पाकिस्तानी डॉन ने बढ़ाई पंजाबी SHO की मुश्किलें,VIDEO:भट्‌टी बोला- मैंने कॉल नहीं की; महिला को ‘क्यों तड़पाई जांदी’ कहकर अकेले बुलाया था

पाकिस्तानी डॉन ने बढ़ाई पंजाबी SHO की मुश्किलें,VIDEO:भट्‌टी बोला- मैंने कॉल नहीं की; महिला को ‘क्यों तड़पाई जांदी’ कहकर अकेले बुलाया था पंजाब के जालंधर में रेप पीड़िता और सस्पेंड किए गए फिल्लौर एसएचओ भूषण के मामले से जुड़ा विवाद अब और गहराता जा रहा है। एसएचओ भूषण कुमार, जिन्होंने कुछ दिन पहले पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी से धमकी मिलने का दावा किया था और कहा था कि रेप पीड़िता का पाक एजेंसियों से लिंक है। मगर, अब खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं। इसका कारण है कि शहजाद भट्टी की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई है, जिसमें वह साफ कहता सुनाई दे रहा है कि उसने न तो किसी भारतीय पुलिस अधिकारी को कॉल की है और न ही किसी को धमकी दी है। भट्टी ने कहा कि यह सब मनगढ़ंत कहानी है, जो केवल अपने बचाव के लिए गढ़ी गई है। पाकिस्तानी गैंगस्टर ने यह भी आरोप लगाया कि भूषण कुमार ने खुद ही फोन कॉल को प्लांट करवाया है, ताकि मामले की दिशा बदली जा सके। भट्टी ने यह भी कहा कि यदि वह किसी को कॉल करता, तो अपने असली नंबर से करता, क्योंकि उसकी आवाज और बोलने का तरीका सब जानते हैं। बता दें एसएचओ भूषण कुमार को रेप पीड़िता की मां को अकेले थाने बुलाने के मामले में सस्पेंड किया गया है। महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल के हस्तक्षेप के बाद भूषण कुमार पर उनके ही फिल्लौर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जालंधर देहात के एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क ने इसकी पुष्टि की है। इस मामले की जांच तो चल ही रही है, अब पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पाकिस्तानी डॉन के नाम से दी गई धमकी कॉल असली थी या सिर्फ एक ड्रामा रचा गया था। अब जानिए कॉल रिकॉर्डिंग में क्या कहा गया… पाकिस्तान डॉन शहजाद भट्टी द्वारा जारी की गई रिकॉर्डिंग में कहा गया है कि ये जो बंदा है, भारत में किसी थाने का एसएचओ है, मुझ पर आरोप लगा रहा है कि मैंने धमकी दी है। ये सभी बातें गलत है। मैं न तो उक्त एसएचओ को जानता हूं और ना ही मुझे उसका नाम पता है। न मैंने और ना ही मेरे किसी बंदे ने एसएचओ को कॉल की है। भट्टी ने कहा- मैंने अपने तौर पर पता करवाया है, मुझे पता चला है कि ये प्लांट की गई फोन कॉल है। इसकी अच्छे से जांच हो, एसएचओ ने खुद ये कॉल किसी से करवाई है। दूसरी बात अगर मुझे कॉल करनी भी है, तो मैं अपने खुद के नंबर से कॉल करता हूं। मेरी आवाज का सबको पता है कि मैं कैसे बोलता हूं। उक्त फोन कॉल में तो आवाज भी मेरी नहीं है। ये बिना वजह मेरे पर इल्जाम नहीं लगाएं कि मैंने कुछ करवाया है। मैं जो भी चीजें करवाता हूं, सबके सामने उसकी जिम्मेदारी लेता हूं। 4 पॉइंट्स में जानिए पूरा विवाद जरनैल सिंह बोले- एसएचओ खुद पाकिस्तान से काल करवा रहा
लोक इंसाफ मंच के प्रमुख जरनैल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से जो कॉल आ रहे हैं, वो एसएचओ खुद करवा रहे हैं। लोक इंसाफ मंच हिंदू-सिख एकता का प्रतीक है। होशियारपुर में बच्चे के कत्ल का मामला सबसे पहले हमने उठाया था। इसके बाद किसी ने मेरा नाम गलत उछाल दिया। कुछ निहंग जत्थेबंदियों को ये संदेश पहुंचा दिया कि मैं पंजाब में प्रवासियों के पक्ष में हूं। इसके बाद मुझे सोधा लगाने की धमकियां आने लगीं। एसएचओ के मामले के बाद तो और भी खतरा बढ़ गया है। मैं पुलिस कमिश्नर से मिलकर सुरक्षा की मांग करुंगा। ये लोग कुछ भी करवा सकते हैं। पीड़िता की रिकॉर्डिंग में जानिए एसएचओ ने क्या कहा… एसएचओ- हैलो, कित्थे रेह गई (हैलो, कहां रह गई)
पीड़िता- हुण रात हो गई। बाहर हनेरा ए, मैं दवाई लैण जाणा, ताया जी नी आए (अभी रात हो गई। अंधेरा है। मैं दवाई लानी है। ताया जी नहीं आए।) एसएचओ- शायद, आउंदे ही होणे (शायद, वो आते होंगे।)
पीड़िता- हांजी, औंदे होणे (हांजी आते होंगे)। कॉल की थी उनको। एसएचओ- कल्ली आवेंगी तूं (तू अकेली आएगी।)
पीड़िता- देखदी आं, सिस्टर नाल औंदी आं (देखती हूं, सिस्टर के साथ आती हूं।) एसएचओ- आ जा (आ जाओ।)
पीड़िता- हां, औंदी आं (हां आती हूं।) एसएचओ- क्यो तड़पाई जांदी (क्यों तड़पा रहे हो)
पीड़िता- मैंनू कमजोरी आई ए, ड्रिप वी लगवाउणी (मुझे कमजोरी आई है, ड्रिप लगवानी है) एसएचओ- जल्दी आ जा (जल्दी आ जा) पीड़िता- तुसी ठाणे च ई ओ (आप थाने में हो)
एसएचओ- नईं कमरे च आं (नहीं रूम में हूं) पीड़िता- तुहाडा कमरा कित्थे आ (आपका रूम कहां है)
एसएचओ- नवांशहर अड्डे दे कोल ए (नवांशहर अड्डे के पास है)। पहला रोड, राइट साइड, बॉय स्कूल। पीड़िता- गर्ल्स स्कूल दे कोल (गर्ल्स स्कूल के पास)
एसएचओ- नईं-नईं, उदर नीं जाणा (नहीं, वहां नहीं जाना है।) पीड़िता- कित्थे, जित्थे अमरजीत ट्रैवल ए (कहां, जहां अमरजीत ट्रैवल है)
एसएचओ- लागे सैलून ए ते लोहे दियां पौड़ियां ने (वहां सैलून है, लोहे की सीढ़ियां हैं) पीड़िता- मैं उस साइड नीं आई कदे (मैं आई नहीं उस साइड कभी)
एसएचओ- चल आजा, जल्दी आ जा (चलो, आ जाओ, जल्दी आ जाओ) —————————— एसएचओ भूषण कुमार से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें पंजाब पुलिस के SHO की नई कॉल रिकॉर्डिंग:बोला- हैलो, कित्थे रेह गई, क्यों तड़पाई जांदी, जल्दी आ जा; बेटी से रेप केस में मिली थी पंजाब में जालंधर के फिल्लौर थाने के SHO भूषण कुमार एक बार फिर सुर्खियों में हैं। भूषण को पहले ही रेप पीड़िता की मां को अकेले थाने में बुलाने के आरोप में सस्पेंड किया जा चुका है। इस मामले में अब 2 और पीड़िता सामने आई हैं, जिन्होंने पंजाब महिला कमीशन को SHO की बातचीत की रिकॉर्डिंग सौंपी है। (पूरी खबर पढ़ें)

