वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर प्रतिबंध के बाद वाहनों की लंबी कतारें:यूपी कॉलेज-संपूर्णानंद और काशी विद्यापीठ की पार्किंग फुल, बार्डर से शहर तक 20 हजार वाहन फंसे

वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर प्रतिबंध के बाद वाहनों की लंबी कतारें:यूपी कॉलेज-संपूर्णानंद और काशी विद्यापीठ की पार्किंग फुल, बार्डर से शहर तक 20 हजार वाहन फंसे वाराणसी में महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं से काशी की सड़कें और गलियां खचाखच हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाली हर सड़क पर श्रद्धालुओं का रेला है। गोदौलिया से मंदिर और मंदिर से चौक मैदागिन तक सिर्फ लोगों की भीड़ ही नजर आ रही है। अनुमान है कि लगभग 15 लाख श्रद्धालु काशी में आए हैं और रात तक यह आंकड़ा बीस लाख पहुंच जाएगा। एक ओर काशी में श्रद्धालुओं की भीड़ तो वहीं सड़कों पर आ रहे श्रद्धालुओं के वाहनों का जाम लगा है। प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर दोनों ओर रातभर हजारों वाहनों की कतार नजर आई। भदोही से लेकर वाराणसी तक, रोहनिया से लेकर मंडुवाडीह तक वाहनों की भीड़ रही। शहर में आने वाला प्रमुख रास्ता वाहनों के दबाव से जूझता दिखा, वहीं पार्किंगों की क्षमता भी वाहनों से हाउसफुल हो गई। यूपी कॉलेज, कटिंग मेमोरियल, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ समेत पार्किंगों में हजारों वाहन खड़े हैं। शहर में छोटे-बड़े मिलाकर 20 हजार से अधिक बाहर वाहन आए हैं। रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक वाराणसी से प्रयागराज की ओर जाने वाले हाइवे पर जाम की तस्वीर सामने आई है। बनारस और प्रयागराज के बीच हजारों लोग परेशानी में जूझ रहे हैं, तीन घंटे की दूरी तक करने में 13 घंटे लग गए। घंटों का सफर लोगों को थका रहा है और वाहन स्थिर नजर आ रहे हैं। वहीं शहर के बाहर ही बड़े वाहनों और बसों को खड़ा कराया जा रहा है। शहर के पास वाली पार्किंग में कारों को लगवाया गया है। हालांकि यूपी 65 वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी है। लहुराबीर से चेतगंज की ओर दो पहिया वाहनों को छोड़कर सभी वाहन प्रतिबंधित कर दिए गए। मैदागिन चौक मार्ग पर पहले से यातायात प्रतिबंध था, इसके बाद विश्वेश्वरगंज से मैदागिन की ओर भी कालभैरव मंदिर की ओर भी वाहन नहीं जा रहे हैं। महाकुंभ से लौटी श्रद्धालुओं की भीड़ से सोमवार को काशी में मंदिर मार्ग से लेकर घाटों तक नजर आ रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए लगी कतार मैदागिन तक और इधर घाट तक पहुंच गई। भोर से भक्तों का जत्था घाटों की ओर बढ़ने लगा था। घाट पर स्नान करने वाले वहीं से कतार में लग जा रहे थे। पुलिस की टीमें श्रद्धालुओं की कतार रेलिंग में लगवाने की कड़ी मशक्कत कर रही हैं, तो माइक लेकर अफसर लोगों को संयमित रहने और दर्शन के बाबत निर्देशित कर रहे हैं। उधर, मंदिर प्रशासन ने 2.45 बजे मंदिर के पट खोलकर मंगला आरती का आगाज किया। पूरे विधि विधान से बाबा का भव्य अभिषेक और आरती उतारी गई। मैदागिन से चौक होते हुए गेट नंबर चार तक भक्तों की कतार थी। जितने लोग कतार में थे, उतने ही लोगों का जत्था दर्शन पूजन के बाद वापस मैदागिन की ओर आ रहा था। गिरजाघर से गोदौलिया चौराहा या फिर दशाश्वमेध घाट पर लोगों के साथ वाहनों के जाने पर भी रोक थी। लोगों को रामापुरा वाले मार्ग पर भेजा जा रहा था। कैंट और बनारस समेत अन्य रेलवे स्टेशनों पर शनिवार को अयोध्या से आने वालों और प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भीड़ रही। स्थिति यह थी कि मेला स्पेशल के साथ लंबी दूरी की गाड़ियों के वातानुकूलित कोच भी तीर्थयात्री घुस गए थे, जिससे अफरातफरी रही।

चन्द्रभानु पासवान बोले- मिल्कीपुर विधानसभा को बनाएंगे स्मार्ट:रामलला के आशीर्वाद से मिली ऐतिहासिक जीत, जनता ने बता दिया कौन बाहरी

चन्द्रभानु पासवान बोले- मिल्कीपुर विधानसभा को बनाएंगे स्मार्ट:रामलला के आशीर्वाद से मिली ऐतिहासिक जीत, जनता ने बता दिया कौन बाहरी अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा में चंद्रभानु पासवान ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी मिल्कीपुर सीट पर भाजपा ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। चंद्रभानु ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद को 61710 वोटों से शिकस्त दी है। चंद्रभानु पासवान को जहां 146397 वोट मिले वहीं स्थानीय सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को 84687 मत ही प्राप्त हुए। दैनिक भास्कर ने चंद्रभानु पासवान से खास बात किया। चंद्रभानु पासवान ने बताया यह जीत हमारी नहीं है, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और हनुमान जी की कृपा से और मिल्कीपुर की जनता के आशीर्वाद से जीत हासिल किया हूं। यह तभी संभव हुआ, जब मिल्कीपुर की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की नीतियों और रीतियों से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी को अपना बहुमूल्य वोट दिया है। मिल्कीपुर से नवनिर्वाचित BJP विधायक चंद्रभानु का पढ़िए पूरी बातचीत सवाल. आपके ऊपर बाहरी होने का ठप्पा लगाया जा रहा था, कैसे वोटरों को प्रभावित किया?
जवाब. जनता ने उन्हें खुद बता दिया कि कौन बाहरी है और कौन नहीं है। कई सालों से जनता के बीच हम थे, जनता ने हमें अपना भाई और बेटा स्वीकार किया। यहीं कारण है कि जनता ने हमें भरपूर आशीर्वाद दिया। सवाल. अखिलेश यादव कहते थे- ये सीट सपा की विरासत की सीट है, आपने कैसे ये सीट छीनी?
जवाब. मिल्कीपुर की देवतुल्य जनता हमारे साथ थी, जनता ने भाजपा के विकास को देखा है। इसलिए इस बार भाजपा को वोट देने का मन यहां की जनता ने बना लिया था। सवाल. क्या अजीत प्रसाद परिवारवाद के चलते चुनाव हार गए?
जवाब. सपा में परिवारवाद हावी है, यहीं कारण है कि सैफेई से लेकर मिल्कीपुर तक परिवारवाद दिखाई दे रहा है। इसलिए जनता ने उन्हें इस बार नकार दिया है। सवाल. लोकसभा चुनाव के बाद मिल्कीपुर में ऐसा क्या बदलाव हुआ कि जनता बीजेपी से प्रभावित हो गई?
जवाब. इस बार मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाएं यहां की जनता को प्रभावित किया है। इस बार झूठ फरेब नहीं चला है। यहीं कारण है कि जनता ने भाजपा को वोट दिया है। सवाल. अवधेश प्रसाद कह रहे-भाजपा के गुंडों ने बूथ कैप्चरिंग की…ये आरोप कितने सही हैं?
जवाब. चंद्रभानु पासवान ने कहा “ अवधेश प्रसाद द्वारा बूथ कैप्चरिंग के लगाए सभी आरोप निराधार है। शासन पूरे तरह से मुस्तैद था, वे तो अपने लड़के को फर्जी ही जिता रहे थे, जिसका वीडियो भी सामने आ रहा है। सवाल. आरोप है कि चंद्रभानु को चुनाव प्रशासन ने जितवाया, डीएम, एसएसपी BJP एजेंट की तरह काम करते रहे?
जवाब. जनता जान रही है, पूरा चुनाव निष्पक्ष हुआ है। हार के डर से प्रशासन पर आरोप लगा रहे है। ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला। सवाल. सांसद का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे रो रहे थे, क्या दलित वोटरों को साधने का प्रयास था?
जवाब. उनके दोहरे चरित्र को जनता जान गई है। यहीं कारण है कि उनको जनता का विश्वास नहीं मिला। सवाल. सपा कहती रही आप केवल चेहरा हैं? चुनाव योगी जी लड़ रहे हैं..आपको क्या लगता है? ये आपकी जीत है या योगी जी की?
जवाब. भाजपा के सारे लोग लगे थे, योगी मोदी चेहरा ही नहीं हमारे पार्टी के आदर्श भी है। सवाल. अब आप चुनाव जीत चुके हैं…मिल्कीपुर के सबसे बड़े तीन काम प्राथमिकता में क्या रहेंगे?
जवाब. मिल्कीपुर के मतदाताओं के लिए जो भी मूलभूत सुविधाएं है। समाज में खड़े अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक सुविधाओं को पहुंचाने का काम करेंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में भी मिल्कीपुर के लिए कार्य करेंगे। सवाल– अयोध्या के विधानसभाओं में मिल्कीपुर अभी काफी पीछे है, यहां के लिए आप क्या करेंगे।
जवाब. मिल्कीपुर विधानसभा यहां की सबसे स्मार्ट विधानसभा बने यह हमारा प्रयास होगा। युवाओं के लिए रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य पर काम करेंगे। चुनावी प्रचार के दौरान कई चीजों को देखा है, जिस पर हम काम करेंगे। ———————————- ये खबर भी पढ़िए… अवधेश प्रसाद बोले-अजीत ही मिल्कीपुर के असली विधायक;अफसर 10 हजार में बिक गए, 50 हजार बाहरी बुलाकर फर्जी वोट डलवाया मिल्कीपुर उपचुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली की गई। भाजपा ने तीन स्तरों पर चुनाव में गड़बड़ी की। पहला-मतदान केंद्रों के अंदर अधिकारियों के माध्यम से, दूसरा- करीब 50,000 बाहरी लोगों से अवैध वोटिंग करवाकर और तीसरा- प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव से। मेरे पास सबूत हैं कि पीठासीन अधिकारियों को 10,000 रुपए प्रति व्यक्ति दिए गए। अजीत प्रसाद ही मिल्कीपुर के असली विधायक हैं। पढ़िए पूरी खबर

