शिमला फ्लाईओवर से बिहार के 4 मजदूर गिरे:गंभीर रूप से घायल, कंपनी पर FIR, टावर-क्रेन की इमरजेंसी लैंडिंग का इस्तेमाल नहीं किया

शिमला फ्लाईओवर से बिहार के 4 मजदूर गिरे:गंभीर रूप से घायल, कंपनी पर FIR, टावर-क्रेन की इमरजेंसी लैंडिंग का इस्तेमाल नहीं किया हिमाचल की राजधानी शिमला के चलौंठी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर से बुधवार रात को चार मजदूर गिर गए। इससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने फ्लाईओवर बनाने वाली कंपनी के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर दिया है। बता दें कि परवाणू-शिमला फोरलेन पर संजौली के चलौंठी में फ्लाईओवर बनाने का काम जारी है। यहां पर मजदूर दिन रात काम करते हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार रात करीब 11 बजे मजदूर जब टावर क्रेन पर चढ़कर काम कर रहे थे और फ्लाईओवर का पिलर बनाने का काम कर रहे थे। इस दौरान तेज तूफान और मौसम की गड़गड़ाहट से बिजली चली गई और नीचे उतरते वक्त मजदूर घायल घायल हो गए। इसके बाद घायल मजदूरों को उपचार के लिए IGMC ले जाया गया। मजदूरों की स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के बाद पुलिस ने FIR की है और अब मामले की जांच में जुट गई है। बिहार के रहने वाले चारों मजदूर बताया जा रहा है कि क्रेन का स्विंग ऊपर से खुला होने के कारण मजदूर नीचे गिरे। गनीमत यह रही सभी मजदूरों की जान बच गई। घायल मजदूरों में दिलखुश खान, मोहम्मद कलीम खान, मोहम्मद रिजवान और मोहम्मद छोटे शामिल हैं। ये सभी बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। मजदूरों की शिकायत पर मामला दर्ज मजदूरों ने राज कांट्रेक्टर गवार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के खिलाफ ढली थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मजदूरों का आरोप है कि टावर क्रेन में एमरजेंसी लैंडिंग की सुविधा थी। लेकिन क्रेन चालक ने इसका इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कंपनी प्रबंधन और ठेकेदार पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है।

PGI को नहीं मिला हिमाचल सरकार से हिमकेयर का पैसा:जनरल बॉडी ने दिए 14 करोड़ वसूलने के निर्देश, मरीजों के फ्री इलाज पर संकट