सिद्धू मूसेवाला की एल्बम 100 मिलियन क्लब में:4 महीने पहले हुई रिलीज, विरोध में आई BBC की डॉक्यूमेंट्री 2 मिलियन व्यूज ही बटोर पाई

सिद्धू मूसेवाला की एल्बम 100 मिलियन क्लब में:4 महीने पहले हुई रिलीज, विरोध में आई BBC की डॉक्यूमेंट्री 2 मिलियन व्यूज ही बटोर पाई पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के 32वें जन्मदिन पर रिलीज हुई उनके तीन गीतों की एल्बम मूस प्रिंट 100 मिलियन व्यू क्लब में शामिल हो गई है। मूसेवाला की मौत के बाद भी उनके फैंस में उनका पहले वाला ही क्रेज है। चार माह में 100 मिलियन व्यू यूट्यूब पर मिलने से उनके फैंस उत्साहित हैं।
एल्बम “मूस प्रिंट” में 3 गाने हैं, जिनमें 0008, नील और टेक नोट्स शामिल हैं। यूट्यूब पर रिलीज होते ही तीनों गाने ट्रेंड कर रहे हैं। टेक नोट टाइटल से बने गीत को 33 लाख व्यू 6 घंटे में मिल गए थे। अब 4 महीने बाद टेक नोट को 37 मिलियन, 0008 को 32 मिलियन और नील को 32 मिलियन लोग देख चुके हैं। इस एल्बम की रिलीज पर पिता बलकौर सिंह ने कहा था कि मौत से पहले बेटा खुद के, मेरे और अपनी मां के जन्मदिन पर गीत रिलीज करता रहा है। इस एल्बम को रिलीज करने के पीछे भी उनका यही मकसद है कि सिद्धू का शुरू किया गया ये सिलसिला थमे न। अभी सिद्धू के जितने भी गाने रिकॉर्ड हैं, उन्हें धीरे-धीरे रिलीज किया जा रहा है। इससे पहले एल्बम के पोस्टर के इंस्टाग्राम पर रिलीज होते ही उसे जबरदस्त रिस्पांस मिला था। इस पोस्टर पर ही फैंस के 1.3 मिलियन से ज्यादा लाइक मिले थे। जबकि परिवार को विरोध के उलट BBC पर रिलीज हुई सिद्धू की डॉक्यूमेंट्री को 2.10 मिलियन व्यू ही मिल पाए हैं। बता दें कि शुभदीप उर्फ सिद्धू मूसेवाला का जन्म 11 जून 1993 को मानसा जिला के गांव मूसा में हुआ था। 29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की मानसा के गांव जवाहरके में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। जानें 100 मिलियन पूरे होने पर क्या बोले फैंस… मूसा जट्ट ने लिखा- नील गीत मेरे दिल के बहुत करीब
सिद्धू मूसेवाला के तीन गीतों की एल्बम मूस प्रिंट में शामिल नील गीत के बारे में मूसा जट्ट नामक फैंस ने लिखा कि ये गीत उनके दिल के बहुत की करीब है। सिद्धू ने इस गीत को बहुत ही मार्मिक ढंग से गाया है। सिद्धू के दूसरे गानों की तरह ही ये एक बार सुनते ही दिल क छू लेता है।
आके नाम से यूजर ने लिखा- गोन वट नेवर फोरगोटन
RK नाम के एक यूजर ने लिखा कि भले ही सिद्धू मूसेवाला उनके बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गीत आज भी उनका एहसास करवाते हैं। सिद्धू मूसेवाला बेशक चला गया है, लेकिन भूला नहीं है। इसी तरह अन्य फैंस ने भी सिद्धू के लिए जस्टिस फोर सिद्धू लिखा। हत्या के बाद फैन बढ़े, 8 गाने रिलीज हुए
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उनके 8 गाने रिलीज हो चुके हैं। उनके सभी गानों को पहले जैसी ही पॉपुलैरिटी मिली। ये सभी गाने उनके ऑफिशियल अकाउंट पर रिलीज किए गए। ब्रिटिश सिंगर स्टेफलॉन डॉन ने अपने गाने डिलेमा का प्रचार सिद्धू मूसेवाला के नाम से ही किया था। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से सिद्धू मूसेवाला का वीडियो बनाया और अपने गाने में इस्तेमाल किया था। सिद्धू मूसेवाला के कुछ गाने दूसरे सिंगरों और रैपरों ने अपने-अपने चैनलों पर रिलीज किए हैं। नई एल्बम ‘साइन टू वार 2026 वर्ल्ड टूर’ की भी तैयारी करीब दो माह पहले पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर डाली गई एक पोस्ट चर्चा का विषय बन गई थी। इस पोस्ट में “साइन टू वार 2026 वर्ल्ड टूअर” नाम दिया गया है। इससे मूसेवाला की टीम ने एक रहस्यमय, लेकिन उत्साहजनक संकेत दिया गया है। उनके चाहने वाले इसको एक बड़ी और अच्छी खबर के रूप में देख रहे हैं। माना जा रह है कि 2026 में इसको रिलीज किया जा सकता है। हालांकि, अब तक इसकी कोई आधिकारिक तारीख, स्थान या शेड्यूल सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन मूसेवाला की टीम ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी। सिद्धू मूसेवाला की मैनेजमेंट टीम ने कहा है कि इस संभावित टूर की तैयारियां फिलहाल आंतरिक स्तर पर चल रही हैं। —————— सिद्धू मूसेवाला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
सिद्धू मूसेवाला के बर्थडे पर 3 गाने रिलीज:तीनों गीत कर रहे ट्रेंड, पिता बोले- जिन गानों से मैंने रोका, वही रिलीज करने पडे़ ​​​पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का आज (11 जून) 32वां बर्थडे है। इस मौके पर सिद्धू की 3 गानों की एल्बम “मूस प्रिंट” रिलीज हुई है। इसमें 3 गाने हैं, जिनमें 0008, नील और टेक नोट्स शामिल हैं। यूट्यूब पर रिलीज होती ही तीनों गाने ट्रेंड कर रहे हैं। (पूरी खबर पढ़ें) सिद्धू मूसेवाला की मां ने बेटे को जन्म दिया:पिता ने शेयर की बच्चे की फोटो; चाचा बोले- शुभदीप सिंह ही नाम रखेंगे पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के घर किलकारियां गूंजी हैं। उनकी मां चरण कौर ने बेटे को जन्म दिया। सुबह करीब 5 बजे बठिंडा के प्राइवेट अस्पताल में बच्चे का जन्म हुआ। मूसेवाला के पिता बलकौर सिद्धू ने खुद यह जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की है। उन्होंने बच्चे का फोटो भी शेयर किया है। (पूरी खबर पढ़ें)

पंजाब का ऐसा गांव, जहां भैंसों ने बदली दिवाली परंपरा:200 साल से देश से अलग दूसरे दिन सेलिब्रेशन; 2 साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट से है पहचान