वाराणसी IIT-BHU छात्रा गैंगरेप केस में CCTNS-ऑपरेटर के बयान आज:कोर्ट में सिपाही से जिरह करेंगे वकील; मुंशी और दो डॉक्टर दे चुके गवाही

वाराणसी IIT-BHU छात्रा गैंगरेप केस में CCTNS-ऑपरेटर के बयान आज:कोर्ट में सिपाही से जिरह करेंगे वकील; मुंशी और दो डॉक्टर दे चुके गवाही वाराणसी के सबसे चर्चित आईआईटी बीएचयू गैंगरेप केस में आज चौथा गवाह पेश होगा। कोर्ट ने लंका थाने के CCTNS में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश यादव को कोर्ट में सोमवार को तलब किया है। इससे पहले आरोपियों के खिलाफ छात्रा की तहरीर पर केस दर्ज करने वाले लंका थाने के मुंशी की गवाही पूरी हो चुकी है। पिछली तारीख पर ही कोर्ट ने पीड़िता की एफआईआर लिखने वाले मुंशी को तलब किया था जिससे वकीलों ने जिरह की थी। मुंशी कोर्ट में चार्जशीट और थाना जीडी की कॉपी लेकर पेश हुआ और पीड़िता के आने और केस लिखने का समय बताया। छात्रा की जुबानी दास्तां और उस रात हालात भी बयां किए। सिपाही को पिछली तारीख पर अभियोजन की प्रार्थनापत्र पर कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया गया था लेकिन विभागीय कारण से वह कोर्ट नहीं पहुंच सका। सिपाही छात्रा के टाइप अप्लीकेशन और चार्जशीट में शामिल एफआईआर कॉपी का सत्यापन करने आज आएगा। कोर्ट के सामने तहरीर, चार्जशीट और प्रिंटआउट की सत्यता बताएगा। गवाह सिपाही के बयान के आधार पर अभियोजन के अलावा बचाव पक्ष के वकील तहरीर के मूल्यांकन, साक्ष्यों की समीक्षा और तर्कों के प्रस्तुत करने पर जिरह करेंगे। बता दें कि केस में अनवरत गवाही के बाद ट्रायल तेज हो गया है। कोर्ट में अब तक पीड़िता समेत दो डॉक्टरों और मुंशी दुर्गेश सरोज फास्ट की ट्रैक कोर्ट में गवाही हो चुकी है। जज ने तीनों आरोपियों को भी कोर्ट में हाजिर रहने का समन दिया है। पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर को ही भूल गई पुलिस वाराणसी के IIT-BHU गैंगरेप केस में पिछले दिनों लंका पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। पुलिस ने गैंगरेप केस में पीड़िता का पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर हेमंत शर्मा को ही चार्जशीट से गायब कर दिया। चार्जशीट में उनके बयान भी दर्ज नहीं किए। उन्हें गवाहों की सूची में भी शामिल नहीं किया। पुलिस ने केस में केवल 2 गवाह ही शामिल किए, जबकि तीन गवाह खुद पुलिस कर्मी हैं। हालांकि छात्रा भी कल वाराणसी लौट आएगी जिसके बाद उसके बयान पर जिरह होगी। डॉ. हेमंत की रिपोर्ट पर पुलिस ने धाराएं बढ़ाई डॉ. हेमंत शर्मा ने गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में गवाही दी। इसमें बताया कि जब छात्रा आई थी तब उसके शरीर पर चोट के निशान थे। चेहरे पर लगे निशान साफ दिख रहे थे, हाथ पर भी स्क्रैच थे। कोर्ट में यह भी क्लियर हुआ कि पुलिस ने केस दर्ज किया। फिर डॉ. हेमंत शर्मा ने प्राइमरी मेडिकल किया। इंटरनल मेडिकल के लिए पीड़िता को कबीरचौरा महिला अस्पताल रेफर किया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने केस में धाराएं बढ़ाईं। कोर्ट में डॉक्टर से अभियोजन के अलावा कुणाल पांडे समेत तीनों आरोपियों के वकीलों ने जिरह की। कोर्ट में पांच सवालों के जवाब दिए। हालांकि, अब अगली तारीख पर कोर्ट ने केस लिखने वाले लंका थाने के मुंशी को तलब किया है। केस में 27 जनवरी को सुनवाई होगी। लंका पुलिस ने अपनी चार्जशीट में विवेकानंद हॉस्पिटल के डॉक्टर हेमंत शर्मा को शामिल नहीं किया। यहां तक कि डॉक्टर को चार्जशीट का हिस्सा तक नहीं बनाया। कोई बयान नहीं दर्ज किया। डॉक्टर ने कोर्ट में कहा- छात्रा के शरीर पर चोट के निशान 17 जनवरी को डॉ. अनामिका की कोर्ट में गवाही में साफ हुआ कि पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर ने भी कई परीक्षण किए थे। इसके बाद अभियोजन ने धारा-311 के विशेषाधिकार में विवेकानंद अस्पताल के डॉक्टर को 23 जनवरी को तलब किया। इस मामले में पीड़ित छात्रा अभी बेंगलुरु में है और 1 फरवरी के बाद कोर्ट में पेश होगी। कोर्ट ने छात्रा को वर्चुअल पेशी और जिरह के लिए अनुमति दी है, जिसके विरोध में आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की है। 22 अगस्त को छात्रा ने बयान दर्ज कराए थे अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया- कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त, 2024 को बुलाया था। तब पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। अपने साथ हुई वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की। धमकाने के बाद फरार हो गए। घटना के बाद से वह कई तरह के दबाव महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती है। 7 महीने बाद ट्रायल, 12 बार जिरह में तलब जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल शुरू हुआ था। इस सुनवाई के दौरान छात्रा ने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया। इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। छात्रा की मां का आरोप है कि आरोपियों की मौजूदगी में जुलाई से दिसंबर तक छात्रा को 12 बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है। कोर्ट उससे 8 बार जिरह कर चुकी है। वहीं 4 बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, अब तक पीड़िता के बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी है। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। आनंद ने घर वालों की बीमारी समेत कई कारण बताए थे। इस पर कोर्ट ने 2 जुलाई, 2024 को जमानत दे दी। आनंद को जमानत मिलते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई, 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसे भी जमानत मिल गई। 4 जुलाई को ही तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। कमजोर रिपोर्ट और अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को बाद में जमानत मिली। वारदात वाली रात क्या हुआ था? छात्रा की FIR जानिए… पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, ‘मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था।