PGI को नहीं मिला हिमाचल सरकार से हिमकेयर का पैसा:जनरल बॉडी ने दिए 14 करोड़ वसूलने के निर्देश, मरीजों के फ्री इलाज पर संकट हिमाचल प्रदेश के मरीजों का हिमकेयर योजना के तहत पीजीआई में इलाज मुश्किल में पड़ सकता है, क्योंकि हिमाचल सरकार हिमकेयर के तहत मरीजों के इलाज का पैसा नहीं दे पाई है। पीजीआई में हिमाचल के मरीजों के फ्री इलाज का 14 करोड़ 30 लाख रुपए बकाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने पीजीआई की गवर्निंग बॉडी (जी.वी.) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए साफ निर्देश दिए हैं कि पीजीआई हिमकेयर के तहत फ्री इलाज के बकाया भुगतान के मसले को तुरंत हिमाचल सरकार के साथ प्राथमिकता से उठाए, ताकि बकाया भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सके। एक माह में करना होता है भुगतान पीजीआई में दाखिल हिमाचल के मरीजों का पहले भी इलाज होता था, लेकिन केशलैस नहीं था। दिसम्बर, 2023 में हिमाचल कैडर के आईएएस ऑफिसर पंकज राय द्वारा पीजीआई के डिप्टी डायरैक्टर एडमिनिस्ट्रेशन का चार्ज संभालने के बाद इस दिशा में प्रयास हुए। बैठक में पाया गया कि हिमाचल सरकार के साथ साइन एमओयू की शर्तों और प्रावधानों के मुताबिक हिमकेयर के तहत फ्री इलाज के दावे भेजने के एक महीने के अंदर भुगतान करना चाहिए। हिमाचल सरकार ने एमओयू की शर्तों के मुताबिक हर महीने समय पर भुगतान नहीं किया तो एमओयू कैंसिल होने का भी संकट आ सकता है। एमओयू कैंसिल होने का सीधा असर फ्री इलाज की सुविधा के बंद होने पर पड़ेगा। पहले ही तरह मरीज को सारे इलाज का पैसा खर्च करना होगा। गवर्निंग बॉडी ने दिए भुगतान के निर्देश एजेंडे के मुताबिक पीजीआई में हिमकेयर के तहत अभी तक 1478 मरीजों के फ्री इलाज के 14 करोड़ 30 लाख रुपए का बिल भेज चुका हैं, लेकिन हिमाचल सरकार ने लंबे समय से भुगतान ही नहीं किया। गवर्निंग बॉडी ने कहा कि राशि का भुगतान न होना चिंता का विषय है, क्योंकि इससे पीजीआई पर न सिर्फ अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है, बल्कि आने वाले समय में ऑडिट आब्जेक्शन समेत कई दूसरी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। गवर्निंग बॉडी ने पीजीआई प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि हिमाचल सरकार से जल्द भुगतान की दिशा में तुरंत कदम उठाकर हर महीने भुगतान होना सुनिश्चित करवाया जाए। 25 फरवरी 2024 को साइन हुआ था एमओयू डायरैक्टर प्रो. विवेक लाल ने भी हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों को देख संस्थान में केशलैस इलाज में दिलचस्पी दिखाई। वित्त विभाग ने भी डायरैक्टर प्रो. विवेक लाल और पंकज राय के प्रयासों के बाद केशलैस इलाज को मंजूरी दी। पीजीआई और हिमाचल सरकार के बीच अहम कड़ी का काम करते पंकज राय के प्रयासों से मरीजों के केशलैस इलाज के लिए 25 फरवरी, 2024 को हिमाचल सरकार और पीजीआई प्रशासन के बीच एमओयू साइन हुआ था। इसके बाद पी.जी.आई. में हिमाचल के मरीजों का केशलैस इलाज शुरू हुआ, लेकिन अब हिमाचल द्वारा भुगतान न किए

संजौली मस्जिद मामले में निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई:मालिकाना हक के लिए वक्फ बोर्ड को देने होंगे दस्तावेज, फाइनल जजमेंट जल्दी आने की उम्मीद

संजौली मस्जिद मामले में निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई:मालिकाना हक के लिए वक्फ बोर्ड को देने होंगे दस्तावेज, फाइनल जजमेंट जल्दी आने की उम्मीद शिमला नगर निगम आयुक्त कोर्ट में आज संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई होगी। निगम आयुक्त संजौली मस्जिद केस में आज फाइनल फैसला सुना सकते हैं, क्योंकि हिमाचल हाईकोर्ट ने 8 मई तक इस केस का निपटारा करने के आदेश दे रखे है। ऐसा नहीं करने पर निगम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बता दें कि निगम आयुक्त ने बीते साल 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिल तोड़ने के आदेश दे रखे है। निचली दो मंजिल को लेकर केस अभी निगम आयुक्त कोर्ट में विचाराधीन है। यह केस 16 साल से चल रहा है। इसे जल्दी निपटाने की मांग को लेकर संजौली मस्जिद के आसपास के लोकल रेजिडेंट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लोकल रेजिडेंट की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने इस केस का जल्द निपटारा करने के आदेश निगम आयुक्त को दे रखे है। बीते साल भी 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह के भीतर निगम आयुक्त को केस निपटाने के आदेश दिए थे। मगर तब निगम आयुक्त ऐसा नहीं कर पाए। इसके खिलाफ लोकल रेजिडेंट ने एक्जीक्यूशन पिटिशन दायर की। इसका निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने दूसरी बार 8 मई तक की डेडलाइन दी है। वक्फ बोर्ड जमीन के मालिकाना हक को लेकर देगा जवाब वहीं निगम आयुक्त कोर्ट में हिमाचल वक्फ बोर्ड को आज मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक का जवाब देना है। पिछली सुनवाई में निगम आयुक्त ने मालिकाना हक साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करने को कहा है। हाईकोर्ट के आदेशों पर आज उम्मीद की जा रही है कि जल्द संजौली मस्जिद की निचली दो मंजिल को लेकर भी अदालत अपना फैसला सुनाएगी। ऊपर की तीन मंजिल को तोड़ने का काम जारी है। अब निचली दो मंजिल को लेकर अदालत के फैसले पर सबकी नजरे टिकी है। 16 साल से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा केस संजौली मस्जिद मामला 16 सालों से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। संजौली मस्जिद के कारण बीते साल पूरे प्रदेश में बवाल मच गया था। शिमला के मल्याणा में 31 अगस्त को एक समुदाय के लोगों द्वारा स्थानीय व्यक्ति की पिटाई करने के बाद इस मामले में तूल पकड़ा था। इसके बाद प्रदेश के सभी शहरों में प्रदर्शन किए गए। इसके बाद मंडी की मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के भी आदेश नगर निगम आयुक्त मंडी द्वारा दिए गए। प्रदेश में मस्जिद और मजार के खिलाफ जगह जगह प्रदर्शन किए गए।

