कैथल में भाजपा को 3 नगर पालिकाओं में मिली हार:तीनों सीटों पर जीते निर्दलीय केंडिडेट, CM सैनी की रैलियां भी नहीं आईं काम

कैथल में भाजपा को 3 नगर पालिकाओं में मिली हार:तीनों सीटों पर जीते निर्दलीय केंडिडेट, CM सैनी की रैलियां भी नहीं आईं काम हरियाणा के कैथल जिले की तीनों नगर पालिकाओं में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बुधवार को आए चुनाव परिणामों में सीवन, पुंडरी और कलायत नगर पालिकाओं में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। भाजपा प्रत्याशियों की स्थिति इतनी खराब रही कि कुछ जगहों पर वे तीसरे स्थान तक पहुंच गए। मुख्यमंत्री समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने रैलियां की, लेकिन जनता पर इसका कोई असर नहीं हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका चुनाव में विकास के मुद्दे और प्रत्याशी की लोकप्रियता मायने रखती है। बड़े नेताओं का प्रचार इस पर कोई प्रभाव नहीं डालता। निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत से साबित हुआ कि वे जनता से सीधे जुड़े हुए हैं। इस हार से स्पष्ट है कि स्थानीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ नाराजगी है। अब देखना यह है कि पार्टी इस हार से क्या सीख लेती है। सीवन : सैनी वोट बैंक पर नहीं दिखा सीएम की रैली का असर सीवन नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस की मजबूत पकड़ देखने को मिली। उनकी टीम की प्रत्याशी हेमलता सैनी ने 3,594 वोट पाकर आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। भाजपा की शैली मुंजाल 3,331 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। सीवन में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने रैली की थी, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा को सैनी वोट बैंक का फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां की जनता ने पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर से अपनी नाराजगी मतदान के जरिए जताई, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा। सीवन चुनाव परिणाम 1. हेमलता सैनी (आजाद) – 3,594 वोट (जीत) 2. शैली मुंजाल (बीजेपी) – 3,331 वोट 3. संयम गुप्ता (आजाद) – 3,061 वोट पुंडरी : सीएम और मंत्री भी नहीं बचा सके भाजपा को पुंडरी नगर पालिका चुनाव में भाजपा की हार सबसे चौंकाने वाली रही। मुख्यमंत्री और मंत्रियों की सभाएं और प्रचार अभियान के बावजूद भाजपा प्रत्याशी ममता सैनी केवल 3,226 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। यहां बबली गोस्वामी ने 4,827 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि गुड्डी देवी 3,498 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। पुंडरी में भाजपा की हार का बड़ा कारण मौजूदा विधायक सतपाल जांबा की जनता में नाराजगी को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के आने के बावजूद जनता ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया, जिससे साफ है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच असंतोष पार्टी को भारी पड़ा। पुंडरी चुनाव परिणाम 1. बबली गोस्वामी (आजाद) – 4,827 वोट (जीती) 2. गुड्डी देवी (आजाद) – 3,498 वोट 3. ममता सैनी (भाजपा) – 3,226 वोट कलायत : लोकसभा-विधानसभा के बाद नगर पालिका चुनाव भी हारी भाजपा कलायत नगर पालिका चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां अंकित जैलदार ने 5 हजार 824 वोटों के साथ शानदार जीत दर्ज की। भाजपा प्रत्याशी मेनपाल राणा 2 हजार 862 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। भाजपा की हार के पीछे पूर्व मंत्री कमलेश ढांडा के प्रति जनता की नाराजगी को बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके अलावा भाजपा के बड़े पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री के साथ नजदीकियां भी पार्टी को कोई फायदा नहीं दिला सकीं। कलायत चुनाव परिणाम 1. अंकित जैलदार (आजाद) – 5,824 वोट (जीत) 2. मेनपाल राणा (भाजपा) – 2,862 वोट 3. राजू कौशिक (आजाद) – 1,931 वोट भाजपा को चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतरने पड़े महंगे कैथल जिले में भाजपा को तीनों जगह चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतारने महंगे पड़े। समर्थकों और स्थानीय मतदाताओं का मानना है कि पार्टी को अपने चुनाव चिन्ह (कमल) पर प्रत्याशी नहीं उतारना चाहिए था। कई लोगों ने कहा कि नगर पालिका चुनाव स्थानीय मुद्दों और प्रत्याशियों की छवि पर लड़ा जाता है, लेकिन भाजपा ने इसे पार्टी की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया, जिससे जनता ने विरोध जताते हुए आजाद प्रत्याशियों को चुना। भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा तेज कैथल जिले में तीनों जगह भाजपा की करारी हार के बाद संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है और जिले में भाजपा की जमीनी पकड़ कमजोर होती दिख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा को अपनी स्थानीय रणनीति पर फिर से विचार करना होगा, क्योंकि कैथल जिले में लगातार लोकसभा, विधानसभा और अब नगर पालिका चुनाव में हार से पार्टी कमजोर हो रही है। भाजपा को स्थानीय नेतृत्व पर देना होगा ध्यान राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा को अपनी जमीनी रणनीति बदलनी होगी। कैथल जिले में लोकसभा, विधानसभा और अब नगर पालिका चुनाव में मिली बड़ी हार से साफ हो गया है कि पार्टी को स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करना होगा और चुनाव चिन्ह की जगह सशक्त उम्मीदवारों पर ध्यान देना होगा। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस हार से क्या सबक लेती है और आगामी चुनावों में अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है।

हरियाणा BJP अध्यक्ष पर दर्ज गैंगरेप केस खारिज:कसौली कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकारी, महिला हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार हो चुकी