महाकुंभ में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू डुबकी लगाएंगी:राजेंद्र प्रसाद के बाद दूसरी राष्ट्रपति होंगी; मालिनी अवस्थी ने डुबकी लगाई

महाकुंभ में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू डुबकी लगाएंगी:राजेंद्र प्रसाद के बाद दूसरी राष्ट्रपति होंगी; मालिनी अवस्थी ने डुबकी लगाई महाकुंभ का आज 29वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 43.57 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ आएंगी। वह आठ घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहेंगी। राष्ट्रपति संगम में स्नान के साथ यहां अक्षयवट और लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी। सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू दिल्ली से विशेष हवाई जहाज से प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट पर दिन में लगभग 11 बजे पहुंचेंगी। जहां से वह हेलिकॉप्टर से महाकुंभ नगर के अरैल क्षेत्र में डीपीएस हेलीपैड पर उतरेंगी। वहां से कार से वह अरैल VVIPजेटी से निषादराज क्रूज से संगम जाएंगी। स्नान के बाद गंगा की पूजा और आरती करेंगी। इसके बाद डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र को देखेंगी। शाम चार बजे के करीब दिल्ली के लिए रवाना होंगी। द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं, जो प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने आ रही हैं। इससे पहले 1954 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने संगम में डुबकी लगाई। कहा- मैं धन्य महसूस कर रही हूं। यह क्षण दिव्य है। फिलहाल, प्रयागराज शहर में जबरदस्त भीड़ है। प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ को मैनेज करने के लिए इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया गया। ​उत्तर रेलवे लखनऊ के ​वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कुलदीप तिवारी ने बताया, 14 फरवरी तक प्रयागराज संगम स्टेशन बंद रहेगा। महाकुंभ से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए…

‘पांच सालों से क्रिश्चियन बना रहे’:लखनऊ के भरवारा स्टेट में अवैध चर्च का आरोप, लोग बोले- प्लॉट और रुपयों का लालच देते हैं

‘पांच सालों से क्रिश्चियन बना रहे’:लखनऊ के भरवारा स्टेट में अवैध चर्च का आरोप, लोग बोले- प्लॉट और रुपयों का लालच देते हैं 5 साल पहले राजीव लाल नाम के व्यक्ति ने घर बनवाया। इसके बाद लाइन से तीन घर और बन गए। सभी घर आपस में अंदर से जुड़े हुए हैं। इनमें से राजीव के घर में चर्च संचालित होता है। हर रविवार को घर में प्रार्थना सभा होती है। करीब 200 लोग जुटते हैं। इस आयोजन में धर्म परिवर्तन कराया जाता है। यह आरोप लखनऊ के रितेश मिश्र ने अपने पड़ोसी राजीव लाल पर लगाया है। गोमतीनगर विस्तार स्थित भरवारा स्टेट कॉलोनी के लोगों ने रविवार को जमकर बवाल किया। लोगों के विरोध को देखते हुए मोहल्ले में पुलिस और PAC तैनात की गई है। दैनिक भास्कर टीम ने इसको लेकर मोहल्ले के लोगों से बातचीत की। पढ़िए, रिपोर्ट… पहले जानिए पूरा घटनाक्रम भरवारा स्टेट कॉलोनी में रविवार को धर्म परिवर्तन को लेकर जमकर बवाल हुआ। लोगों ने एक चर्च को घेर लिया और हंगामा करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस से कहा- यहां हर संडे बैठक होती है। 150 से 200 लोग आते हैं। सुबह 10 से 3 बजे तक आयोजन होता है। इस दौरान खूब शोर-शराबा होता है। 6 तस्वीरों से समझते हैं पूरा मामला… हंगामे शुरू होने के कुछ देर बाद पुलिस पहुंच गई। घर में दाखिल होकर पुलिस ने वहां मौजूद करीब 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों को बीच कई बार झड़प भी हुई। हालात को देखते हुए कॉलोनी में पुलिस बल तैनात किया गया है। अब जानते है इलाके के लोगों ने क्या कहा… रितेश मिश्रा ने बताया कि घर के अंदर गैर रजिस्टर चर्च चलाया जा रहा है। यहां पर कई साल से हर रविवार को बैठक होती है। देश के अलग-अलग इलाकों से लोगों को बुलाया जाता है। उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। स्थानीय निवासी धनंजय कुमार पांडे बताते हैं- मोहल्ले में चर्च के आकार का एक घर बना है। यहां न तो कोई सिम्बल है, न ही कही कुछ लिखा। दीवार और गेट इतने ऊंचे बनवाए गए हैं। जिससे कोई अंदर न देख सके। बाहर जिले देवरिया, गोरखपुर, बलिया से लोग आते हैं। चर्च का रजिस्ट्रेशन तक नहीं उन्होंने कहा- इलाके के लोगों को परेशान किया जाता है। घर में चर्च बनाया है, कोई रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया है। अगर कोई विरोध करता है, तो जान से मारने की धमकी दी जाती है। पहले भी शिकायत की जा चुकी है। लेकिन सुनवाई नहीं हुई। प्लॉट और पैसों का लालच देते है एक अन्य पड़ोसी मनोज शर्मा बताते हैं कि एक व्यक्ति उनको बाहर मिला। पूछताछ पर उसने बताया कि देवरिया से आया है। साथ यह भी बताया कि प्लॉट और पैसों का लालच देकर यहां पर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसके साथ ही कई अन्य चीजों का भी लुभाने ऑफर दिए जाते हैं। एक बार जो जुड़ता है उसको और लोगों को जोड़ने का टास्क दिया जाता है। दो गुने दाम में खरीद रहे हैं जमीन-मकान मोहल्ले में रह रहे लोगों का अरोप है कि घर में आने वाले लोग आसपास के मकान और खाली पड़ी जमीनों को दो गुने दाम में खरीद ले रहे हैं। मकान बनवाकर धर्म विशेष के लोगों को बसा रहे हैं। बैठक में शामिल होने वाले लोग कहते हैं कि धर्म परिवर्तन नहीं करना है तो घर बेच दो यहां अब विशेष धर्म के लोग ही रहेंगे। धर्म परिवर्तन कराए जाने के साक्ष्य नहीं मिले डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह का कहना है कि सुबह 10 बजे छोटा भरवारा स्थित घर में हो रही प्रार्थना सभा में धर्म परिवर्तन कराए जाने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने जांच पड़ताल की। धर्म परिवर्तन कराए जाने के साक्ष्य नहीं मिले। दोनों धर्म के लोगों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया गया है। स्थिति सामान्य है। एहतियातन पुलिस और पीएसी बल तैनात कर दिया गया है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ———————– यह खबर भी पढ़े लखनऊ में घर में बना चर्च घेरा, बवाल:पड़ोसी बोले- धर्म परिवर्तन कराते हैं, हर संडे 150-200 लोगों की बैठक होती है लखनऊ में रविवार को धर्म परिवर्तन को लेकर जमकर बवाल हुआ। लोगों ने एक चर्च को घेर लिया और हंगामा करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस से कहा- यहां हर संडे बैठक होती है। 150 से 200 लोग आते हैं। सुबह 10 से 3 बजे तक आयोजन होता है। इस दौरान खूब शोर-शराबा होता है। यहां पढ़े पूरी खबर

यूपी में नाव से शराब तस्करी पहली बार देखिए:घाट से शराब लादते और उस पार बिहार में उतार लेते, 1 लाख में थाना सेट