हिमाचल आ रहे जेपी नड्डा, चंबा में अभिनंदन समारोह:आकांक्षी जिला की मीटिंग लेंगे, भाजपा अध्यक्ष को लेकर सीनियर नेताओं से करेंगे चर्चा

हिमाचल आ रहे जेपी नड्डा, चंबा में अभिनंदन समारोह:आकांक्षी जिला की मीटिंग लेंगे, भाजपा अध्यक्ष को लेकर सीनियर नेताओं से करेंगे चर्चा केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आज हिमाचल दौरे पर आ रहे हैं। BJP ने चंबा में उनका नागरिक अभिनंदन समारोह रखा है। पार्टी ने नड्डा के स्वागत के लिए चंबा में पांच हजार वर्कर जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए चंबा जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी नेताओं को भीड़ जुटाने का टारगेट दिया गया है। बताया जा रहा है कि राज्यसभा सांसद एवं चंबा से संबंध रखने वाले हर्ष महाजन के आग्रह पर नड्डा का यह दौरा फाइनल किया गया है। हर्ष महाजन दो दिन पहले ही नड्डा के अभिनंदन समारोह में भीड़ जुटाने और तैयारियों के लिए चंबा पहुंच गए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद राजीव भारद्वाज, बीजेपी नेता विपिन सिंह परमार इत्यादि भी बीती शाम को ही चंबा पहुंच गए हैं। आकांक्षी जिला की मीटिंग लेंगे नड्डा अभिनंदन समारोह के बाद जेपी नड्डा आकांक्षी जिला की रिव्यू मीटिंग लेंगे। मीटिंग खत्म होने के बाद वह भाजपा नेताओं और वर्कर से मिलेंगे और नाइट स्टे चंबा में ही करेंगे। आज रात को नड्डा चंबा में ही रुकेंगे और अगले कल लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा अर्चना के बाद चंबा से हेलिकॉप्टर में गगल एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से नड्डा फ्लाइट से दिल्ली जाएंगे। नड्डा के दौरे से BJP में बढ़ी सियासी हलचल जेपी नड्डा के इस दौरे से BJP में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस दौरान वह प्रदेश भाजपा के सीनियर नेताओं से नए भाजपा अध्यक्ष को लेकर चर्चा कर सकते हैं। प्रदेश में ‌BJP हाईकमान चार महीने से अध्यक्ष नहीं बना पाया है, जबकि पार्टी ने 25 दिसंबर तक अध्यक्ष बनाने का दावा किया था। मगर भाजपा गुटबाजी की वजह से बीजेपी अध्यक्ष तय नहीं कर पा रही है। ये नेता अध्यक्ष की रेस में शामिल प्रदेश में अध्यक्ष पद की रेस में कांगड़ा से सांसद राजीव भारद्वाज और मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर, विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर, सत्तपाल सत्ती, रणधीर शर्मा त्रिलोक जम्वाल और इंदू गोस्वामी का नाम चर्चा में है। पार्टी हाईकमान इनमें से किसी एक को अध्यक्ष बना सकती है। दावेदार अधिक होने और गुटबाजी की वजह से भाजपा हाईकमान अध्यक्ष तय नहीं कर पा रहा है। ऐसे में जेपी नड्डा आज अध्यक्ष पद को लेकर सहमति बनाने का प्रयास कर सकते है।