पंजाब का ऐसा गांव, जहां भैंसों ने बदली दिवाली परंपरा:200 साल से देश से अलग दूसरे दिन सेलिब्रेशन; 2 साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट से है पहचान पंजाब के मोहाली जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां दीपावली पूरे देश से अलग दिन मनाई जाती है। इस गांव का नाम है, चिल्ला गांव। यहां हमेशा से परंपरा रही है कि गांव में दिवाली अगले दिन मनाई जाएगी, जबकि सारा देश एक दिन पहले सेलिब्रेशन कर चुका होता है। यह रिवाज करीब 200 वर्षों से चला आ रहा है, जिसके पीछे भैंसों से जुड़ी कहानी मानी जाती है। हालांकि, इस परंपरा कोई उल्लेख किसी किताब या धार्मिक ग्रंथ में नहीं मिलता, फिर भी लोग अपने बुजुर्गों द्वारा शुरू की गई इस परंपरा को बिना कोई सवाल उठाए निभा रहे हैं। इस साल गांव में दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जबकि देश में यह फेस्टीवल 20 अक्टूबर को सेलिब्रेट होगा। 20 अक्टूबर की रात ग्रामीण घरों में छोटी दीपमाला करेंगे और रिश्तेदारों से मिलेंगे, जबकि मुख्य उत्सव अगले दिन पूरे गांव में होगा। इस अवसर पर गांव में मेला भी आयोजित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस गांव में 2 नेशनल लेवल के इंस्टीट्यूट है और यहां के कई लोग विदेशों में भी बसे हैं, इसके बावजूद इस परंपरा में बदलाव नहीं आया है। देश से अलग क्यों होता है दीपावली सेलिब्रेशन, ग्रामीणों की जुबानी जानिए… 200 साल पहले खो गई थी भैंसे, ढूंढने में निकल गई रात
गांव के पूर्व सरपंच अजैब सिंह, जिनकी उम्र 81 साल है। वे बताते हैं कि उनके बचपन से ही गांव में दिवाली एक दिन बाद मनाई जाती है। वे कहते हैं कि बुजुर्गों के अनुसार करीब 200 साल पहले दिवाली वाले दिन गांव की भैंसे खो गई थी। उस दिन पूरे गांव के लोग भैंसों को तलाशते रहे। जब तक पशु मिले, दिवाली वाली रात निकल गई थी और घरों में लक्ष्मी पूजन नहीं हो पाया। तब से ही गांव में दिवाली अगले दिन मनाने की परंपरा शुरू हो गई। गांव बना एजुकेशन सिटी, सभी लोग शिक्षित
प्रोफेसर जगतार सिंह बताते हैं कि गांव की आबादी करीब साढ़े 500 के आसपास है। यह गांव मोहाली के सेक्टर 80-81 क्षेत्र में आता है। उन्होंने बताया कि चिल्ला गांव आज आधुनिक और शिक्षित गांवों में गिना जाता है। यहां एजुकेशन सिटी है, जिसके एक ओर नैनो टेक्नोलॉजी संस्थान और दूसरी ओर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) स्थित है। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) भी गांव में है। इसके बावजूद लोग पुरानी परंपराओं को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं। जो लोग गांव से बाहर बस चुके हैं, वे भी इस दिन विशेष रूप से गांव लौटकर दिवाली का उत्सव मनाते हैं। रिवाज कब शुरू हुआ, इसका किसी को पता नहीं
गांव के ही गुरचरण सिंह का कहना है कि जब से उन्होंने होश संभाला है, तब से पूरे भारत में दिवाली जिस दिन मनाई जाती है, उसके अगले दिन चिल्ला गांव में दिवाली मनाई जाती है। यह परंपरा कब और किसने शुरू की, यह किसी को नहीं पता, लेकिन आज भी पूरा गांव इसे श्रद्धा और एकजुटता से निभा रहा है। गांव के लोग विदेश तक बसे, फिर भी निभाते है परंपरा
वहीं, गांव के गगनदीप बताते हैं कि चिल्ला मोहाली के सबसे विकसित गांवों में से एक है। यहां देश के दो बड़े साइंस और रिसर्च संस्थान हैं, साथ ही इंडियन बिजनेस स्कूल भी है। गांव हवाई अड्डे के पास स्थित है। करमजीत सिंह के अनुसार, गांव के लगभग सभी लोग शिक्षित हैं। कई लोग नौकरीपेशा हैं, कई व्यवसायी हैं और कई विदेशों में भी बसे हैं। इसके बावजूद सभी लोग गांव की इस परंपरा का पूरी श्रद्धा से पालन करते हैं। गुरुद्वारा साहिब और खेड़े पर माथा टेकते हैं। PHOTOS में देखिए गांव चिल्ला की आधुनिकता… —————————–
पंजाब के इन फेमस गांवों के बारे में भी पढ़िए… ये है पंजाब का अयाली गांव… दर्जनों इंटरनेशनल ब्रांड्स के आउटलेट, चकाचौंध ऐसी कि शहर को भी पीछे छोड़ देती है पंजाब के लुधियाना से लगभग 13 किलोमीटर दूर अयाली गांव किसी भी शहर से कम नहीं है। यहां मैक्डी, बरिस्ता जैसे दर्जनों इंटरनेशनल ब्रांड्स के आउटलेट खुले हुए हैं। इस गांव की मार्केट को साउथ सिटी का नाम दिया गया है। (पूरी खबर पढ़ें)

ऑस्ट्रेलिया में बसे हरियाणवी बोले- खराब हुई कम्युनिटी की छवि:मासूम शर्मा ने शो में किए थे गंदे इशारे, सोशल मीडिया पर छिड़ी जातीय जंग

ऑस्ट्रेलिया में बसे हरियाणवी बोले- खराब हुई कम्युनिटी की छवि:मासूम शर्मा ने शो में किए थे गंदे इशारे, सोशल मीडिया पर छिड़ी जातीय जंग ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा का शो हंगामे के कारण कैंसिल होने के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग तरह की जंग छिड़ गई है। कोई मासूम शर्मा को ट्रोल कर रहा है तो कोई पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है। यही नहीं, इस मामले को जातीय रंग देने की भी कोशिश चल रही है। कॉस्ट को टारगेट करने वाले कमेंट शो वाली पोस्ट पर आ रहे हैं। शो के आयोजक की फेसबुक आईडी पर मासूम शर्मा के लिए अब गंदे कमेंट लिखे जा रहे हैं। शो मेलबर्न शहर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया था। जिसकी टिकट भारतीय मुद्रा के अनुसार करीब 16 हजार रुपए थी। मासूम शर्मा शो में काफी लेट आए तो हंगामा शुरू हो गया। उसके बाद किसी ने जाटां का छोरा सॉन्ग की डिमांड कर दी। जिस पर मासूम भड़क गए और युवक को धमका दिया। जिसके बाद शो में काफी हंगामा हुआ। हंगामा हुआ तो आयोजक ने मासूम शर्मा को वहां से सेफ निकालना चाहा, लेकिन मासूम शर्मा वहां से गंदे इशारे करते हुए निकले। ऑस्ट्रेलिया में बसे हरियाणवियों ने कहा कि शो के कारण हरियाणवी कम्युनिटी की विदेश में छवि खराब हुई है। लोग सोशल मीडिया पर ताने दे रहे हैं कि हरियाणवी कुछ नहीं कर सकते, बस वे ऐसा ही कर सकते हैं। इंटरनेशनल लेवल पर अगर कोई व्यक्ति जाता है तो उसे अपने देश और प्रदेश की साख का भी ख्याल रखना चाहिए। अब पढ़िए मेलबर्न में बसे हरियाणवियों ने क्या कहा… सोशल मीडिया पर लोगों ने ये कमेंट किए… जानिए….सिंगर मासूम शर्मा से जुड़े 4 विवाद ——————— ये खबर भी पढ़ें :- मेलबर्न में मासूम शर्मा के शो में हंगामा:लेट आने पर कुछ युवकों ने अश्लील इशारे किए, हरियाणवी सिंगर भी अपशब्द बोलकर निकले ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में चल रहे हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा के लाइव शो में हंगामा हो गया। आरोप है कि मासूम शर्मा के शो में देरी से आने पर कुछ युवकों ने मंच के सामने आकर अश्लील इशारे किए। मासूम ने युवक की बात सुनने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद अन्य युवकों ने गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। पढ़ें पूरी खबर…