यूपी में नाव से शराब तस्करी पहली बार देखिए:घाट से शराब लादते और उस पार बिहार में उतार लेते, 1 लाख में थाना सेट शाम का वक्त है, अंधेरा होने को है…। तेजी से एक स्कॉर्पियो आकर रुकती है। एक-एक कर 5 युवक उतरते हैं। वे गाड़ी से शराब की पेटियां निकाल कर घाघरा नदी में तैयार खड़ी नाव पर रख देते हैं। मुश्किल से 5 मिनट हुए होंगे…। जैसे ही आखिरी पेटी रखी, नाव बिहार की ओर चल पड़ी। यह तस्वीर यूपी-बिहार बॉर्डर के बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र की है। सड़क और ट्रेन में सख्ती बढ़ी तो तस्करों ने पानी का रास्ता अपना लिया। गंगा और घाघरा से रोजाना लाखों की शराब यूपी से बिहार पहुंचाने का सुरक्षित रास्ता बन गया है। दैनिक भास्कर की टीम ने 30 दिनों की खोजबीन में पानी के जरिए शराब की तस्करी देखी। उन तस्करों की न केवल पहचान की, बल्कि कैमरे में कैद भी किया। पुलिस और इनको संरक्षण देने वाले नेताओं के रोल को जाना। पहली बार पढ़िए नाव से शराब तस्करी का भास्कर इन्वेस्टिगेशन… पहले जानिए तस्करों के लिए क्यों आसान हो गया नदी का रास्ता
तस्करी का रूट समझने के लिए हम बलिया पहुंचे। बलिया दाे तरफ से गंगा और घाघरा नदी से घिरा है। इस एरिया को दोआबा कहते हैं। इन इलाकों में खनन और शराब तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। शहर और कस्बों से दूर इन इलाकों में शाम होते-होते सन्नाटा छा जाता है। फिर इन इलाकों में नदी किनारे बसे लोग ही दिखते हैं। जो गांव नदी किनारे हैं, उसके लोग शराब तस्करी से जुड़े हैं। बरसात के समय नदियां लबालब होती हैं, लेकिन बाकी दिनों में पानी कम होता है। शराब तस्करी उन घाटों से होती है, जहां ज्यादा आवाजाही न हो। ज्यादातर तस्करी रात में होती है। यूपी के घाट से शराब लदती है और एक से तीन किलोमीटर दूर ही बिहार का बॉर्डर आ जाता है। बिहार में 2016 में शराबबंदी हुई, तभी से सरकार ने यूपी-बिहार बॉर्डर पर सड़क मार्ग पर आबकारी विभाग का पहरा बैठा दिया। बाद में बॉर्डर पर चेकिंग के लिए स्कैनर लगा दिए। गाड़ी में छिपाई गई शराब को स्कैनर पकड़ने लगा, चाहे वह कितनी ही परतों में छिपाई गई हो। सड़क मार्ग पर जगह-जगह चेकिंग होती है। सबको मैनेज करना आसान नहीं है। पहले इस मैप से जानिए शराब की तस्करी का रूट… दोनों नदियों के उस पार बिहार का बॉर्डर
एक तरफ बिहार तो दूसरी तरफ यूपी का बलिया जिला। गंगा के उस पार बिहार का भोजपुर (आरा) जिला और घाघरा के उस पार छपरा जिला पड़ता है। यह जल सीमा 150 किलोमीटर से ज्यादा है। इसका फायदा दोनों तरफ के तस्कर उठाते हैं। बलिया के तस्कर, बिहार के तस्कर को नाव पर माल उपलब्ध कराते हैं। थाना-चौकी में हिस्सा दीजिए, जितनी चाहे शराब भेजिए
तस्करों से बातचीत से निकलकर आया कि तस्करी का एक हिस्सा पुलिस को जाता है। जिस थाने और चौकी का एरिया लगता है, उससे तस्करों को सेटिंग करनी पड़ती है। एक तस्कर महीने में थाने को 70 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक देता है, जबकि चौकी 10 से 15 हजार में मैनेज होती है। यूपी में सबसे बड़ा डर SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) टीम का होता है। यह पूरे जिले में छापा मारती है। इसलिए तस्कर को SOG टीम को भी मैनेज करना पड़ता है। टीम को तस्कर 20 हजार रुपए तक देते हैं। तस्करों को यूपी और बिहार दोनों तरफ की पुलिस को मैनेज करना पड़ता है। बड़े तस्कर मंथली थाने को रुपए देते हैं, जबकि छोटे तस्कर पेटी के हिसाब से। हमने उन तस्करों से संपर्क किया, जो बॉर्डर से शराब बिहार पहुंचाते हैं। बलिया में हमें पता चला कि तस्करी के लिए सबसे बड़ा हब बैरिया तहसील है। हम एक पैडलर से मिले, जो कुछ दिन पहले तक डिपो से शराब की पेटियों को घाट तक पहुंचाता था। यूपी के आखिरी रेलवे स्टेशन बकुलहा पर पूर्व पैडलर से हुई मुलाकात, बोला- यहां सन्नाटा रहता है हमारे सोर्स ने पैडलर राकेश (बदला हुआ नाम) से फोन पर बातचीत की। कहा कि बिहार के शराब तस्कर आए हैं। नए लोग हैं। काम शुरू करना चाहते हैं। तुम इन्हें धंधे की जानकारी दे दो। राकेश ने हमें बैरिया से 25-30 किमी दूर बकुलहा रेलवे स्टेशन बुलाया। रिपोर्टर- शराब का कोई कोड नेम होता है या ओरिजिनल नाम से जाती है, रेट लिस्ट क्या है?
पूर्व पैडलर- ओरिजिनल नहीं, कोड नेम से तस्करी होती है। 8 PM शराब का कोड नेम – फ्रूटी (कागज) है। एक पेटी में 48 पीस होती है। रेट 5500 है। RS- शीशा-पेटी (फुल बोतल-12 पीस) 7800 रुपए में। 8000 में हाफ बोतल (24 पीस), क्वार्टर की डिमांड नहीं है। रिपोर्टर- बिहार बॉर्डर तक ले जाने में क्या रिस्क है?
पूर्व पैडलर- 5500 रुपए की एक पेटी फ्रूटी खरीद कर 6200 की घाट (नाव) पर बेचते हैं। इसके बाद की जिम्मेदारी खरीदने वाले की होती है। घाट तक पहुंचकर एक फुल बोतल का रेट 9200 से 9300 रुपए हो जाता है। रिपोर्टर- पुलिस को कैसे मैनेज करते हो?
पूर्व पैडलर- पुलिस की महीनेदारी फिक्स होती है। जिनका काम रेगुलर चलता है, उनका महीना बंधा है। बाकी लोग पेटी के अनुसार पैसा देते हैं। रिपोर्टर- माल कैसे ले जाते हैं, रोड से भी जाता है क्या?
पूर्व पैडलर- बलिया में नदी के रास्ते शराब की तस्करी होती है। सड़क मार्ग पर बिहार बॉर्डर पर चेकिंग रहती है। घाट तक माल ट्रैक्टर, बाइक, पिकअप से आता है। रिपोर्टर- यहां (बलिया) में सबसे बड़ा तस्कर कौन है?
पूर्व पैडलर- अर्जुन सिंह बड़े हैं, प्रिंस बड़ा है। अर्जुन सिंह बकुलहा के हैं, बगल में ही गोदाम है। इनके ही अंडर में सब काम होता है। अब हमें ऐसे व्यक्ति की तलाश थी, जो शराब तस्करी के लिए तैयार हो और यूपी का माल बिहार पहुंचाने की गारंटी भी ले। तीन दिन तक लगातार बातचीत के बाद 22 साल का तस्कर सनी साहनी मिलने के लिए तैयार हुआ। रिपोर्टर- शराब बिहार ले जाते होंगे, वहां तो सेटिंग होगी ना?
तस्कर- नाव तक पहुंचाने की मेरी जिम्मेदारी है, उसके आगे की नहीं। उधर वो (बिहार ले जाने वाला तस्कर) अपना जानें। तस्कर- कितनी पेटी रोज दे सकते हो?
रिपोर्टर- 500 पेटी रोज मिल जाएगी। रिपोर्टर- माल में होलोग्राम और बार कोड रहता है?