हिमाचल में भारी बारिश-ओलावृष्टि का अलर्ट:60KM रफ्तार से चलेगा तूफान, अधिकतम तापमान 7 और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक गिरेगा

हिमाचल में भारी बारिश-ओलावृष्टि का अलर्ट:60KM रफ्तार से चलेगा तूफान, अधिकतम तापमान 7 और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक गिरेगा हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बीती रात से बारिश हो रही है। कई क्षेत्रों में तूफान और ओलावृष्टि भी हुई है। मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश, ओलावृष्टि और तूफान का ऑरेंज अलर्ट दे रखा है। मौसम विभाग के अनुसार, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिले में आज आधी रात तक भारी ओलावृष्टि हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान चलने की भी चेतावनी दी गई है। इन जिलों में लोगों को सावधानी बरतने को कहा गया है। मौसम विभाग की चेतावनी ने लोगों को डरा दिया है, क्योंकि बुधवार रात को भी हिमाचल में तूफान ने तबाही मचाई है। प्रदेश में 50 से ज्यादा घरों की छत्ते एक ही रात में तूफान से उड़ गई थी। उस दिन भी हिमाचल के कई क्षेत्रों में 100 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से तूफान चला था। इससे प्रदेश में भारी तबाही हुई है। इससे किसानों और बागवानों की चिंताएं भी बढ़ गई है। मौसम विभाग की माने तो 20 और 21 अप्रैल को भी प्रदेश के कुछेक भागों में मौसम खराब रहेगा। जाने कब जारी होता हैं ऑरेंज अलर्ट बता दें कि जब भारी बारिश और ओलावृष्टि की कम संभावना हो तो यलो अलर्ट जारी किया जाता है। जब ज्यादा संभावना हो तो उस सूरत में ऑरेंज अलर्ट और डरावनी स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया जाता है। 5 से 7 डिग्री गिरेगा तापमान मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में आज और कल अधिकतम तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। इसी तरह न्यूनतम तापमान भी 2 से 4 डिग्री तक गिरेगा।

बिजली मंत्री बोले-शानन प्रोजेक्ट पंजाब की प्रॉपर्टी:हिमाचल के डिप्टी सीएम गलत बयानबाजी कर रहे; कुछ कहने से पहले तथ्यों को जान लें