अखिलेश बोले- भाजपा मंदिरों के खजाने तो छोड़ दे:फलाहारी बाबा ने की CBI जांच की मांग, बांके बिहारी के खजाने में खाली मिले बॉक्स

अखिलेश बोले- भाजपा मंदिरों के खजाने तो छोड़ दे:फलाहारी बाबा ने की CBI जांच की मांग, बांके बिहारी के खजाने में खाली मिले बॉक्स वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के तोशाखाने में खाली संदूक और आभूषणों के खाली डिब्बे मिलने का मामला राजनैतिक रंग लेने लगा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने X पर लिखा- भाजपा सरकार से करबद्ध आग्रह है कि कम से कम मंदिरों के खजाने तो छोड़ दें। इतना लालच अच्छा नहीं। वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर केस के याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी ने सीएम योगी को लेटर लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। बांके बिहारी खजाने को लेकर किन-किन लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं। सबसे पहले जानते हैं कि बांके बिहारी मंदिर के खजाने में पहले और दूसरे दिन क्या-क्या मिला। 18 अक्टूबर को पहले दिन क्या हुआ? बांके बिहारी मंदिर का खजाना 54 साल बाद 18 अक्टूबर को खोला गया। ये खजाना 160 साल पुराना है। खजाने के गेट को खोलने से पहले दिनेश गोस्वामी ने दीपक जलाया। इसके बाद अफसरों की मौजूदगी में दरवाजे को ग्राइंडर से काटा गया। फिर, खजाने की पहचान के लिए तय कमेटी के सारे मेंबर एक-एक करके अंदर गए। कमेटी में सिविल जज, सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी, सीओ वृंदावन, सीओ सदर और चारों गोस्वामी शामिल रहे। सभी ने मास्क लगाकर एंट्री की। टीम को शनिवार की सर्चिंग में 2 बक्से (एक लोहे और दूसरा लकड़ी का) और 3 कलश मिले हैं। लकड़ी के बक्से के अंदर ज्वेलरी के छोटे-बड़े कई खाली डिब्बे मिले। 4-5 ताले भी निकले हैं। बक्से में 2 फरवरी, 1970 का लिखा हुआ एक पत्र और एक चांदी का छोटा छत्र भी मिला था। अगले दिन 19 अक्टूबर को क्या मिला? रविवार को दूसरे दिन भी खजाना खोला गया। लॉक मुख्य दरवाजे को ग्राइंडर से काटने के बाद टीम और कमेटी अंदर गई। यहां सीढ़ियों के जरिए नीचे जाने वाला तहखाना मिला। खजाने में मुख्य दरवाजे के अंदर बने एक कमरे में लकड़ी के दो संदूक मिले, एक बड़ा और दूसरा छोटा। इस संदूक में कई बर्तन, कीमती नग और सिक्के मिले थे। कमरे में लकड़ी का लगभग एक मीटर लंबा और 4 मीटर चौड़ा बक्सा मिला। जिसमें सोने की चमचमाती छड़ी और गुलाल लगी हुई चांदी की 3 छड़ें मिलीं। टीम सीढ़ियों से नीचे उतरकर तहखाने में भी गई। एक-एक करके कमेटी के सभी सदस्य तहखाने में उतरे। तहखाना एकदम साफ मिला। वहां कुछ भी नहीं मिला। ठाकुर जी इन छड़ियों से होली खेलते थे खजाने के बारे में दिनेश गोस्वामी ने बताया- नीचे तहखाने तक सब क्लियर हो गया है। जो छड़ियां मिली हैं, उन्हें देखकर ऐसा लग रहा है कि मानो ठाकुर जी ने होली में चांदी की छड़ियों से रंग खेला होगा। होली के 4-5 दिन बाद धुरेली पर सोने की छड़ी धारण की होगी। अब जानते हैं, बांके बिहारी खजाने को लेकर किन-किन लोगों ने रिएक्शन दिया… अखिलेश यादव बोले- भाजपा सरकार मंदिरों के खजाने तो छोड़ दे बांके बिहारी मंदिर में लकड़ी के बक्से और ज्वेलरी के छोटे-बड़े लगभग सभी खाली डिब्बे मिले। इस पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए भाजपा सरकार पर तंज कसा। सपा प्रमुख ने पोस्ट में लिखा- भाजपा सरकार से करबद्ध आग्रह है कि कम से कम मंदिरों के खजाने तो छोड़ दें। इतना लालच अच्छा नहीं। फलाहारी बाबा बोले- पहले के मंदिर व्यवस्थापकों की संपत्ति जांचे मंदिर में कई वर्षों की दान की गई संपत्ति नहीं मिलने से गोवर्धन-श्रीकृष्ण जन्म भूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी महाराज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। फलाहारी बाबा ने कहा- मंदिर में भक्तों, राजा-महाराजाओं और आमजन ने वर्षों से करोड़ों की संपत्ति, हीरे-जवाहरात और आभूषण दान किए थे। लेकिन, अब उनके अभिलेख और संदूक खाली मिले हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने सालों बाद खजाना खोले जाने की क्या जरूरत थी। इसके पीछे कौन लोग हैं। हमारी मांग है कि उस समय के मंदिर व्यवस्थापकों की संपत्ति की भी जांच की जाए। गोस्वामी ने खजाना खोले जाने की प्रक्रिया पर नाराजगी जताई खजाना खोले जाने की प्रक्रिया को लेकर अनंत गोस्वामी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि लाइव के लिए टीवी नहीं लगाई गई। वीडियो रिकॉर्डिंग से क्या होगा? अनंत गोस्वामी से मीडिया ने सवाल पूछा- गोस्वामी जी, आप कमेटी के मेंबर हैं, आप क्यों बाहर हैं। इस पर गोस्वामी बोले- हमें शामिल ही नहीं किया गया। हमें क्या मीडिया को भी कवरेज नहीं करने दिया। आप लोगों के लिए लाइव चलना चाहिए था। अंदर क्या हो रहा है, ये हम लोगों का क्या पता। अंदर क्या निकल रहा है, क्या नहीं निकल रहा है। कैसे पता लगेगा। हम लोग भी अंदर नहीं जा पा रहे हैं। हमारे यहां होने का क्या मतलब है। मंदिर का जो पैसा है, उसे लाइव दिखाना चाहिए था। किस गोस्वामी को अंदर ले जाया गया है हमें कुछ पता ही नहीं है। कौन सी हाईपावर कमेटी अंदर गई है, किसी को नहीं पता। मनोज गोस्वामी बोले- गेट मत खोलो, अंदर दाढ़ी वाला नाग बैठा है मनोज गोस्वामी बोले- मंदिर की मर्यादा को मत तोड़ो। भक्तों को कोई परेशानी न हो। मंदिर की व्यवस्था बढ़िया से चलती रहे। हम हर तरह से तैयार है। 50 साल में कभी ये गेट नहीं खुला। ये पत्थर का गेट है। हम बचपन से सुनते आए हैं कि इसमें एक बड़ा विशाल दाढ़ी वाला नाग है। इसमें बिहारी जी का खजाना है। यहां मर्यादा भंग हो रही है, ये गेट खुलना नहीं चाहिए। ये कुबेर का खजाना है। ये हमारी चंदन वाली कोठी है। इस गेट को मत खोलो। आगे तुम्हारी मर्जी है। आज धन का दिन धनतेरस है। कुबेर का दिन है आगे तुम्हारी मर्जी है। …………………….. पढ़ें पूरी खबर… अयोध्या में योगी ने श्रीराम का रथ खींचा, VIDEO:राम मंदिर में CM ने दीप जलाए; काली बनीं कलाकार का तांडव अयोध्या में आज 9वां दीपोत्सव मनाया जा रहा है। सीएम योगी ने राम मंदिर में दीप जलाए। इसके बाद दीपोत्सव की शुरुआत की। इसी के साथ राम की पैड़ी पर दीये जलाने का काम शुरू हो गया है। इससे पहले साकेत महाविद्यालय से 22 झांकियां और शोभायात्रा निकाली गई। तीन किमी की दूरी तक कर शोभायात्रा रामकथा पार्क पहुंची। 22 झांकियों में 7 रामायण कांडों पर आधारित रहीं। अन्य झांकियां महाकुंभ, महिला शक्ति और यूपी सरकार की प्रमुख योजनाओं पर आधारित रहीं। मां काली के रौद्र रूप में असम से आए कलाकार ने जमकर तांडव किया। सड़क पर आग के गोलों में नृत्य किया। मुकुट से आग की लपटें निकलीं तो लोग दंग रह गए।…पढ़ें पूरी खबर

