हिमाचल के हमीरपुर जिला के सुजानपुर में शनिवार तड़के सुबह भारी बारिश ने खूब कहर बरपाया है। इससे हमीरपुर को मंडी जिला से जोड़ने वाली सुजानपुर-संधोल सड़क जगह लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गई है। सुजानपुर में भारी बारिश के कारण एक दर्जन से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। सुजानपुर-संधोल सड़क पर लैंडस्लाइड के कारण सुबह से ही जगह जगह वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुजानपुर-संधोल मार्ग पर सुचुही और बजाहर में पहाड़ ही सड़क पर गिर गया है। इसे हटाने में वक्त लग रहा है। क्षेत्र में हो रही बारिश सड़क की बहाली में बाधा उत्पन्न कर रही है। कक्कड़ से खनोली वाया महेशक्वाल सड़क भी गुब्बर के पास भारी भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी है। कक्कड़ से सुचिही सड़क खनोली के पास पहाड़ गिरने से बंद है। कक्कड़ से छंब को जोड़ने वाली सड़क भी छंब में गिरे पहाड़ के कारण बंद है। सेनुआं दी थाती गांव को जोड़ने वाला सड़क भी बारिश के चलते पहाड़ का मलबा सड़क पर आने से बंद है। इससे सुजानपुर से सांधोल जाने वाले वाहन जंगलबेरी में फंस गए है। बारिश के चलते सकैहड़ खंड में जलस्तर बढ़ गया है। भारी बारिश से क्षेत्र खूब तबाही हुई है। टोनी देवी ऊहल कक्कड़ सड़क भी बंद हो गई है। वहीं लोक निर्माण महकमा सड़कों की बहाली में जुटा हुआ है। एसडीओ कक्कड़ संसार चंद ठाकुर ने बताया कि 4 जेसीबी सड़कों की बहाली में जुटी हुई है। यहां देखे सुजानपुर में भारी बारिश से सड़कों को हुए नुकसान की फोटो… हिमाचल के हमीरपुर जिला के सुजानपुर में शनिवार तड़के सुबह भारी बारिश ने खूब कहर बरपाया है। इससे हमीरपुर को मंडी जिला से जोड़ने वाली सुजानपुर-संधोल सड़क जगह लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गई है। सुजानपुर में भारी बारिश के कारण एक दर्जन से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। सुजानपुर-संधोल सड़क पर लैंडस्लाइड के कारण सुबह से ही जगह जगह वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुजानपुर-संधोल मार्ग पर सुचुही और बजाहर में पहाड़ ही सड़क पर गिर गया है। इसे हटाने में वक्त लग रहा है। क्षेत्र में हो रही बारिश सड़क की बहाली में बाधा उत्पन्न कर रही है। कक्कड़ से खनोली वाया महेशक्वाल सड़क भी गुब्बर के पास भारी भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी है। कक्कड़ से सुचिही सड़क खनोली के पास पहाड़ गिरने से बंद है। कक्कड़ से छंब को जोड़ने वाली सड़क भी छंब में गिरे पहाड़ के कारण बंद है। सेनुआं दी थाती गांव को जोड़ने वाला सड़क भी बारिश के चलते पहाड़ का मलबा सड़क पर आने से बंद है। इससे सुजानपुर से सांधोल जाने वाले वाहन जंगलबेरी में फंस गए है। बारिश के चलते सकैहड़ खंड में जलस्तर बढ़ गया है। भारी बारिश से क्षेत्र खूब तबाही हुई है। टोनी देवी ऊहल कक्कड़ सड़क भी बंद हो गई है। वहीं लोक निर्माण महकमा सड़कों की बहाली में जुटा हुआ है। एसडीओ कक्कड़ संसार चंद ठाकुर ने बताया कि 4 जेसीबी सड़कों की बहाली में जुटी हुई है। यहां देखे सुजानपुर में भारी बारिश से सड़कों को हुए नुकसान की फोटो… हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में अमेरिकी नागरिक का शव ट्रेस:आज निकाला जाएगा, लाहौल-स्पीति के ताशीगंग के समीप खड्डा देखा गया पैराशूट, 4 दिन से था लापता हिमाचल प्रदेश के ट्राइबल जिला लाहौल स्पीति में चार दिन से लापता अमेरिकी नागरिक के शव को आईटीबीपी के जवानों ने ट्रेस कर दिया है। लापता अमेरिकी पैराग्लाइडर के शव को आज काजा लाने का प्रयास किया जाएगा। कुछ ही देर में आईटीबीपी, लोकल पुलिस और SDRF की टीम संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाकर शव को निकालने का प्रयास करेगी। 