बिजली मंत्री बोले-शानन प्रोजेक्ट पंजाब की प्रॉपर्टी:हिमाचल के डिप्टी सीएम गलत बयानबाजी कर रहे; कुछ कहने से पहले तथ्यों को जान लें शानन प्रोजेक्ट को लेकर पंजाब व हिमाचल में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। वहीं, अब इस मामले में पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ का बयान आया है। उन्होंने हिमाचल के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री द्वारा शानन पावर प्रोजेक्ट संबंधी दिए गए बयान को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि शानन पावर प्रोजेक्ट पर पंजाब राज्य का स्वामित्व है और इस पर हिमाचल प्रदेश सरकार का कोई हक नहीं बनता। उन्होंने कहा कि अग्निहोत्री को शानन प्रोजेक्ट संबंधी बयान देने से पहले तथ्यों से अवगत हो जाना चाहिए था। तथ्यों से अनजान होने के कारण अग्निहोत्री गलत बयानबाजी कर दो राज्यों के आपसी संबंधों को खराब करने का काम कर रहे हैं। इस एक्ट से प्रोजेक्ट पर पंजाब का हक हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि मैं अग्निहोत्री के संज्ञान में लाना चाहता हूं कि 1966 में पंजाब राज्य का पुनर्गठन हुआ था, जिसके पश्चात भारत सरकार ने पुनर्गठित राज्यों की संपत्तियों और देनदारियों की मालिकी संबंधी तिथि 01-05-1967 का नोटिफिकेशन जारी किया था। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 की धारा 67(4) के अनुसार भारत सरकार ने हाइड्रो पावर हाउस जोगिंदर नगर की संपत्तियां पंजाब राज्य बिजली बोर्ड को अलॉट की थी, जो कि अब पीएसपीसीएल के रूप में पंजाब राज्य में सेवाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि अग्निहोत्री को समझना चाहिए कि जो अधिनियम संसद द्वारा लागू किया गया हो, वह कानून बन जाता है, जो बिना किसी बदलाव के लागू होने योग्य दस्तावेज होता है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुनर्गठन राज्यों के अधिकारों को निर्धारित करता है, इसलिए, शानन प्रोजेक्ट पूर्ण रूप से पंजाब राज्य की संपत्ति है। हिमाचल के डिप्टी सीएम ने यह यह राय रखी थी शानन प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने एक कार्यक्रम में कहा था कि शानन पावर परियोजना हमारी है। इस मामले में हम एक इंच भी पीछे हटने वाले नहीं हैं। यह पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत संपत्ति के बंटवारे का मामला नहीं है, क्योंकि शानन या मंडी कभी भी पंजाब का हिस्सा नहीं रहे हैं। जब मंडी पंजाब का हिस्सा नहीं रहा और शानन पूरी तरह हिमाचल की जमीन पर बना है, तो यह प्रोजेक्ट भी हिमाचल का ही है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब और हिमाचल सरकार के बीच हुआ समझौता 2024 में समाप्त हो गया है। अब हिमाचल सरकार इस परियोजना को अपने नियंत्रण में लेगी। उन्होंने पंजाब से आग्रह किया कि अगर वह सचमुच हिमाचल का बड़ा भाई है, तो परियोजना हिमाचल को सौंप दे।

कुल्लू में पर्यटकों के लिए जल्द खुलेगा रोहतांग दर्रा:विधायक गौड़ ने किया निरीक्षण, बोले- मोबाइल टॉयलेट और पार्किंग की होगी व्यवस्था

कुल्लू में पर्यटकों के लिए जल्द खुलेगा रोहतांग दर्रा:विधायक गौड़ ने किया निरीक्षण, बोले- मोबाइल टॉयलेट और पार्किंग की होगी व्यवस्था कुल्लू में रोहतांग दर्रे को पर्यटकों के लिए जल्द ही खोला जा सकता है। स्थानीय विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने शुक्रवार को मनाली प्रशासन और बीआरओ अधिकारियों के साथ मनाली-रोहतांग मार्ग का निरीक्षण किया। विधायक ने पर्यटकों की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने रोहतांग दर्रे और रास्ते में मोबाइल टॉयलेट बनाने की बात कही। साथ ही बीआरओ अधिकारियों को सड़क किनारे से बर्फ हटाने और पार्किंग स्थल बनाने का निर्देश दिया। एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने बताया कि निरीक्षण की रिपोर्ट जिलाधीश कुल्लू को भेजी जाएगी। गुलाब बैरियर पर वाहनों की चेकिंग शुरू होगी जिलाधीश के निर्देश मिलने के बाद गुलाब बैरियर पर वाहनों की चेकिंग शुरू होगी। पर्यटकों को पहले मढ़ी और फिर पार्किंग की उपलब्धता के अनुसार रोहतांग की ओर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित संख्या के अनुसार ही वाहनों को जाने की अनुमति दी जाएगी। बीआरओ ने जिला प्रशासन को मंगलवार को रोहतांग मार्ग बंद रखने का आग्रह किया है ताकि कोठी से रोहतांग तक सड़क चौड़ीकरण और रखरखाव का काम किया जा सके। परिवारों की आजीविका पर्यटन पर निर्भर विधायक ने कहा कि लाखों पर्यटक रोहतांग आते हैं और मनाली घाटी के हजारों परिवारों की आजीविका पर्यटन पर निर्भर है। इसलिए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रा मनाली के पर्यटन का आधार माना जाता है और रोहतांग के नाम पर ही मनाली का पर्यटन चलता है। गुलाबा बैरियर से आगे रोहतांग जाने के लिए गाड़ियों को चेक करने की व्यवस्था की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि रोहतांग के लिए गाड़ी ऑनलाइन परमिट लेकर ही जा सके। मनाली का पर्यटन स्थल रोहतांग सैलानियों के लिए ऐसी सैरगाह है जहां पूरा वर्ष पर्यटक बर्फ देख सकते हैं। यही कारण है कि मनाली आनंद वाले पर्यटक रोहतांग जाना नहीं भूलते ।