अखिलेश भैया ने गला दिए सोने के मुकुट:बृजभूषण बाबा ने राजभर को लपेटा, SP साहब ने हीरो लुक में मारी एंट्री

अखिलेश भैया ने गला दिए सोने के मुकुट:बृजभूषण बाबा ने राजभर को लपेटा, SP साहब ने हीरो लुक में मारी एंट्री ऊपर Video पर क्लिक करें और देखें… आज यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों की कौन सी बात खरी है….

पति की नौकरी के लिए लेटकर परिक्रमा का VIDEO:महिला बोली- हर बार 1-2 नंबर से चूक जाते थे; मनोकामना मानी तो टीचर बन गए

पति की नौकरी के लिए लेटकर परिक्रमा का VIDEO:महिला बोली- हर बार 1-2 नंबर से चूक जाते थे; मनोकामना मानी तो टीचर बन गए प्रयागराज की विद्योत्तमा सिंह अपने पति के लिए चित्रकूट में विशाल कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर रही हैं। यह परिक्रमा चलते हुए नहीं, लेटकर कर रही हैं। वजह ,हैं उनके पति। विद्योत्तमा और श्याम नंदन सिंह पटेल की शादी 2012 में हुई थी। 2014 में एक बेटा भी हो गया। श्याम एमए-बीएड करने के बाद भी बेरोजगार थे। भर्ती निकलती तो कभी 1 नंबर से तो कभी 2 नंबर से छंट जाते थे। सिलेक्शन ही नहीं होता था। 2019 में विद्योत्तमा सिंह ने चित्रकूट में भगवान कामतानाथ के सामने हाथ जोड़े। मनोकामना मांगी कि पति की नौकरी लग जाएगी, तो मैं कामदगिरि पर्वत की तीन बार लेटकर परिक्रमा करूंगी। भगवान ने सुन लिया। नवंबर, 2021 में टीजीटी के जरिए टीचर बन गए। विद्योत्तमा की मनोकामना पूरी हो गई। पति के टीचर बनते ही विद्योत्तमा ने पहली बार परिक्रमा की। इसके बाद अब फिर से परिक्रमा कर रही हैं। विद्योत्तमा सिंह कहती हैं- हमारे बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ। हम प्रेम से रहते हैं। टीवी-अखबार में पति-पत्नियों के झगड़े देखते हैं, तो अजीब लगता है। हम तो यही चाहते हैं कि सब पति-पत्नी हमारे जैसे मिल-जुलकर रहें। विद्योत्तमा ने परिक्रमा के दौरान अपनी बातों को हमारे साथ साझा किया है। देखिए VIDEO…

यूपी में तंत्र क्रिया के लिए उल्लुओं की तस्करी:स्टिंग में देखिए सौदा; कैसे और कहां से लाते हैं, इसका पूरा खुलासा