हरियाणा BJP अध्यक्ष पर दर्ज गैंगरेप केस खारिज:कसौली कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकारी, महिला हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार हो चुकी हरियाणा ‌BJP के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल पर हिमाचल में दर्ज गैंगरेप केस खत्म हो गया है। इस मामले में बुधवार को हिमाचल के कसौली कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। दरअसल, कसौली पुलिस ने महिला की शिकायत पर दर्ज केस में सबूत नहीं मिलने के बाद क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। इस पर कोर्ट ने दो बार महिला के दोनों एड्रेस पर समन जारी किए, ताकि महिला के बयान कलमबद्ध करने के बाद इस केस की क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला लिया जा सके। मगर महिला ने दोनों बार समन रिसीव नहीं किए। सहायक जिला न्यायवादी विकास शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में कसौली पुलिस थाना में दर्ज गैंगरेप का मामला खत्म हो गया है। बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ 13 दिसंबर, 2024 को कसौली पुलिस थाने में गैंगरेप की FIR दर्ज की गई थी। 14 जनवरी, 2025 को इसकी कॉपी सामने आई। महिला पर पंचकूला में हनीट्रैप का केस
हिमाचल पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट से पहले ही पंचकूला में महिला, उसकी सहेली और उसके बॉस सोनीपत के भाजपा नेता अमित बिंदल के खिलाफ हनीट्रैप की FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया था। BJP अध्यक्ष बड़ौली-रॉकी मित्तल से जुड़े गैंगरेप केस में क्या-क्या हुआ… 13 दिसंबर को FIR दर्ज, 14 जनवरी को कॉपी ​​सामने आई
बड़ौली व रॉकी पर 13 दिसंबर 2024 को कसौली पुलिस थाने में गैंगरेप (IPC की धारा 376D) की FIR दर्ज हुई। 14 जनवरी 2025 को कॉपी सामने आई। इसमें महिला ने कहा ‘मैं सहेली व बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने गई थी। 23 जुलाई 2024 को होटल में बड़ौली व रॉकी ने मुझे जबरन शराब पिलाई और सहेली के सामने ही होटल रोज कॉमन में गैंगरेप किया। इसके बाद मारने की धमकी दी। फिर पंचकूला में बुलाकर झूठे केस में फंसाने की भी कोशिश की। इसके बाद गैंगरेप पीड़िता ने एक वीडियो भी जारी किया। 15 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सहेली ने घटना से इनकार किया
15 जनवरी को महिला की सहेली ने पंचकूला में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उसने कहा “मैं, सहेली व उसके बॉस कसौली में होटल के एक कमरे में ठहरे थे। होटल में न किसी ने शराब पिलाई, न मेरे सामने रेप हुआ। नाश्ते के समय लॉबी में रॉकी मित्तल मिले थे। न बड़ौली को जानती और न वहां देखा।” 16 को बिंदल ने कहा- गवाह खरीदे व डराए भी जा सकते हैं
सहेली के आरोप नकारने के बाद 16 जनवरी को कथित रेप पीड़िता के बॉस अमित बिंदल सामने आए। उन्होंने कहा, “गवाह खरीदे और डराए-धमकाए भी जा सकते हैं। होटल में 2 कमरे बुक कराए थे। उसी फ्लोर पर बड़ौली और रॉकी भी ठहरे हुए थे। गैंगरेप के बारे में उन्हें नहीं पता। हालांकि इसके बारे में पीड़िता ही सब कुछ बताएगी।” महिला पर हनीट्रैप का केस दर्ज, 3 आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में बड़ौली के साथी आरोपी सिंगर रॉकी मित्तल ने 6 फरवरी को पंचकूला में हनीट्रैप की FIR दर्ज करा दी। रॉकी ने कहा कि बड़ौली को फंसाने के लिए पूरी साजिश रची गई। ये लोग AI से वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हैं। पुलिस ने इस मामले में रॉकी मित्तल की शिकायत पर पीड़ित महिला, उसकी सहेली और अमित बिंदल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

भिवानी में 97 पार्षद प्रत्याशी हारे, 44 जीते:लोहारू में 1 वोट बना जीत-हार का अंतर, सबसे बड़ी जीत सिवानी के वार्ड 2 में हुई

भिवानी में 97 पार्षद प्रत्याशी हारे, 44 जीते:लोहारू में 1 वोट बना जीत-हार का अंतर, सबसे बड़ी जीत सिवानी के वार्ड 2 में हुई भिवानी की तीनों नगर पालिकाओं बवानीखेड़ा, लोहारू व सिवानी के चुनाव की बुधवार को मतगणना हुई। इस दौरान 97 पार्षद पद के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा जबकि 44 उम्मीदवारों को कुर्सी मिली। बता दें कि तीनों नगर पालिकाओं बवानीखेड़ा, लोहारू व सिवानी के कुल 177 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे। तीनों नगर पालिकाओं में कुल 36 उम्मीदवार (लोहारू में 17, बवानीखेड़ा में 11 व सिवानी में 8) अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े। वहीं 141 उम्मीदवार (बवानीखेड़ा में 56, सिवानी में 49 व लोहारू में 36) पार्षद पद का चुनाव लड़ा। 141 में से 44 पार्षद (बवानीखेड़ा से 16, सिवानी से 15 व लोहारू से 13) बने। वहीं 2 पार्षद निर्विरोध चुने जा चुके हैं। जिसमें एक लोहारू के वार्ड नंबर 4 व एक सिवानी के वार्ड नंबर 9 के पार्षद शामिल हैं। सिवानी के वार्ड 2 पर सबसे बड़ी जीत
सिवानी के वार्ड नंबर 2 में पार्षद की जीत का सबसे बड़ा अंतर रहा। यहां 398 वोटों से प्रणव गोयल को जीत मिली। वार्ड नंबर 2 में कुल 1021 वोट पोल हुए थे। जिनमें से विजेता प्रणव गोयल को 624 वोट मिले। जबकि उप विजेता दीपक थापन को 226 वोट हासिल हुए। इसके अलावा लीलावती को 137, मोहित को 31 व नोटा को 3 वोट मिले। लोहारू के वार्ड 13 में सबसे छोटी जीत
लोहारू के वार्ड नंबर 13 में सबसे कांटे का मुकाबला रहा। जहां सिर्फ एक वोट से हार-जीत का फैसला हुआ। 761 वोट पोल हुए थे। जिनमें से विजेता उम्मीदवार अजय शर्मा को 271 व द्वितीय रहने वाले सुशील कुमार को 270 वोट प्राप्त हुए। जबकि तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार रिक्की को 193, चौथे पायदान पर रहे नोटा को 17 व पांचवे स्थान पर रहे उम्मीदवार महेंद्र सिंह को 10 वोट मिले। पार्षदों के चुनाव परिणाम..