शिमला में 20 मई को मिड-डे मील कर्मियों की हड़ताल:12 हजार मासिक वेतन और दो वर्दियों की मांग, बोले-चुनाव ड्यूटी का अलग भुगतान हो

शिमला में 20 मई को मिड-डे मील कर्मियों की हड़ताल:12 हजार मासिक वेतन और दो वर्दियों की मांग, बोले-चुनाव ड्यूटी का अलग भुगतान हो हिमाचल प्रदेश के रामपुर में शुक्रवार को मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। कर्मियों को वेतन न मिलने के मुद्दे पर हड़ताल की जाएगी। प्रदेश के 21 हजार मिड डे मील कर्मी 20 मई 2025 को देशव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार वर्तमान में कर्मियों को मात्र 4 हजार 500 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है। यह वेतन भी कई महीनों तक नहीं मिलता। हाईकोर्ट ने 2019 और 2024 में 12 माह का वेतन देने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने इस पर अमल नहीं किया। बिना किसी छुट्टी के पूरे साल काम कर्मियों को बिना किसी छुट्टी के पूरे साल काम करना पड़ता है। छुट्टी लेने पर रिलीवर को 500-700 रुपए अपनी जेब से देने पड़ते हैं। जबकि उन्हें खुद केवल 150 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के आदेश के बावजूद उनसे कई अतिरिक्त काम करवाए जाते हैं। इन कामों का कोई भुगतान नहीं होता। यूनियन की प्रमुख मांगें यूनियन की प्रमुख मांगें हैं कि उन्हें न्यूनतम वेतन 12 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए। वेतन स्लिप अनिवार्य की जाए। आंगनबाड़ी की तरह 20 दिन की छुट्‌टी और दो वर्दियां सालाना दी जाएं। चुनाव ड्यूटी का अलग भुगतान हो। त्योहारों पर वेतन सहित छुट्टी मिले। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के कर्मियों का नजदीकी स्कूलों में समायोजन हो। अधिक छात्र संख्या होने पर अतिरिक्त कर्मी नियुक्त किए जाएं। बैठक में यूनियन अध्यक्ष कुशल्या की अध्यक्षता में सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, यूनियन महासचिव कलावती समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

शिमला में शराब ठेका खुलने पर विरोध:लोगों ने निगम को दिया 2 दिन का अल्टीमेटम, बोले-विकास कार्यों के लिए तो बजट नहीं

शिमला में शराब ठेका खुलने पर विरोध:लोगों ने निगम को दिया 2 दिन का अल्टीमेटम, बोले-विकास कार्यों के लिए तो बजट नहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के लक्कड़ बाजार बस स्टैंड के पास ठेके खुलने के विरोध में स्थानीय जनता सड़कों पर उतर गई है। यहां शराब ठेके को लेकर स्थानीय लोगों में खासा रोष है। लोगों ने बस स्टैंड पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने नगर निगम को दो दिन के भीतर ठेके का निर्माण कार्य रोकने का अल्टीमेटम दिया है। स्थानीय पार्षद सरोज ठाकुर का कहना है कि बस स्टैंड से महज 100 मीटर की दूरी पर पहले से एक शराब का ठेका मौजूद है। उनका सवाल है कि जब एक ठेका पहले से है तो दूसरे की क्या आवश्यकता है। लोगों ने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। पार्षद ने किया विरोध एक ओर सरकार नशा मुक्ति अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर नए शराब ठेके खोल रही है। क्षेत्र की पार्षद सरोज ठाकुर ने भी इस कदम का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम आयुक्त ने उनको जानकारी के बिना यह निर्णय लिया है। निगम विकास कार्य में पैसा नहीं लगाने का आरोप उन्होंने कहा कि निगम विकास कार्यों के लिए धन की कमी का रोना रोता है। लेकिन शराब ठेका खोलने के लिए उनके पास बजट उपलब्ध है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि वह किसी भी सूरत में यहां पर शराब का ठेका नहीं खुलने देंगे। वहीं उनके साथ आई स्थानीय महिलाओं ने कहा कि नए ठेके से क्षेत्र का माहौल खराब होगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन में निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

