकट
भाजपा की पहली लिस्ट में पांच चेहरे ऐसे हैं जो 2019 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे लेकिन इस बार इन्हें फिर टिकट मिला है। इनमें साढ़ौरा से बलवंत सिंह, नीलोखेड़ी (SC) से भगवानदास कबीरपंथी, इसराना (SC) से कृष्णलाल पंवार, नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु और बादली से ओमप्रकाश धनखड़ का नाम शामिल है। पार्टी ने इन पांचों को 2019 में टिकट दिया था लेकिन यह जीत नहीं पाए। अब पार्टी ने इन पांचों को दोबारा टिकट दिया है। कृष्णलाल पंवार एकमात्र ऐसे सांसद हैं, जिन्हें भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उतारा है। पंवार पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की अगुआई वाली 2014 से 2019 की सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। वह हरियाणा में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा हैं। 2. 2019 में मंत्री रहते हार चुके वाले 2 जाट नेताओं को दोबारा मौका
भाजपा ने मंत्री रहते हुए 2019 का विधानसभा चुनाव हार जाने वाले दो जाट नेताओं को दोबारा टिकट दिया है। इनमें नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु और बादली से ओमप्रकाश धनखड़ शामिल हैं। यह दोनों नेता 2014 से 2019 तक मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही अपनी सीट नहीं बचा पाए। अब पार्टी ने दोनों को फिर से मौका दिया है। भाजपा चूंकि गैर जाट पॉलिटिक्स करती है, ऐसे में जाट वोट बैंक खिलाफ न हो, इसलिए दोनों बड़े जाट चेहरों पर फोकस किया गया है। 3. 2019 में राव ने जिसका टिकट कटवाया, इस बार उसे टिकट
बादशाहपुर से 2014 का विधानसभा चुनाव जीतकर मनोहरलाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री बने राव नरबीर सिंह का टिकट 2019 के चुनाव में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कटवा दिया था। अब पांच साल बाद, भाजपा ने राव नरबीर सिंह को बादशाहपुर सीट से ही दोबारा कैंडिडेट बनाया है। 4. 7 विधायकों के टिकट होल्ड
भाजपा ने अपने सात विधायकों के टिकट होल्ड कर लिए हैं। इनमें गन्नौर की विधायक निर्मल रानी, नारनौल से ओमप्रकाश यादव, बावल (SC) से बनवारी लाल, पटौदी (SC) से सत्यप्रकाश जारवाता, हथीन से परवीन डागर, होडल (SC) से जगदीश नैय्यर और बड़खल से सीमा त्रिखा शामिल हैं। प्रदेशाध्यक्ष बन चुके मोहन लाल बड़ौली की सीट राई से भी फिलहाल किसी को टिकट देने का ऐलान नहीं किया गया है। 5. सैनी के एक राज्यमंत्री का टिकट कटा, दो के टिकट होल्ड
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा हाईकमान ने मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा लेकर नायब सिंह सैनी को मंत्री बनाया था। उस समय उनके मंत्रिमंडल में बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा, सोहना के विधायक संजय सिंह और बावल (SC) के विधायक बनवारी लाल को बतौर राज्यमंत्री शामिल किया गया था। बुधवार को पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की, उनमें सोहना से संजय सिंह का टिकट काट दिया गया। इनके अलावा बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा और बावल (SC) से बनवारी लाल का टिकट भी होल्ड कर लिया गया। 6. पलवल के उम्मीदवार ने चौंकाया
सबसे चौंकाने वाला नाम पलवल सीट से गौरव गौतम का है। गौतम हरियाणा में ज्यादा एक्टिव नहीं हैं। वह अभी भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव हैं। साथ ही महाराष्ट्र में युवा मोर्चा के प्रभारी की जिम्मेदारी देख रहे हैं। हालांकि वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह के काफी करीबी माने जाते हैं। इस सीट पर उनका सीधा मुकाबला पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल से माना जा रहा है। 7. दीपक के जरिए खिलाड़ियों को साधा