तस्कर- माल लेते समय ही उसे हटा दिया जाता है। नोट- होलोग्राम और बार कोड पर दुकान और गोदाम का डिटेल रहता है। छापे में ये पकड़े जा सकते हैं। इसलिए तस्कर इसे हटा देते हैं। अब हम बिहार के ऐसे तस्कर की तलाश में थे, जो बल्क में माल लेता हो। हमारे सोर्स ने विकास सिंह से मुलाकात कराई। विकास अपने साथी मंटू सिंह के साथ आया। बलिया के बैरिया थाने में दीपू सिंह सिंह के खिलाफ आबकारी के मामले दर्ज हैं। पूर्व विधायक और एसआई में दीपू सिंह को लेकर बहस हुई थी। हम जानना चाहते थे कि क्या दीपू सिंह से बिहार के तस्करों का सीधा संपर्क है? एक तस्कर कितनी शराब रोजाना ले रहा है? रिपोर्टर- क्या दीपू सिंह नहीं दे रहे हैं?
तस्कर विकास- फोन आया था, हम लोग वहां से माल नहीं ले रहे। इसकी वजह बिहार में मांझी पुलिस की स्टीमर (सर्चिंग बोट) आ गई है। इसलिए रिस्क नहीं ले रहे। रिपोर्टर- जो घाट आपको सेफ लगे, बाकी हम लोग रेट तय कर लेते है, जनवरी से काम शुरू करेंगे?
तस्कर विकास- अगर हमें देंगे तो हम लोग एक दिन में कम से कम 300 से 400 पेटी खींच देंगे। रिपोर्टर- अभी ज्यादा किसकी डिमांड है?
तस्कर विकास- अभी फ्रूटी की ही डिमांड है। गर्मी के दिन आएंगे तो बीयर ज्यादा चलेगी। रिपोर्टर- बनारस और चंदौली से क्या माल ले लेंगे?
तस्कर विकास- मुगलसराय है महाराज, आप अगल-बगल में हमको कहीं भी माल दे दीजिए। मुगलसराय है, बनारस है। हम बॉर्डर अपना मैनेज कर लेंगे। रिपोर्टर- आप वहां भी तो मैनेज करते होंगे, बॉर्डर ऐसे तो क्रॉस होता नहीं होगा? वहां कितनी लेते हैं, प्रति पेटी या गाड़ी लेते हैं?
तस्कर विकास- खेप पर लेते हैं। जैसे थाने में दो-तीन दरोगा रहते हैं, लेकिन एक ही से हम बात करेंगे। उनकी जब ड्यूटी रहेगी, तभी मेरी गाड़ी पास होगी। वर्ना वो मना कर देंगे। अभी बता रहे हैं कि एक्साइज में एक पप्पू जी हैं। डोरीगंज में थे। वहां वो स्टीमर पर पैसा कमाए हैं। बॉर्डर पर पैसा देकर आए है। मेरा तो घर इधर भी है, उधर भी है। रिपोर्टर- दीपू सिंह की क्या पोजिशन है, उनका माल जा रहा है?
तस्कर विकास- माल इनका जा रहा है। अभी मेरी बात हुई थी। कोलकाता गए हुए थे। माल तो आज ही दे देंगे। सिताब दीयर में गौतम सिंह को जानते हैं, वो अपने आगे किसी को सक्सेस नहीं होने देंगे। रिपोर्टर- यहां यूपी में जिनसे आप लेते हैं, क्या उनमें दीपू सिंह सबसे बड़े सप्लायर हैं?
तस्कर विकास- वो गोदाम में पार्टनर हैं, बिहार में सप्लाई करते हैं। रिपोर्टर- यूपी में सबसे बड़े दीपू सिंह वही हैं क्या, कितना माल दे देते हैं।
तस्कर विकास- जितना हम ले लें, 500 का ऑर्डर लगाइए तो 500 (पेटी) दे देंगे। उनका (दीपू सिंह) थाना वाना सब मैनेज है। बगैर मैनेज के कुछ नहीं होगा। विकास से बातचीत के बाद यह निकल कर आया कि तस्करी में शराब ठेकेदार और गोदाम वाले शामिल हैं। इसके लिए हम अपने सोर्स के परिचित एक बीयर सेल्समैन के पास पहुंचे। पढ़िए बातचीत के अंश… सेल्समैन- क्या चाहिए, दारू या बीयर?
रिपोर्टर- दोनों चाहिए। सेल्समैन- फ्रूटी 61, 62 रुपए है। हमारे पास केवल बीयर है।
रिपोर्टर- घाट तक पहुंचा देंगे? सेल्समैन – नाव से हम माल उस पार पहुंचा देंगे, यहीं पास में घाट एक किमी बाद है। उधर से तुम ले जाना।
रिपोर्टर- यहां पर कितने में निकलेगी, घाट पर कितने में पहुंचेगी? सेल्समैन- यहां पर 33 सौ रुपए की निकलेगी। घाट पर साढ़े 34 से 35 सौ तक पड़ेगी।
रिपोर्टर- इधर पुलिस तो परेशान नहीं करेगी? सेल्समैन- इधर की तो कोई बात नहीं सब मैनेज हो जाएगा। इधर का पूरा जिम्मा हम लोग का है। रिपोर्टर- नाव वाला कितना ले लेता है?
सेल्समैन- दूरी के हिसाब से ले लेता है। एक बार में 10 पेटी ले जाएगा तो 500 रुपए लेगा। ज्यादा दूर ले जाएगा तो एक हजार हो जाएगा। रिपोर्टर- छोटी नाव रहती है या बड़ी?
सेल्समैन- वो चलेगी तूफान की तरह, नाव चलाने वाले सब नए लड़के हैं। नाव ज्यादा बड़ी भी नहीं होती है। रिपोर्टर- माल किस समय मिल जाएगा?
सेल्समैन- दिन में छोड़कर रात में जब कहेंगे, माल मिल जाएगा। रात 9 बजे के बाद से लेकर 6 बजे भोर तक चलता रहेगा। शराब की पेटी नाव पर रखते ही यूपी के तस्करों का रिस्क खत्म
शराब की पेटियां एक बार नाव पर लद गईं, तो इसके बाद का रिस्क बिहार के शराब तस्करों का होता है। वहां से बिहार में क्या सेटिंग होनी है? किसे मैनेज करना है? यह बिहार के तस्कर को देखना होता है। इसकी तस्दीक भी तस्करों से बातचीत में हुई है। आखिर शराब नाव से कैसे जाती है, इसके लिए हमने एक नाविक से भी बात की। रिपोर्टर – आप लोगों को पता तो चल ही जाता होगा?
नाविक- धंधा करने वाला इस घाट से नहीं करेगा। वह दूसरे साइड, जहां सुनसान होगा, वहीं से काम करेगा। शराब तस्करी का काम नाव से नहीं, डेंगी (छोटी नाव) से होगा। रिपोर्टर- जिनको ये सब काम करना है वो खुद की नाव रखते होंगे?
नाविक- खुद की भी रखते हैं या फिर सेटिंग भी कर लेते हैं, जो उस धंधे में हैं। शराब तस्करों और नेताओं का गठजोड़ हमारी पड़ताल में तस्करों से बातचीत में 3 शराब माफिया के नाम सामने आए। पहला- अर्जुन सिंह, दीपू सिंह और दूसरा- ब्रह्म तिवारी। दीपू सिंह के संबंध पूर्व भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ बताए गए हैं। ये पूर्व विधायक के समर्थक हैं। दीपू के खिलाफ शराब तस्करी समेत 5 केस बैरिया थाने में दर्ज हैं। 12 जनवरी को बैरिया थाने के थाना प्रभारी और पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह का वीडियो सामने आया। जिसमें दोनों में बहस हो रही है। थाना प्रभारी कहते हैं कि आप शराब तस्कर दीपू की पैरवी करते हैं। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ शराब तस्कर दीपू की फोटो भी हमें मिली। हालांकि सुरेंद्र सिंह अपने बयानों में हमेशा शराब के खिलाफ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले को अच्छा बता चुके हैं। फिर फोन आया- विधायक जी से मिल लीजिए
पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह का पक्ष जानने के बाद तुरंत हमारे पास फोन आया। सामने वाले ने हमसे पूछा कि कहां मिलेंगे? जब हमने कहा कि आप को जो कहना है, फोन पर ही बता दीजिए। इस पर उसने कहा कि विधायक जी से मिल लीजिए। ———————————————— ————————— यह खबर भी पढ़ें किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर हमला, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण पर आरोप, ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के खिलाफ थीं महाकुंभ में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला हुआ। हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर हमला करने का आरोप लगाया है। यहां पढ़ें पूरी खबर