हुड्डा के गढ़ रोहतक में भाजपा की जीत:निगम चुनाव में ओबीसी-SC वोट बैंक साधा, बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी से कांग्रेस को नुकसान

हुड्डा के गढ़ रोहतक में भाजपा की जीत:निगम चुनाव में ओबीसी-SC वोट बैंक साधा, बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी से कांग्रेस को नुकसान रोहतक नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत के पीछे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मजबूत रणनीति और संगठन की ताकत मानी जा रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद दो बार चुनाव प्रचार में शामिल हुए, जबकि अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने भी पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा की ओर से मंत्री अरविंद शर्मा, कृष्ण बेदी, कृष्ण लाल पंवार, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा और डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिड्ढा ने प्रचार अभियान को धार दी। यही वजह है कि भाजपा के रामअवतार वाल्मीकि ने 45,198 वोटों से शानदार जीत दर्ज की। कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार सूरजमल किलोई दूसरे स्थान पर रहे, जबकि इनेलो के सूरज देहराज, आम आदमी पार्टी के अमित खटक और निर्दलीय दीपक सिंह तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। ओबीसी और एससी वोट बैंक साधने में सफल रही भाजपा भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान ओबीसी और एससी वर्ग को विशेष रूप से टारगेट किया। इस रणनीति ने भाजपा को बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई, जिससे रामअवतार वाल्मीकि ने भारी मतों से जीत हासिल की। कांग्रेस की हार: नेतृत्व की दूरी बनी कारण वहीं, कांग्रेस को इस चुनाव में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी, जिसका एक बड़ा कारण पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रचार से दूरी रही। कांग्रेस के उम्मीदवार सूरजमल किलोई के समर्थन में केवल सांसद दीपेंद्र हुड्डा कुछ बार प्रचार करने पहुंचे, जबकि स्थानीय विधायक बीबी बत्रा और कलानौर की विधायक शकुंतला खटक महज एक-दो बार ही प्रचार में नजर आए। कांग्रेस का कमजोर चुनाव अभियान और स्थानीय नेताओं की निष्क्रियता भी हार का बड़ा कारण बनी। भाजपा के मजबूत प्रचार अभियान के मुकाबले कांग्रेस का संगठन कमजोर नजर आया। इस चुनाव में जनता ने सत्ता पक्ष यानी भाजपा को ही प्राथमिकता दी। एक बड़ा कारण यह भी रहा कि अगर कांग्रेस का मेयर जीत भी जाता, तो उसे सरकार से विकास कार्यों के लिए समर्थन नहीं मिलता। जनता ने यह समझा कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है, ऐसे में नगर निगम भी भाजपा का होगा, तो विकास कार्यों में रुकावट नहीं आएगी। इसी वजह से भाजपा को भारी समर्थन मिला। रामअवतार वाल्मीकि बोले- “जीत का 100% भरोसा था” अपनी ऐतिहासिक जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा मेयर उम्मीदवार रामअवतार वाल्मीकि ने जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
“रोहतक की जनता को बधाई देता हूं। यह लोगों की जीत है, नेताओं व पार्टी की जीत है। ट्रिपल इंजन सरकार पहले भी काम करती रही है और अब तेजी से विकास होगा। हमने पहले भी अपने घोषणा पत्र की सारी घोषणाओं को पूरा किया है और अब नए संकल्प पत्र को भी पूरी तरह लागू करेंगे। जनता जो भी कहेगी, उसे भी पूरा करेंगे।” सूरजमल किलोई ने हार को स्वीकारा कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी सूरजमल किलोई ने हार स्वीकारते हुए जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं। कोई कमी नहीं थी, बस समय की बात है। ऊपर सरकार थी, इसलिए लोगों ने भाजपा को चुना। हम भाजपा से उम्मीद करते हैं कि वे जनता के काम करवाएं और हम आगे भी जनता के लिए काम करते रहेंगे।” मनीष ग्रोवर का कांग्रेस पर तंज भाजपा नेता मनीष ग्रोवर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक खुद अपने ही उम्मीदवार के लिए वोट मांगने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा की अंदरूनी तौर पर मदद की, जिससे पार्टी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। भूपेंद्र हुड्‌डा के वार्ड में फिर खिला कमल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, कलानौर विधायक शकुंतला खटक का जिस वार्ड में घर है, वहां फिर से भाजपा उम्मीदवार कंचन खुराना ने कमल खिलाया है। लगातार कंचन खुराना वार्ड से पार्षद बनती आ रही है। वहीं, स्थानीय विधायक भारत भूषण बतरा का जिस वार्ड में घर है, वहां भी दूसरी बार भाजपा की डिंपल जैन ने जीत हासिल करते हुए कमल खिलाया है।

गुरुग्राम में भाजपा की हैट्रिक, रिकॉर्ड मतों से जीती राजरानी:मानेसर में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत मेयर बनीं, राव इंद्रजीत की अनदेखी भाजपा को पड़ी भारी