यूपी में तंत्र क्रिया के लिए उल्लुओं की तस्करी:स्टिंग में देखिए सौदा; कैसे और कहां से लाते हैं, इसका पूरा खुलासा ‘ये देखिए… उल्लू, पैर बंधा नही है, निकालते समय सावधानी बरतिए। पैर बांध देना… नहीं तो उड़ जाएगा। उल्लू से बहुत बड़ी पूजा होती हैं। अपनी बलाएं लोग इसको दे देते हैं।’ ये कहना है शिकारियों का। दीपावली पर बलि के लिए ये उल्लू की तस्करी कर रहे हैं। तांत्रिक और अमीर लोग इनके बड़े ग्राहक हैं। ये एक उल्लू के 2000 से लेकर 1 लाख रुपए तक ले लेते हैं। हालांकि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत उल्लू पकड़ना, बेचना-खरीदना और बलि देना गैरकानूनी है। ऐसा करने पर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके बाद भी यूपी में उल्लू की तस्करी दीपावली के 1 महीने पहले से शुरू हो गई। यह दिवाली पर महालक्ष्मी पूजा तक चलती रहेगी। उल्लुओं की तस्करी के इस खेल को समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कुशीनगर, लखनऊ, उन्नाव, गोरखपुर, बनारस में 10 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए, पूरा खुलासा… हमने सबसे पहले उल्लुओं की बिक्री को लेकर यूपी के महराजगंज, कुशीनगर और गोरखपुर के साथ बिहार के बगहा तक पता किया। कुशीनगर से 35 किमी दूर रामकोला में पक्षियों का शिकार करने वाले कुछ बहेलियों से हमने बात की… शिकारी ने हमें मेहंदीगंज (कुशीनगर) बुलाया… रिपोर्टर: भाई जी… नमस्कार, पक्षी चाहिए… मिल जाएगा क्या? मंजूर: आप कौन, कहां से…? रिपोर्टर: मैं शिवम पडरौना से…। मंजूर: हां, मिल जाएगा… 9 बजे मेहंदीगंज पहुंचिए… वहीं मिलकर बात होगी। हम 9 बजे पहुंचे। 1 घंटे चौराहे पर इंतजार के बाद मंजूर आया। उसने चौक पर लगे RO के पास बुलाया। वह हमें चाय की दुकान पर ले गया। मंजूर (दुकान पर बैठते हुए): तब का कह रहे हैं? रिपोर्टर: हमारे रिश्तेदार हैं, उनको पूजापाठ करना है। उल्लू की डिमांड है… मिल जाएगा क्या…? मंजूर: मिल जाएगा… लेकिन पैसा ज्यादा लगेगा। रिपोर्टर: कितना…? मंजूर: 1000 रुपए से कम नहीं लेंगे… 100-200 ज्यादा भी हो सकता है। रिपोर्टर: ठीक है दे दिया जाएगा। मंजूर: ठीक है… चलिए, आज ही करा देता हूं। रिपोर्टर: भैया, जल्दी करिएगा… क्योंकि संतकबीरनगर रिश्तेदार के यहां पहुंचाना है। मंजूर: ठीक है… हम बतिया ले रहे… मिल जाएगा। रिपोर्टर: पूजा में और क्या लगता है? मंजूर: पूजा-पाठ में परेवा (कबूतर), उल्लू लगते हैं। (फिर उसने किसी को फोन लगाया) मंजूर (फोन पर): सद्दाम हैं क्या…? बाबू, जो उल्लू पकड़े थे… वे हैं कि भाग गए….? एक भाई आए हैं… अर्जेंट है…। शाम तक पकड़कर दे दो… 100% मान लें… ठीक है…। रिपोर्टर: हो जाएगा? मंजूर: हां, आप जाइए…। जब फोन करेंगे तो आ जाइएगा, शाम को… हमने उससे कह दिया है कि एडवांस मिल गया है। जब आएगा, तो दे दिया जाएगा। रिपोर्टर: कहां मिलता है… बाहर से आएगा क्या? मंजूर: यहीं मिलेगा, लेकर आप चले जाइएगा… बोरे में व्यवस्था हो जाएगी। रिपोर्टर: कोई दिक्कत तो नहीं होगी…? मंजूर: नहीं, इतना बड़ा-बड़ा काम करते हैं, कोई दिक्कत नहीं होती। आपका तो छोटा-सा काम है…। जाइए, शाम को आइएगा। मंजूर के बताए समय पर हमने शाम को फोन किया तो उसने बताया- लड़का काम करने गया है, थोड़ी देर में आइए। जब थोड़ी देर बाद हम मौके पर पहुंचे तो मंजूर नहीं मिला। फोन पर बोला कि उल्लू पकड़ा नहीं जा सका है। आप वापस जाइए…। कल सुबह आपको उल्लू मिल जाएगा। इसके बाद रात 9:30 बजे मंजूर ने फोन किया। बोला- उल्लू मिल गया है, ले जाइए। नहीं तो सुबह 6 बजे ले जाना। 4 शिकारी एक झोला लेकर उल्लू डिलीवर करने आए सुबह 6 बजे हम कुशीनगर से 25 किलोमीटर दूर पहुंचे और मंजूर को फोन लगाया। वह बोला- वहीं रुकिए, सामान भेज रहा हूं। फिर उसने एक लड़के को कॉन्फ्रेंस पर लिया और उससे बात कराई। उसने चाय की दुकान पर बुलाया, हमने पूछा कि कोई दिक्कत होगी तो… क्योंकि भीड़ अधिक होती है। उसने कहा- कोई दिक्कत नहीं होगी। हम चाय की दुकान से कुछ दूर खड़े हो गए। तभी 4 लोग एक झोला लेकर हमारी तरफ आते दिखे। एक ने अपना नाम आमिर हसन बताया। रिपोर्टर: अरे भाई, कोई दिक्कत हो जाएगी…? आमिर: कोई दिक्कत नहीं होगी। रिपोर्टर: दिखाइए…। आमिर : पैर बंधा नहीं है, निकालते समय सावधानी बरतिए। साथ आया व्यक्ति बोला पैर बांध दो… नहीं तो इन लोगों से उड़ जाएगा। रिपोर्टर: इसका होता क्या हैं. बलि दी जाती हैं क्या..? आमिर का साथी: इससे बहुत बड़ी पूजा होती है। आमिर: अपनी बलाएं लोग इसको देकर पूजा कर उड़ा देते… इसको पूजा में सम्मिलित करना बड़ा ही कारगर होता है। आमिर: पैसा दीजिए…। रिपोर्टर: कितना…? आमिर: 2000 रुपए। रिपोर्टर: बात तो 1000 रुपए की हुई थी…? आमिर: अरे, बड़ी मेहनत और रिस्क होता है, साथ ही यह अपने पंजे से मारकर घायल कर देता है। रिपोर्टर: पकड़ते कैसे हो…? आमिर का साथी: बहुत बड़ी जाल है… चवर इलाके में लगा दिया जाता… ये दिन में नहीं, सिर्फ रात को मिलते हैं। पूरी रात 5 लोग जागते रहे। आमिर: सबकी मजदूरी भी देंगे तो 400 रुपए प्रति आदमी के हिसाब से 2000 रुपए हुए। रिपोर्टर: क्या आस-पास कोई जंगल है…? आमिर: नहीं, 7 किलोमीटर का चवर (लो-लैंड की ऊसर भूमि) है। वहां बहुत से बाहरी पक्षी आते हैं… खतरा तो है लेकिन लालधर और अन्य जो भी बाहरी पक्षी खाने के शौकीन हैं, उनके लिए कुछ मायने नहीं रखता… इधर उनकी डिमांड भी है। हमने 2000 रुपए दिए लेकिन उल्लू