प्रयागराज में लाखों श्रद्धालु ‘रोड अरेस्ट’:10-15 घंटे सिर्फ गाड़ियों में बैठे रहे, 300 किलोमीटर पहले पुलिस की हिदायत- मत जाइए

प्रयागराज में लाखों श्रद्धालु ‘रोड अरेस्ट’:10-15 घंटे सिर्फ गाड़ियों में बैठे रहे, 300 किलोमीटर पहले पुलिस की हिदायत- मत जाइए पहली नजर में लोगों की परेशानियां देखिए… यह सिर्फ 5 लोगों की बात नहीं है। यहां 5 लाख लोग इसी स्थिति में हैं। प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने आए श्रद्धालु रोड अरेस्ट हो गए हैं। सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन हकीकत यही है। लोग अपनी ही गाड़ियों में कैद हो गए हैं। जो खाना लेकर चले, वह खत्म हो गया। छोटे बच्चे रो रहे हैं। बुजुर्ग परेशान हैं। महिलाएं वॉशरूम तलाश रही हैं। गाड़ी चलाने वाले अब परेशान हो गए। ये सभी लोग कुंभ को लेकर घर से जो सोचकर निकले, वह जाम के झाम में फंसकर भूल गए हैं। प्रयागराज में उमड़े इस जन-सैलाब से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पटरी से उतर गई। सड़कें जाम हैं। गलियां जाम हैं। हाईवे जाम हैं। हालत यह है कि 300 किलोमीटर दूर कटनी में पुलिस को लाउड स्पीकर के जरिए श्रद्धालुओं से कहना पड़ रहा कि प्रयागराज अभी मत जाइए। दैनिक भास्कर ने 10 रिपोर्टर ग्राउंड पर उतार दिए। शहर के अंदर और शहर के बाहर क्या स्थिति है, आइए जानते हैं… शहर में आने के सात रास्ते, सभी पर भीषण जाम प्रयागराज महाकुंभ आधे से ज्यादा बीत गया। तीनों अमृत स्नान हो चुके। प्रशासन उम्मीद कर रहा था कि अब सीमित संख्या में श्रद्धालु आएंगे। लेकिन, पिछले 3 दिनों से उमड़ी भीड़ ने सबको चौंका दिया। प्रयागराज शहर में आने के 7 रास्ते हैं, सभी पर भीषण जाम लगा है। लखनऊ-अयोध्या-प्रतापगढ़ साइड से आने वाली गाड़ियां मलाका से शहर में एंट्री करती हैं। यहीं, बेला कछार में इनकी पार्किंग बनाई गई है। मौजूदा स्थिति यह है कि पिछले 24 घंटे मलाका और इसके आसपास 20 किलोमीटर के पूरे एरिया में भयंकर जाम है। अयोध्या के बगल गोंडा जिले से रीमा शनिवार की शाम साढ़े सात बजे अपनी कार से चली थीं। रविवार की सुबह 11 बजे भी वह संगम नहीं पहुंच पाईं। बेला कछार में ही जाम के बीच फंसी रहीं। हमने पूछा कि क्या जाम की जानकारी नहीं थी? वह कहती हैं, हमें जाम की कोई जानकारी नहीं थी, हमें तो बस यह पता था कि सबकुछ सही है। राजस्थान के सीकर जिले से चले पंचम कहते हैं, हम 7 फरवरी को महाकुंभ के लिए निकले थे। अब तक संगम नहीं पहुंच पाए हैं। आगे पहुंचना बहुत मुश्किल है। रास्ते में खाने-पीने और बाथरूम को लेकर बहुत दिक्कत है। 4 किलोमीटर का शहर 6 घंटे में पूरा हो रहा दिल्ली और कानपुर की तरफ से जो गाड़ियां आ रही हैं, उन्हें नेहरू पार्क साइड रोका जा रहा। यहां हमें कई लोग मिले। राजस्थान के डींग से आए मनोज जैन कहते हैं, पहले तो हमें कानपुर में ही रोक दिया गया। डेढ़ घंटे तक रुके रहे। फिर आगे जाने दिया। प्रयागराज में जब एंट्री की तो 4 किलोमीटर ही जाने के लिए हमें 6 घंटे लग गए। नेहरू पार्क पर गाड़ी खड़ी करवाई गई। उसके बाद हम सभी वहां से पैदल ही 10-12 किलोमीटर चलकर संगम पहुंचे। कानपुर से ही महाकुंभ के लिए गौरव गुप्ता शनिवार की रात 12 बजे झकरकट्टी बस अड्डे से बस पर बैठे। आम तौर पर बस सुबह 4 से 5 के बीच प्रयागराज पहुंच जाती है। लेकिन, जाम ऐसा कि यह बस रविवार की दोपहर 12 बजे पहुंची। रीवा-प्रयागराज मार्ग पर 50 किलोमीटर तक जाम एमपी के रीवा से आने वाली सड़कें पूरी तरह से पैक्ड हैं। करीब 20 किलोमीटर तक सड़क जाम है। इस रूट से ही मुंबई और एमपी की भी गाड़ियां आ रही हैं। महाराष्ट्र के अमरावती से आई दीक्षा साहू कहती हैं, पिछले 49 घंटे से हम लोग जाम के बीच चल रहे हैं। हालांकि जिन लोगों ने व्यवस्था की है उनका धन्यवाद रहेगा, बहुत सारे लोग आने से व्यवस्था संभालना मुश्किल हो रहा है। हैदराबाद से आए दो लोग अपनी गाड़ी में बैठे जाम खुलने का इंतजार कर रहे। वह कहते हैं, 36 घंटे से हम लोग जाम में फंसे हैं। हर 30 किलोमीटर पर गाड़ियां रोक दी जा रही हैं। एटा से आए अमित कुमार कहते हैं, हम लोग 6 घंटे से नैनी पुल से पहले ही फंसे हुए हैं। सोचा था कि सुबह 5 बजे संगम में स्नान कर लेंगे। लेकिन, अब 9 बज गए और हम मेला तक पहुंच ही नहीं पाए हैं। शहर के अंदर अब पुलिस से नोकझोंक अचानक उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच पुलिस ने शहर के अंदर जगह-जगह बैरिकेड्स लगा दिए हैं। सिविल लाइंस से संगम जाने वाले रास्ते पर भी पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेड्स लगा दिया है। हर जगह पर तैनात पुलिसकर्मियों और श्रद्धालुओं के बीच झड़प की स्थिति बन जा रही है। सिविल लाइंस के पास तैनात एक एसआई और बाइक सवार में भी ऐसा ही कुछ हुआ, जो हमारे कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। चुंगी व सोहबतियाबाग में भी स्थिति ऐसी ही दिखी। कई गाड़ियां 2-2 घंटे से एक ही जगह पर खड़ी रहीं। तीन दिन में 15 लाख गाड़ियां प्रयागराज पहुंची 5 फरवरी को पीएम मोदी के कुंभ से लौटने के बाद लोगों का आना शुरू हुआ। 