महम से भारतीय कबड्डी टीम के कैप्टन दीपक हुड्डा को बीजेपी ने टिकट दिया है। इसके जरिए भाजपा ने खिलाड़ियों को साधने की कोशिश की है। खासकर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की कांग्रेस से लड़ने की चर्चाओं के बीच भाजपा ने खिलाड़ियों को साधने की कोशिश की है। वहीं दीपक के जाट चेहरे का भी भाजपा फायदा देख रही है। 8. दादरी सीट पर बबीता फोगाट को दूसरा मौका नहीं
भाजपा ने दंगल गर्ल के नाम से मशहूर बबीता फोगाट को इस बार टिकट नहीं दिया। उनकी जगह तीन दिन पहले ही जेल सुपरिंटेंडेंट की नौकरी छोड़कर पार्टी जॉइन करने वाले सुनील सांगवान को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 2019 के चुनाव में BJP ने बबीता फोगाट को दादरी सीट से टिकट दिया था लेकिन वह मात्र 24786 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रही थीं। तब निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सोमवीर सांगवान दादरी से जीते थे। दूसरे नंबर पर जेजेपी उम्मीदवार सतपाल सांगवान रहे थे। सुनील सांगवान सतपाल सांगवान के बेटे हैं। 9. योगेश्वर दत्त को पार्टी ने दिया झटका
भाजपा ने पहली लिस्ट में पूर्व ओलिंपियन रेसलर योगेश्वर दत्त को भी झटका दिया है। योगेश्वर सोनीपत जिले की गोहाना सीट से टिकट मांग रहे थे। इसके लिए वह पिछले दिनों दिल्ली जाकर भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिले भी थे। हालांकि BJP ने योगेश्वर को खास महत्व नहीं दिया और कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट में गोहाना सीट से अपने पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट दे दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सांसद बने अरविंद शर्मा 2024 के लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट पर दीपेंद्र से ही हार गए थे। योगेश्वर दत्त ने 2019 में भाजपा ज्वाइन कर ली थी। पार्टी ने उन्हें 2019 में सोनीपत की बरौदा सीट से टिकट दिया था लेकिन वह हार गए। उन्हें कांग्रेस के कृष्णा हुड्डा ने हराया था। 2020 में कृष्णा हुड्डा के निधन के बाद बरौदा सीट पर उपचुनाव हुआ। भाजपा ने योगेश्वर दत्त को दोबारा टिकट दिया लेकिन वह इस बार भी जीत नहीं पाए। उपचुनाव में वह कांग्रेस के इंदुराज नरवाल से हार गए। 10. रामबिलास मंत्री रहते हारे, टिकट रोकी
भाजपा ने पहली लिस्ट में महेंद्रगढ़ सीट से टिकट का ऐलान न करके चौंका दिया। इस सीट से पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा चुनाव लड़ते रहे हैं। 2019 में रामबिलास शर्मा कैबिनेट मंत्री रहते हुए हार गए थे। इस बार वह महेंद्रगढ़ से अपने बेटे गौतम रामबिलास को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि पार्टी ने पहली लिस्ट में उनका या उनके बेटे के नाम का ऐलान नहीं किया। 11. SP को धमकी देने वाले ग्रोवर की सीट का फैसला टाला
भाजपा ने पहली लिस्ट में रोहतक सीट के टिकट का ऐलान भी नहीं किया। यह सीट हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के खासमखास मनीष ग्रोवर की है जिन्हें रोहतक में सुपर सीएम भी कहा जाता है। कुछ दिनों से मनीष ग्रोवर के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। वकीलों से विवाद के अलावा पुलिस की ओर से की गई एक FIR से भड़के ग्रोवर ने खुलेआम रोहतक के SP हिमांशु गर्ग को धमकी दे दी थी। सभी बड़े नेताओं को खुश किया मनोहर लाल खट्टर : भाजपा की पहली ही लिस्ट में देवेंद्र बबली को टोहाना, अनूप धानक को उकलाना और रामकुमार गौतम को सफीदों से टिकट मिल गई। इन तीनों को खट्टर ने ही JJP छुड़वाकर भाजपा जॉइन कराई थी। उन्हें भरोसा दिया था कि पार्टी में पूरा सम्मान मिलेगा। इसके अलावा राव नरबीर को बादशाहपुर और विपुल गोयल को फरीदाबाद से टिकट दिलाने में भी खट्टर का रोल रहा। वहीं सोहना से तेजपाल तंवर, गुरुग्राम से मुकेश शर्मा और नांगल चौधरी से डॉ. अभय सिंह यादव को टिकट दिलाने में भी खट्टर की चली। चूंकि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के सीएम रहे, इसलिए उन्हें भी नाराज नहीं किया। