CM Bhagwant Mann ने दिखाई किसानों के लिए नई उम्मीद — Flood-Affected Districts में भेजे गेहूं के बीज, ₹74 Crore की राहत

CM Bhagwant Mann ने दिखाई किसानों के लिए नई उम्मीद — Flood-Affected Districts में भेजे गेहूं के बीज, ₹74 Crore की राहत

पंजाब के किसानों के लिए खुशखबरी आई है। बाढ़ से तबाह हुए किसानों की मदद के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद मैदान में उतरकर बड़ा कदम उठाया है। रविवार को उन्होंने अमृतसर से सात ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिनमें किसानों के लिए गेहूं के बीज भरे गए थे।

ये ट्रक सिर्फ बीज नहीं, बल्कि लाखों किसानों के लिए नई उम्मीद और नई शुरुआत लेकर जा रहे हैं। सरकार ने लगभग 1.85 लाख क्विंटल गेहूं के बीज भेजे हैं, जिनकी कीमत करीब ₹74 करोड़ रुपये है। खास बात यह है कि ये बीज किसानों को बिलकुल मुफ्त दिए जा रहे हैं।

बाढ़ ने पंजाब को झकझोर दिया था

कुछ महीने पहले आई भीषण बाढ़ ने पंजाब की जमीन और जिंदगी दोनों को तबाह कर दिया था।

  • 2,300 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए थे।
  • 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए।
  • 56 लोगों की मौत हुई और 7 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए।
  • करीब 5 लाख एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं।

कई किसानों के खेत पूरी तरह तबाह हो गए। जिन लोगों ने बैंक से कर्ज लेकर खेती की थी, वे अब कर्ज़ चुकाने की हालत में नहीं हैं। कुछ किसानों ने तो निराशा में आत्महत्या के विचार तक कर लिए थे।

स्कूल, अस्पताल और सड़कें भी बर्बाद

इस बाढ़ ने सिर्फ खेत नहीं उजाड़े, बल्कि पंजाब के बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया।

  • 3,200 सरकारी स्कूल पूरी तरह से टूट गए।
  • 19 कॉलेजों की इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं।
  • 1,400 क्लीनिक और अस्पताल बंद हो गए।
  • 8,500 किलोमीटर सड़कें और 2,500 पुल टूट गए।

बिजली के खंभे गिरे, ट्रांसफॉर्मर जल गए, और कई इलाकों में हफ्तों तक अंधेरा छाया रहा। नलों में पानी तक नहीं आ रहा था, क्योंकि पंप खराब हो गए थे। बच्चों की पढ़ाई रुक गई और मरीजों को इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ा।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक का कुल नुकसान लगभग ₹13,800 करोड़ रुपये आंका गया है — लेकिन असली नुकसान इससे भी कहीं ज्यादा है।

सरकार की राहत योजना किसानों तक सीधी मदद

इतनी बड़ी तबाही के बाद पंजाब सरकार ने तुरंत एक्शन लिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राहत कार्यों की निगरानी खुद की और बाढ़ प्रभावित जिलों में किसानों को सीधे गांव-गांव बीज पहुंचाने का फैसला लिया।

उन्होंने कहा,“हमारे किसान देश की रीढ़ हैं। जब पूरा देश सोता है, तब किसान अपने खेतों में जागता है। आज जब वो मुश्किल में है, तो हम पीछे कैसे हट सकते हैं? ये ₹74 करोड़ रुपये नहीं, बल्कि किसानों के प्रति हमारा सम्मान है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब के किसानों ने हरित क्रांति में देश को खाद्य सुरक्षा दी थी, इसलिए आज उनकी मदद करना सरकार का फर्ज है।

बीज किसानों को बिना किसी फॉर्म भरने या सरकारी कागज़ी कार्रवाई के सीधे उनके गांवों में दिए जा रहे हैं। सरकार का मकसद है कि रबी की बुवाई समय पर शुरू हो सके और किसान दोबारा अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

किसानों की हिम्मत फिर से खड़े होने की तैयारी

बाढ़ का पानी उतरते ही किसानों ने अपने खेतों में वापसी की है। उन्होंने कीचड़ साफ किया, जमीन समतल की और अब रबी सीजन की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं।
किसानों का कहना है —

“पानी सब ले गया, पर हमारी हिम्मत नहीं। अब फिर से खेत हरे होंगे।”

सरकार की बीज योजना से किसानों में एक नई ऊर्जा और उम्मीद दिख रही है। गांवों में अब फिर से ट्रैक्टर चलने लगे हैं, खेतों में हल की आवाज़ गूंज रही है और लोग कह रहे हैं — पंजाब फिर से खिलेगा।

सरकार का वादा सिर्फ बीज नहीं, और भी मदद

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी ऐलान किया कि यह सिर्फ शुरुआत है।

“हम किसानों को हर संभव मदद देंगे — मुआवज़ा, कर्ज माफी और नई योजनाएं जल्द लाएंगे। हर बाढ़ प्रभावित किसान तक बीज पहुंचेंगे और पंजाब फिर से लहलहाएगा।”

पंजाब की यह कहानी सिर्फ एक राहत अभियान नहीं, बल्कि हौसले, उम्मीद और एकजुटता की मिसाल है।
बाढ़ ने बहुत कुछ छीन लिया, लेकिन किसानों की मेहनत और सरकार के सहयोग से पंजाब फिर से खड़ा होने की राह पर है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह कदम न सिर्फ किसानों के लिए राहत है, बल्कि यह संदेश भी —
जब किसान संकट में हो, तो सरकार उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होती है।

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