7-8 और 9 फरवरी को बड़ी संख्या में लोग निजी गाड़ियों से प्रयागराज के लिए निकले। एक अधिकारी ऑफ कैमरा बताते हैं, पिछले तीन दिनों में करीब 15 लाख गाड़ियां शहर में आईं। जिस गति से गाड़ियां शहर में आई उस गति से वह बाहर नहीं गई। इसलिए पार्किंग पहले से ही फुल रहा। सबसे बड़ी पार्किंग बेला कछार में है, उसकी स्थिति यह है कि वह भी फुल है। बेला कछार में डेढ़ लाख गाड़ियां खड़ी की जा सकती हैं। हर रूट्स से आने वाली गाड़ियों के लिए प्रशासन ने पार्किंग तय की है। इसमें भी दो आधार बनाए हैं, जैसे भारी वाहन के लिए अलग और हल्के वाहन के लिए अलग पार्किंग बनाई गई है। जैसे कोई व्यक्ति लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, अयोध्या के रास्ते प्रयागराज आता है तो उसे संगम से करीब 20 किलोमीटर पहले मलाका एरिया में रोका जाता है। यहां बेला कछार, चंपतपुर, घाटमपुर और आदमपुर में रोका जाता है। मौजूदा स्थिति यह है कि पूरा कछार एरिया भरा हुआ है। इस रूट से आने वाली छोटी गाड़ियों के लिए भारत स्काउट, एनसीसी, एमएनआईटी को पार्किंग स्थल बनाया गया था, लेकिन वहां तक अब गाड़ियां नहीं पहुंच पा रही हैं। जो गाड़ियां प्रतापगढ़ और अयोध्या के रास्ते आ रही हैं, उन्हें तो शिवगढ़ और भावापुर में ही रोकने की कोशिश की जा रही है। जौनपुर की तरफ से जो गाड़ियां आ रही हैं, उन्हें गारापुर, हरिनाथ धाम, कमलेश डिग्री कॉलेज व ग्रीन लैंड के पास रोका जाना है। इसके आगे से भी गाड़ियों का लंबा जाम लगा हुआ है। छोटी गाड़ियां आम दिनों पर चीनी मिल, पूरे सूरदास व समयामाई तक आ जाती थीं, लेकिन अभी वह भी गारापुर से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इसी रूट पर झारखंड और बिहार से आने वाली गाड़ियां भी रोकी जा रही हैं। कानपुर और रीवा रूट की हालत सबसे ज्यादा खराब सबसे ज्यादा हालत खराब रीवा और कानपुर की तरफ से आने वाले लोगों के हैं। रीवा की तरफ गौहनिया तक जाम लगा हुआ है। 25 किलोमीटर तक व्यक्ति फंसा हुआ है। धनुहा, इंदलपुर व एफसीआई के पास बड़ी गाड़ियों के लिए पार्किंग तय की गई थीं, ये भरी हुई हैं, छोटी गाड़ियों के लिए नव प्रयागम एग्रीकल्चर और लेप्रोसी के पास पार्किंग बनाई गई हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि यहां तक गाड़ियां ही नहीं आने दी जा रही है। कानपुर से आने वाली गाड़ियों को नेहरू पार्क में पार्क करवाया जाता है, पिछले 2 दिन से पूरा मैदान भरा हुआ है। पहले यहां गाड़ियां पार्क होती थीं, तब उन्हें शटल बस व पब्लिक वाहन मिल जाते थे, लेकिन रविवार की स्थिति यह रही कि यहीं से लोगों को 15 किलोमीटर दूर संगम तक पैदल जाना पड़ा है। जो लोग पुलिस को कन्वेंस करके आगे बढ़ रहे हैं, उनकी गाड़ियां काली एक्सटेंशन, गल्ला मंडी तक आने दी जा रही है, हालांकि यहां भी पार्किंग पूरी तरह से फुल है। जिन लोगों ने वाराणसी के जरिए प्रयागराज संगम का रास्ता पकड़ा, वह भी बुरी तरह से प्रभावित हैं। पहले इनकी गाड़ियां महुआबाग, पटेलबाग, छतनाग तक आ जाती थी। लेकिन, अभी 20 किलोमीटर पहले तक पूरी सड़क जाम है। रविवार दोपहर में हंड़िया तक जाम की स्थिति बनी रही। दूसरी तरफ जिन्होंने मिर्जापुर का रास्ता पकड़ा, वह अभी भी सरस्वती हाईटेक पश्चिम व पूर्व में बनी पार्किंग तक नहीं पहुंच पाए हैं। लेन बदलकर कुछ लोग दूसरी तरफ आ जा रहे, इसकी वजह से ज्यादा जाम लग रहा। पुलिस अधिकारियों की अपील, प्रयागराज मत जाइए प्रयागराज से करीब 300 किलोमीटर दूर कटनी में एमपी पुलिस एसआई राहुल पांडेय लोगों से अपील कर रहे कि प्रयागराज की तरफ न जाएं। वह लाउड स्पीकर के जरिए लोगों से कहते हैं, अगर हो सके तो वापस अपने घर चले जाइए। जो कटनी बॉर्डर है, वहां बहुत ज्यादा जाम लग चुका है। हमने वहां के अधिकारियों से बात की, उन्होंने हमसे कहा कि आप लोगों से निवेदन करिए कि वह किसी तरह से वापस लौट जाएं। पुलिस बिल्कुल नहीं चाहती कि आप किसी भी तरह की मुसीबत में फंसे। निजी वाहनों से ज्यादा लोग आए: महाकुंभ में शामिल होने के लिए ज्यादातर लोग निजी वाहन से आ रहे हैं। शहर के बाहर और अंदर जो पार्किंग बनाई गई है। उसकी क्षमता 5 से 6 लाख गाड़ियों की है, लेकिन इस वक्त उससे भी ज्यादा गाड़ियां प्रयागराज के लिए आ रही हैं। लोग सिफारिश लगाकर आगे बढ़ रहे: पुलिस लोगों को शहर के बाहर पार्किंग के लिए रोक रही है, लेकिन ज्यादातर लोग सिफारिश के जरिए वहां से आगे बढ़ जा रहे हैं। हालांकि उन्हें शहर में रोका जा रहा, ऐसे में जाम की स्थिति और विकट हो रही। जगह-जगह पुलिस बैरिकेड्स: पुलिस ने पूरे शहर में जगह-जगह बैरिकेड्स लगा रखे हैं। उदाहरण के लिए बालसन चौराहा ले लीजिए। यहां से लोग गाड़ियां घुमाकर जार्जटाउन एरिया में जा रहे, वहां की हर गली जाम हो गई। जबकि लोगों के लिए वहां भी कोई रास्ता नहीं बनाया गया है। अब निदान पर बात… शहर के बाहर ज्यादा सुरक्षा बल तैनात हों: मेला प्रशासन ने 112 जगहों पर पार्किंग बनाई है। इसमें आधी पार्किंग शहर के अंदर और आधी शहर के बाहर है। शहर के बाहर की पार्किंग पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कम है। अगर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती वहां ज्यादा बढ़ाई जाए और गाड़ियां वहीं पार्क करवाया जाए तो शहर जाम नहीं होगा। शटल बसों की संख्या बढ़ाई जाए: जहां गाड़ियों को पार्क करवाया जा रहा है, वहां शटल बसों की संख्या कम है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी कम है। वहां इन गाड़ियों की संख्या बढ़ाया जाना चाहिए। वीआईपी कल्चर को कम से कम करना चाहिए: मेले में अभी भी वीआईपी कल्चर जारी है। बड़ी संख्या में गाड़ियां हर दिन सायरन बजाती हुई शहर और फिर मेले में प्रवेश कर रही हैं। पैदल जा रहे श्रद्धालुओं के मन में इसे लेकर नाराजगी है। लोगों से अपील…प्रमुख स्नान पर्व व रविवार को आने से बचें ————————————— ये खबर भी पढ़ें… अमृत स्नान कर कहां चले जाते हैं नागा साधु?:शास्त्र और शस्त्रधारी नागाओं की रहस्यमय दुनिया, देश के बाहर भी डेरा नागा संन्यासी, महाकुंभ में सभी अमृत स्नान के बाद अब वापस जाने लगे हैं। अब ये काशी जाएंगे। फिर वहां लौट जाएंगे, जहां से आए थे। नागा संन्यासियों का जीवन कई रहस्यों से भरा है। ऐसे में ये जानना कठिन है कि संन्यासी कहां चले जाते हैं? पढ़ें पूरी खबर…