गुरुग्राम में भाजपा की हैट्रिक, रिकॉर्ड मतों से जीती राजरानी:मानेसर में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत मेयर बनीं, राव इंद्रजीत की अनदेखी भाजपा को पड़ी भारी गुरुग्राम में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई है। यहां से BJP कैंडिडेट राजरानी मल्होत्रा ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। राजरानी के रूप में भाजपा ने शहर को लगातार तीसरा मेयर दिया है। नगर निगम बनने के बाद से यहां भाजपा ही जीतती आ रही है। राजरानी को चुनाव में दो चीजों का फायदा मिला। एक तो उनका और उनके पति तिलकराज मल्होत्रा का संघ से नाता है और दूसरा पंजाबी वोटरों का सहारा इन्हें मिलता है। बिखरी हुई और बिना नेतृत्व वाली कांग्रेस का खामियाजा उसकी कैंडिडेट को भुगतना पड़ा। सीमा पाहुजा को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे न तो एंटी इनकंबेंसी का विकल्प बन पाईं और न ही वोटरों को अपने पक्ष में कर सकीं। उनके पति पवन पाहुजा खुद भी पार्षद का चुनाव हार गए। मानेसर में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत को मिला राव इंद्रजीत के नाम का सहारा
वहीं प्रदेश के सबसे छोटे मानेसर नगर निगम के परिणाम ने सबको चौंका दिया। यहां निर्दलीय चुनाव लड़कर मेयर बनीं डॉक्टर इंद्रजीत ने भाजपा से टिकट मांगी थी, लेकिन इनकी जगह भाजपा ने सुंदरलाल यादव को टिकट दे दिया। यादव के पक्ष में CM नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल समेत कई दिग्गज नेताओं ने सभाएं की, लेकिन उम्मीदवार को जीत नहीं दिलवा पाए। बड़ी सभाएं होने से कहीं न कहीं सुंदरलाल यादव जीत के लिए कॉन्फिडेंट भी थे। डॉ. इंद्रजीत की जीत में बड़ा फैक्टर यह रहा कि उन्होंने चुनाव को हल्के में नहीं लिया और पहले दिन से ही ग्राउंड लेवल पर जाकर वन टू वन लोगों से संपर्क किया। जीत में एक फैक्टर ये भी काम किया कि डॉ. इंद्रजीत और उसके पति राकेश हयातपुर ने खुद को राव इंद्रजीत का कार्यकर्ता बताया। BJP को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की अनदेखी भी भारी पड़ी
राव इंद्रजीत के नाम ने सुरक्षा कवच का काम किया जिससे मुख्यमंत्री समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के राकेश हयातपुर को गैंगस्टर प्रचारित करने के बावजूद उनकी पत्नी निर्दलीय जीत गईं। भाजपा को यहां केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की अनदेखी भी भारी पड़ी। राव इंद्रजीत मानेसर में प्रचार करने भी नहीं पहुंचे। हालांकि मतदान से एक दिन पहले भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में उनका एक एआई से एडिट किया वीडियो सामने आया था। इसको लेकर किरकिरी भी हुई थी। प्रचार के अंतिम दाैर में उनका फेक वीडियो वायरल हुआ, जो भाजपा के पक्ष में नहीं जा सका और डा. इंद्रजीत ने इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। राव नरबीर का बड़बोलापन लें डूबा नगर निगम चुनाव के दौरान प्रदेश सरकार में मंत्री राव नरबीर सिंह का बड़बोलापन देखने को मिला। उन्होंने मानेसर में जहां डा. इंद्रजीत के पति को गैंगस्टर करार दिया तो गुरुग्राम के दौलताबाद में ग्रामीणों को खूब खरी खोटी सुनाई। जनता ने न केवल मानेसर बल्कि गुरुग्राम के भी कई वार्डों में उनके समर्थकों को हराने का काम किया। वार्ड एक से साहब सिंह एक नजदीकी मुकाबले में हार गए तो वार्ड 6 से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ने भाजपा की एकता त्यागी को 1200 वोट से हराया है। सतपाल दौलताबाद गांव से है और यहां पर एक सभा में मंत्री नरबीर सिंह ने गांव वालों को खरीखोटी सुनाई थी। जिसका गुस्सा लोगों ने भाजपा के प्रत्याशी को हराकर निकाला। सतपाल कांग्रेस के एक मात्र जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी रहे। कांग्रेस और जजपा एक एक सीट जीती वार्ड 5 से जजपा के रामअवतार राणा ने भाजपा के राकेश राणा को एक नजदीकी मुकाबले में 761 वोट से हराया है। दोनों प्रत्याशी एक ही बजघेड़ा गांव के हैं। हालांकि इस वार्ड के परिणाम ने भी लोगों को चौंका दिया, क्योंकि राकेश राणा को सेफ कैंडिडेट माना जा रहा था और जजपा का फिलहाल कोई ज्यादा जनाधार भी नहीं था। ऐसे में यहां से हार भाजपा के लिए निराशाजनक कही जा सकती है। वार्ड 13 से निर्दलीय जीता सबसे चौंकाने वाले नतीजों में से एक गुरुग्राम के वार्ड 13 से आया है। जहां निर्दलीय उम्मीदवार दो बार के पार्षद रहे और राव इंद्रजीत के करीबी विश्वासपात्र अश्विनी शर्मा भाजपा के उम्मीदवार पवन सैनी से लगभग 2500 वोटों से हार गए हैं। पवन राव नरबीर के करीबी सहयोगी हैं।

हरियाणा निकाय चुनाव में जश्न के PHOTOS:पति के मेयर बनने पर पूर्व मंत्री का डांस, विज भी नाचे; चेयरमैन समर्थकों ने नोट उड़ाए