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा खट्टर की ही चली। राव इंद्रजीत: राव इंद्रजीत केंद्र में राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज थे। वहीं बेटी आरती राव को 2014 और 2019 में टिकट न देने पर भी उनकी नाराजगी बढ़ी हुई थी। इस बार भाजपा ने उनकी बेटी को पसंदीदा सीट अटेली से टिकट दे दी। इसके अलावा उनके खास समर्थक पूर्व जिला पार्षद अनिल डहीना को राव की पारिवारिक सीट कोसली से उम्मीदवार बनाया। हालांकि राव की मांग वाली बावल और पटौदी सीट को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। राव को बेटी की टिकट के सहारे भाजपा ने साधा लेकिन उनकी सारी मांगें नहीं मानीं। कुलदीप बिश्नोई: पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को भाजपा ने 5 सीटें दे दी। जिनमें आदमपुर से बेटे भव्य बिश्नोई, नलवा से करीबी रणधीर पनिहार, फतेहाबाद से चचेरे भाई दुड़ाराम बिश्नोई, बरवाला से रणबीर गंगवा और समालखा से मनमोहन भडाणा की टिकट शामिल है। मनमोहन भडाणा प्रदेश के पूर्व मंत्री करतार सिंह भडाणा के बेटे हैं। कुलदीप बिश्नोई के जरिए भाजपा ने पूर्व सीएम भजनलाल के राजनीतिक रसूख को वोट बैंक में बदलने की कोशिश की है। जातीय समीकरण: झटका देने वाले वर्ग को सबसे ज्यादा टिकटें
भाजपा की पहली लिस्ट को जातीय लिहाज से देखें तो लोकसभा चुनाव में जिस वर्ग ने सबसे ज्यादा झटका दिया, उन्हीं को सबसे ज्यादा टिकटें बांटी हैं। भाजपा ने 90 सीटों को लेकर जारी 67 उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे ज्यादा 41 सीटें इन्हीं 3 वर्गों SC, OBC और जाटों में बांटी हैं। भाजपा ने 13 सीटों पर SC, 15 पर OBC और 13 सीटों पर जाट चेहरों को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि भाजपा के कोर वोट बैंक माने जाते ब्राह्मण, वैश्य और पंजाबी वर्ग को महज 24 सीटें ही दी गई हैं। हालांकि अभी भाजपा के 23 और उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है। उसमें इन चेहरों को ज्यादा तरजीह दी जा सकती है। लोकसभा चुनाव में जाट-एससी के अलावा ओबीसी वोट बैंक का भाजपा को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, जिसकी वजह से भाजपा हरियाणा की 10 में से 5 ही सीटें जीत पाई थी। क्षेत्रीय समीकरण: जीटी रोड बेल्ट रिपीट, दक्षिण हरियाणा में सबसे ज्यादा टिकट काटे
क्षेत्रीय समीकरण देखें तो भाजपा ने सरकार बनाने वाली 2 बेल्टों पर खास फोकस किया है। पहले जीटी रोड बेल्ट की बात करें तो भाजपा ने लगभग सभी चेहरे रिपीट किए हैं। यहां सिर्फ एक ही टिकट काटा है। यहां कुरूक्षेत्र के पिहोवा से संदीप सिंह का टिकट कटा। उन पर जूनियर महिला कोच के यौन शोषण का आरोप लगा था। यहां केंद्रीय मंत्री खट्टर की चलने के साथ आरएसएस का फीडबैक भी उम्मीदवारों के काम आया। वहीं अहीरवाल बेल्ट समेत दक्षिण हरियाणा में 23 सीटें हैं। यहां भाजपा ने 5 टिकट काट दिए। इसके अलावा 11 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। यह बेल्ट भाजपा के लिहाज से इस वजह से महत्वपूर्ण है। इसकी वजह ये है कि 2014 में अहीरवाल बेल्ट से भाजपा 11 सीटें जीती थी तो पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। 2019 में भाजपा यहां सिर्फ 8 सीटें ही जीत पाई तो सरकार बहुमत के 46 के आंकड़े से दूर रह गई थी।