सांसद कंगना मामले में आज कोर्ट में पेश होगी आख्या:पुलिस ने वादी और गवाहों के बयान दर्ज किए; अभी तक हाजिर नहीं हुईं हैं अभिनेत्री

सांसद कंगना मामले में आज कोर्ट में पेश होगी आख्या:पुलिस ने वादी और गवाहों के बयान दर्ज किए; अभी तक हाजिर नहीं हुईं हैं अभिनेत्री बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश की मंडी से BJP सांसद कंगना रनोट के खिलाफ आगरा कोर्ट में दर्ज वाद में आज सुनवाई होनी है। 9 जनवरी को हुई सुनवाई में भी कंगना कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई थीं। न ही उनका पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता हाजिर हुए थे। इस पर कोर्ट ने थाना न्यू आगरा से वादी और गवाहों के बयानों के संदर्भ में जांच कर आख्या 8 फरवरी 25 को प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया था। इंस्पेक्टर न्यू आगरा राजवीर सिंह ने वादी वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एवं गवाह राजेंद्र गुप्ता, धीरज एडवोकेट और अजय सागर निमेष एडवोकेट के बयान दर्ज कर लिए गए हैं । 8 फरवरी को अवकाश के चलते आख्या दाखिल नहीं हो सकी थी। अब 10 फरवरी को पुलिस द्वारा कोर्ट में आख्या प्रस्तुत कर दी जाएगी। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अभद्र टिप्पणी के मामले में उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगाने की मांग की गई है। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमा शंकर शर्मा ने कंगना के खिलाफ आगरा की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर 2024 को वाद दायर किया था। तीन बार नोटिस भेज चुका है कोर्ट
कंगना रनोट को सबसे पहले 28 नवंबर को कोर्ट में आना था। कंगना कोर्ट नहीं आई और न ही उनके वकील पहुंचे। 12 नवंबर को कोर्ट ने वादी अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद कंगना रनोट को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा था। 19 नवंबर को कंगना को नोटिस रिसीव हो गया। 28 नवंबर को कंगना को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन नहीं हुई। फिर नोटिस दिया गया। 13 दिसंबर को सुनवाई में कंगना नहीं पहुंची, फिर नोटिस दिया गया। आगे जानिए पूरा मामला… कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए
24 अगस्त 2024 को कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान दैनिक भास्कर से कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए। बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी। इसके बाद उनके खिलाफ आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। आरोप लगाया कि कंगना ने धरने पर बैठे लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी की। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगे। कंगना के बयान से किसानों की भावनाएं आहत हुईं
एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कहा-मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खेती-किसानी की। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की हैं। 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। रमाशंकर शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया- 27 अगस्त को मैंने समाचार पत्रों को पढ़ा। इसमें लिखा था कि कंगना ने कहा, अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान रेप और मर्डर हुए। अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया। 7 नवंबर, 2021 को कंगना रनोट का एक बयान छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चाटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। इसका मतलब साफ है कि आजादी में महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे तमाम महापुरुषों ने जो बलिदान दिया, वो बेकार है। इस तरह कंगना ने राष्ट्रपिता का भी अपमान किया। पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी हैं कंगना 1- आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। 2- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं
किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। इसमें उन्होंने एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी हैं। यह शाहीन बाग के प्रदर्शन में भी थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध हैं।

ननद के घर चोरी, एक्शन के लिए पहुंची नसीम सोलंकी:कानपुर में विधायक बोलीं- बहुत नुकसान हुआ है, कमिश्नर साहब जल्दी कुछ कीजिए

ननद के घर चोरी, एक्शन के लिए पहुंची नसीम सोलंकी:कानपुर में विधायक बोलीं- बहुत नुकसान हुआ है, कमिश्नर साहब जल्दी कुछ कीजिए कानपुर में सपा विधायक नसीम सोलंकी की ननद के घर में चोरी हो गई। इसके बाद नसीम सोलंकी खुद मैदान में उतर गईं। उन्होंने सोमवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस से मुलाकात की। कहा-‘बहुत नुकसान हुआ है, कमिश्नर साहब जल्दी कुछ कीजिए’। दरअसल, 8 फरवरी को ननद के मकान में तीन नकाबपोश चोर घुसे थे। ढाई लाख की नकदी समेत 90 लाख की चोरी को अंजाम दिया था। सबसे पहले चोरी की तस्वीरें देखिए… पुलिस बोली-हमारी टीम जांच में लगी
नसीम सोलंकी पुलिस कमिश्नर ऑफिस में गई। वहां कमिश्नर अखिल कुमार से कहा-ज्यादा देर न हो जाए, जिससे चोरी गया माल इधर उधर ठिकाने लगा दिया जाए। पुलिस कमिश्नर ने आश्वासन दिया है कि पुलिस बहुत तत्परता से देख रहे हैं। मामले में जल्द खुलासा किया जाएगा। इसके बाद मैं ननद के घर गई। स्कॉर्पियो से आए थे चोर
ADCP ईस्ट मनोज कुमार पाण्डेय ने बताया-एक फुटेज सामने आया है, जिसमें शातिर स्कॉर्पियो र से आते दिखे हैं। उस गाड़ी के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। अब तक की जांच में यह भी संभावना है कि घटना में कारोबारी का कोई करीबी भी शामिल हो। अब जानिए पूरा मामला…
जाजमऊ के पॉश इलाके डिफेंस कॉलोनी में जावेद आलम का घर है। संजय नगर में उनकी टेनरी (फैक्ट्री) है। जावेद अपनी पत्नी शमीम बानो के साथ रहते हैं। जावेद आलम ने बताया-उन्हें इस घटना को लेकर किसी पर शक नहीं है। जबकि शमीम बानो ने बताया- शुक्रवार को उनकी बेटी अपने बच्चों जोहा, जिलफ और नाज के साथ आई थी। शमीम ने बताया-बेटी मकान में पहले फ्लोर पर सो रही थी। जबकि मैं और मेरे पति जावेद दोनों ग्राउंड फ्लोर पर सो रहे थे। शनिवार को पहले फ्लोर पर सुबह 6 बजे जब मैं नमाज पढ़ने के लिए गई तो हमें चोरी की घटना की जानकारी हुई। मैंने अपने पति को चोरी के बारे में बताया। सूचना पर एसीपी कैंट, जाजमऊ थाना प्रभारी अजय प्रकाश मिश्र, फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड पहुंचा। छानबीन की गई। पुलिस ने इलाके के फुटेज भी देखे हैं। पुलिस ने घर में लगे सीसीटीवी चेक किए तो तीन बदमाश दिखाई दिए। इसमें दिख रहा है कि तड़के साढ़े 3 बजे 3 नकाबपोश चोर पीछे की दीवार फांदकर छत पर आए। यहां से सीढ़ी के रास्ते दरवाजा खोलकर अंदर घुसे। यहां कमरे में जाकर अलमारियों को तोड़ा। उसमें रखे एक किलो सोने के जेवर, कुछ चांदी के जेवर और ढाई लाख नकद व अन्य सामान ले गए। चोर छत के रास्ते से ही भाग निकले। 80 से ज्यादा कैमरे खंगाले
पुलिस ने इस घटना के खुलासे के लिए डिफेंस कॉलोनी स्थित कारोबारी के मकान से लेकर आसपास के इलाकों में पुलिस ने 80 से ज्यादा सीसी टीवी कैमरे खंगाले। इसके अलावा पुलिस की एक टीम शुक्लागंज उन्नाव तक मुखबिरों के सम्पर्क में आ गई है। ————————————————————– ये खबर भी पढ़ें… झांसी में जीजा-सरहज की लाश पेड़ पर लटकी मिली:युवती की 9 माह पहले हुई थी शादी, सात दिन से गायब थे दोनों झांसी में जीजा और सरहज (साले की पत्नी) की लाश पेड़ पर लटकी मिली है। दोनों अपने-अपने घर से 7 दिन से लापता थे। शव भी 6 से 7 दिन पुराने हैं। सरहज की 9 माह पहले ही शादी हुई है। पुलिस का कहना है कि दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। जिसका पता परिजनों को चल गया था। उनके रिश्ते में परिजन रोड़ा बन रहे थे, इसलिए दोनों ने घर से भागकर जंगल में पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। घटना रविवार शाम सदर बाजार थाना क्षेत्र के भगवंतपुरा के कचरा घर के पीछे जंगल की है। पुलिस ने दोनों शव कब्जे में लेकर मामले जांच शुरू कर दी है। पढ़ें पूरी खबर…

ड्रोन से देखिए महाकुंभ का महाजाम:प्रयागराज के हर एंट्री पॉइंट पर 20 km तक गाड़ियां फंसी, 5 किलोमीटर सफर 8 घंटे में पूरा हो रहा

ड्रोन से देखिए महाकुंभ का महाजाम:प्रयागराज के हर एंट्री पॉइंट पर 20 km तक गाड़ियां फंसी, 5 किलोमीटर सफर 8 घंटे में पूरा हो रहा वसंत पंचमी स्नान के बाद से प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। रविवार को हालत बिगड़ गए। शहर से लेकर वाराणसी, मिर्जापुर, लखनऊ और रीवा हाईवे समेत 7 एंट्री पॉइंट पर 20 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। शहर में लगे महाजाम को दिखाने के लिए दैनिक भास्कर ने ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया। इसमें आप देख सकते हैं कि किस तरह से शहर की सड़कों पर 5-7 किलोमीटर का जाम नजर आ रहा है। वीडियो में आप गाड़ियों को रेंगते हुए भी देख सकते हैं। प्रयागराज में 5 किलोमीटर का सफर पूरा करने में 8 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है। इस दौरान फोर व्हीलर्स में लोग घंटों भूखे-प्यासे फंसे हैं। देखें पूरा ड्रोन वीडियो….