हरियाणा निकाय चुनाव में जश्न के PHOTOS:पति के मेयर बनने पर पूर्व मंत्री का डांस, विज भी नाचे; चेयरमैन समर्थकों ने नोट उड़ाए हरियाणा निकाय चुनाव में भाजपा ने 10 नगर निगम में से 9 में जीत हासिल की है। मानेसर नगर निगम में निर्दलीय चुनाव जीती हैं। हिसार में भाजपा के मेयर प्रवीन पोपली को समर्थकों ने कंधों पर उठा लिया। झज्जर के बेरी में पालिका में नव निर्वाचित चेयरमैन देवेंद्र सिंह उर्फ बिल्लू पहलवान के समर्थकों ने जश्न में गुलाल के साथ नोट उड़ाए। सोनीपत में पति राजीव जैन के मेयर बनने पर पूर्व मंत्री कविता जैन ने डांस किया। अंबाला में मंत्री अनिल विज ने डांस किया। जींद की जुलाना नगर पालिका में भाजपा के चेयरमैन डॉ. संजय जांगड़ा ने जीत की खुशी में भाजपा नेताओं के साथ डांस किया। भिवानी, कैथल समेत कई जगह जीत की खुशी में उम्मीदवार और उनके समर्थकों ने होली खेली। अब जश्न की तस्वीरें सिलसिलेवार देखें… तस्वीर 1…हिसार मेयर को कंधों पर उठाया हिसार नगर निगम से मेयर पद के लिए भाजपा के प्रवीन पोपली की जीत का ऐलान होते हुए समर्थकों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया। समर्थकों ने पोपली को कंधों पर लेकर ही डांस किया। तस्वीर 2…नूंह में पार्षद समर्थकों ने नोट उड़ाए नूंह में पार्षद समर्थकों ने जीत पर नोट उड़ाए। इसके बाद उन्होंने ढोल पर खूब डांस किया। तस्वीर 3…चेयरमैन समर्थकों ने नोट उड़ाए झज्जर के बेरी में पालिका में नव निर्वाचित चेयरमेन देवेंद्र सिंह उर्फ बिल्लू पहलवान के समर्थकों ने जश्न में गुलाल के साथ नोट उड़ाए। समर्थकों ने ढोल पर डांस भी किया। तस्वीर 4…सोनीपत में पूर्व मंत्री का डांस सोनीपत में भाजपा के राजीव जैन मेयर बने हैं। विजय जुलूस में उनकी पत्नी पूर्व मंत्री कविता जैन ने समर्थकों के साथ डांस किया। तस्वीर 5…जुलाना में चेयरमैन का डांस जींद जिले की जुलाना नगर पालिका में भाजपा के नव निर्वाचित चेयरमैन डॉ. संजय जांगड़ा ने भाजपा नेताओं के साथ डांस किया। तस्वीर 6…फरीदाबाद मेयर ने पति के पैर छूए फरीदाबाद से भाजपा की मेयर प्रवीन जोशी ने जीतने के बाद अपने पति संदीप जोशी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। प्रवीन जोशी करीब सवा 3 लाख वोट से चुनाव जीती हैं। तस्वीर 7…पार्षद समर्थकों ने होली खेली हिसार के वार्ड 8 से जीते रवि सैनी के समर्थकों ने जीत की खुशी में होली खेली। उन्होंने गुलाल उड़ाया और ढोल पर डांस किया। तस्वीर 8…पानीपत मेयर ने रोड शो निकाला पानीपत से भाजपा की मेयर कोमल सैनी ने जीत के बाद रोड शो निकाला। इस दौरान जीटी रोड पर जाम लग गया। तस्वीर 9…भाजपा समर्थकों ने होली मनाई हिसार के वार्ड नंबर 18 से भाजपा के पार्षद गुलाब सिंह ने जीत दर्ज की तो समर्थकों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया और गुलाल उड़ाकर होली मनाई। तस्वीर 10…कनीना में चेयरपर्सन ने रोड शो निकाला महेंद्रगढ़ की कनीना नगर पालिका में रिंपी चौधरी निर्दलीय चेयरपर्सन बनीं। इसके बाद जीत की खुशी में उनके समर्थकों ने होली खेली और रोड शो निकाला। तस्वीर 11…BJP मेयर को क्राउन पहनाया करनाल से भाजपा की रेणु बाला गुप्ता के मेयर बनने पर समर्थकों ने उन्हें क्राउन पहना दिया। इसके बाद रेणु बाला गुप्ता ने उनके साथ डांस किया। तस्वीर 12…रोड शो में महिलाओं का डांस भिवानी जिले की बवानी खेड़ा नगर पालिका में सुंदर अत्री चेयरमैन बने। इसके बाद उन्होंने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला। इस दौरान महिलाओं ने जमकर डांस किया। तस्वीर 13..अनिल विज ने डांस किया अंबाला कैंट नगर परिषद चुनाव में भाजपा उम्मीदवार स्वर्ण कौर के चेयरपर्सन बनने पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने डांस किया। तस्वीर 14..यमुनानगर में मेयर चुनाव जीतने के बाद सुमन का रोड शो यमुनानगर निगम में BJP की सुमन बहमनी मेयर बनीं। उन्होंने कांग्रेस की किरणा देवी को हराया। जीत के बाद सुमन ने रोड शो निकाला। *************************** निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणा में BJP ने 10 में से 9 निगम जीते:कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला, हुड्‌डा-सैलजा गढ़ नहीं बचा सके, मानेसर में निर्दलीय मेयर हरियाणा के 10 नगर निगमों में से 9 में भाजपा ने जीत दर्ज की है। मानेसर नगर निगम में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत यादव चुनाव जीतीं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुंदर लाल को हराया। इंद्रजीत यादव ने खुद को केंद्रीय राज्यमंत्री व गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत की करीबी बताकर प्रचार किया था। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ का नारा चला:BJP ने 2 नए निगम भी जीते, कांग्रेस का सूपड़ा साफ; दोनों की हार-जीत की 4-4 वजहें हरियाणा में 8 नगर निगमों में चुनाव और 2 में उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 9 नगर निगम अंबाला, करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, यमुनानगर और सोनीपत में भाजपा जीत चुकी है। इस बार भाजपा ने सोनीपत और अंबाला में भी मेयर की कुर्सी जीत ली। पिछली बार यहां कांग्रेस और हरियाणा जनचेतना पार्टी का मेयर था। पढ़ें पूरी खबर

हरियाणा निकाय चुनाव कैसे जीती BJP:5 लेवल का मैनेजमेंट, बागियों से किनारा किया; 6 महीने में कांग्रेस की दूसरी हार के 4 कारण