नहीं लिया स्टिंग कर हमारा उद्देश्य यह बताना था कि बलि देने के लिए उल्लुओं को बेचा और खरीदा जा रहा है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 का पालन करते हुए हमने उल्लू नहीं खरीदा। हालांकि शिकारियों को 2000 रुपए दे दिए। इस पर आमिर ने कहा– पैसे वापस नही होंगे और शाम तक आप नहीं आए तो इसे उड़ा दूंगा। इस पूरी बातचीत से यह साफ हो गया कि प्रतिबंधित पक्षियों का शिकार जाल और अन्य तरीके से हो रहा है। दीपावली पर उल्लुओं की डिमांड है। क्या उल्लू की तस्करी यूपी में और जिलों में भी हो रही है? इसके जवाब के लिए हमने राजधानी लखनऊ में इन्वेस्टिगेशन किया। यहां हम पुराने लखनऊ में पक्षी बेचने वालों और एक्वेरियम बेचने वालों की दुकानों पर पहुंचे। यहां कुछ दुकानदारों ने उल्लू दिलाने की बात कही। रिपोर्टर: उल्लू चाहिए? दुकानदार 1: मिल जाएगा। 2 हजार रुपए लगेंगे। अभी नहीं है, अगर होगा तो करा देंगे। रिपोर्टर: आज ही मिल जाएगा? दुकानदार 1: हम कह देंगे किसी से, तो वो घर पहुंचा देगा। दुकानदार 2: कितने चाहिए…? एक या दो। रिपोर्टर: एक ही चाहिए। दुकानदार 1: हम पूछकर देख लेते हैं, अगर रखा होगा तो आज ही दे देंगे। रिपोर्टर: कितना बड़ा होता है? दुकानदार 1: इतना बड़ा होता है। हल्की-सी सफेदी होती है। रिपोर्टर: पहले तो आसानी से मिलते थे? दुकानदार 2: कोई दुकानदार आपको जानता है, तो फट से दे देगा। रिपोर्टर: एडवांस दे दें। दुकानदार 1: एडवांस की बात नहीं। हम आपको सामान लाकर दे देंगे, आप पैसा दे दीजिए। बातचीत के बाद जब हम जाने लगे तो दुकानदारों ने हमें फिर बुलाया। हम वापस पहुंचे तो उन्होंने कहा- एक के पास उल्लू है। हम देखकर आते हैं, अगर होगा तो अभी दे देंगे। इसके बाद रात को फोन आया। दुकानदार ने कहा- उल्लू है, लेकिन 20 हजार रुपए लगेंगे। हमने लेने से इनकार कर दिया। उन्नाव में 5000 रुपए में बिक रहे उल्लू हम उन्राव जिले के आसीवन के मोहल्ला पीरजादा पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात कल्लू, जाबिद, लियाकत और दानिश से हुई। इन्होंने उल्लुओं की तस्करी के बारे में विस्तार से बताया। कल्लू: उल्लू ऑर्डर पर मिलता है। ऑर्डर देने पर मंगवा दिया जाएगा। हमको ऑर्डर दे दो, हम मंगवा देंगे। रिपोर्टर: कब तक मिल जाएगा? कल्लू: कम से कम 8 से 10 दिन तो लगेंगे। उल्लू बहुत काम में आता है। नाखून बहुत काम में आते हैं। रिपोर्टर: कितने तक का मिल जाएगा? कल्लू: कम से कम 5 हजार का। हम यहीं मिलेंगे, यहीं मेरा मकान है। अपना एड्रेस, फोन नंबर और कुछ एडवांस पैसे दे दो। रिपोर्टर: देख लीजिए आप। कल्लू: अभी एक उल्लू था। एक औरत आई थी, उसके कहने पर पकड़ा था। वह 8 हजार का खरीद कर ले गई। उसने 5 हजार एडवांस दिए थे। बातचीत से साफ हो गया कि यहां उल्लू बिक रहे हैं। हम 5000 रुपए में उल्लू खरीदने की डील फाइनल किए बगैर ही यहां से निकल लिए। वाराणसी के पंडित ने कहा- उल्लू है, लेकिन किसी और के लिए हमें वाराणसी के पंडित का मोबाइल नंबर मिला, जो दिवाली पर उल्लू की पूजा कराते हैं। जब हमने उनसे वॉट्सऐप पर कॉल किया तो पहले तो उन्होंने इनकार किया। फिर बोले- हमारे बहुत कांटेक्ट हैं, लेकिन दो-चार दिन का समय चाहिए। बहेलिया लोग हैं, वे पकड़ते हैं। उनसे संपर्क करना पड़ेगा। अभी हमारे पास है, लेकिन वो किसी और के लिए है। हमने मंगवाया है। अब जानिए, मान्यता और अंधविश्वास मान्यता है, महालक्ष्मी की सवारी उल्लू है। दीपावली की रात मां लक्ष्मी उल्लू पर सवार होकर आती हैं। शास्त्रों में उल्लू की पूजा का विधान है, लेकिन कुछ लोग अंधविश्वास के चलते लोग इसकी बलि देने लगे, जो गलत है। यह गलत धारणा है कि दीपावली के दिन उल्लू की बलि देने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। इसलिए दुर्लभ प्रजाति है उल्लू
उल्लू की प्रजनन दर कम होती है। एक बार अंडा देने के बाद पालन-पोषण में वक्त लगता है, इसलिए आबादी जल्दी नहीं बढ़ती। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट की सूची में उल्लू शामिल है। इसलिए ये दुर्लभ प्रजाति हैं। उल्लू की आबादी बढ़ना जरूरी है, क्योंकि ये कीड़े और चूहे खाकर इनकी संख्या को नियंत्रित रखते हैं। उल्लू की तस्करी अपराध है
सीनियर एडवोकेट रवि शंकर पांडेय का कहना है कि उल्लू को पकड़ना, बेचना या मारना भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस कानून के उल्लंघन पर 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। वनरक्षक और रेंजर की टीम बनाई
लखनऊ वन विभाग के डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया- हमने आदेश बनवाया और मीटिंग भी की। इसमें सभी रेंजर्स को बताया कि उल्लू से संबंधित गतिविधियों को रोका जाए। इसके लिए दो वनरक्षक और रेंजर की टीम बनाई है। ये सूचना मिलते ही जाकर देखेंगे और जरूरी कार्रवाई करेंगे। ———————— ये खबर भी पढ़ें… दीपावली पर तांत्रिक परंपराएं और जीव बलि, उल्लू-कछुए जैसे जीवों के लिए क्यों काल बन जाती है अमावस्या की रात? दीपावली की रात तांत्रिक सिद्धियों के लिए जानी जाती है। मान्यता है, अमावस्या की रात तंत्र क्रियाओं से मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है। यही वजह है कि कुछ खास जीव-जंतुओं के लिए यह रात जानलेवा साबित होती है। विशेषकर उल्लू और कछुए जैसे जीवों के लिए। इनको मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। पढ़ें पूरी खबर