31 वर्षीय अमेरिकी पेराग्लाइडर ट्रेवर बोकस्टाहलर का शव ताशीगंग के बीच एक खड्ड में देखा गया है। पुलिस के अनुसार के अनुसार, ट्रेवर बीते गुरुवार को स्पीति घाटी की अपनी यात्रा के दौरान लापता हो गए थे। इसके बाद लापता ट्रेवर को खोजने के लिए एक टीम का गठन किया गया। इस टीम ने काजा के अलग-अलग इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया। मगर शनिवार तक उसका सुराग नहीं लग पाया। हालांकि ताशीगंग के पास एक सुनसान इलाके में ट्रेवर द्वारा किराए पर ली गई मोटरसाइकिल जरूर मिली, लेकिन ट्रेवर की कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इसके बाद सेना की डोगरा रेजिमेंट की सहायता से एक ड्रोन से खोजने का प्रयास किया गया। इस दौरान ताशीगंग के बीच एक गहरी खाई में फंसे एक पैराशूट की पहचान की। शव को आज खड्ड से काजा लाया जाएगा आज शव को खड्ड से निकालने का प्रयास किया जाए, क्योंकि पहाड़ी और खतरनाक रास्ते की वजह से बीती शाम को शव नहीं निकाला जा सका। शव को निकालने के बाद उसका पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। इसके बाद विदेशी मूल के पैराग्लाइडर का शव अमेरिकी अंबेसी को सौंपा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद मौत के कारणों से पर्दा उठ सकता है।
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हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले मैं अब कैसे जीऊंगी…? पूरा गांव श्मशान बन गया…। गांव में अब अकेला मेरा घर बचा है…। यह शब्द शिमला जिले के रामपुर के समेज गांव की अनीता के हैं। अनीता ने बुधवार आधी रात की आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनके परिवार ने भागकर जान जरूर बचाई है, लेकिन अब परिवार अकेले बचा है। वे कैसे रहेंगे? अनीता कह रही हैं कि भगवान यह आपने क्या कर दिया? गांव को श्मशान बना दिया। मुझे भी गांव वालों के साथ ले चलते। मैं गांव वालों के बगैर कैसे जीऊं? अनीता ने बताया कि रात में अचानक से उनका घर हिला। वह जिस बिस्तर पर सोई थीं, वह भी हिल गया। फिर जोर-जोर से आवाजें आईं। जब बाहर निकलकर देखा तो तबाही मची हुई थी। इसी दौरान गांव के कुछ लोग उनके घर की ओर आए। उन्होंने हांफते हुए बताया कि बाढ़ आई है। इसके बाद उनके परिवार के सदस्य रात में घर छोड़कर थोड़ी ऊंचाई पर स्थित भगवती माता के मंदिर में भागे। वहां पर उन्होंने पूरी रात काटी। उनके साथ गांव के ही 10-12 लोग भी मंदिर में थे। अनीता का कहना है कि उनका घर ऊंचाई पर था, इसलिए वे लोग बच गए। अनीता ने बताया कि उनके घर में 5 सदस्य हैं। बाढ़ के समय घर में 4 लोग मौजूद थे। उनके मवेशी भी सुरक्षित हैं, लेकिन उनके पड़ोसी इस बाढ़ में बह गए। अनीता की तरह गांव में दूसरे लोग भी नम आंखों से अपनों को तलाश रहे हैं। सबकी नजरें समेज खड्ड पर टिकी हुई है। उम्मीद है कि उनके अपने सुरक्षित मिल जाएंगे। 2 मिनट भी लेट होते तो नहीं बचते: कुलविंदरा
गांव की कुलविंदरा बताती हैं कि रात 12 बजे बादल फटने की सूचना मिली। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बाहर भागे। यदि 2 मिनट लेट हो जाते तो बचना मुश्किल हो जाता। उन्होंने बताया कि समेज गांव में 8 से 10 मकान बहे हैं। रात में तबाही देखते हुए वह गांव से काफी ऊंचाई पर स्थित मंदिर पहुंचे। सुबह 5 बजे वापस नीचे गांव गए तो पूरे गांव का नामोनिशान तक मिट गया था। उन्होंने बताया कि लोगों के साथ-साथ गाय भी बाढ़ में बही हैं। न घर बचा न घर वाले
बाढ़ से पीड़ित एक व्यक्ति ने बताया कि उनके परिवार के करीब 15 सदस्य लापता हैं। उनकी बेटी और बेटी के 2 बच्चों का भी कुछ अता-पता नहीं है। बच्चों में एक बेटा (4) और बेटी (7) थे। ये दोनों DPS में पढ़ते थे। इनसे उनकी लास्ट टाइम करीब 4 दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने बताया कि वह सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, और घटना के समय रामपुर में थे। उन्हें रात करीब 2 बजे सूचना मिली। इसके बाद वह करीब 4 बजे यहां पहुंचे तो देखा कि न घर है और न ही घर वाले। यहां का मंजर देखकर वह दंग रह गए। आधी रात में भागकर बचाई जान
प्रत्यक्षदर्शी आशीष ने बताया कि रात करीब 12 बजे जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो 5 मिनट में ही गांव के पुल तक पानी भर आया। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने कुछ परिवार बह गए। उन्होंने बताया कि सामने ग्रीनको कंपनी के कर्मचारियों के लिए गेस्ट हाउस था। उन्हें पहले पता लग गया था। कंपनी के कुछ कर्मचारी दूसरे लोगों को बचाने के चक्कर में खुद बाढ़ में बह गए। गांव के लोग भगवान बनकर आए
समेज स्कूल के चौकीदार दयानंद (41) ने बताया कि वह स्कूल में काफी देर तक फंसे रहे। स्कूल के एक टीचर ने DPI को आधी रात में फोन किया। इसके बाद DPI के कहने पर गांव के लोगों ने खिड़की व शीशे तोड़कर दयानंद को स्कूल से बाहर निकाला, क्योंकि निचली मंजिल का दरवाजा मलबे में दब गया था। सुरक्षित निकाले गए दयानंद कहते हैं कि गांव के लोग उनके के लिए भगवान बनकर आए। ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की अकाउंटेंट बच्चों समेत मलबे में दफन