हरियाणा निकाय चुनाव कैसे जीती BJP:5 लेवल का मैनेजमेंट, बागियों से किनारा किया; 6 महीने में कांग्रेस की दूसरी हार के 4 कारण हरियाणा में 8 नगर निगमों में चुनाव और 2 में उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 9 नगर निगम अंबाला, करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, यमुनानगर और सोनीपत में भाजपा जीत चुकी है। इस बार भाजपा ने सोनीपत और अंबाला में भी मेयर की कुर्सी जीत ली। पिछली बार यहां कांग्रेस और हरियाणा जनचेतना पार्टी का मेयर था। विधानसभा चुनाव के 5 महीने बाद हुए निगम चुनाव में भाजपा का ट्रिपल इंजन सरकार का नारा चल गया है। केंद्र और राज्य के बाद अब शहरों में भी भाजपा की लोकल सरकार बन गई। वहीं मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव चुनाव जीत गईं। कांग्रेस का निगम चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस इस बार न केवल सभी जगह से हार गई बल्कि पिछली बार जीती सोनीपत मेयर की सीट भी गंवा बैठी। भाजपा के चुनाव जीतने के 4 बड़े कारण… 1. प्रदेश में सरकार होने का फायदा मिला
प्रदेश में 5 महीने पहले भाजपा की सरकार बनी। उससे पहले केंद्र में भी भाजपा की अगुआई वाली NDA सरकार बनी। ऐसे में भाजपा ने चुनाव प्रचार में इसको खूब भुनाया। भाजपा के नेताओं से लेकर मंत्रियों और मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ट्रिपल इंजन का नारा दिया। प्रचार में लोगों को समझाया कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा है। ऐसे में अगर शहर में भी भाजपा ही जीतेगी तो तालमेल आसान होगा। इससे विकास भी तेजी से होगा। वोटर भी समझ गए कि अगर राज्य सरकार के उलट विपक्षी दल को जिताया तो फिर शहरों में काम नहीं होंगे। चूंकि भाजपा की प्रदेश में सरकार अभी साढ़े 4 साल चलनी है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलते रहेंगे। 2. प्रदेश में बूथ तक 5 लेवल का मैनेजमेंट किया
केंद्र और प्रदेश में सरकार के बावजूद भाजपा नगर निकाय चुनाव को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट नहीं दिखी। भाजपा ने इसे भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह लड़ा। निकाय चुनाव के लिए भी बूथ लेवल पर 5 लेवल का मैनेजमेंट किया। संगठन की टीम हर घर पर कम से कम 4 बार पहुंची। वार्ड लेवल पर भी छोटी-छोटी टीमें बनाईं जो लोगों से मिलकर पार्टी को लेकर बातचीत करती रहीं। मेयर और पार्षद चुनाव के लिए अलग टीम बनी थी। जिला स्तर की टॉप लीडरशिप इसमें शामिल थी। प्रदेश स्तर पर उन लोगों को कमान दी गई, जिन्हें चुनाव लड़ने का लंबा अनुभव है। 3. CM नायब सैनी समेत सभी बड़े चेहरे प्रचार में उतारे
भाजपा ने प्रचार के लिए सभी बड़े चेहरे फील्ड में उतारे। इनमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली के अलावा सभी सीनियर नेता हर चुनाव क्षेत्र में पहुंचे। सरकार भी प्रचार में उतरी। सभी विधायकों और मंत्रियों के साथ CM नायब सैनी ने भी प्रचार किया। लोकल नेताओं ने प्रचार के लिए संगठन और सरकार से जिस चेहरे की मांग की, उसे वहां भेजा गया। CM और मंत्रियों के प्रचार से लोगों को यकीन हुआ कि भाजपा वाकई शहरों के विकास और लोगों के काम करने के लिए सीरियस है। इसका नतीजा भाजपा को मिले वोटों के तौर पर दिखा। 4. बागियों से किनारा किया
भाजपा के प्रदेश संगठन ने यह चुनाव पूरे जोश से लड़ा। इसकी बड़ी वजह ये रही कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बगावत करने वालों को वापस नहीं लिया। CM नायब सैनी और पार्टी अध्यक्ष मोहन बड़ौली से लेकर मंत्रियों ने भी खुलकर इस पर बयान दिए। हिसार में भाजपा ने पूरी तैयारी के बावजूद पूर्व मेयर गौतम सरदाना और वरिष्ठ नेता तरुण जैन को पार्टी में नहीं लिया। अगर बागी पार्टी में वापस आते तो दूसरे नेता नाराज हो सकते थे। पार्टी के इस कड़े रवैये को देखते हुए न पार्टी में किसी ने बगावत की हिम्मत की और न ही बागियों के आने से कोई मनमुटाव हुआ। कांग्रेस की हार की 4 बड़ी वजहें… 1. विधानसभा के बाद इस बार भी संगठन की कमी खली
कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी संगठन की कमी खली। प्रदेश में 11 साल से पार्टी का संगठन नहीं है। बिना संगठन ग्राउंड पर वर्कर एकजुट नहीं है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने संगठन बनाने की जगह 4 संगठनात्मक सूचियां जारी कर नेताओं को खुश करने की कोशिश की। मगर यह दांव फेल रहा। संगठन न होने से ग्राउंड लेवल पर पार्टी का असरदार प्रचार नहीं हुआ। सिर्फ उम्मीदवारों से जुड़े जो लोग थे, वही पार्टी की जगह उनके लिए वोट मांगते हुए नजर आए। इसका असर यह भी दिखा कि कांग्रेस को चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिले। हिसार और करनाल में कांग्रेस ने निर्दलीयों को समर्थन देकर साख बचाई। वहीं फरीदाबाद में कांग्रेस की उम्मीदवार आखिरी वक्त में पार्टी छोड़ गई। 2. प्रभारी बदला, प्रधान हटाने की चर्चा, नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बना