मिठाई कारोबारी का बेटा, नामी डॉक्टर का दामाद:जानिए कौन है डेढ़ करोड़ की जगुआर से 6 लोगों को रौंदने वाला रचित मध्यान

मिठाई कारोबारी का बेटा, नामी डॉक्टर का दामाद:जानिए कौन है डेढ़ करोड़ की जगुआर से 6 लोगों को रौंदने वाला रचित मध्यान प्रयागराज में रविवार शाम प्रयागराज के राजरूपपुर इलाके में हुई भीषण सड़क दुर्घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया। डेढ़ करोड़ की लग्जरी जगुआर कार से छह लोगों को कुचल देने वाला युवक कोई साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि शहर के नामी कारोबारी और प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखता है। हादसे के बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, आरोपी की पहचान सामने आई जो रचित मध्यान है। वह शहर के प्रसिद्ध मिठाई व्यवसायी वासुदेव मध्यान का बेटा और कामधेनु स्वीट्स परिवार से जुड़ा है। मिठाई कारोबार से जुड़ा प्रतिष्ठित परिवार रचित मध्यान का परिवार प्रयागराज के खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के लूकरगंज इलाके में रहता है। उसके पिता वासुदेव मध्यान और चाचा इंदल मध्यान, दोनों शहर के चर्चित कामधेनु स्वीट्स प्रतिष्ठान के मालिक हैं। यह मिठाई कारोबार प्रयागराज में दशकों से जाना जाता है और इस परिवार का नाम शहर के समृद्ध व्यापारिक घरानों में शुमार है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जिस जगुआर एफ-पेस (Jaguar F-Pace) कार से यह दर्दनाक हादसा हुआ, वह भी लूकरगंज पते पर ही रजिस्टर्ड है। नामी डॉक्टर का दामाद रचित मध्यान की पहचान केवल एक कारोबारी परिवार के बेटे के रूप में ही नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठित मेडिकल फैमिली से भी जुड़ी है। वह प्रयागराज के नामी अस्पताल संचालक डॉ. एम.के. मदनानी का दामाद है। रचित की पत्नी अमृता मदनानी डर्मेटोलॉजिस्ट हैं और शहर में अपना क्लीनिक चलाती हैं। एलएलबी की पढ़ाई कर चुका, क्रिकेट टीम का कप्तान रचित ने एलएलबी की पढ़ाई की है और वह खुद को अधिवक्ता के रूप में परिचित कराता है। लेकिन कानून की पढ़ाई के साथ-साथ उसकी दिलचस्पी क्रिकेट में भी गहरी थी। वह एल्गिन क्लब इलाहाबाद क्रिकेट टीम का कप्तान है। रविवार को भी जब यह हादसा हुआ, तब रचित क्रिकेट मैच खेलकर लौट रहा था। 3.25 मिनट पर खत्म हुआ था मैच सूत्रों के अनुसार, रविवार दोपहर करीब 12 बजे एल्गिन क्लब इलाहाबाद और चंद्रकला यूनिवर्सल प्राइवेट लिमिटेड के बीच मुकाबला हुआ था। मैच 3:25 बजे समाप्त हुआ और इसके लगभग 20 मिनट बाद रचित अपनी जगुआर कार लेकर वहां से घर लौटने लगा। इसी दौरान राजरूपपुर इलाके में उसने नियंत्रण खो दिया और यह भीषण दुर्घटना हो गई, जिसमें छह लोगों की जान चली गई। मैच हारने से था तनाव में? सूत्रों का कहना है कि जिस मैच से लौटते वक्त यह हादसा हुआ, उसमें रचित की टीम को 56 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। कप्तान होने के बावजूद रचित को बैटिंग का मौका नहीं मिला, जिससे वह बेहद निराश था। इससे पहले सुबह खेले गए मैच में उसने केवल 10 रन बनाए थे, हालांकि वह मैच उसकी टीम जीत गई थी। आशंका जताई जा रही है कि कहीं वह इस हार के चलते तनाव में तो नहीं था। कहीं इसी वजह से तो उसने तेज गति से कार चलाई, जिससे नियंत्रण खो बैठा। हादसे के बाद का घटनाक्रम प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद रचित मौके से भागा नहीं, बल्कि खुद को कार के अंदर बंद कर लिया था। लोग जब तक उसके पास पहुंचे, तब तक पुलिस भी मौके पर आ गई। पुलिस ने उसे कार से बाहर निकालकर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। फिलहाल पुलिस ने वाहन को कब्जे में ले लिया है और आगे की विवेचना जारी है। फिलहाल देर रात उसे कॉल्विन और फिर एसआरएन अस्पताल भेजा गया, जहां से उसे देर रात लखनऊ रेफर किया गया। शहर में चर्चा का विषय बना हादसा राजरूपपुर की यह घटना केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि शहर में चर्चा का बड़ा विषय बन गई है। एक प्रतिष्ठित कारोबारी परिवार का बेटा, नामी डॉक्टर का दामाद और सामाजिक रूप से पहचान रखने वाला युवक, ऐसे व्यक्ति से हुई लापरवाही ने सबको हैरान कर दिया है। पुलिस फिलहाल यह जांच कर रही है कि हादसे के समय रचित नशे में था या नहीं। इसके लिए उसका ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर टोल फ्री:बिना टोल दिए निकल गई हजारों गाड़ियां, कम बोनस देने पर कर्मचारियों ने उठा दिए बूम बैरियर

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर टोल फ्री:बिना टोल दिए निकल गई हजारों गाड़ियां, कम बोनस देने पर कर्मचारियों ने उठा दिए बूम बैरियर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के कर्मचारियों ने दीपावली बोनस में कम मिलने पर कार्य बहिष्कार कर दिया। उन्होंने टोल के बूम बैरियर उठा दिए। इससे हजारों गाड़ियां बिना टोल दिए गुजर गईं। कर्मचारी टोल प्लाजा पर तैनात थे, लेकिन सबकुछ देखते रहे। सूचना पर पुलिस पहुंच गई, लेकिन वह भी कुछ न कर सकी। कंपनी अधिकारियों ने 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि का आश्वासन देकर स्थिति संभाली। रात 12 बजे से यहां फतेहाबाद टोल पर कार्य बहिष्कार शुरू हो गया। अब जानिए पूरा मामला
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के फतेहाबाद स्थित टोल प्लाजा के 21 कर्मचारी दीपावली का बोनस न मिलने पर हड़ताल करते हुए धरने पर बैठ गए। इससे शनिवार रात 12 बजे से टोल प्लाजा फ्री हो गया। वाहन बिना टोल दिए ही हजारों वाहन निकल गए। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल संचालन का ठेका श्री साईं एंड दातार कंपनी देख रही है। कंपनी ने मार्च 2025 से ठेका संभाला था। दीपावली पर कर्मचारियों को 1100 रुपए का बोनस दिए जाने की जानकारी होते ही टोल प्लाजा के कर्मचारियों का आक्रोश भड़क गया। शनिवार रात 10 बजे से लखनऊ टोल पर कार्य बहिष्कार कर दिया। उन्होंने बूम बैरियर उठा दिए और गाड़ियों का टोल नहीं काटा। कर्मचारियों के प्रदर्शन की तस्वीरें 12 बजे से कर्मचारी वापस काम पर लौटे
बूम उठाए जाने के कारण आगरा की तरफ से जाने वाले वाहन बिना टोल टैक्स के गुजरने लगे। अधिकारियों ने कर्मचारियों से बात कर स्थिति संभाली। कार्य बहिष्कार की जानकारी होने पर फतेहाबाद टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने काम बंद करते हुए टोल के बूम खोल दिए। पिछले साल मिला था 5 हजार का बोनस
कर्मचारियों का कहना था कि पिछले वर्ष कंपनी ने पांच हजार रुपए का बोनस दिया था। इस बार उनके साथ धोखा किया जा रहा है। टोल फ्री की जानकारी मिलते ही अधिकारियों ने संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बनी। व्यवस्था संभालने के लिए दूसरे टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारियों को बुलाया गया, लेकिन उन्हें स्थानीय कर्मचारियों से कार्य नहीं करने दिया। पांच हजार से अधिक गाड़ियां बिना टोल के निकल गई
रविवार सुबह कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्णा जुरैल ने कर्मचारियों को 10 प्रतिशत वेतन बढ़ोत्तरी का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारी रविवार सुबह 10 बजे काम पर लौटे आए। बताया जा रहा है कि लखनऊ की तरफ से आने वाले पांच हजार से अधिक गाड़ियां बिना टोल टैक्स के निकल गईं। तेज रफ्तार होने के फास्टैग नहीं हुआ स्कैन
प्रोजेक्ट मैनेजर जुरैल ने बताया- बूम हटाए जाने के बाद फास्टैग स्कैनर काम कर रहा था। तेज रफ्तार होने के कारण कई वाहनों के फास्टैग रीड नहीं हुए। नगद भुगतान देने वाले वाहन फ्री गुजर गए हैं। कितने वाहन फ्री गुजरे हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। एक तरफ का 665 रुपए टैक्स
एक्सप्रेसवे पर आगरा से लखनऊ तक का कार से एक तरफ का 665 रुपए टैक्स लगता है। टोल टैक्स एक्जिट प्वाइंट पर कटता है। लखनऊ से आगरा आने वाले वाहनों का टोल टैक्स आगरा में कटेगा, जबकि आगरा से लखनऊ जाने वाले वाहन का टोल लखनऊ टोल प्लाजा पर कटेगा। —————— ये खबर भी पढ़ें… प्रयागराज में जगुआर ने 8 को रौंदा, 1 की मौत:7 गाड़ियों को टक्कर मारी, कार का VIP नंबर-0070; लोग बोले- नशे में था प्रयागराज में दिवाली मार्केट में एक तेज रफ्तार जगुआर कार घुस गई। कार ने पहले 2 चार पहिया और 5 दो पहिया गाड़ियों में टक्कर मारी। इसके बाद 8 लोगों को रौंद दिया। इससे एक इलेक्ट्रीशियन की मौत हो गई। 4 लोगों की हालत गंभीर है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में दो बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। पढे़ं पूरी खबर…