रामपुर के कांदरी निवासी जय सिंह का हंसता-खेलता परिवार भी समेज के सैलाब में उजड़ गया है। जय सिंह की पत्नी कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) मलबे में दफन हो गए। अब जय सिंह बार-बार बेसुध हो रहे हैं। जय सिंह के भाई कुशाल सुनैल ने बताया कि भाभी कल्पना ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट थीं। खड्ड के डर से उन्होंने झाखड़ी के रत्नपुर के लिए अपना ट्रांसफर करवा लिया था। बाढ़ वाले दिन ही उन्हें अपना सामान शिफ्ट करना था। लेकिन, कुदरत ने उन्हें समेज छोड़ने ही नहीं दिया। एक हफ्ते तक घर में बच्चों ने की मौज मस्ती
कुशाल ने बताया कि अक्षिता और अद्विक को स्कूल से एक सप्ताह की मानसून ब्रेक थी। इसलिए, दोनों बच्चे एक हफ्ते तक कांदरी में मस्ती करते रहे। बीते मंगलवार को दोनों बच्चे भाभी के साथ समेज गए। बुधवार रात को हादसा हुआ। हादसे वाले दिन जय सिंह समेज में नहीं थे। इस वजह से उनकी जान बच गई। गोपाल का घर बहने से 12 दबे
जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना दोनों बच्चों के साथ समेज में गोपाल के 3 मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप-फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था। गोपाल की ही बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। इसमें जय सिंह की पत्नी, 2 बच्चों के अलावा गोपाल की पत्नी शिक्षा (37), बेटी जिया (15) और ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों की भी मौत हुई है। कंपनी के कर्मचारी भी इसी बिल्डिंग में रहते थे। 36 लोगों का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं
समेज हादसे में कुल मिलाकर 36 लोग लापता है। 48 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी का सुराग नहीं लग पाया है। माना जा रहा है कि खड्ड में अत्यधिक पानी की वजह से लोग दूर तक बह गए हों। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने समेज से लेकर शिमला के सुन्नी तत्तापानी तक सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया है।
हिमाचल CM का PM मोदी पर कटाक्ष:जयराम को बताया झूठ का सौदागर; टॉयलेट और खेल टैक्स को लेकर झूठ फैलाने का आरोप
हिमाचल CM का PM मोदी पर कटाक्ष:जयराम को बताया झूठ का सौदागर; टॉयलेट और खेल टैक्स को लेकर झूठ फैलाने का आरोप हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व CM एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को झूठ का सबसे बड़ा सौदागर बताया। सीएम सुक्खू ने कहा, उन्हें अफसोस होता है कि इनकी फीडबैक पर प्रधानमंत्री मोदी भी बात भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम को ये लोग जो फीडबैक देते हुए, उस पर सोच विचार करना चाहिए। सीएम सुक्खू ने कहा कि, जयराम ठाकुर रोज नए-नए नाम खोजते रहते हैं। जैसे की उन्होंने झूठ की पीएचडी कर रखी हो। इसलिए बीजेपी की नाम बड़ी झूठ पार्टी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, जयराम ठाकुर कभी टॉयलेट टैक्स की बात करते हैं, कभी बोलते है खेल पर टैक्स लगाया। हकीकत में हिमाचल की जनता पर ऐसा कोई भी टैक्स नहीं लगाया गया। सीएम ने कहा, अब झूठ पर भी टैक्स लगना चाहिए। सबसे ज्यादा झूठ जयराम ठाकुर ने बोला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस तरह का झूठ जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बोलती है। उन्होंने कहा, हिमाचल में जनता पर आज तक कोई टैक्स नहीं लगा। सोशल मीडिया पर झूठ परोसा जा रहा है। टॉयलेट टैक्स के कारण विपक्ष ने घेरा बता दें कि बीते दिनों टॉयलेट टैक्स और खेल टैक्स के कारण हिमाचल सरकार खूब चर्चा में आई। बीजेपी नेताओं ने इसे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी मुद्दा बनाने की कोशिश की। हालांकि सीएम सुक्खू ने कहा, हिमाचल में कोई टॉयलेट टैक्स नहीं लगाया गया। यह टैक्स साल 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लगाया था। इसलिए सरकार ने टॉयलेट टैक्स की बात को गलत बताया था। इसके बाद जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर खेल टैक्स को लेकर हमला बोला। इसका भी सरकार ने खंडन किया और विपक्ष का झूठ बताया।