प्रदेश में 5 फरवरी को निकाय चुनाव की घोषणा हुई। ऐसे वक्त में पार्टी को सीनियर नेताओं को एकजुट करने, हाईकमान से तालमेल के लिए प्रभारी की जरूरत थी। मगर हाईकमान ने 14 फरवरी को प्रभारी दीपक बाबरिया को हटा दिया। ऐसे में पहले ही गुटबाजी में फंसी पार्टी और बिखर गई। न ग्राउंड पर वर्करों को कोई हाईकमान का मैसेज देने वाला था, न प्रचार की रणनीति बनाने वाला और न ही नेताओं को एक साथ लाने के लिए तालमेल वाला बचा। कांग्रेस ने बीके हरिप्रसाद को नया प्रभारी लगाया, लेकिन वे निकाय चुनाव को लेकर 2 मार्च को वोटिंग के बाद हरियाणा पहुंचे। वहीं विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रधान चौधरी उदयभान को भी हटाने की तैयारी है। मगर, अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ। ऐसे में लोकल नेता और वर्कर कन्फ्यूज रहे कि उनके निर्देशों को हाईकमान का आदेश मानें या न मानें। वहीं कांग्रेस हाईकमान ने अभी तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक नहीं बनाया। सेशन में भी कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल होने के बावजूद बिना नेता प्रतिपक्ष के शामिल होती है। इन तमाम कारणों से जनता में भी मैसेज गया कि कांग्रेस में अनिश्चितता का माहौल है, ऐसे में काम की उम्मीद नहीं कर सकते। 3. चुनाव प्रचार को लेकर कांग्रेस लापरवाह दिखी, बड़े नेता नहीं आए
चुनाव प्रचार में कांग्रेस पूरी तरह से लापरवाह दिखी। जिन्हें टिकट दी, वही अपने स्तर पर प्रचार करते रहे। कुछ ही नेता अपने रसूख से बड़े नेताओं को प्रचार में ला पाए। हालांकि हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज चेहरे पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा, उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्‌डा, सिरसा सांसद कुमारी सैलजा, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला प्रचार में कहीं नजर नहीं आए। वह इस चुनाव को लेकर भी गंभीर नहीं दिखे। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा ने तो यहां तक कह दिया था कि वह हर चुनाव में प्रचार करने के लिए नहीं जाते हैं। वह सिर्फ बड़े चुनाव लोकसभा और विधानसभा पर ही फोकस करते हैं। नेताओं की प्रचार से दूरी से जनता में मैसेज गया कि कांग्रेस की खुद इस चुनाव में दिलचस्पी नहीं है, ऐसे में उन्हें जिताया तो आगे काम भी नहीं होंगे। 4. नेता पार्टी छोड़ते रहे, किसी ने मनाने तक की कोशिश नहीं की
निकाय चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़ते चले गए। हिसार से विधानसभा में कांग्रेस उम्मीदवार रहे रामनिवास राड़ा मेयर टिकट मांग रहे थे। पार्टी ने सूरजमल किलोई को उम्मीदवार बना दिया। राड़ा ने निर्दलीय नामांकन भरा, लेकिन कांग्रेस का कोई नेता मनाने नहीं गया। उलटा जब पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा हिसार गए तो उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निर्दलीय लड़ा तो राड़ा को पार्टी से निकाल देंगे। राड़ा अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए। करनाल में भी 2 बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वाले तिरलोचन सिंह और पूर्व MLA नरेंद्र सांगवान भी पार्टी छोड़ गए। इसके बावजूद किसी ने उनकी सुध नहीं ली। जिस वजह से वे भाजपा में शामिल हो गए। मानेसर से भाजपा क्यों हारी, निर्दलीय इंद्रजीत कैसे जीतीं
मानेसर नगर निगम से भाजपा ने सुंदर लाल सरपंच को उम्मीदवार बनाया था। इसके मुकाबले डॉ. इंद्रजीत यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। इंद्रजीत ने चुनाव के बीच खुद को केंद्रीय राज्य मंत्री और गुरुग्राम से भाजपा के सांसद राव इंद्रजीत का समर्थक बताया। भाजपा की तरफ से यहां प्रदेश के मंत्री राव नरबीर ने खुलकर प्रचार किया। मगर केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत प्रचार में नहीं आए। इसके पीछे यही वजह मानी गई कि वह डॉ. इंद्रजीत को टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन भाजपा राव नरबीर को नाराज नहीं करना चाहती थी। इसी वजह से समर्थक को टिकट नहीं मिली तो राव इंद्रजीत ने प्रचार से दूरी बना ली। वोटिंग से पहले उनका भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में एक वीडियो जरूर वायरल हुआ, लेकिन उस पर भी विवाद हुआ कि वह एडिट किया गया है। हालांकि जब वोटिंग के दिन उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे विदेश में थे। वहीं डॉ. इंद्रजीत की जीत से इतना जरूर तय हुआ कि अहीरवाल बेल्ट में फिलहाल राव इंद्रजीत के मुकाबले राव नरबीर प्रभावशाली नहीं बन पाए हैं। ************* निगम चुनाव नतीजों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा निकाय चुनाव नतीजे:भाजपा हुड्‌डा के गढ़ समेत 7 निगम जीती हरियाणा के 10 नगर निगमों के मेयर चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भाजपा गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, करनाल, अंबाला, सोनीपत और फरीदाबाद नगर निगम में मेयर का चुनाव जीत गई है (पूरी खबर पढ़ें)