हिमाचल सरकार पर बरसे पूर्व मंत्री बिक्रम:बोले- PGI चंडीगढ़ में हिमकेयर ​​​​​​​योजना में मुफ्त इलाज बंद, 14 करोड़ की पेमेंट नहीं दे रही सरकार

हिमाचल सरकार पर बरसे पूर्व मंत्री बिक्रम:बोले- PGI चंडीगढ़ में हिमकेयर ​​​​​​​योजना में मुफ्त इलाज बंद, 14 करोड़ की पेमेंट नहीं दे रही सरकार हिमाचल के पूर्व मंत्री एवं BJP विधायक बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को PGI चंडीगढ़ में मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा, कि सुक्खू सरकार ने हिमकेयर योजना के तहत 14 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। इस वजह से PGI चंडीगढ़ में हिमाचल के मरीज इलाज को दर दर की ठोकरे खा रहे हैं। बिक्रम ठाकुर ने कहा, कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद कहा था कि जनकल्याण की योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मगर अब हालत यह है कि प्रदेशभर में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं और सरकार गरीबों की जान से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ के अलावा हिमाचल के अस्पतालों में भी मरीजों को मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। 1478 मरीजों का मुफ्त इलाज बंद हुआ- ठाकुर
बिक्रम ठाकुर ने कहा, 25 फरवरी, 2024 को PGI चंडीगढ़ के साथ हिमाचल सरकार ने एक एमओयू साइन किया था ताकि हिमकेयर योजना के लाभार्थियों को समय पर इलाज मिल सके, लेकिन अब 14 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं करने से 1478 मरीजों का मुफ्त इलाज बंद हुआ है, बल्कि पूरे प्रदेश में हजारों मरीजों का‌ जीवन संकट में आ गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह रवैया अमानवीय, असंवेदनशील और जनविरोधी है। पहले भी कई योजनाएं को पंगु बना चुकी सरकार- बिक्रम
पूर्व मंत्री ने कहा, यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस सरकार ने जनहित की योजनाओं को पंगु बनाने का काम किया है। पहले वृद्धावस्था पेंशन में देरी, बेरोजगारी भत्ता रोकने, किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में कटौती और अब गरीबों का इलाज रोकना, यह सब कांग्रेस की असली नीयत को उजागर करता है। पेमेंट का भुगतान नहीं किया तो प्रदेशभर में करेंगे आंदोलन- बिक्रम
बिक्रम ठाकुर ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र पीजीआई चंडीगढ़ को भुगतान नहीं किया गया और हिमकेयर योजना को दोबारा प्रभावी ढंग से शुरू नहीं किया गया, तो भाजपा प्रदेशभर में उग्र आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा किसी दल या सरकार का नहीं, बल्कि हिमाचल की आम जनता के स्वास्थ्य, जीवन और सम्मान से जुड़ा है और भाजपा इस लड़ाई को अंतिम अंजाम तक ले जाएगी। बता दें कि हिमकेयर योजना को पूर्व की जयराम सरकार ने शुरू किया था। इस योजना में उन सभी लोगों को कवर किया गया, जो केंद्र की आयुष्मान भारत योजना में छूट गए थे। ऐसे सभी लोगों को हिमकेयर योजना के तहत पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया जा रहा है।