रेवाड़ी IGU की पूरक परीक्षाओं के लिए फिर खुला पोर्टल:20 मार्च तक कर सकेंगे ऑनलाइन अप्लाई, रिअपीयर वालों का भी फायदा

रेवाड़ी IGU की पूरक परीक्षाओं के लिए फिर खुला पोर्टल:20 मार्च तक कर सकेंगे ऑनलाइन अप्लाई, रिअपीयर वालों का भी फायदा हरियाणा के रेवाड़ी में इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर एवं संबंधित कालेजों की मई 2025 की परीक्षाओं के लिए पोर्टल फिर से खोल दिया गया है। छात्र 20 मार्च तक ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। रेवाड़ी IGU में ये परीक्षाएं अंतिम से पहले सेमेस्टर की होंगी। रेवाड़ी IGU अंतिम से पहले सेमेस्टर के लिए सभी यूजी/यूजी (ऑनर्स), बीए/बीएससी/बीकॉम/बीबीए/बीसीए/बायो-टेक/बीजेएमसी/बीए ऑनर्स/बीएससी (ऑनर्स)/बीकॉम (ऑनर्स) के पांचवे सेमेस्टर, एमए/एमएससी/एमकॉम/एमएसडब्लू/एलएलएम, एम फार्मेसी के तीसरे सेमेस्टर, पीजी ऑनर्स (एमकॉम ऑनर्स) के पांचवें और नोवें सेमेस्टर, बीटेक, बीफार्मेसी और बीएचएमसीटी के सातवें सेमेस्टर, आईटी और प्रबंधन (एमबीए, एमसीए), एमटैक के तीसरे सेमेस्टर, पीजीडीसीए के प्रथम सेमेस्टर, एलएलबी (3 वर्ष) के पांचवे सेमेस्टर, एलएलबी (5 वर्ष) के 9वें सेमेस्टर के ऑनलाइन पुनः परीक्षा फार्म के लिए पोर्टल खोल दिया गया है। विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से ऑनलाइन माध्यम से निर्धारित फीस के साथ 20 मार्च 2025 तक फॉर्म भर सकते हैं। ऑड सेमेस्टर में रीअपीयर वालों के लिए भी चा विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक डॉ. विपुल यादव ने बताया कि वे विद्यार्थी जो अंडरग्रैजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट परीक्षा के अंतिम वर्ष में हैं और जिनके ऑड सेमेस्टर में किसी विषय में रीअपीयर आई हुई है, तो वे इसका लाभ उठा सकते हैं, ताकि उन्हें दिसंबर परीक्षाओं तक के लिए इंतजार ना करना पड़े और वे अपनी डिग्री समय पर प्राप्त कर सके।

भाजपा की सैलजा अंबाला की नई मेयर बनीं:नगर परिषद में भी BJP की चेयरपर्सन जीतीं; जीत पर मंत्री अनिल विज समर्थकों संग नाचे

भाजपा की सैलजा अंबाला की नई मेयर बनीं:नगर परिषद में भी BJP की चेयरपर्सन जीतीं; जीत पर मंत्री अनिल विज समर्थकों संग नाचे अंबाला नगर निगम के उपचुनाव में भाजपा की उम्मीदवार सैलजा सचदेवा नई मेयर बन गई हैं। उन्होंने कांग्रेस की अमीषा चावला को 20 हजार 487 से ज्यादा वोटों से हराया। सैलजा को 40 हजार 620 और अमीषा को 20 हजार 133 वोट मिले। यहां यही 2 उम्मीदवार थे। तीसरे नंबर पर NOTA को 808 वोट मिले। इससे पहले यहां हरियाणा जनचेतना पार्टी की मेयर थीं। हालांकि विधानसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गईं और अब कालका से विधायक हैं। वहीं अंबाला सदर नगर परिषद चुनाव में भी भाजपा की स्वर्ण कौर जीत गईं। उन्हें 58 हजार 891 वोट मिले। उन्होंने निर्दलीय मनदीप कौर बब्याल को 31 हजार 968 वोटों से हराया। तीसरे नंबर पर NOTA को 2684 वोट मिले। वहीं परिषद के मेंबर चुनाव में भी भाजपा ने 35 में से 29 वार्डों में जीत हासिल की। बाकी 6 वार्डों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते। इस जीत के बाद अनिल विज ने कहा कि अंबाला नगर परिषद चुनाव में छावनी की जनता ने मुझे मेरी मेहनत का इनाम दिया है। इससे पहले जो पिछला विधानसभा चुनाव था उसमें कुछ गद्दारों ने षड्यंत्र किया था। लेकिन उसके बावजूद यहां से जीतकर एक उदाहरण पेश किया। उन्होंने आगे कहा कि हमें आज जो जीत मिली है वो पीएम मोदी के नाम पर मिली है। विपक्षी पार्टियां जिसमें हुड्डा भी शामिल है, उनका चेहरा जनता ने देख लिया है। अंबाला निगम और परिषद की मतगणना की पल-पल की जानकारी के लिए नीचे ब्लॉग पढ़ें….

सोनीपत मेयर उपचुनाव के नतीजे:BJP के जैन आगे, खरखौदा के वार्ड 4 से जसबीर उर्फ जस्सू जीते

सोनीपत मेयर उपचुनाव के नतीजे:BJP के जैन आगे, खरखौदा के वार्ड 4 से जसबीर उर्फ जस्सू जीते हरियाणा के सोनीपत नगर निगम मेयर उपचुनाव और खरखौदा नगर पालिका चुनाव के लिए मतगणना जारी है। मेयर उपचुनाव की मतगणना बिट्स इंस्टीट्यूट, मोहाना में हो रही है। नगर पालिका खरखौदा चुनाव की मतगणना कन्या महाविद्यालय, खरखौदा में हो रही। सोनीपत नगर निगम में सिर्फ मेयर पद के लिए उपचुनाव हो रहा है। यहां 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा से राजीव जैन, कांग्रेस से कमल दीवान, आम आदमी पार्टी से डॉ. कमलेश कुमार सैनी, बहुजन समाज पार्टी से धर्मवीर और रमेश खत्री निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पहले यहां से कांग्रेस के निखिल मदान मेयर थे। 2024 विधानसभा चुनाव में वह सोनीपत से भाजपा विधायक बन गए। इसलिए 2 मार्च को यहां मेयर पद के लिए उपचुनाव हुआ था। रिजल्ट से जुड़े अपडेट – मतगणना जारी है